Ad

Tag: ल प ग

एल पी जी सिलेंडरों से भरा एक ट्रक दुर्घटना होते होते बचा

मेरठ में आज एक भयानक दुर्घटना होने से बच गई|एल पी जी सिलेंडरों से भरा एक ट्रक आज एक्सील टूटने से दुर्घटना होते होते बचा|इस्टर्न कचहरी रोड पर स्थित वैश्य अनाथालय प्रान्गंड में इंडें गैस का गोदाम है |यहाँ सिलेंडरों की डिलीवरी देने के लिए आज सुबह एक ट्रक आ रह़ा था |गेट के सामने मुड़ते ही ट्रक का एक्सील टूट गया लेकिन ड्राइवर की सूझ बूझ से ट्रक पलटने से बच गया |इस गोदाम के २५ कदम पर एक तरफ पेट्रोल पम्प है और दूसरी तरफ एक नर्सिंग होम है|सड़क पर भी यातायात बहुत रहताहै|ऐसे में ट्रक के पलटने पर एक बड़ी दुर्घटना हो सकती थी | राहगीरों का कहनाथा कि इस प्रकार के अतिज्व्लंशील पदार्थों को लेकर चलने वाले वाहनों कि गुणवत्ता को सुनिश्चित किया जाना जरूरी है|

रसोई गैस सिलेंडर्स का वीरप्पाई दावं लग गया तो तीर, नहीं लगा तो तुक्का तो होगा ही


:झल्ले दी झल्लियाँ गल्लां

एक आम रसोई गैस सिलेंडर पीड़ित उपभोक्ता

ओये झल्लेया इस केंद्र सरकार ने क्या मज़ाक बना रखा है? पहले तो खाना बनाने के लिए जरूरी गैस सिलेंडरो को अर्थव्यवस्था के नाम पर छीना फिर जब इस पर हाय हल्ला हुआ तो एन गुजराती चुनावों के दौरान सिलेंडरों की संख्या[६-९ ]बढाने का एलान कर दिया अब चुनाव आयोग ने फटकार लगाई तो फिर पलट गए आज बुधवार को पेट्रोलियम मंत्री वीरप्पा मोइली ने उवाच दिया है कि सस्ते एलपीजी सिलेंडरों की संख्या बढ़ाए जाने पर फैसला अभी नहीं किया गया है और यदि ऐसा फैसला होता, तो इसकी सूचना चुनाव आयोग को जरूर दी गई होती।ओयारा ऐसे सरकारें चलती है?
?

रसोई गैस सिलेंडर्स का विरप्पाई दावं लग गया तो तीर, नहीं लगा तो तुक्का तो होगा ही

झल्ला

ओये भोले रामा दरअसल ये पुराणी चाल है तीर चलाओ लग गया तो तीर नहीं तो तुक्का तो होता ही है|अब अगर लग जाता तो गुजरात में राहुल गांधी की एक दिवसीय रैली को बल मिल जाता और संसद में छाए वाल मार्ट के बादलों पर भी पानी पड़ जाता|अब चुनाव आयोग ने नहीं चलने दिया तो कहा जा सकता है कि भाई हम तो कुकिंग गैस सिलेंडर्स की कैपिंग हटाना चाहते हैं मगर भाजपा और चुनाव आयोग करने नहीं दे रहा |मै ठीक हूँ या क्या मै ठीक हूँ

नसबंदी के राजनीतिक दुष्प्रभाव की एल पी जी के रूप में पुनरावर्ती की संभावना दिखने लग गई है


झल्ले दी झल्लियाँ गल्लां

एक कांग्रेसी
ओये झाल्लेया देखा हसाडी अध्यक्षा श्रीमती सोनिया गांधी जी की लीडरशिप का कमाल ।सूरज कुण्ड में संवाद बैठक का आयोजन करके उन्होंने कांग्रेसी मंत्रियों को जनता से संवाद स्थापित करके 2014 के मार्ग को आसान करने को कह दिया है । ऍफ़ डी आई को इंडिया में लाकर जहाँ सड़े गले देसी उद्योगों में जान डाली जा रही हैं वहीं अमेरिका में डेमोक्रेट बराक ओबामा को भी जितवा दिया है और तो और सूरज कुण्ड तक बस में सफ़र किया और मित्वियतता के खिलाफ सीधा मोर्चा खोल दिया है ।ओये अब तो 2014 में हसाडी सरकार फिर बने ही बने।

नसबंदी के राजनीतिक दुष्प्रभाव एल पी जी के रूप में

झल्ला
मेरे चतुर सुजान जी यह ठीक है कि आपजी की लीडर वाकई लोह महिला की छवि बनाने में लगी है मगर इनकी सरकार की नीतियाँ कुछ उलटा ही सन्देश दे रही है। उदहारण के तौर पर इसी संवाद बैठक में कांग्रेसियों ने एल पी जी कैपिंग के विरुद्ध चेतावनी दे दी है।इससे पहले एन सी पी भी आप की सरकार को आम आदमी की रसोई से दूर रहने की सलाह दे चुकी है। और तो और राय बरेली में श्रीमती प्रियंका गाँधी को भी रसोई गैस से होने वाले राजनितिक नुक्सान के विषय में बताया जा रहा है।मुझे याद आता है कि इमरजेंसी के दौरान देश की आबादी कम करने के लिए नस बंदी का अभियान चलाया गया था बेशक यह देश हित में था मगर जिस प्रकार जबरदस्ती से यह अभियान चलाया गया उसके नकारात्मक नतीजे मिले और अच्छे अच्छों की कुर्सियां खिसक गई।अब ये एल पी जी की कैपिंग कर दी गई है| महंगी करने के बावजूद भी आम आदमी की पहुँच से दूर की जा रही है| संयुक्त परिवार को कई टुकड़ों में दिखाने को विवश किया जा रहा है| इस विशेष शाक थेरेपी नीति से आम परिवार त्रस्त हैं ।ऐसे में एतिहासिक नसबंदी के राजनीतिक दुस्प्रभाव की २०१४ में पुनरावर्ती की संभावना तो दिखने लग गई है।