Ad

Tag: सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय

सच्चाई बताने वाले पत्रकार का जान गंवाना बेहद ही गंभीर मसला:पीएम “मोदी”

[नई दिल्ली] सच्चाई बताने वाले पत्रकार का जान गंवाना बेहद ही गंभीर मसला:पीएम “मोदी”
पत्रकारों ने आज प्रेस काउंसिल की स्वर्ण जयंती मनाई
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस अवसर पर बोलते हुए प्रेस की आजादी के मह्त्व पर जोर दिया और कहा कि प्रेस स्व-नियंत्रित होना चाहिए।
उन्होंने कहा कि प्रेस पर बाहरी हस्तक्षेप और नियमन नहीं नहीं होना चाहिए। प्रधानमंत्री ने हाल के दिनों में देश के अलग-अलग हिस्सों में पत्रकारों की हत्या पर चिंता जताई। उन्होंने कहा कि सच्चाई बताने वाले पत्रकार का अपनी जान गंवाना बेहद ही गंभीर मसला है। इससे पहले केंद्रीय सूचना प्रसारण मंत्री एम वेंकैया नायडू ने कहा कि सरकार संचार के किसी भी माध्यम पर किसी तरह की रोक का समर्थन नहीं करती है लेकिन देश की एकता, संप्रभुता, सुरक्षा और कानून व्यवस्था की स्थिति को ध्यान में रखते हुए संयम बरतने की जरूरत है।
नायडू ने ऍन डी टी वी पर लगाए गए एक दिवसीय बैन का समर्थन करते हुए कहा कि मुंबई आतंकी हमले की इलेक्ट्रॉनिक मीडिया पर प्रसारण को लेकर माननीय सुप्रीम कोर्ट ने भी एतराज जताया था, जिसमें कहा गया था टीवी चैनल इस तरह की आतंकी वारदात की हालत में अभिव्यक्ति की आजादी के नाम पर दिखाकर खुद को पाक साफ नहीं ठहरा सकते। उन्होंने पठानकोट कवरेज पर भी ध्यान दिलाते हुए कहा कि इलेक्ट्रॉनिक मीडिया की ऐसी कवरेज से आम नागरिकों और सैनिकों की जान खतरे में पड़ सकती है।
इस अवसर पर मंत्री महोदय ने भारत जैसे विविधतापूर्ण देश में क्षेत्रीय मीडिया की भूमिका के बारे में भी प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि स्थानीय समुदायों और स्थानीय भाषा के साथ अपनी निकटता के कारण मीडिया की भूमिका क्षेत्रीय स्तर पर महत्वपूर्ण हो जाती है जिससे नागरिकों की भागीदारी क्षमता बढ़ जाती है। उन्होंने कहा कि समाज के सभी वर्गों तक पहुँचने के माध्यम से क्षेत्रीय मीडिया स्वस्थ्य लोकतंत्र के निर्माण में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।
सरकार की नई प्रिंट मीडिया विज्ञापन नीति के बारे में, श्री नायडू ने कहा कि यह पैनल प्रक्रिया में छूट प्रदान कर क्षेत्रीय भाषाओं / बोलियों, छोटे और मध्यम समाचार पत्रों को समान रूप से विशेष प्रोत्साहन प्रदान करेगा।
सोशल मीडिया द्वारा की पेश किए गये अवसरों के बारे में मंत्री महोदय ने कहा कि यह संचार का नया उपकरण है जो सहज और क्रियात्मक है। इस तरह के माध्यम में अवसर और चुनौतिया दोनों होती हैं। संचार की इस विधा को व्यापक राष्ट्रीय हित और व्यक्तिगत भलाई के लिए विवेकपूर्ण तरीके से इस्तेमाल किया जाना चाहिए।
सूचना एवं प्रसारण राज्य मंत्री कर्नल राज्यवर्धन राठौड़, और भारतीय प्रेस परिषद के अध्यक्ष न्यायमूर्ति सी के. प्रसाद भी उपस्थित थे। पत्रकारिता में उत्कृष्टता के लिए प्रमुख पत्रकारों और फोटो पत्रकारों को सम्मानित किया गया, जिनमें श्री सुरेन्द्र निहाल सिंह, श्रीमती मृणाल पांडे, श्री रघु राय, श्री रंजीत जॉन, श्री अरविंद कुमार सिंह, श्री जेवियर सेल्वा कुमार शामिल थे।
फोटो कैप्शन
The Prime Minister, Shri Narendra Modi at the Golden Jubilee celebrations of the Press Council of India on the National Press Day, in New Delhi on November 16, 2016.
The Union Minister for Urban Development, Housing & Urban Poverty Alleviation and Information & Broadcasting, Shri M. Venkaiah Naidu is also seen.

