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Tag: लोक सभा

बंगालरूलिंग टीएमसी सांसदों के खिलाफ रिश्वत लेने के आरोपों को स्पीकर ने आचारसमिति को भेजा

[नयी दिल्ली] टीएमसी सांसदों के खिलाफ रिश्वत लेने के आरोपों को लोकसभा स्पीकर सुमित्रा महाजन ने एल के अडवाणी की अध्यक्षता वाली आचार समिति को भेजा
तृणमूल कांग्रेस के कुछ सदस्यों को कथित तौर पर एक स्टिंग ऑपरेशन में रिश्वत लेते हुए देखे जाने के मुद्दे को लोकसभा अध्यक्ष ने आज जांच के लिए आचार समिति को भेज दिया।
लालकृष्ण आडवाणी की अध्यक्षता वाली समिति आरोपों के मामले में अध्ययन करेगी और जांच करेगी।
लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन ने प्रश्नकाल के तत्काल बाद यह घोषणा की।
एक दिन पहले भाजपाकांग्रेस + माकपा सदस्यों ने संसद में आरोपी तृणमूल सांसदों पर इस मामले में प्रहार करते हुए जांच की मांग की थी।
इससे पहले 2005 में एक आचार समिति ने एक स्टिंग ऑपरेशन में कथित तौर पर फर्जी निजी कंपनियों की मदद के लिए रिश्वत लेते हुए देखे गये 11 सांसदों की सदस्यता समाप्त कर दी थी जिनमें 10 लोकसभा और एक राज्यसभा के थे।
तृणमूल कांग्रेस के सौगत राय ने अध्यक्ष के इस आदेश पर कड़ा विरोध जताते हुए इसे एकतरफा फैसला बताया। उन्होंने कहा, ‘‘माकपा, भाजपा और कांग्रेस के सदस्यों की मांग पर अपुष्ट तथ्यों के आधार पर इस मामले को आचार समिति को भेजे जाने का मैं कड़ा विरोध करता हूं।’’ उन्होंने कहा कि समिति को भेजे जाने से पहले किसी से बात नहीं की गयी और आसन से एकतरफा फैसला किया है।
राय ने कहा कि लालकृष्ण आडवाणी की अध्यक्षता वाली आचार समिति से उन्हें कोई शिकायत नहीं है और उन्हें उम्मीद है कि मामले में निष्पक्षता बरती जाएगी।
उन्होंने कहा कि उनका विरोध केवल इस बात पर है कि कुछ सदस्यों की मांग पर अपुष्ट तथ्यों के आधार पर इस मामले को आचार समिति को भेजने का एकतरफा फैसला किया गया।

एनसीआर में दूसरे एयरपोर्ट के लिए लोकसभा में दी गई जानकारी में यूंपी के मेरठ और जेवर के नाम गायब

[नई दिल्ली]एनसीआर में दूसरे एयरपोर्ट के लिए लोक सभा में दी गई जानकरी में मेरठ और जेवर के नाम गायब :राजस्थान और हरियाणा आगे
मिनिस्ट्री ऑफ़ सिविल एविएशन मंत्री डॉ महेश शर्मा ने एक लिखित प्रश्न के उत्तर में लोक सभा में बताया कि नेशनल कैपिटल रीजन [NCR] में दूसरे एयरपोर्ट निर्माण के लिए जो प्रस्ताव आये उनके अनुसार ग्रीन फील्ड एयरपोर्ट कोटकासिम तहसील [अलवर]और हरियाणा के रोहतक में कार्गो एयरपोर्ट के लिए सुझाव आये हैं| गौरतलब है कि मेरठ में मौजूदा हवाई पट्टी के विस्तार के लिए लाखों रुपये खर्च किये जा चुके हैं और अधिकाँश जमीन भी अधिकृत की जा चुकी है लेकिन लगता है उसे फिलहाल ठंडे बस्ते में डाल दिया गया है |सूत्रों के अनुसार डॉ महेश शर्मा ने अपने छेत्र जेवर में ग्रीन फील्ड एयरपोर्ट के लिए जोड़ तोड़ शुरू की हुई है जिसका उनके वरिष्ठ मंत्री अशोक गजपति राजू ने विरोध भी किया है|इस नई सूची से लगता है कि फ़िलहाल यूं पी को दूसरा एयरपोर्ट मिलने नहीं जा रहा

