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किंग फ़िशर को डुबा कर अपनी पसंदीदा एयर लाइन्स को फायदा तो नहीं पहुँचाया जाएगा ?


झल्ले दी झल्लियाँ गल्लां

एक प्राईवेट एयर लाईनर

ओये झल्लेया ये क्या हो रहा है |ओये ये केंद्र की सरकार एक तरफ तो गला फाड़ फाड़ कर देश की इकोनोमी को सुधारने और रोज़गार के गेट खोलने का दावा कर रही है|इसीलिए एयर इंडिया को बार बार डूबने से बचाने के लिए करोड़ों रुपयों कि सेफ्टी बेल्ट प्रोवाईड की जा रही हैं लेकिन ये किंग फ़िशर के पीछे हाथ धो कर क्यूं पड़ गए हैं | पहले इस कम्पनी का लायसेंस निलंबित किया गया [सस्पेंड] आज इस कम्पनी का लायसेंस निरस्त[केंसिल] कर दिया गया इससे तो हज़ारों का स्टाफ सडकों पर आजायेगा||इनके लंबित ७० करोड़ के वेतन और ५०० करोड़ के एयर पोर्ट की लेन दारी भी बट्टे खाते में चली जायेगी| और तो और बैंको का ७००० करोड़ का कर्ज़ भी डूब जाएगा|ये तो टेक्स पेयर्स के साथ भद्दा मज़ाक ही है|

झल्ला

ओ सेठ जी ये केंद्र सरकार अक्सर एक तीर से कई शिकार करने की आदि है और इस प्रकार के आरोप डी वी बी नामक जर्मन फायनेंसर डी जी सी ऐ पर लगा ही चुका है|अब देखो किंग फ़िशर एयर लाईन्स को उभरने नहीं देने से [१]एयर इंडिया + इंडिगो और स्पाईसजेट जैसी कम्पनियाँ बिना प्रतिस्पर्धा के खुले आसमान में उडेंगी |इंडिगो तो हवा में ठंडा समोसा १२० रुपये का धडल्ले से बेचेगा|

किंग फ़िशर को डुबा कर अपनी पसंदीदा एयर लाइन्स को फायदा तो नहीं पहुँचाया जाएगा


[२] शरद पवार और प्रफुल्ल पटेल वाली एन सी पी की उड़ान कुछ ज्यादा सरकार के लिए सर दर्दी पैदा कर रही है | महाराष्ट्र के बाद अब गुजरात में भी सीटों के बटवारें पर तलवारें खिंची हैं|चूंकी प्रफुल्ल पटेल की नजदीकियां किंग फ़िशर विजय माल्या के साथ कुछ ज्यादा ही हैं सो एन सी पी किंग फ़िशर में सवार हो सकते हैं| इसीलिए एन सी पी के पर कतरने के लिएकिंग फ़िशर एयर लाईनर को क्रेश करवाना जरूरी हो जाता है|क्यों ठीक है न ठीक ?