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Tag: संत कृपाल रूहानी मिशन

संत राजिंदर सिंह जी महाराज का ६८ वां जन्मोत्सव२० सितम्बर को धूम धाम से मनाया जाएगा

[मेरठ]संत राजिंदर सिंह जी महाराज का ६८ वां जन्मोत्सव प्रत्येक वर्ष की भांति २० सितम्बर को धूम धाम से मनाया जाएगा |संत राजिंदर सिंह जी सावन कृपाल रूहानी मिशन+वर्ल्ड रिलीजन्स +साइंस आफ स्प्रिटुअलिटी के प्रमुख संत है|
मेरठ छावनी स्थित सावन कृपाल रूहानी मिशन के प्रांगण में २० सितम्बर को जन्मोत्सव मनाया जाएगा |मिशन के स्थानीय प्रधान सुरेन्द्र कपूर+मंत्री कृष्ण बजाज के अनुसार सांय चार बजे से प्रारम्भ होने वाले इस जन्मोत्सव में दर्शन अकेडमी के बच्चों + बाल सत्संग द्वारा भजन गायन होगा+प्रचारक द्वारा गुरु जी महाराज का सन्देश भी सुनाया जाएगा |अंत में गुरु का अटूट लंगर भी छकाया जाएगा

एक ‘दर्शन’ ही मिला औरों का ग़मखार हमें अपने ग़म में तो ज़माने को परेशां देखा

[1]बनी नौए – आदम आज़ाए यक दीगरन्द ।
कि दर आफ्रीनश जे यक जौहर अंदं ।

Rakesh Khurana

एक सूफी शायर

अर्थात हम तमाम इंसान एक ही प्रभु की संतान हैं ,एक ही शरीर
के अंग हैं। जब हमारे जिस्म के एक हिस्से में कोई दर्द होता है , कोई पीड़ा होती है , तो बाकी जिस्म के सारे हिस्से उसे महसूस करते हैं इसी प्रकार हमें सबका दर्द अपना दर्द समझना चाहिए ।
[2] संत दर्शन सिंह जी महाराज जी ने अपने एक रूहानी शेअर में कहा है :-
एक ‘दर्शन’ ही मिला औरों का ग़मखार हमें ।
अपने ग़म में तो ज़माने को परेशां देखा

संत दर्शन सिंह जी महाराज जी

प्रस्तुति राकेश खुराना

गुरुओं , संतों – महात्माओं की सल्तनत में हिसाब – किताब नहीं होता

न करदा गुनाहों की ये हसरत कि मिले दाद
ए राहिब अगर इन कर्दा गुनाहों की खता हो ।
मिर्ज़ा ग़ालिब

Rakesh Khurana

मिर्ज़ा ग़ालिब के इस रूहानी शायरी की व्याख्या करते हुए बताया गया है कि ग़ालिब जी कहते हैं कि मैंने बहुत गुनाह किये हैं मगर आप तो हिसाब करने बैठ गए , ये तो आपका काम नहीं है क्योंकि गुरुओं , संतों – महात्माओं की सल्तनत में हिसाब – किताब नहीं होता । अगर वे हिसाब – किताब के चक्कर में पड़ जाएँ तो हम में से कोई भी उनकी दया का पात्र न रहे ।आपका काम तो रूहानियत के खजाने लुटाने का है । इसी प्रकार सावन कृपाल रूहानी सत्संग मिशन के संत दर्शन सिंह जी महाराज ने भी अपने एक शेअर में कहा है :-
बस एक बार ही उठी निगाह महफ़िल में
किसे खबर कि खजाने लुटा दिए तूने ।
संत दर्शन सिंह जी महाराज
प्रस्तुती राकेश खुराना

सच्चाई के साथ जुड़ने से हमारे घमंड का सत्यानाश होता जाता है |

किस का दर है किह जबीं आप झुकी जाती है |
दिले खुद्दार ! तेरी आन मिटी जाती है ||
संत दर्शन सिंह जी महाराज हमें समझाते हुए कहते हैं कि वह कौन सी जगह है
कि जबीं (गर्दन , सिर) अपने आप झुकी चली जाती है और हम इन्सान , जो बहुत
घमंडी होते हैं , अहंकार से भरे होते हैं , हमारी वह आन खुद -ब -खुद मिटती चली
जाती है | जैसे – जैसे हम सच्चाई के साथ जुड़ते हैं , नाम के साथ जुड़ते हैं , शब्द
के साथ जुड़ते हैं , वैसे – वैसे हमारी खुदी का सत्यानाश होता जाता है |
संत दर्शन सिंह जी महाराज
प्रस्तुती राकेश खुराना

सच्चाई के साथ जुड़ने से हमारे घमंड का सत्यानाश होता जाता है |