लोक सभा की ८४ रिजर्व्ड सीटों पर कब्ज़ा करने के लिए राजनीतिक दलों ने, चुनावों की तैय्यारी शुरू की

२०१४ के इलेक्शनों में दिल्ली के तख्त तक पहुँचने के लिए राजनीतिक दलों ने दलित कार्ड खेलने शुरू कर दिए हैं |मंडल कमीशन आंदोलन के बाद अब फिर से दलित वर्ग को लुभाने के लिए कांग्रेस ही नहीं भाजपा भी नारे लगाने लग गई है भाजपा के पी एम् पद के उम्मीदवार नरेंद्र मोदी के पिछड़ा+गरीब होने के ढोल पीटे जा रहे हैं | भाजपा ने कभी तत्कालीन दलित नेता जगजीवन राम को अपना पी एम् प्रत्याशी घोषित करके अपनी उँगलियाँ जला ली थी उस समय भाजपालोक सभा की केवल दो सीटों पर ही सिमट कर रह गई|उसके बाद मंडल कमीशन के जवाब में कमंडल राजनीती शुरू हुई और उसका लाभ भी भाजपा को मिला और सत्ता सुख प्राप्त किया| ऐसे में अब क्या वजह है कि अपनी सुरक्षित विचारधारा के बजाय कांग्रेसी मार्ग का अनुसरण किया जाने लगा है यह मार्ग परिवर्तन अकारण ही नहीं हुआ है वास्तव में लोक सभा की ५४३ सीटों में से ८४ सीटें अनुसूचित जाति के लिए रिजर्व्ड हैं |२००४ के चुनावों से यह ५ सीटें अधिक हैं
उत्तर प्रदेश में ====१७
वेस्ट बंगाल======१०
आंध्र प्रदेश ======७
तमिल नाडु======७
बिहार=========६
इस गणित को समझे बगैर भाजपा ने २००९ का चुनाव लड़ा और इन ८४ सीटों में से केवल १२ सीटों तक ही सिमट कर रह गई २००४ के चुनावों से भी यह ४ सीटें कम थी| सी पी एम् ने छह सीटों पर कब्जा किया जबकि जे डी यूं के हिस्से में चार सीटे ही आई |भाजपा की धुरंधर विरोधी कांग्रेस ने ३० रिजर्व्ड सीटें जीतीऔर सत्ता सुख को अपने पास रखने में सफलता पाई|
CourtesyPIB

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२१.७२ मिलियन शहरी किरायेदारों के कल्याण की सिफारिशों पर अभी तक कोई निर्णय क्यूँ नहीं ?

झल्ले दी झल्लियां गल्लां

कांग्रेसी चीयर लीडर

ओये झल्लेया ये जमीन और कालोनियों का मामला राज्‍य सरकारों के दायरे में आता है इसीलिए किराएदारों और मकान मालिकों के झंझटों को निबटाने के लिए आवश्‍यक कदम राज्यों को ही उठाने चाहिए लेकिन आये दिन किराए दारों को निकालने की समस्याओं से केंद्र को ही दो चार होना पड़ रहा है | 2007 की राष्‍ट्रीय शहरी आवास और आवास नीति के अनुसार लीज करार की अवधि समाप्‍त होने से पहले किराएदार को उस मकान से निकाला नहीं जा सकता और लीज की अवधि समाप्‍त होने के बाद किराएदार को उस मकान में रहने की अनुमति नहींहै इस पर भी किराए दारों को बाहर निकालने के षड्यंत्र रचे जा रहे हैं

झल्ला

अरे मेरे चतुर सुजाणा सुण हुन की कहंदा हे ये निमाणा | २०११ की जनगणना में शहरी इलाकों में किरायेदारों की संख्या २१.७२ मिलियन बताई गई है शायद इसीलिए चुनावो से पहले किरायेदारों की सुध आ रही होगी मगर जनाब किराये के मकानों पर बने कार्य दल की सिफारिशों पर आप लोगों ने अभीतक कोई निर्णय नहीं लिया है| लोक सभा में केन्‍द्रीय आवास और शहरी गरीबी उन्‍मूलन मंत्री डॉ. गिरिजा व्‍यास ने भी यह स्वीकार कर लिया है|ये काम तो शायद आपजी का ही है |

शिक्षा के स्तर को बढ़ाने के लिए शिक्षकों की गैर शैक्षिक प्रयोजनों में तैनाती को रोका जाना चाहिए