जेटली ने टीवी चैनलों पर हो रहे शोर शराबे पर हमला बोलते हुए प्रिंटमीडिया के महत्व को सराहा

[नई दिल्ली]जेटली ने टीवी चैनलों पर हो रहे शोर शराबे पर हमला बोलते हुए प्रिंटमीडिया के महत्व को सराहा
जेटली ने प्रिंट मीडिया को वर्तमान चुनौतियां स्वीकार करके अपनी महत्वपूर्ण उपस्थिति बनाये रखने को प्रेरित किया
अरुण जेटली ने प्रिंट मीडिया को वर्तमान चुनौतियों को स्वीकार करके अपनी महत्वपूर्ण उपस्थिति बनाये रखने को प्रेरित किया
केंद्रीय मंत्री मंत्री जेटली ने आज प्रिंट मीडिया पर 59वीं वार्षिक रिपोर्ट जारी करते हुए कहा कि डिजिटल तथा सूचना युग की चुनौतियों को प्रिंट मीडिया स्वीकार करे। इंटरनेट की क्रांति और तेजी से बदलने वाली प्रौद्योगिकी ने पूरी दुनिया के प्रिंट मीडिया के सामने अपनी उपस्थिति बनाए रखने और विकास के लिए बड़ी चुनौती पेश कर दी है। बहरहाल भारत एक अपवाद देश है, जहां प्रिंट मीडिया लगातार प्रगति कर रहा है। उसकी मांग लगातार बढ़ रही है और क्षेत्रीय समाचारपत्रों का आधार भी बढ़ रहा है।
जेटली ने इलेक्ट्रानिक मीडिया में चल रही मीडिया ट्रायल के चलन पर अपरोक्ष हमला बोलते हुए कहा कि प्रिंट मीडिया सूचना के प्रवाह पर आधारित होता है जो इलेक्ट्रानिक मीडिया द्वारा किया जाता है। इलेक्ट्रानिक मीडिया की वजह से समाचार और राय के बीच की विभाजक रेखा कमजोर हुई है। इलेक्ट्रानिक मीडिया में होने वाली चर्चाएं और बहसें शोर-शराबे से भरी होती हैं, जबकि प्रिंट मीडिया वस्तुनिष्ठता और समाचार की प्रकृति को बनाए रखने में अहम भूमिका निभाता है। यह समझना भी महत्वपूर्ण है कि विभिन्न विचार इसलिए उभरते हैं क्योंकि मीडिया का दायरा बहुत विशाल हो गया है जहां विभिन्न पहलू सामने आते हैं।
मिनिस्टर ने कहा कि मैगजीन पत्रकारिता को अपने आप को पुनर्भाषित करना होगा क्योंकि पाठको के सामने डिजिटल और सोशल मीडिया का विकल्प बढ़ता जा रहा है। उन्होंने कहा कि पूरी दुनिया के रुझान बताते हैं कि लोकप्रिय पत्रिकाएं ऑनलाइन डिजिटल संस्करण निकाल रही हैं क्योंकि तेजी से बदलती दुनिया में समाचारों तथा प्रौद्योगिकी की प्रकृति भी बदल रही है। अब पाठकों को तुरंत समाचार की आवश्यकता महसूस होने लगी है। अतः इस तरह पत्रिकाओं में उपलब्ध समाचार अतीत की बात हो गये हैं।
विशेष सचिव श्री जे एस माथुर ने अपने संबोधन में प्रकाशन और प्रेस की ऐतिहासिक यात्रा का उल्लेख किया। उन्होंने प्रिंट मीडिया सहित पूरे मीडिया में आए बदलावों की भी चर्चा की।
रिपोर्ट के अनुसार
i) टाईटल के लिए प्राप्त कुल आवेदन====20,217
ii) टाईटल स्वीकृत================13,492
iii) टाईटल डीब्लॉक्ड===============7,८१९
2014-15 के दौरान प्रकाशन के सर्कुलेशन का दावा=====51,05,21,445
i) हिंदी प्रकाशन================ ===========25,77,61,985=
ii)अंग्रेजी प्रकाशन=============================6,26,62,670
iii)उर्दू प्रकाशन=============================4,12,73,९४९
2014-15 में पंजीकृत नए प्रकाशन=========5,817
:2014-15 के दौरान बंद हुए प्रकाशन======== 34
:पिछले वर्ष की तुलना में कुल पंजीकृत प्रकाशनों की
वृद्धि का प्रतिशत===========================5.80%
:किसी भी भारतीय भाषा (हिंदी) में सबसे अधिक प्रकाशन=====42,493
फोटो कैप्शन
The Union Minister for Finance, Corporate Affairs and Information & Broadcasting, Shri Arun Jaitley addressing at the 59th annual report on Print Media, ‘PRESS IN INDIA’ prepared by Registrar of Newspapers for India, in New Delhi on December 29, 2015.
The Minister of State for Information & Broadcasting, Col. Rajyavardhan Singh Rathore, the Additional Secretary, Ministry of Information & Broadcasting, Shri J.S. Mathur and other dignitaries are also seen.:

:

:
:
:

आवर्ड लौटाऊ साहित्यकार+ऍफ़टीआईआई के झगड़ालू छात्र अपना अपना ठीया जमा रहे हैं ?

झल्ले दी झल्लियां गल्लां

भाजपाई चेयर लीडर

ओये झल्लेया ये कांग्रेस वाले मुल्क का बेड़ा गर्क करके ही मानेंगे |ओये पहले अपनी सरकार में अपने चहेतों को अपने अवॉड्स बाँट दिए अब इनकी सरकार के जाने के पश्चात बढे नाटकीय ढंग में उन पुराने अवार्ड्स का ठीकरा हसाडे सरकार के सर फोड़ कर पुराने -शुराने अवॉड्स को लौटाकर नई हवा बनाने का कुप्रयास चल रहा है | ओये इन्होने ऍफ़टीआईआई का बटाधार तो कर ही दिया | हसाडे कर्नल राज्य वर्द्धन को भी इन्होने अंगूठा दिखा दिया|ऍफ़टीआईआई के ये कथित छात्र इसी बात पर ही अड़े हैं के “मैं ना मानू” “मैं तो मानूं ही ना” अब तुम ही बताओ के ऐसे में कहीं कॉलेज चलते हैं भला ?

झल्ला

ओ मेरे चतुर सेठ जी!आप लोगों ने इनके पालन हारों की दुकाने बंद करा दी ऐसे में ये बेचारे अपना अपना ठीया फिर से ज़माने का प्रयास रहे हैं और आप लोग हाय हल्ल्ला मचाये जा रहे हो | भापा जी ये आवर्ड लौटाऊ साहित्यकार+ऍफ़टीआईआई के झगड़ालू छात्र अपना अपना ठीया जमाने का प्रयास कर रहे होंगे

छात्र फिल्म निर्माताओं को अपनी फिल्मे प्रदर्शित करने के लिए IFFI मंच प्रदान करेगा

