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Tag: सावन कृपाल रूहानी सत्संग

सच्चे इन्सान के रास्ते के सभी कांटे फूल बन जाते हैं

सच्चे इन्सान के रास्ते के सभी कांटे फूल बन जाते हैं
खजां नसीब रास्ते भी सज गए संवर गए ।
उन्हें बहार ही मिली जहाँ गए जिधर गए ।

सच्चे इन्सान के रास्ते के सभी कांटे फूल बन जाते हैं

भाव :
सावन कृपाल रूहानी मिशन के संत दर्शन सिंह जी महाराज ने सच्चे इंसान के बारे में अपने इस शे ‘र में लिखा है कि सच्चा इन्सान वह है जो प्रभु के बताये हुए रास्ते के मुताबिक चले , जो प्रभु के प्यार से भरपूर हो , जिसके दिल में औरों के लिए दर्द हो । जब हम एक सच्चा इंसान बन जाते हैं तो फिर जो रास्ते काँटों से भरे होते हैं उनमे भी फूल खिल जाते हैं , वे रास्ते जिन पर हम भटक जाते हैं वे संवर जाते हैं , ठीक हो जाते हैं और प्रभु की ओर जाना शुरू कर देते हैं ।
संत दर्शन सिंह जी महाराज की रूहानी शायरी
प्रस्तुति राकेश खुराना

ध्यान से तनाव को ख़त्म करो :संत राजेंद्र सिंह

ध्यान : तनाव को ख़त्म करने की औषधि सावन कृपाल रूहानी मिशन के वर्तमान संत राजेंद्र सिंह जी ने तनाव से भरी आज की जिन्दगी के लिए ध्यान जरुरी बताया है|

ध्यान : तनाव को ख़त्म करने की औषधि :संत राजेंद्र सिंह


संत राजेंद्र सिंह जी का कहना है कि पिछले कुछ वर्षों से भावनाओं के तूफ़ान और तनाव को ख़त्म करने हेतु लोगों का रुझान
ध्यान की विद्या की ओर हुआ है| ध्यान से शारीरिक और दिमागी तौर पर बहुत से फायदे
हैं| यह सुरक्षात्मक, असरदार और निशुल्क है | जब हम एक बार ध्यान की विद्या सीख
लेते हैं, तब हमारे पास अंतर में हर समस्या का समाधान तैयार होता है |
ध्यान की विधि क्या है ?

ध्यान के लिए हम किसी ऐसे आसन का चयन करते हैं जिसमे हम कुछ समय के लिए
शांत और निश्चित मुद्रा में बैठ सकें| ध्यान के द्वारा हम अपनी एकाग्रता को दो आँखों
के पीछे मध्य बिंदु पर टिकाते हैं जिसे हम शिवनेत्र या दसवां द्वार कहते हैं| इस प्रकार
हम अपने ध्यान को बाहरी जिस्म से हटाते हैं|

ध्यान की अवस्था केवल मानसिक और
शारीरिक स्तर पर ही होती है| पर जब हम ध्यान के द्वारा अंतर में प्रभु की ज्योति के
दर्शन करते हैं और उसके शब्द को सुनते हैं, तब इस ज्योति और शब्द की धारा से हम
अंतर का प्रभुरूपी प्यार, चेतना और परम सुख पाते हैं|
संत राजिंदर सिंह जी महाराज
प्रस्तुती राकेश खुराना