झल्ले दी झल्लियाँ गल्लां
एक सोशलाईट
ओये झल्लेया ये हसाडे अरविन्द केजरीवाल को क्या भसूडी पड़ गई|अच्छा खासा आन्दोलन चल रहा था|कांग्रेस और सलमान खुर्शीद और सपा भी दबाब में आ गए थे | अभी तो यह भी देखना था कि जब विकलांगों को सामन बांटा ही नहीं गया तो उसके खरीद के बिल कैसे बन गए| इसीलिए तो ७७०००००/=की खरीद के बिलों की भी जांच करवानी थी यह सामान बेचने वालों के खातों को भी परखना था| मगर अब सब कुछ धरा का धरा रह गया| पहले अनिश्चितकालीन धरना घोषित किया जब सफल होने लगा तो धरने को ही निरस्त कर दिया|ओये ऐसे कोई आन्दोलन चलता है क्या?
झल्ला
भोले बादशाओ अआपने देखा होगा कि मीडिया के जोरदार आरोपों के आगे सलमान खुर्शीद की पेश की गई दलीलें स्वयम में ही विकलांग लग रही थी| शायद इसीलिए सलमान की तार्किक रूप से कमजोर+ असहाय और घसीटे जा रहे बचाव को सहारा देने के लिए सूचना एवं प्रसारण मंत्री अम्बिका सोनी+ हमेशा तैयार दिग्विजय सिंह+गुलाम नबी आज़ाद+ हरीश रावत के बाद बेनी प्रसाद वर्मा ने भी सहयोग के लिए हथेली लगा दी है| और तो और मीडिया के ऊपर थोपे गए रिटायर्ड जस्टिस श्री मार्कंडेय काटजू ने भी सलमान खुर्शीद की जांच के साथ ही आज तक चैनल की जांच करवाने के आदेश दे दिए हैं|ऐसे में जब आप विकलांगों के हितों के लिए आन्दोलन चला रहे हो तब एक विकलांग के लिए दूसरे विकलांग को ऐसे दबा सकते हो |शायद यही सोच कर अप जी के अरविन्द केजरीवाल ने असहाय सलमान के खिलाफ चल रहे अपने धरने को वापिस ले लिया है|
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