– राष्ट्रीय ज्ञान आयोग ने शिक्षकों का महत्त्व बताते हुए यह स्वीकार कर लिया है कि शिक्षकों को गैर शैक्षिक प्रयोजनों के लिए तैनात नहीं किया जाना चाहिए |मानव संसाधन विकास राज्य मंत्री डॉ. शशि थरूर ने भी शिक्षकों के व्यावसायिक स्तर को कम करके आंके जाने कि प्रवर्ती पर चिंता व्यक्त करते हुए कहा है कि 2009 के राष्ट्रीय शिक्षा अधिकार अधिनियम (आरटीई) के अनुसार किसी भी शिक्षक को [१]जनगणना,[२] आपदा राहत ड्यूटी [३] स्थानीय निकायों [४]राज्य विधान मंडल या संसद के चुनावों से संबंधित ड्यूटी को छोड़ कर किसी अन्य गैर शैक्षिक प्रयोजन के लिए तैनात नहीं किया जा सकता।
उन्होंने बताया कि राष्ट्रीय ज्ञान आयोग ने भी सिफारिश की है कि मतदान केंद्रों के प्रबंधन और सर्वेक्षणों आदि के लिए आंकड़े एकत्र करने जैसे अनेक प्रकार के गैर शैक्षिक कार्यों में शिक्षकों को तैनात करने से शिक्षण के लिए समय में कटौती होती है और शिक्षकों के व्यावसायिक स्तर को कम करके आंका जाता है। उन्होंने कहा कि ऐसे कार्यों में अन्य श्रेणियों के सरकारी कर्मचारियों को लगाया जा सकता है या इन प्रयोजनों के लिए विशेष रूप से कर्मचारी नियोजित किए जा सकते हैं। शिक्षकों पर ऐसे दायित्वों का बोझ कम किया जाना चाहिए। यह जानकारी मानव संसाधन विकास राज्य मंत्री श्री शशि थरूर ने लोकसभा में एक लिखित उत्तर में दी।

विश्‍व औसत के मुकाबले भारत में दूध ,फल और सब्जियों की प्रति व्‍यक्ति उपलब्‍धता क्रमश: 290 ग्राम,200 ग्राम और 401 ग्राम

विश्‍व औसत के मुकाबले भारत में दूध , फल और सब्जियों की प्रति व्‍यक्ति उपलब्‍धता क्रमश: 290 ग्राम,200 ग्राम और 401 ग्राम ही है
देश में दूध, फल और सब्जियों की प्रति व्‍यक्ति उपलब्‍धता क्रमश: 290 ग्राम,200 ग्राम और 401 ग्राम है। यह विश्‍व औसत के मुकाबले है। वर्ष 2011-12 के दौरान भारत में फलों और सब्जियों का उत्‍पादन क्रमश- 764.2 लाख टन और 1563.3 लाख टन हुआ। देश में बागवानी को प्रोत्‍साहित करने के लिए कृषि और सहकारिता विभाग ने विभिन्‍न कार्यक्रमों को क्रियान्वित कर रही है। इन कार्यक्रम के तहत फसलों का उत्‍पादन एवं उत्‍पादकता बढ़़ाने, फसल की कटाई के बाद प्रबंधन और बुनियादी विपणन ढांचा सृजन के लिए कदम उठाये जा रहे हैं। इसके अलावा दैनिक फलों और सब्जियों की खपत के लिए आम आदमी की पहुंच को बढ़ाने के वास्‍ते प्रसंस्‍करण इकाईयां स्‍थापित की जा रही हैं।
कृषि एवं खाद्य प्रसंस्‍करण उद्योग राज्‍य मंत्री श्री तारिक अनवर ने आज लोकसभा में यह जानकारी एक प्रश्‍न के लिख्रित उत्‍तर में दी।

संसद ने पाकिस्तान के विरुद्ध निंदा प्रस्ताव पास किया और कहा ,पी ओ के सहित सम्पूर्ण जे & के भारत का अभिन्न अंग है

 संसद ने पाकिस्तान के विरुद्ध निंदा प्रस्ताव पास किया और कहा ,पी ओ के सहित सम्पूर्ण जे & के भारत का अभिन्न अंग है:

