[अमृतसर,चंडीगढ़]पंजाब को एक बार फिर से विकास के पथ से विमुख करके धार्मिक असंतोष की तरफ धकेलने के लिए गर्म हवाएँ चलने लगी है |राज्य सरकार को इसके पीछे बाहरी हाथ नजर आ रहा है जबकि विपक्ष इसमें भी सरकार की अक्षमता और षड्यंत्र ही देख रहा है|
राज्य में नवीनतम घटना क्रम के अनुसार गुरु राम दास के सरबत के भले के लिए निर्मित स्वर्ण मंदिर में २९ अक्टूबर को खुशियों का त्यौहार दीपावली नहीं मनाने की घोषणा की गई है| गुरु ग्रन्थ साहिब के अपवित्रीकरण की घटनाओं के विरोध में यह बहिष्कार किया जा रहा है |इस पावन त्यौहार पर आतिशबाजी और प्रकाश नहीं किये जाने की घोषणा की गई है |इस दिवस को ब्लैक दीपावली मनाने की बात कही जाने लगी है|ऑपरेशन ब्लू स्टार के बाद आई यह स्थिति बेहद दुखदाई है |
सिख समुदाय के आयोजकों ने त्योहारों पर आतिशबाजी और औपचारिक प्रकाश होने से परहेज करने के लिए सिख समुदाय से अपील की है
“गुरु ग्रंथ साहिब समाज को शांति और भाईचारे का संदेश देता है|अकाली दल बादल+एसजीपीसी पर पंजाब की शांति को खराब करने की कोशिश करने के आरोप लगाये जा रहे हैं|लगभग ३० साल पहले तत्कालीन अकाली दल अध्यक्ष संत लोंगोवाल ने भी संत जरनैल सिंह भिंडरवाले पर बैन लगाया था जो कीर्तन शब्द बेअंत सिंह के कत्ल के दिन गया गया था उसे फिर से दोहराया जाने लगा है हजूरी रागी भाई हरचरण सिंह को इसी शब्द[“कुत्ता राज बहालीये”]गायन के लिए निष्काषित किया गया | नए पोलिस चीफ अरोरो की नियुक्ति को भी उसी दृष्टि से देखा जाने लगा है
फाइल फोटो
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