iffi 201445वां फिल्म फेस्टिवल कल से गोवा में शुरू होने जा रहा है इसके लिए छात्रों द्वारा बनाई गई २३ उत्कृष्ट फिल्मे भी प्राप्त हुई हैं|
जिसके मध्यनजर इस फेस्टिवल [आईएफएफआई ]को छात्र फिल्म निर्माताओं के लिए उत्कृष्ट मंच कहा जा सकता है |
45वें भारत अंतर्राष्ट्रीय फिल्म महोत्सव (आईएफएफआई) के दौरान देश के चार फिल्म संस्थानों के छात्रों द्वारा बनाई गई 23 उत्कृष्ट फिल्में प्राप्त हुई हैं।
नई पीढ़ी के फिल्म निर्माताओं में दूरदृष्टि के साथ-साथ नई आवाज भी है। वे मौलिक कहानियों और तथ्य-कथ्य से साराबोर है। आईएफएफआई ने जिम्मेदारी ली है कि वह छात्र फिल्म निर्माताओं को उचित मंच प्रदान करेगा जहां ये अपनी लघु छात्र फिल्मों का प्रदर्शन करेंगे।
चार फिल्म संस्थानों में
[१]फिल्म और टेलीविजन संस्थान, पुणे (एफटीआईआई)
[२]सत्यजीत रॉय फिल्म एवं टेलीविजन संस्थान, कोलकाता (एसआऱएफटीआईआई),
[३] एमजीआर फिल्म और टेलीविजन संस्थान, चेन्नई (एमजीआरजीएफटीआई) और
[४] एजेके एमसीआरसी, जामिया मिलिया इस्लामिया विश्वविद्यालय दिल्ली शामिल हैं।
इन होनहार फिल्म निर्माताओं के रूप में भारतीय सिनेमा को आने वाले दिनों में बेहतरीन प्रतिभाशाली फिल्म निर्माता मिल सकेंगे।

स्वतंत्र+जिम्मेदार प्रेस की मजबूती सशक्त लोकतंत्र के लिए बेहद आवश्यक:सूचना+प्रसारणमंत्री

[नई दिल्ली]स्वतंत्र+जिम्मेदार प्रेस की मजबूती सशक्त लोकतंत्र के लिए बेहद आवश्यक:राष्ट्रीय प्रेस दिवस में सूचना+प्रसारणमंत्री
केंद्र सरकार ने एक बार फिर भारत में सशक्त लोकतंत्र के लिए स्वतंत्र एववं जिम्मेदार प्रेस की मजबूती की आवश्यकता को स्वीकारा
सूचना एवं प्रसारण राज्य मंत्री कर्नल राज्यवर्धन सिंह राठौर ने कहा है कि भारतीय लोकतंत्र की सफलता बहुत हद तक स्वतंत्र एववं जिम्मेदार प्रेस के कारण है जिसने जनता को शिक्षित करने और सशक्त बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। पत्रकारों ने कलम के हथियार और अखबारों के कॉलम के उपयोग से सैनिकों की तरह काम किया है। श्री राठौर ने आज यहां भारतीय प्रेस परिषद की ओर से आयोजित राष्ट्रीय प्रेस दिवस के अवसर पर समारोह में यह बात कही।
श्री राठौर ने प्रेस के संरक्षण, सुरक्षा और प्रोत्साहन देने के लिए सरकार की प्रतिबद्धता दुहराई। उन्होंने पत्रकारों से सच्चाई की राह में अपनी पेशेवर सत्यनिष्ठा और नैतिक मानकों को बनाए रखने का आहवान किया। श्री राठौर ने पत्रकारिता में निष्पक्ष परिपाटी सुनिश्चित करने में भारतीय प्रेस परिषद की भूमिका को रेखांकित करने वाली स्मारिका भी जारी की
पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) श्री प्रकाश जावडेकर ने कहा कि प्रेस की आजादी लोकतंत्र में अलंघनीय थी और यह आजादी जिम्मेदारियों के साथ आई। मीडिया को राष्ट्रीय महत्व के विभिन्न मुद्दों पर सक्रिय चर्चा और बहस सुगम बनानी होती हैं। इस अवसर पर मुख्य अतिथि और भारत के पूर्व प्रधान न्यायाधीश न्यायमूर्ति वेंकटचलैया ने कहा कि भारत में प्रौद्योगिकी और आजादी की धारणा में बदलाव के साथ लोकतांत्रिक एवं मानवीय मूल्यों में संतुलन बनाते हुए उन्हें संरक्षित, बहाल और प्रसा-प्रचार करने में बड़ी भूमिका है।
इस अवसर पर भारतीय प्रेस परिषद ने पत्रकारिता में उत्कृष्टता के लिए राष्ट्रीय पुरस्कार प्रदान किए | विभिन्न क्षेत्रों में असाधारण योगदान के लिए प्रिंट मीडिया के पत्रकारों को विभिन्न श्रेणियों में राष्ट्रीय पुरस्कार भी प्रदान किए गए। इन श्रेणियों में ग्रामीण पत्रकारिता, विकासात्मक रिपोर्टिंग, स्त्री शक्ति (महिला सशक्तिकरण), सिंगल न्यूज पिक्चर, फोटो फीचर और उर्दू पत्रकारिता शामिल थीं।
इस अवसर पर भारतीय प्रेस परिषद के अध्यक्ष न्यायमूर्ति मार्कंडेय काटजू और भारतीय प्रेस परिषद की सचिव श्रीमती विभा भार्गव भी उपस्थित थे।
राष्ट्रीय प्रेस दिवस भारतीय प्रेस परिषद की स्थापना के दिन की याद में मनाया जाता है। परिषद वैधानिक एजेंसी है जो प्रेस की आजादी और जवाबदेही सुनिश्चित करती है।
फोटो कैप्शन
The Minister of State for Information & Broadcasting, Col. Rajyavardhan Singh Rathore and the Chairman, Press Council of India, Justice Markandey Katju with the winners of National Awards for Excellence in Journalism, at the National Press Day function, in New Delhi on November 16, 2014.

