[बागपत,यूपी] लोकसभा चुनाव अकेले लड़ने वाला दल समाप्त हो जाएगा:अजित सिंह
रालोद के मुखिया अजित सिंह ने महागठबंधन को समय की जरूरत बताते हुए कहा कि अगर अगला लोकसभा चुनाव कोई दल अकेले लड़ता है तो वह समाप्त हो जाएगा ।
पत्रकारों से बातचीत में सिंह ने महागठबंधन को समय की जरूरत भी बताया। उन्होंने कहा कि महागठबंधन के तहत 2019 का चुनाव लडऩा हर दल की मजबूरी है। अगर अगला लोकसभा चुनाव कोई दल अकेले लड़ता है तो वह समाप्त हो जाएगा। भाजपा से गठबंधन के सवाल पर रालोद प्रमुख ने कहा कि उनकी पार्टी का भारतीय जनता पार्टी से गठबंधन का सवाल ही पैदा नहीं होता।
रालोद मुखिया ने कहा कि रालोद भाजपा के खिलाफ बन रहे महागठबंधन के साथ मिलकर 2019 का लोकसभा चुनाव लड़ेगी। सिंह ने कहा कि परिवर्तन की बयार बहनी शुरू हो गई है और 2019 के लोकसभा चुनाव में भाजपा का सूपड़ा साफ हो जाएगा। देश में भाजपा का नहीं आरएसएस का राज चल रहा है।
सिंह ने कहा कि भाजपा लोगों को बरगलाने और नफरत की सियासत कर रही है। वह हिंदू-मुस्लिम ही नहीं बल्कि हिंदुओं को भी जातिगत आधार पर बांट कर लड़ा रही है। संसद में अविश्वास प्रस्ताव पर विपक्ष नहीं बल्कि पीएम की हार हुई है, क्योंकि राहुल गांधी पीएम मोदी के गले लग यह संदेश देने में सफल रहे कि हम प्यार की सियासत करते हैं और भाजपा नफरत की राजनीति करती है।
केंद्र सरकार के सात हजार करोड़ के गन्ना पैकेज को ढकोसला बताते हुए उन्होंने कहा कि किसानों को इससे रत्तीभर फायदा नहीं मिलने वाला।
अजित सिंह ने 2019 में लोकसभा चुनाव लड़ने की बात को नकारते हुए कहा कि मैं चुनाव नहीं लड़ूंगा, अब 80 साल का हो गया हूँ। अब और चुनाव नहीं। लेकिन कुछ ही घंटे बाद सिंह ने अपनी ही बात को नकारते हुए कहा कि मैंने कभी नहीं कहा कि मैं चुनाव नहीं लड़ूंगा।
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लोकसभा चुनाव अकेले लड़ने वाला दल समाप्त हो जाएगा:अजित सिंह
कैराना में नलका चल गया, नूरपुर में साईकिल :कमल मुरझाया
[लखनऊ,यूपी]कैराना में नलका चल गया और नूरपुर में साईकिल :कमल मुरझाया
नवगठित विपक्ष ने आज प्रतिष्ठित कैराना लोकसभा सीट और नूरपुर विधानसभा सीट भाजपा से छीन ली । उत्तर प्रदेश में भाजपा के लिए यह एक भारी झटका है ।
दोनों ही सीटों के लिए संयुक्त विपक्ष की रणनीति ने काम किया । विपक्ष ने ध्यान स्थानीय मुद्दों पर ही केन्द्रित रखा, जिसका लाभ उसे मिला ।
सत्ताधारी भाजपा ने गोरखपुर और फूलपुर लोकसभा सीटें हारने के बाद कैराना में पूरी ताकत झोंक दी थी । खुद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भाजपा प्रत्याशियों के चुनाव प्रचार की कमान संभाल रहे थे जबकि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कैराना के निकट ही रोड शो किया, जिसके बाद रालोद ने चुनाव आयोग से शिकायत की|
विपक्ष ने भी सुनियोजित रणनीति के तहत गन्ना बकाया और किसानों के संकट जैसे स्थानीय मुददों पर प्रचार केन्द्रित रखा ।
संयुक्त विपक्ष की कैराना सीट पर प्रत्याशी रालोद की तबस्सुम हसन ने भारी अंतर् से भाजपा को हराया|
हाल ही में विपक्ष ने गोरखपुर और फूलपुर लोकसभा सीटों पर कब्जा किया था । इन सीटों पर क्रमश: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य काबिज थे लेकिन उपचुनाव में दोनों सीटें सपा के खाते में गयीं ।