संसद ने पाकिस्तान के विरुद्ध निंदा प्रस्ताव पास किया और कहा ,पी ओ के सहित सम्पूर्ण जे & के भारत का अभिन्न अंग है:

पकिस्तान के निचले सदन में कल पास किये गए भारत के विरुद्ध निंदा प्रस्ताव के जवाब में भारतीय संसद ने भी कडा रुख अख्तियार करते हुए पाकिस्तान के विरुद्ध निंदा प्रस्ताव पारित किया | स्पीकर मीरा कुमार ने निंदा प्रस्ताव पडा और सभी ने मेजें थपथपा कर इसका समर्थन किया|इस प्रस्ताव में पाकिस्तान को चेतावनी दी गई है कि भारत के विरुद्ध आतंकवादी गतिविधियों से अलग रह कर आतंकवाद के विरुद्ध जंग की अपनी वचनबद्धता का पालन करे |इसके अलावा पूरे विस्श्व को भी यह सन्देश दिया गया कि पाक के कब्जे वाले काश्मीर सहित जे &के भारत का अभिन्न अंग है और रहेगा|
इससे पूर्व राज्यसभा में नेता विपक्ष अरुण जेटली ने सरकार से पाकिस्तान के इस प्रस्ताव के खिलाफ संसद में बहस की मांग की |श्री जेटली ने राज्यसभा में कहा कि आधिकारिक तौर पर ये पुष्ट हो गया है कि पाकिस्तान क्या चाहता है| अब समय आ गया है| भारत सरकार को कड़ा फैसला लेना चाहिए। पाकिस्तान से बातचीत का कोई फायदा नहीं है। इस तरह के प्रस्ताव पास करने से दोनों देशों के बीच शांति नहीं बहाल हो सकती है। इसलिए इस मुद्दे पर चर्चा के लिए किसी एक तारीख का चयन कर चर्चा करा लेनी चाहिए। वहीं नेता विपक्ष के चर्चा की मांग पर कांग्रेस के राजीव शुक्ला ने कहा कि सरकार विदेश मुद्दे को लेकर बहस को तैयार है।उन्होंने कहा कि विपक्ष द्वारा तय तारीख पर सरकार बहस के लिए तैयार है। उधर समाजवादी पार्टी के नेता कमाल फारूकी का कहना है कि पाकिस्तान को भारत के अंदरूनी मसले पर दखल देने का कोई हक नहीं है।
वहीं लोकसभा की प्रारम्भिक कार्यवाही को हंगामे के बाद स्थगित करना पड़ा।सपा +बसपा+शिव सेना+भाजपा आदि ने भी मीरा कुमा के प्रस्ताव का समर्थन किया
बीजेपी ने मांग की कि संसद में पाकिस्तान के प्रस्ताव का विरोध होना चाहिए और इस मुद्दे पर बहस कराई जानी चाहिए। यशवंत सिन्हा के अलावा प्रकाश जावडेकर ने भी दोनों सदनों में प्रश्नकाल स्थगित करने का नोटिस दिया।
गौरतलब है कि पाकिस्तान ने अपनी संसद में अफजल को फांसी दिये जाने की निंदा करते हुए एक प्रस्ताव पास किया है |पाकिस्तान की इस हरकत को बीजेपी ने भारत के आंतरिक मामले में हस्तक्षेप बताया है और और संसद से पाकिस्तान को जवाब देने की मांग की है|

पाकिस्तानी संसद ने भारत के विरुद्ध निंदा प्रस्ताव पारित किया : भारतीय संसद में उबाल आया

अन्तराष्ट्रीय छेत्र में भारत की लगातार गिर रही साख से भारतवासियों के दिलों में सुलग रही आग की लपटें विश्व के सबसे बड़े लोक तंत्र के मंदिर

संसद

में भी दिखने लगी हैं|आज शुक्रवार १५ मार्च को संसद के दोनों सदनों में इस विषय को उठाया गया |
संसद पर हमला करने वाले अफजल गुरु की फांसी के विरोध में पाकिस्तानी सरकार ने अपने बचे हुए चंद दिनों को भारत के विरुद्ध इस्तेमाल करना शुरू कर दिया है इसी कड़ी में कल पाकिस्तान की संसद में भारत के खिलाफ निंदा प्रस्ताव पारित करवा कर इन शेष दिनों को अगले चुनावों के लिए इन्वेस्ट करना शुरू कर दिया है|
इटली ने भारतीय मछुआरों के दो हत्यारों[नाविक] को शेल्टर दे कर भारतीय संप्रभुता को चुनौती दे दी है| श्रीलंका +नेपाल+चाईना आदि पहले से ही भारत के खिलाफ जहर उगल रहे हैं|