इंडियन बिस्मार्क सरदार पटेल की जयंती पर राष्ट्रीय एकता के लिए ३१ अक्टूबर को “रन फॉर यूनिटी”

[मुंबई]इंडियन बिस्मार्क सरदार पटेल की जयंती पर राष्ट्रीय एकता के लिए ३१ अक्टूबर को “रन फॉर यूनिटी”
इंडियन बिस्मार्क +लौहपुरुष+सरदार वल्ल्भ भाई पटेल की जयंती को ‘राष्‍ट्रीय एकता दिवस’ के रूप में मनाया जाएगा |३१ अक्टूबर को देश भर में रन फॉर यूनिटी का आयोजन भी किया जाएगा| महात्मा गांधी की स्मृति में अभी २ अक्टूबर को भारत को स्वच्छ बनाने के लिए झाड़ू चलाई गई थी अब तो ३१ अक्टूबर को राष्ट्रीय एकता के लिए लोग दौड़ेंगे |गौरतलब है कि जर्मनी के बिस्मार्क द्वारा राष्ट्रीय एकीकरण के लिए प्रयास किये गए थे उसी तर्ज पर सरदार पटेल ने भी आजादी के बाद रियासतों को तिरंगे झंडे के नीचे ला कर एक मजबूत भारत का गठन किया था|
भारत सरकार ने 31 अक्‍टूबर को सरदार वल्‍लभ भाई पटेल की जयंती को राष्‍ट्रीय एकता दिवस या राष्‍ट्रीय अखंडता दिवस के रूप में मनाने का फैसला किया है। आज मुम्‍बई में महाराष्‍ट्र के राज्‍यपाल द्वारा बुलाई गई एक आधिकारिक बैठक में भाग लेने के बाद केन्‍द्रीय सूचना और प्रसारण मंत्री श्री प्रकाश जावडेकर ने और कोयला मंत्री पियूष गोयल ने संवाददाताओं से बातचीत में कहा कि सरकार, सरदार पटेल द्वारा भारत के स्‍वतंत्रता आन्‍दोलन के दौरान और भारत की राष्‍ट्रीय अखंडता को सुनिश्चित करने के लिए दिये गए योगदान के बारे में जागरूकता लाना चाहती है।
उन्‍होंने बताया कि सरदार पटेल को भारत के लौह-पुरुष के रूप में भी जाना जाता है। उन्‍होंने भारत की स्‍वतंत्रता के तुरंत बाद विभिन्‍न रजवाड़ों को भारत में मिलाने और आधुनिक भारत के निर्माण के लिए महत्‍वपूर्ण प्रयास किये थे। इसलिए उनकी जयंती को राष्‍ट्रीय अखंडता के दिवस के रूप में मनाना उचित ही है। केन्‍द्रीय ऊर्जा मंत्री श्री पीयूष गोयल ने कहा कि सरदार पटेल के योगदान के बारे में काफी कम जागरुकता है जो कि दुर्भाग्‍यपूर्ण है। उन्‍होंने कहा कि उन्‍हें अभी हाल ही में पता चला है कि दसवीं कक्षा के इतिहास की पुस्‍तक में सरदार पटेल का जिक्र सिर्फ एक ही बार आया है।
सरदार वल्‍लभ भाई पटेल का जन्‍म 31 अक्‍टूबर, 1875 को गुजरात के करमसांड में हुआ था। पेशे से एक सफल बैरिस्‍टर वल्‍लभ भाई पटेल महात्‍मा गांधी के नेतृत्‍व में चल रहे भारतीय राष्‍ट्रीय आन्‍दोलन में शामिल हो गये और बाद में वे इस आन्‍दोलन के एक कद्दावर नेता के रूप में सामने आए। उन्‍होंने गुजरात के खेडा, बोरसाड़ और बाढ़दोली के किसान आन्‍दोलनों को आयोजित करने और ब्रिटिश शासन के विरुद्ध ‘भारत छोड़ो आन्‍दोलन’ को बढ़ावा देने में महत्‍वपूर्ण नेता की भूमिका निभाई। वर्ष 1947-49 के दौरान 500 से अधिक स्‍वतंत्र रजवाड़ों को भारत में शामिल कराने का श्रेय उन्‍हीं को जाता है।वे पहले देश में गृह मंत्री थे

