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बी के यू ने हुक्का पानी उठाया:टोल प्लाजा पर टोल कर्मियों की चौधराहट लौटी

बी के यू ने हुक्का पानी उठाया:टोल प्लाजा पर टोल कर्मियों की चौधराहट लौटी

भारतीय किसान यूनियन[बे के यू] ने एनएच-24 पर डासना के पास बने टोल प्लाज़ा से जारी धरना खत्म कर दिया अब फिर से इस प्लाज़ा पर प्लाज़ा कर्मियों की चौधराहट कायम हो गई है| । प्रशासनिक अधिकारियों के साथ करीब एक घंटे तक चली समझौता वार्ता के बाद बीकेयू के नेताओं ने यह फैसला किया। किसानों ने इसके साथ ही दिल्ली-नोएडा को जोड़ने वाले डीएनडी फ्लाई ओवर पर शुक्रवार को होने वाला धरना भी स्थगित करने की घोषणा कर दी है|
बीकेयू के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत ने कहा कि मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के साथ 13 दिसंबर को किसानों की बैठक के बाद डासना टोल बूथ सहित अन्य मामलों पर आगे की रणनीति तय की जाएगी। इससे पहले, प्रशासनिक अधिकारियों के साथ बैठक में बीकेयू के मंडल अध्यक्ष राजवीर सिंह चौधरी सहित अन्य किसान नेताओं ने भाग लिया। पुलिस की ओर से एसपी देहात, प्रशासन की ओर से एडीएम प्रशासन सी. आर. पटेल, एसडीएम सदर केशव कुमार आदि ने भाग लिया। जानकारों का मानना है की रालोद द्वारा घोषित गन्ना आन्दोलन की हवा निकालने के लिए यह व्यवस्था की गई है|वैसे कुछ भी कारण रहे हों किसानों के मसीहा बाबा टिकैत का ४० दिन के भोपा में धरने का रिकार्ड टूटने से बाख गया |
एडीएम देहात ने कहा कि किसानों ने किसी भी तरह की शर्त प्रशासन के सामने नहीं रखी और ३७दिन पुराना धरना समाप्त कर दिया।

स्वीकृत मांगें ‘

बीकेयू के जिलाध्यक्ष हर्षवर्धन त्यागी ने दावा किया कि प्रशासन ने किसानों की कई मांगें मानी हैं। [१] बातचीत में तय किया गया है कि मीडियाकर्मियों , वकीलों , किसान यूनियन के कार्यकर्ताओं और स्टूडेंट्स से टोल नहीं लिया जाएगा।[२] टोल प्लाजा के आसपास दस किलोमीटर के दायरे में बसे लोगों से भी टोल नहीं लिया जाएगा।

प्रशासनिक दाव

प्रशासन ने टोल प्लाज़ा कब्जा करने वाले किसानों का नेतृत्व कर रहे छह नेताओं को गुरुवार को नोटिस जारी किए। नोटिस में कहा गया कि उनके इस आंदोलन से सरकार को जो नुकसान हुआ है इसकी वसूली उनसे की जाएगी। किसान नेताओं ने नोटिस लेने से इनकार कर दिया। उन्होंने कहा कि वे संघर्ष के लिए तैयार हैं।
गुरुवार को सिवाया टोल पर आंदोलन के खात्मे के मौके पर भी एक आला अफसर ने राकेश से वार्ता की और फिर मुख्यमंत्री स्तर से। परिणाम रहा कि एनएचएआइ से संबंधित आठ मांगों को लेकर भाकियू ने मुख्यमंत्री के नाम एक ज्ञापन तैयार किया। इसमें सारी मांगे केंद्र सरकार से संबंधित हैं। उसी के आधार पर उनकी वार्ता का समय मुख्यमंत्री से तय हुआ। माना जा रहा है कि 13 दिसंबर को अखिलेश और राकेश की लखनऊ वार्ता के बाद गन्ना मूल्य का भी ऐलान कर दिया जाएगा। निश्चित रूप से यह ऐलान रालोद सुप्रीमो अजित सिंह पर दबाव बनाएगा।
बहरहाल, पूरे घटनाक्रम का जिस तरह से अचानक पटाक्षेप हुआ, उससे यह बात चर्चा में आ रही है कि कहीं न कहीं अखिलेश आगामी लोकसभा चुनाव के मद्देनजर रालोद को हाशिए पर डालने की रणनीति को अंजाम देने में लगे हैं। सपा के एक खेमे का मानना है कि यदि लोस चुनाव में भाकियू का सहयोग मिल जाए तो चुनाव में इसका लाभ होगा। यह भी सर्वविदित है कि भाकियू और रालोद दोनों ही संगठनों का सियासी आधार किसान राजनीति की जमीन पर टिकी है। इस सियासी गठजोड़ को अभी कड़ी अग्निपरीक्षा से गुजरना होगा, क्योंकि भाकियू की राजनैतिक विंग बहुजन किसान दल (बीकेडी) इन दिनों लगभग निष्क्रिय है। अब तक का इतिहास है की किसानों ने बेशक आन्दोलनों में बाबा एम् एस टिकैत का भरपूर साथ दिया मगर चुनावों में वोही तबका चौधरी अजित सिंह के रालोद के साथ खड़ा नज़र आया है|इसीलिए राकेश टिकैत को अभी अपना राजनितिक कद बढाने के लिए मेहनत करनी होगी|

