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सचिव नेहचल संधू ने व्यक्तिगत कारणों से इस्तीफा दिया:पी एम ने स्वीकार किया

नेहचल संधू ने व्यक्तिगत कारणों से आज अपने पद से इस्तीफा दिया| श्री संधु राष्ट्रीय सुरक्षा उप सलाहकार और राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद सचिवालय में सचिव के पद पर कार्यरत थे इनका कार्यकाल १२/१५ तक बढ़ाया गया था|
राष्ट्रीय सुरक्षा उप सलाहकार और राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद सचिवालय में सचिव नेहचल संधू ने व्यक्तिगत कारणों से आज अपने पद से इस्तीफा दे दिया। प्रधानमंत्री ने उनका इस्तीफा स्वीकार कर लिया और श्री संधू की उल्लेखनीय सेवाओं की सराहना की।
श्री संधू अपने 40 वर्ष के करियर के दौरान पुलिस अधिकारी, गुप्तचर ब्यूरो में निदेशक और राष्ट्रीय सुरक्षा उप सलाहकार रहे

बराक ओबामा ने सुसेन राइस को राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार नियुक्त करके विदेश नीति पर पकड़ मजबूत की

राष्ट्रपति बराक ओबामा ने सुसेन राइस[ Susan Rice ] को राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार नियुक्त किया है। इससे व्हाईट हाउस की पकड़ अमेरिका की विदेश नीति पर मजबूत हो सकेगी|सुसेन फिलहाल संयुक्त राष्ट्र में अमेरिका की राजदूत हैं। टॉम डॉनिलन जुलाई में अपने पद से इस्तीफा देंगे।सुसेन राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार के रूप में टॉम डॉनिलन[ Tom Donilon ] का स्थान लेंगी, व्हाइट हाउस के रोज गार्डन में ओबामा ने इसकी घोषणा करते हुए यह भी कहा कि संयुक्त राष्ट्र में राइस का स्थान राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद से जुड़ी रहीं सामंथा पॉवर लेंगी। राइस को राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार बनाए जाने के इस निर्णय से रिपब्लिकन[विपक्षी] सांसद नाराज हैं। ओबामा ने राइस को ‘निडर’ + न्याय +मानवीय सम्मान के साथ काम करने वाली देशभक्त बताया है । सुसेन पर बेनगाजी में अमेरिकी नागरिकों पर हमले के बारे में देश को भ्रमित करने का आरोप है|इसी आरोप के चलते उन्हें विदेश मंत्री नही बनाया जा सका|
48 साल की राइस इस नियुक्ति के साथ ही अमेरिकी राष्ट्रपति के सबसे करीबी घेरे में आ जाएंगी, यह जगह अब तक टॉम डेनिलॉन के पास थी. डेनिलॉन चार साल तक यह जिम्मेदारी उठाने के बाद इस साल जुलाई में पद से हट रहे हैं.
राइस ने 2008 में राष्ट्रपति के चुनाव अभियान के साथ उनके साथ काम करना शुरू किया था हालांकि वह उसके पहले से ही उनकी और उनके कई सलाहकारों की करीबी दोस्त हैं. ईरान और उत्तर कोरिया पर संयुक्त राष्ट्र के कड़े प्रतिबंधों की बड़ी पैरोकार रही हैं. राइस ने लीबिया के विद्रोहियों को गद्दाफी के खिलाफ अमेरिका और उसके सहयोगियों की सैन्य मदद के लिए भी काफी दबाव बनाया. वह बिल क्लिंटन के राष्ट्रपति काल में भी सुरक्षा मामलों से जुड़ी कई जिम्मेदारियां निभा चुकी हैं|