भारत निर्माण अभियान की जानकारी १३ भाषाओं में देने के लिए वेब पोर्टल और आकाशवाणी निःशुल्‍क एसएमएस सेवा शुरू

भारत निर्माण अभियान की जानकारी १३ भाषाओं में देने के लिए वेब पोर्टल और आकाशवाणी निःशुल्‍क एसएमएस सेवा शुरू|सूचना एवं प्रसारण युवा मंत्री मनीष तिवारी ने आज भारत निर्माण अभियान की ऑनलाइन पोर्टल की शुरुआत की।

The Minister of State (Independent Charge) for Information & Broadcasting, Shri Manish Tewari

The Minister of State (Independent Charge) for Information & Broadcasting, Shri Manish Tewari


इस ऑनलाइन पोर्टल द्वारा भारत निर्माण अभियान की विभिन्‍न परियोजनाओं और कार्यक्रमों की जानकारी डिजिटल प्‍लेटफॉर्म पर उपलब्‍ध होगी। यह डिजिटल प्‍लेटफॉर्म अंग्रेजी, हिन्‍दी और 11 क्षेत्रीय भाषाओं में प्रदान की जाएगी। इस सुविधा के शुरू हो जाने से उपयोगकर्ता को सभी जानकारियां एक ही स्‍थान पर उपलब्‍ध होंगी। इसके जरिये फेसबुक, ट्विटर और यू-ट्यूब को भी जोड़ गया है।
इसके अलावा मोबाइल फोनों और टैब्‍लेट के लिये भी पोर्टल से संबंधित एप्‍लीकेशन्‍स दिये गए हैं।
समग्र मल्‍टी मीडिया अभियान 2013 के दूसरे चरण की शुरुआत सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय ने 14 अगस्‍त, 2013 को की थी। इस मल्‍टी मीडिया अभियान को आठ जन सूचना अभियानों के जरिये मजबूत मीडिया तंत्र का समर्थन प्राप्‍त है। ग्रामीण इलाकों में यह काम पत्र सूचना कार्यालय कर रहा है, जिसे डीएवीपी, डीएफपी और गीत एवं नाटक डीविजन का समर्थन प्राप्‍त है। अब तक चार जन सूचना अभियानों को ‘जमुनिया’ ध्‍वनि एवं प्रकाश शो का समर्थन प्राप्‍त है।
श्री तिवारी ने आज ही आकाशवाणी का ‘आकाशवाणी समाचार निःशुल्‍क एसएमएस सेवा’ की भी शुरुआत की। उपभोक्‍ताओं को मोबाइल टेलीफोन पर आकाशवाणी समाचार निशुल्‍क एसएमएस द्वारा प्रदान की जाएगी।मंत्रालय ने दावा किया है कि अब तक दो लाख लोग इस सेवा से जुड़ चुके हैं।
फोटो कैप्शन
[१]The Minister of State (Independent Charge) for Information & Broadcasting, Shri Manish Tewari addressing at the launch of the Bharat Nirman Online Portal and AIR Free News SMS Service, in New Delhi on September 09, 2013.
The Secretary, Ministry of Information and Broadcasting, Shri Bimal Julka and other dignitaries are also seen.