भाजपा ने हालांकि कैराना और नूरपुर में पूरी ताकत झोंक दी थी विशेषकर कैराना में उसने बहुत मेहनत की थी ।
कैराना से भाजपा प्रत्याशी मृगांका सिंह ने भावुक होते हुए कहा कि केन्द्र और राज्य सरकारों ने काफी काम किये हैं लेकिन लगता है कि हम ये संदेश जनता तक नहीं पहुंचा पाये ।
राष्ट्रीय लोकदल के संगठनात्मक चुनाव करवाने के लिए पूर्व मंत्री सच्चिदानंद गुप्त को निर्वाचन अधिकारी बनाया
[नई दिल्ली]वर्ष 2013-16 की अवधि के लिए राष्ट्रीय लोकदल[रालोद] के संगठनात्मक चुनाव नवम्बर २०१३ तक कराये जाने हैं इसके लिए राष्ट्रीय अध्यक्ष और सिविल एविएशन मिनिस्टर चौधरी अजित सिंह ने पार्टी के वरिष्ठ नेता श्री दीपचन्द्र डबास, पूर्व पार्षद को पार्टी के राष्ट्रीय निर्वाचन अधिकारी और श्री सच्चिदानंद गुप्त, पूर्व मंत्री, उत्तर प्रदेश को निर्वाचन अधिकारी मनोनीत किया है |
रालोद के राष्ट्रीय सचिव गिरीश कुमार चौधरी ने बताया कि संगठनात्मक चुनावों हेतु नए बने सक्रिय सदस्यों की सूची की तैयारी चल रही है।
राज्यों के अध्यक्षों व अन्य पदाधिकारियों के चुनाव 31 अक्टूबर 2013 तक पूरे कर लिए जाएंगे।
इसे पूर्व २५ सितम्बर को रालोद के संगठनात्मक चुनाव करवाने के लिए दीपचन्द डबास, पूर्व पार्षद को पार्टी का राष्ट्रीय निर्वाचन अधिकारी मनोनीत किया गया था
श्री डबास 80 के दशक में लोकदल के टिकट पर दिल्ली से पार्षद निर्वाचित हुए तथा निगम में लोकदल के नेता, स्टैंडिंग कमेटी के सदस्य एवं जनता दल में दिल्ली प्रदेश के महासचिव भी रहे हैं। श्री डबास दिल्ली प्रदेश राष्ट्रीय लोकदल के अध्यक्ष भी रह चुके हैं।
डॉ मन मोहन सिंह के मुजफ्फर नगर में दौरे को लेकर अब केंद्र और राज्य में नसीहत और व्यंग का खेल शुरू हो गया है
मुजफ्फरनगर के दंगों को आग बेशक अब कुछ कम होने लगी है लेकिन राजनीती पूरी तरह गर्माने लग गई है|ऐसे में केंद्र और राज्य आमने सामने आते दिखने लगे हैं |केंद्र और राज्य में नसीहत और व्यंग का खेल शुरू हो गया है| ऐसा मुख्य मंत्री और प्रधान मंत्री के दौरों से स्पष्ट होता है| जहाँ तक विरोध प्रदर्शन के तराजू पर तोलने की बात है तो मुख्य मंत्री को दौर में स्थानीय लोगों के विरोध का सामना करना पड़ा तो केन्द्रीय न्रेतत्व के सामने ऐसे कोई अप्रिय घटना नही घटी|
प्रधानमंत्री डॉ मनमोहन सिंह ने आज सोमवार को दंगा प्रभावित इलाकों के साथ राहत शिविर का भी दौरा किया और पीड़ितों की हरसंभव मदद और दंगे भड़काने के लिए जिम्मेदार लोगों को कड़ी से कड़ी सजा का आश्वासन दिया ।
अपनी पार्टी कि अध्यक्षा श्री मति सोनिया गाँधी और उपाध्यक्ष राहुल गाँधी के साथ आये प्रधान मंत्री ने एक तरफ जहां पीड़ितों का हालचाल जाना और उन्हें ढांढस बंधाया, वहीं बातों-बातों में उत्तर प्रदेश में अखिलेश सरकार को नसीहत भी दे डाली।उन्होंने मीडिया से बातचीत करते हुए कहा, “मैं पीड़ितों का दुख-दर्द बांटने यहां आया हूं। राज्य सरकार का फर्ज बनता है कि सभी के जानमाल की पूरी सुरक्षा हो। कानून व्यवस्था राज्य का मामला है।”उन्होंने कहा, “हमारी कोशिश है कि लोग जल्द से जल्द अपने घरों को लौट सके
