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Tag: वीरभद्र सिंह

गुजरात में किंकर्तव्य विमूड हुई कांग्रेस हिमाचल में एब्सोल्यूट मेजोरिटी को सेलेब्रेट नहीं कर पा रही है:Himachal Changeover

Himachal Pradesh Election

गुजरात में नरेन्द्र मोदी के जीत से किंकर्तव्य विमूड की स्थिति से जूझ रही कांग्रेस हिमाचल प्रदेश में प्राप्त पार्टी की एब्सोल्यूट मेजोरिटी को भी उत्साह पूर्वक सेलेब्रेट नहीं कर पा रही है| बेशक हिमाचल की जनता ने पिछली हर बार की तरह सत्ता परिवर्तन करते हुए कांग्रेस को राज्य की बागडोर थमा दी है। कांग्रेस को कुल 68 सीटों में से 13 सीटों के फायदे के साथ 36 सीटें मिली हैं, जबकि बीजेपी 15 सीटों के नुकसान के बाद 26 सीटों पर सिमट गई है। छह सीटों पर अन्य उम्मीदवारों को जीत मिली है।यह अपने आप में एक बड़ी उपलब्धि है|भाजपा के भ्रष्टाचारों के आरोपों का सामना कर रहे ७८ वर्षीय वीर भद्र सिंह ने राहुल गांधी की पांच चुनावी सभाओं में कांग्रेस को जितवाकर राहुल गांधी का कद बढाया हैऔर पूर्ण सत्ता की डोर अपनी पार्टी की आलाकमान श्रीमति सोनिया गाँधी के हाथों में थमाई है उसे देखते हुए इसे कांग्रेस के बजाये वीर भद्र सिंह की जीत कहा जा सकता है|
प्रेम प्रकाश धूमल की अगुवाई वाली बीजेपी सरकार में आए भ्रष्टाचार के मामले उसी पर भारी पड़े और जनता ने धूमल की राजनीतिक छवी को धूमिल करके कांग्रेस के हाथ का साथ दिया।
प्रदेश में इस बार एक ही चरण में मतदान 4 नवंबर को कराया गया था जिसमे रिकॉर्ड वोटिंग हुई थी। एक्जिट पोलों के मुताबिक हिमाचल में कांग्रेस को बढ़त की संभावना पहले ही जताई जा रही थी।, ।गुजरात में बीजेपी के कुछ उम्मीदवार अपनी जीत को लेकर इतने आश्वस्त थे कि उन्होंने रात में ही अपनी जीत के पोस्टर लगा दिए थे जगह जश्न का महौल बनाया जा रहा है मगर कांग्रेस पर भ्रष्टाचार के आरोपों को बी जे पी की तरफ मौड़ कर विजयश्री चूमने वाले वीर भद्र सिंह को क्रेडिट दिया जाना जायज़ ही कहा जाना चाहिए