पाकिस्तानी संसद ने भारत के विरुद्ध निंदा प्रस्ताव पारित किया : भारतीय संसद में उबाल आया

पाकिस्तानी संसद ने भारत के विरुद्ध निंदा प्रस्ताव पारित किया : भारतीय संसद में उबाल आया


भाजपा ने इसे लेकर सरकार को घेरना शुरू कर दिया है। राज्यसभा में नेता विपक्ष अरुण जेटली ने सरकार से पाकिस्तान के इस प्रस्ताव के खिलाफ संसद में बहस की मांग की |श्री जेटली ने राज्यसभा में कहा कि आधिकारिक तौर पर ये पुष्ट हो गया है कि पाकिस्तान क्या चाहता है| अब समय आ गया है| भारत सरकार को कड़ा फैसला लेना चाहिए। पाकिस्तान से बातचीत का कोई फायदा नहीं है। इस तरह के प्रस्ताव पास करने से दोनों देशों के बीच शांति नहीं बहाल हो सकती है। इसलिए इस मुद्दे पर चर्चा के लिए किसी एक तारीख का चयन कर चर्चा करा लेनी चाहिए। वहीं नेता विपक्ष के चर्चा की मांग पर कांग्रेस के राजीव शुक्ला ने कहा कि सरकार विदेश मुद्दे को लेकर बहस को तैयार है।उन्होंने कहा कि विपक्ष द्वारा तय तारीख पर सरकार बहस के लिए तैयार है। उधर समाजवादी पार्टी के नेता कमाल फारूकी का कहना है कि पाकिस्तान को भारत के अंदरूनी मसले पर दखल देने का कोई हक नहीं है।
वहीं लोकसभा की प्रारम्भिक कार्यवाही को हंगामे के बाद स्थगित करना पड़ा।
बीजेपी ने मांग की कि संसद में पाकिस्तान के प्रस्ताव का विरोध होना चाहिए और इस मुद्दे पर बहस कराई जानी चाहिए। यशवंत सिन्हा के अलावा प्रकाश जावडेकर ने भी दोनों सदनों में प्रश्नकाल स्थगित करने का नोटिस दिया।
गौरतलब है कि पाकिस्तान ने अपनी संसद में अफजल को फांसी दिये जाने की निंदा करते हुए एक प्रस्ताव पास किया है |पाकिस्तान की इस हरकत को बीजेपी ने भारत के आंतरिक मामले में हस्तक्षेप बताया है और और संसद से पाकिस्तान को जवाब देने की मांग की है|

संसद चले या ना चले बजट सत्र में बिजनेस हो या न हो मगरएक नहीं, तीन- तीन शेर[ couplet] तो चल ही निकले