केंद्र की ओर से उत्तर प्रदेश सरकार को पूरी मदद दी जाएगी। जिम्मेदार लोगों को कड़ी से कड़ी सजा दी जाएगी।सूबे के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के दौरे के एक दिन बाद मुजफ्फरनगर पहुंचे मनमोहन सिंह के साथ यूपीए अध्यक्षा श्री मति सोनिया गांधी+ कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी+ राज्यपाल बी एल जोशी और गृह राज्य मंत्री आर पी एन सिंह भी थे
उधर उत्तर प्रदेश के संसदीय कार्य मंत्री आजम खां ने प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के दौरे को पूरी तरह राजनीतिक करार देने में कोई देरी नही की | खां ने मीडिया से कहा, ‘‘प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह मुजफ्फरनगर गये हैं..अच्छी बात है…चुनाव करीब हैं, उन्हें ऐसा करना भी चाहिये।’’ उन्होंने व्यंग बाण चलाते हुए कहा, बेहतर होता अगर प्रधानमंत्री फैजाबाद भी जाते, मथुरा भी जाते, बरेली भी जाते। गौरतलब है कि फैजाबाद, मथुरा और बरेली में पिछले साल साम्प्रदायिक दंगे हुए थे।मथुरा में सत्ता रुड यूं पी ऐ के घटक रालोद के एक सांसद हैं|
इससे एक दिन पहले ही राज्य के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने जिले का दौरा किया था और लोगों के गुस्से का सामना करना पड़ा था।
मुजफ्फनगर में हुई सांप्रदायिक हिंसा में अब तक 47 लोगों की मौत हो चुकी है और सैकड़ों लोग बेघर हो गए हैं। हिंसा प्रभावित बहुत से लोगों को अस्थायी शिविरों में ठहराया गया है।
प्रधानमंत्री के दौरे से एक दिन पहले रविवार को अखिलेश यादव ने कवाल गांव का दौरा किया, जहां 27 अगस्त को एक छेड़खानी की वारदात के बाद तीन लोगों की मौत हो गई थी। इस घटना के बाद पूरे ज़िले में तनाव पैदा हो गया था।अखिलेश यादव ने घटना को दुखद बताते हुए कहा कि दंगाइयों के खिलाफ़ सरकार कड़े कदम उठाएगी। ‘हम उनके ख़िलाफ़ कड़ी कार्रवाई करेंगे और दोषियों पर राष्ट्रीय सुरक्षा क़ानून के तहत कार्रवाई होगी।
उन्होंने बताया कि सरकार ने न्यायिक आयोग गठित किया है जो 27 अगस्त के बाद की घटनाओं की पड़ताल कर रहा है
अखिलेश को गांववालों ने काले झंडे दिखाए और नारेबाज़ी की। गांव वालों ने सरकार पर तुरंत कार्रवाई न करने और हिंसा को रोक पाने में नाकाम रहने के आरोप लगाए।
प्रदेश विधानमंडल के मानसून सत्र के पहले ही दिन विधानसभा की कार्यवाही मुजफ्फरनगर में हाल में हुई साम्प्रदायिक हिंसा और कानून-व्यवस्था को लेकर विपक्षी सदस्यों के शोरगुल और हंगामे के कारण बाधित हुई और सदन में प्रश्नकाल नहीं हो सका।
विधानसभा की कार्यवाही शुरू होते ही बहुजन समाज पार्टी (बसपा)+ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) +राष्ट्रीय लोकदल (रालोद)और कांग्रेस के कई सदस्य नारेबाजी करते हुए हाथों में तख्ती लिये सदन के बीचोंबीच आ गये। कांग्रेस इस विरोध का न्रैतत्व करती दिखाई दी| भाजपा ने डॉ मन मोहन सिंह +श्री मति गाँधी+राहुल गाँधी के इस दौरे को कांग्रेस के सेक्युलर टूरिज्म कि संज्ञा दी है|
फोटो कैप्शन
[१]The Prime Minister, Dr. Manmohan Singh briefing the media after meeting the violence affected people in Muzaffarnagar district on September 16, 2013.
