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शशि थरूर बनाना चाहते हैं गैंग पीडिता के नाम पर नया कानून


झल्ले दी झल्लियाँ गल्लां

एक दुखी भाजपाई

ओये झल्लेया ये कांग्रेसियों ने क्या मज़ाक बनाया हुआ है ?दामिनी तो बेचारी जान से गई और पूरा देश उसके शोक में डूबा हुआ है| लेकिन ये शशि थरूर महाराज उसके नाम का इस्तेमाल करके वाह वाही लूटना चाह रहे हैं|सुप्रीम कोर्ट के आदेशानुसार गैंग रेप पीडिता की पहचान उजागर नहीं की जाने चाहिए और ये शशि थरूर जी बलात्कार के आरोपियों को दंड देने के लिए नए कानून[अगर बनता है तो] उसके नाम पर बनाने की वकालत कर रहे है|ओये उसकी निजता का क्या होगा?

शशि थरूर बनाना चाहते हैं गैंग पीडिता के नाम पर नया कानून

झल्ला

ओ सेठ जी हसाड़े बाबा नानक कह गए हैं कि नानक दुखिया सब संसार सो सुखिया जिस नाम आधार अब बाबा जी ने तो अकाल पुरुख [ईश्वर]के नाम को आधार बनाने का उपदेश दिया है मगर आज कल नाम वाले के नाम को कब्जाने का चलन चल निकला है|इस बेचारी गैंग रेप पीडिता के नाम पर स्कूल +पुल+सड़क निर्माण के प्रोपोजल्स हवा में तैरने लग गए हैं|अंग भंग+ फांसी और यहाँ तक की नपुंसकता के दंड दिए जाने के मांग उठ रही है ऐसे में अगर एक मंत्री ने पीडिता के नाम पर कानून बना कर दूसरों से बड़ी लाइन खींच दी तो क्या बुरा किया |वैसे भी अगर कानून व्यवस्था सुधारी ना जासके तो इस प्रकार के टोटके सपोर्टर्स का हौंसला बढाने के काम आते हैं|

प्रतिभाओं के धनी शशि थरूर ने अब गैंग पीडिता से जुड़े एक नए विवाद को जन्म दिया

प्रतिभाओं के धनी शशि थरूर का विवादों से पुराना नाता है| थरूर ने आज

Shashi tharoor

गैंग पीडिता से जुड़े एक नए विवाद को जन्म दिया है | पुनः केन्द्रीय मंत्री[ मानव संसाधन विकास राज्यमंत्री ] बने शशि थरूर ने फिर एक ज्वलंत मुद्दे पर विवाद को जन्म दे दिया है| मंगलवार को अपने ट्‍वीट में उन्होंने बलात्कार के खिलाफ बनाए जाने वाले कड़े कानून का नाम गैंग रेप पीड़िता के नाम पर रखे जाने की वकालत कर डाली है|उन्होंने कहा है कि पता नहीं क्यों मौत के बाद अब दिल्ली सामूहिक बलात्कार ‍की शिकार लड़की का नाम छिपाया जा रहा है। हालांकि उनके बयान से कांग्रेस ने पल्ला झाड़ लिया है।थरूर ने कहा कि पीड़िता का नहीं छिपाया जाना चाहिए और हालांकि उन्होंने कहा कि इसमें लड़की के माता-पिता की सहमति भी होना चाहिए।
महिला आयोग की अध्यक्ष ममता शर्मा ने इसका विरोध करते हुए कहा है कि थरूर का कहना गलत है और ऐसा नहीं होना चाहिए।
भाजपा नेता शाहनवाज हुसैन ने कहा कि भाजपा इसे सही नहीं मानती, हम इसका विरोध करते हैं।
सुप्रीम कोर्ट की भी गाइड लाइन है कि पीड़ित का नाम नहीं बताया जाना चाहिए।
थरूर की पार्टी कांग्रेस ने अपने मंत्री के टिप्पणी से पल्ला झाड़ लिया है। पार्टी प्रवक्ता राशिद अल्बी ने कहा कि यह थरूर की निजी टिप्पणी हो सकती है। पार्टी इससे इत्तफाक नहीं रखती। वहीं सूचना एवं प्रसारण मंत्री मनीष तिवारी ने कहा कि कानून को चुस्त-दुरुस्त करना चाहिए, यही पीड़ित लड़की को सच्ची श्रद्धांजलि होगी
गौरतलब है कि पीडिता कि और उसके परिवार की निजता को बनाए रखने के लिए पीडिता का नाम सार्वजनिक नहीं किया जा सकता मगर समाज में बुराई से लड़ने के लिए चेतना जगाना जरूरी है और चेतना जगाने के लिए एक आदर्श को प्रस्तुत करने के सकारात्मक परिणाम आ सकते हैं|