संसद चले या ना चले बजट सत्र में बिजनेस हो या न हो मगर शेरो शायरी चल ही निकलती है और जब शेर[ couplet]पड़ने वाले प्रधान मंत्री और प्रमुख विपक्षी नेता हो तो संसद मेजें थपथपा कर और मीडिया प्रस्तुत करके दाद देता रहता है| लोकसभा में ६ मार्च बुधवार को प्रधानमंत्री डाक्टर मनमोहन सिंह और विपक्ष की सदन में नेत्री श्रीमति सुषमा स्वराज के बीच बातचीत शेर-ओ-शायरी के साथ हुई।भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष नेता राजनाथ सिंह प्रतीकों और मुहावरों का सहारा लेकर अपने विरुद्ध प्रधानमंत्री के कड़े तेवरों को बुझते दिए की फड़फड़ाती लौ तक कह डाला|
राजनाथ सिंह ने कहा कि उन्होंने बीते नौ साल में पी एम् को इतने आक्रामक तेवर अपनाते नहीं देखा। साथ ही कटाक्ष किया कि वह इसे अच्छा संकेत मानते हैं क्योंकि ये वैसा ही है, जैसे बुझने से पहले दिये की लौ तेज हो जाती है।
इसके अलावा राज्य सभा के सदस्य डाक्टर मनमोहन सिंह ने लोकसभा में आकर विपक्ष की नेत्री श्रीमति सुषमा स्वराज के आरोपों का जवाब शायरी से देकर माहौल को अंत में मनोरंजक बना दिया। भाजपा पर प्रहार करते हुए प्रधानमंत्री ने शेर पढ़ा कि हमें है उनसे वफा की उम्मीद जो नहीं जानते वफा क्या है। इसके बाद श्रीमति सुषमा ने कहा कि उनकी शेर का कर्ज नहीं रखेंगी और एक शेर का जवाब वह दो शेर से देंगी । इस पर लोकसभा अध्यक्षा मीरा कुमार भी चुटकी लेने में पीछे नहीं रही और बोला कि फिर तो उन[पी एम्] पर उधार हो जाएगा। प्रधानमंत्री के जवाब में श्रीमति सुषमा ने दो शेर पढ़े कि कुछ तो मजबूरियां रही होंगी, यूं ही कोई बेवफा नहीं होता और कहा कि वह देश के साथ बेवफाई कर रहे हैं। इसी क्रम में उन्होंने दूसरा शेर पढ़ा कि तुम्हें वफा याद नहीं हमें जफा याद नहीं जिंदगी और मौत के दो ही तराने हैं एक तुम्हें याद नहीं, एक हमें याद नहीं।संसद में चले इस आकस्मिक मुशायरे में दाद देने के नियम का पालन करने से भी सदस्य चूक गए| ये तीनो शेर और प्रतीक अपने आप में काबिले तारीफ़ हैं मगर अधिकाँश सदस्यों ने केवल अपने नेताओं के शेर पर ही मेजें थपथपा कर दाद दी
गौरतलब है कि शुरुआती दिनों में महंगाई+ अपराध +भ्रष्टाचार को लेकर प्रमुख विपक्ष और समान्य विपक्ष के साथ ही सत्ता रुड दल के सदस्यों द्वारा हंगामा मचता रहा | सदन स्थगित होते रहे, कार्यवाही बाधित होती रही |इन गंभीर मुद्दों पर चर्चा के लिए कोई भी गंभीर दिखाई नहीं दिया बेशक शेर अच्छे थे लेकिन |इस मुशायरे का मौजू [विषय]ज्वलंत समयायों पर आधारित होता तो और अच्छा लगता| इसीलिए यह नाचीज यह कहने को मजबूर है कि

 संसद चले या ना चले बजट सत्र में बिजनेस हो या न हो मगरएक नहीं तीन- तीन शेर[ couplet] तो चल ही निकले

संसद चले या ना चले बजट सत्र में बिजनेस हो या न हो मगरएक नहीं तीन- तीन शेर[ couplet] तो चल ही निकले

ख़ाक हो जायेंगे हम उनकों यकीन होने तक

लोक सभा में हफ्ते के पहले दिन की कार्यवाही हंगामे की भेंट

लोक सभा में हफ्ते के पहले दिन की कार्यवाही हंगामे की भेंट

लोक सभा में हफ्ते के पहले दिन की कार्यवाही हंगामे की भेंट

[दिल्ली] लोक सभा में हफ्ते के पहले दिन की कार्यवाही हंगामे की भेंट चढ़ गई| प्रश्न काल भी नहीं चलने दिया गया |पेट्रोल की कीमत में की गई बढ़ोतरी वापस लेने की मांग को लेकर विपक्षी दलों ने सोमवार को लोकसभा में हंगामा किया| इसके फलस्वरूप सदन की कार्यवाही दोपहर तक के लिए स्थगित कर दी गई।लोकसभा की कार्यवाही पूर्वाह्न 11 बजे शुरू होते ही भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) तथा अन्य पार्टियों के सदस्यों ने इस मुद्दे पर हंगामा किया। लोकसभा अध्यक्ष मीरा कुमार ने प्रश्नकाल चलने देने का अनुरोध किया, मगर हंगामा बंद नहीं हुआ| इसके बाद उन्होंने सदन की कार्यवाही दोपहर तक के लिए स्थगित कर दी।
पेट्रोल की कीमत में एक मार्च से विभिन्न करों के अतिरिक्त 1.40 रुपये की वृद्धि हुई है। पिछले दो सप्ताह में पेट्रोल की कीमत में यह दूसरी वृद्धि है। इससे पहले 15 फरवरी को भी पेट्रोल की कीमत में 1.50 रुपये की वृद्धि की गई थी।