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रालोद अपने पारंपरिक किसान वोट बैंक की तरफ लौटा :प्रदेश अध्यक्ष ने दी निर्णायक लड़ाई की चेतावनी
[मेरठ]राष्ट्रीय लोक दल[रालोद] ने पश्चिमी उत्तर प्रदेश में अपने उखाड़े जा रहे पैरों को पुनः जमाने के लिए अपना पुराना आजमाया हुआ पारंपरिक गन्ना मन्त्र जपना शुरू कर दिया है|रालोद प्रदेश अध्यक्ष मुन्ना सिंह चौहान ने १८ मार्च सोमवार को मेरठ के सर्किट हॉउस में प्रेस कांफ्रेंस की और गन्ना किसानो के हितो को लेकर प्रदेश में सत्ता रुड सपा सरकार पर जम कर प्रहार किये| उन्होंने कहा कि समाजवादी पार्टी की मौजूदा सरकार में गन्ना किसानों की हालत दिनोंदिन बिगड़ रही है। सरकार के ढुलमुल रवैए से गन्ने की बकाया रकम किसानों को नहीं मिल पा रही। उन्होंने मिल मालिको के प्रति सरकार के विशेष प्रेम पर हमला बोलते हुए कहा कि केवल निजी मिलों पर किसानों का
साड़े चार हज़ार करोड़ रुपये बकाया
है। हालात देखकर ऐसा लगता है जैसे
साठगांठ से सपा राज में गन्ना माफिया पैदा हो गए हैं
। यह आरोप लगाते हुए रालोद के प्रदेश अध्यक्ष चौहान ने कहा कि प्रदेश सरकार के इस रवैए के विरोध में पार्टी निर्णायक आंदोलन करेगी।
सर्किट हाउस में चौहान ने कहा कि गेहूं, धान, गन्ना पर सरकार ने 50 % बोनस देने की घोषणा की थी, लेकिन जब रालोद ने विधानसभा में इसे उठाया तो आर्थिक हालत ठीक न होने की बात कहकर बोनस देने से इनकार कर दिया गया | रालोद इस मुद्दे को नहीं छोड़ेगा। किसानों की लागत 25 % तक बढ़ी है, ऐसे में उन्हें बोनस मिलना ही चाहिए। इतना ही नहीं आलू किसानों की भी इस सरकार में हालत खस्ता हो चली है। मूल्य घोषित नहीं होने से उचित दाम मिल नहीं पा रहे। भंडारण के लिए कोल्ड स्टोरेज की ओर से पौने दो रुपये प्रति किलों का किराया भी उनकी कमर तोड़ रहा है।
राजनीतिक घटनाक्रम पर उन्होंने कहा कि
पार्टी का सदस्यता अभियान
12 मार्च तक सदस्यता अभियान चलेगा। उन्होंने कहा कि पार्टी मौजूदा समय में प्रदेश की सभी सीटों पर चुनाव लड़ने के लिए मजबूत नहीं है, लेकिन संगठन मजबूत कर रालोद २०१७ के स्टेट एसेम्बली चुनावों में अकेले मैदान में उतरेगा।
गौरतलब है कि केन्द्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री चो.अजित सिंह की पार्टी रालोद को लगातार प्रदेश की राजनीती में झटके मिल रहे हैं |दो सांसद पार्टी छोड़ गए+ मेरठ में हाई कोर्ट की बेंच+मेरठ में ही एयर पोर्ट+ ड्रीम प्रोजेक्ट महाभारत सर्किट+के प्रति राज्य सरकार की अदावत तो पहले ही उजागर हो चुकी थी अब किसानो की लड़ाई में सरदार वी एम् सिंह से चुनौती मिलने लगी है| बताते चलें कि गन्ना किसानो के बकाये के भुगतान को लेकर वी एम् सिंह पिछले २१ दिनों से कमिशनरी चौराहे पर धरना दे रहे हैं और रोजाना नया समर्थन हासिल कर रहे है|ऐसे में रालोद ने अपने पारंपरिक वोट किसान वोट बैंक की तरफ लौटना शुरू कर दिया है|
जोली एल एल बी नामक फिल्म का विरोध शुरू:रालोद ने पुतला फूंका
जनरल वी के सिंह ने किसानो के मसीहा रालोद के प्रभावी छेत्र और सपा के की रियासत में धरने का हल चला कर गन्ना किसानो के हक़ के बीज बोये