सिवाया टोल प्लाज़ा पर खूंटा गाड़े किसानों ने वेस्ट यूपी में हर टोल पर आंदोलन की चेतावनी दी

सिवाया टोल प्लाज़ा पर खूंटा गाड़ बैठे किसानों को बाबा रामदेव ने भी समर्थन योग क्रिया का आश्वासन दे दिया है इससे भारतीय किसान यूनियन के आंदोलन में नई जान सी आ गई है । ओज काव्य के सशक्त हस्ताक्षर हरी ॐ पंवार का साथ मिलने से यह सोने पर सुहागा हो गया है|
इन दोनों को अपने बीच पा कर भाकियू के राष्ट्रीय प्रवक्ता चौधरी राकेश टिकैत के तेवर उग्र हो गए। उन्होंने घोषणा कर डाली कि यदि 18 नवंबर तक केन्द्रीय सड़क एवं भूतल परिवहन मंत्री डा.सी पी जोशी ने मेरठ टोल मामले में कोई ठोस निर्णय नहीं लिया तो वह वेस्ट यूपी में एनएचएआइ के हर टोल पर आंदोलन करेंगे। 27 नवंबर की मेरठ महापंचायत के बाद दिल्ली की सीमाएं सील की जाएंगी। दिल्ली में किसी भी राज्य से कोई वाहन प्रवेश नहीं करने दिया जाएगा। फिलहाल यदि मेरठ में कोई केंद्रीय मंत्री आता है तो उसका घेराव किया जाएगा।राकेश टिकैत ने कहा कि टोल ठेकेदार रोजाना नियम विरुद्ध 40 लाख रुपयों की टोल वसूली कर रहा था, यदि शीघ्र ठेकेदार ने डीएम के खाते में अधिक वसूली गई धनराशि जमा नही की तो वह हैदराबाद जाकर वेस्टर्न यूपी टोल वे कंपनी की मदर कंपनी नागार्जुन व गायत्री ग्रुप के प्रशासनिक कार्यालय का भी घेराव किया जाएगा| उन्होंने कहा कि रविवार रात सूचना मिली कि पुलिस प्रशासन उन्हें गिरफ्तार करना चाहता है। सवाल उठता है कि क्यों, वह जनता के साथ हो रहे अन्याय के खिलाफ लड़ाई लड़ रहे हैं। ऐसे में यदि पुलिस प्रशासन उनके विरुद्ध कार्रवाई करना चाहता है तो वह 9 टिकैत बंधुओं को जेल भेजे। इस बार टिकैत परिवार की बहुएं भी जेल जाने से पीछे नही हटेंगी। वैसे भी अफसरों में हिम्मत है तो वह उन्हें दिन में गिरफ्तार करके दिखाएं। अब टोल पर ही बिजली, गन्ना भाव आदि को लेकर भी आंदोलन होगा। हर महीने की 9, 18 व 27 तारीख को यहीं पर भाकियू की महापंचायत होगी। उन्होंने कहा कि यह आंदोलन लंबा चलेगा। दीपावली ही नहीं नया साल भी यहीं मनाया जाएगा।
सोमवार को मेरठ-देहरादून एनएच-58 स्थित टोल प्लाजा पर बाबा रामदेव भी आए और समर्थन देकर भाकियू आन्दोलन में जान डाल दी। उन्होंने इस मंच पर भी हमेशा की तरह केंद्र सरकार के खिलाफ खूब भड़ास निकाली। बाबा रामदेव ने कहा कि महंगाई से प्रजा त्रस्त है। लोग दो सौ की लागत का घरेलू गैस सिलेंडर १०००/= में लेने को मजबूर हैं। किसान को उसके उत्पाद का एक चौथाई ही मिल रहा है।
बाबा ने कटाक्ष किया कि कांग्रेस सरकार ने देश की भू-संपदा बेच दी और काला धन उसके मंत्री विदेशी बैंक में जमा कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि राजीव फाउंडेशन जैसी कई संस्थाओं को कांग्रेस नेताओं व मंत्रियों का संरक्षण प्राप्त है, लेकिन अफसोस कि हजारों करोड़ों रुपये अर्जित कर चुकी इन संस्थाओं पर कोई आयकर कार्रवाई नही हो रही है।
गौरतलब है कि शासन और प्रशासन की उदासीनता के चलते भाकियू का टोल पर कब्जा 13वें दिन भी जारी रहा और वाहन टोल दिए बगैर ही निकले। टोल ठेकेदार को अब तक करीब 5.20 करोड़ के राजस्व की हानि हो जाने का अनुमान है| कम्पनी ने अधिकांश कर्मचारी अवकाश पर भेज दिए हैं|लेकिन इस पर भी कहा जा रहा है कि टोल प्लाज़ा के कांट्रेक्ट के एक क्लाज के मुताबिक़ इस प्रकार से हो रहे नुकसान कि भरपाई राज सरकार द्वारा की जानी तय है इसीलिए इस समस्या के समाधान के प्रति कोई सहानुभूति नहीं दिख रही |अगर यह आन्दोलन लम्बा चला तो इसकी सफलता पर प्रश्न चिन्ह भी लग सकता है|जाहिर है या तो बी के यू को आन्दोलन को तेज करना होगा अन्यथा फेस सेविंग के लिए कोई और उपाय तलाशना होगा|