उधर, उप गन्ना आयुक्त बीवी सिंह का कहना है कि किसानों से धरना समाप्त करने का आग्रह किया गया है। आठ मार्च को बीएम सिंह को पक्ष रखने को बुलाया है।
कमिश्नरी के सामने स्थित चौधरी चरण सिंह पार्क में किसानों की मांगों को लेकर मंगलवार से शुरूहुए राष्ट्रीय किसान मजदूर संगठन के अनिश्चितकालीन धरने के दौरान पूर्व जनरल वीके सिंह ने कहा कि देश के अस्सी फीसदी वोटर किसान हैं। इसके बाद भी दिल्ली लखनऊ के सिंहासन पर बैठने वाले लोग किसानों के साथ न्याय नहीं करते। देश में सबसे ज्यादा पीड़ित किसान ही है। किसानों को उनकी फसलों के दाम तय करने का भी हक नही है। ऐसे में वक्त आ गया है कि किसानों को संगठित हो जाना चाहिए। उन्होंने किसान सेना के गठन का ऐलान करते हुए कहा कि सेवानिवृत्त फौजियों और किसान नौजवानों को संगठित करके एक किसान सेना का गठन किया जाएगा। जो केवल किसानों के हकों की लड़ाई शांति के साथ लड़ेगी।
हराष्ट्रीय किसान मजूदर संगठन के राष्ट्रीय अध्यक्ष सरदार वीएम सिंह ने कहा कि जब तक सरकार किसानों की मांग पूरी नही करेगी। धरना जारी रहेगा। इसके लिए अगर दस बीस साल भी लगे तो उन्हे परवाह नही है। मांगों में मुख्यत मय ब्याज गन्ना भुगतान, नियमित बिजली सुविधा, सी रंगराजन आयोग की रिपोर्ट लागू करना आदि हैं। मंच संचालन मेजर डाक्टर [सेवानिवृत]हिमांशु ने किया
कार चोरी
कमिश्नरी पार्क में शुरू हुए धरने के दौरान भारी पुलिस फोर्स की मौजूदगी में ही वाहन चोरों ने अपना करतब दिखा दिया। पार्क के बाहर पुलिस फोर्स के बीचों बीच खड़ी मारुति 800 चोरी हो गई। किसानों ने मंच से कार चोरी की जानकारी देते हुए पुलिस फोर्स से कार बरामद करने को कहा। लेकिन पुलिस के कानों पर जूं नही रेंगी।
किसान के बेहोश
होनेपर मची अफरा-तफरीपीलीभीत के किसान जगमोहन पार्क के बाहर अचानक ही बेहोश होकर गिर पड़ा जिससे धरना स्थल पर अफरातफरी मच गई। बाद में पुलिस ने उसे अपनी गाड़ी में डालकर जिला अस्पताल पहुंचाया तो पता चला कि उसे दौरा पड़ गया था।
कर्पूरी ठाकुर की ८९ वी जयंती को रालोद संकल्प दिवस के रूप में मनायेगा
चौधरी चरण सिंह के वारिस चौधरी अजित सिंह की राजनीतिक पार्टी रालोद २४ जनवरी को चौधरी चरण सिंह के सहयोगी रहे जन नायक कर्पूरी ठाकुर की ८९ वी जयंती को संकल्प दिवस के रूप में मनायेगी इसके माध्यम से वंचित पिछड़ों के लिए आरक्षण के लिए हुँकार भरी जायेगी|
प्रदेश अध्यक्ष मुन्ना सिंह चौहान ने बताया कि श्री कर्पूरी ठाकुर सभी पिछड़ों और दलित जातियों के लिए उनके अनुपात के अनुसार आरक्षण के लिए लड़ते रहे |इसी आधार पर कर्पूरी ठाकुर फार्मूला भी कहलाया जाता है|आज कल दुर्भाग्य से केवल कुछ जातियों को ही आरक्षण का लाभ मिलता है जबकि बड़ी संख्या में सुपात्रों को इस अधिकार से वंचित रखा जा रहा है|श्री चौहान के अनुसार अब कर्पूरी ठाकुर की मान्याताओं के अनुरूप वंचितों को आरक्षण का लाभ दिला कर उनका हक़ उन्हें दिलाया जाएगा और उन्हें राष्ट्र की मुख्य धारा से जोड़ा जाएगा|
राज्य निर्वाचन आयोग पर सरकार के दबाब में काम करने का आरोप
इसके अलावा रालोद के प्रदेश अध्यक्ष मुन्ना सिंह चौहान ने राज्य निर्वाचन आयोग पर भी निशाना लगाया |उन्होंने कहा कि जिला पंचायत अध्यक्ष के उप चुनाव में आयोग सरकार के दबाब में काम कर रहा है|इसके समर्थन में उन्होंने वाराणसी और बिजनौर के चुनावों का उदहारण दिया|बिजनौर में इसके विरोध में धरना दिया जा रहा है और स्वयम चौहान धरने में शामिल होने के लिए पहुँच रहे हैं|
किंग फ़िशर एयर लाइन्स के लिए अजित सिंह ने दिखाई आशा किरण
किंगफिशर एयरलाइंस के उड़ान लाइसेंस की अवधि सोमवार को समाप्त की जा चुकी है| रालोद सुप्रीमो अजित सिंह ने कहा कि कम्पनी पर ७ ,००० करोड़ रुपये से अधिक कर्ज है और उसे १० हजार करोड़ रुपये से अधिक का घाटा हो चुका है। कोई भी बैंक उसे और कर्ज देने के लिए तैयार नहीं है।
इसी के साथ कम्पनी के कर्मचारियों के प्रति सहानुभूति प्रगट करते हुए उन्होंने कहा कि कम्पनी के कई महीने से वेतन नहीं पाने वाले कर्मचारियों के बारे में मंत्री ने कहा,कि किंगफिशर के कर्मचारियों से उन्हें[मंत्री]सहानुभूति है।
गौरतलब ही कि कम्पनी के कर्मचारियों की हड़ताल के बाद डीजीसीए ने उसका लाइसेंस निलम्बित कर दिया था। कम्पनी ने 26 दिसम्बर को डीजीसीए को एक प्रस्ताव भेजा था। अजित सिंह ने पिछले सप्ताह कहा था कि प्रस्ताव में यह नहीं बताया गया था कि धन कहां से आएगा। कम्पनी के पास उड़ान लाइसेंस के नवीनीकरण के लिए दो साल की मोहलत है। कम्पनी ने कहा कि वह डीजीसीए द्वारा उठाए गए सवालों का जवाब देने की प्रक्रिया में है। विमानन कम्पनी की शुरुआत ५/ २००५ में हुई थी, लेकिन उसे कभी लाभ नहीं हुआ।
बेशक कंपनी को सरकार कोई [बैल आउट पॅकेज ]राहत देने के मूड में नही दिख रही इसके आलावा कोई बैंक भी कर्ज़ देने को तैयार नहीं है लेकिन इसके बावजूद विमानन छेत्र में विमानन सेवा में वृद्धि के लिए सभी दिशाओं से मांग आ रही है |सरकार की महत्वकांक्षी ऍफ़ डी आई की यौजना का भी कोई सकारात्मक नतीज़ा नहीं दिख रहा ऐसे में कुछ निजी कंपनियों कोबाज़ार लूटने की छूट मिली हुई है| आये दिन इंडिगो और स्पाईसजेट आदि कंपनियों की सस्ती सेवा के गुणगान करके उन्हें वरीयता क्रम भी बनते जा रहे हैं मगर प्रतिस्पर्द्धा के अभाव में हवाई जहाज़ में[ यह एक उदहारण है ]एक सामान्य वेज समोसा १२०/= में दिया जा रहा है चिंता कि बात तो यह है कि अहज़ में कोई हीटिंग एलिमेंट नही होने के कारण समोसा ठंडा ही सर्व किया जाता है
चौधरी चरण सिंह को ११० वी जयंती पर रालोद और भाजपा ने अर्पित किये श्रधासुमन
रालोद ने कमिशनरी चौक पर चौधरी साहब की मूर्ति के समक्ष हवन किया| इसमें पूर्व प्रधान मंत्री के पुत्र चौधरी अजित सिंह [नागरिक उड्डयन मंत्री] की रालोद से जुड़े चौधरी यशवीर सिंह,डाक्टर राजकुमार सांगवान,मुकेश जैन [पेट्रोल पम्प वाले]हाजी याकूब कुरैशी,हाजी इमरान,रणवीर राणा,राहुल,धीरज,नरेश आदि शामिल हुए|
उधर इस चौराहे पर स्थापित चौधरी चरण सिंह की आदम कद मूर्ति पर भाजपा के नेताओं ने माल्यापर्ण करके अपने श्रधा सुमन अर्पित किये | भाजपा सांसद राजेन्द्र अग्रवाल, छावनी विधायक सत्य प्रकाश अग्रवाल,आदि उपस्थित थे|
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