सुश्री भारती एस. सिहग को सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय में अपर सचिव एवं वित्‍तीय सलाहकार नियुक्त किया गया

मंत्रिपरिषद की नियुक्ति समिति ने निम्‍नलिखित को मंजूरी दी है :
[१]. 08 अगस्‍त, 2013 के आगे एक वर्ष के लिए डॉ. प्रजापति त्रिवेदी को सचिव (निष्‍पादन प्रबंधन) और कैबिनेट सचिवालय में राष्‍ट्रीय रासायनिक शस्‍त्र संधि प्राधिकरण के अध्‍यक्ष के रूप में सेवा विस्‍तार दिया गया है।
[२]. सुश्री एनी मोरैक्‍स, आईपी एंड टीए एंड एफएस (79) की सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय में अपर सचिव एवं वित्‍तीय सलाहकार के पद पर नियुक्ति आदेश को रद्द किया गया है।
[३]. सुश्री भारती एस. सिहग, आईएएस (हि.प्र. : 83), जो इस समय अपने संवर्ग में तैनात हैं, को सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय में अपर सचिव एवं वित्‍तीय सलाहकार के रूप में नियुक्‍त किया गया है।

सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय ने प्रत्‍यक्ष विदेशी निवेश सीमा संशोधन प्रस्‍ताव पर भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण और भारतीय प्रेस परिषद के विचार मांगे

सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय ने प्रत्‍यक्ष विदेशी निवेश सीमा संशोधन प्रस्‍ताव पर भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण और भारतीय प्रेस परिषद के विचार मांगे
प्रिंट और प्रसारण क्षेत्र में प्रत्‍यक्ष विदेशी निवेश की अधिकतम सीमा संबंधी वित्‍त मंत्रालय के परामर्श पत्र पर सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय ने प्रसारण क्षेत्र के मुद्दों पर भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई) की सिफारिशें और प्रिंट मीडिया संबंधी मामलों पर भारतीय प्रेस परिषद (पीसीआई) की टिप्‍पणियां मांगी हैं। चूंकि ट्राई और पीसीआई के साथ परामर्श प्रक्रिया में समय लगेगा, इसलिए मंत्रालय ने औद्योगिक नीति एवं संवर्धन विभाग को सूचित किया है कि प्रिंट और प्रसारण क्षेत्रों में प्रत्‍यक्ष विदेशी निवेश की मौजूदा सीमा जारी रहेगी तथा यथास्थिति बनी रहेगी।
इसके पूर्व प्रत्‍यक्ष विदेशी निवेश सीमा पर परामर्श पत्र के मसौदे की प्राप्ति के बाद मंत्रालय ने संबंधित मुद्दों पर प्रिंट और प्रसारण क्षेत्रों के हितधारकों के विचार लिए थे। बातचीत के दौरान विभिन्‍न विचार सामने आए थे, जिनके कारण बात तय नहीं हो पाई थी। उल्‍लेखनीय है कि इंडियन न्‍यूजपेपर सोसायटी (आईएनएस) ने अपने विचार देने के लिए और समय मांगा था। इसके अलावा न्‍यूज ब्रॉडकास्‍टर्स एसोसिएशन (एनबीए) ने भी अभी तक अपनी टिप्‍पणियां नहीं दी हैं। इस स्थिति को देखते हुए मंत्रालय ने यह मामला ट्राई और पीसीआई को सौंप दिया है।

शॉक थेरेपी देने के लिए यूं पी ऐ का नया मंत्री मंडल तैयार

डाक्टर मन मोहन सिंह ने अपने मंत्री मंडल के चेहरे को बदलने के लिए इस सरकार में आख़री कवायद कर दी है २८ अक्टूबर को ४४ पोर्ट फोलिओज को इधर से उधर किया गया है|बेशक इसमें नए मंत्री शामिल किये गए हैं|एक आध दागी या लेस परफोरमर को हटाया गया है|समस्या पैदा करने वालों को बदला गया है|लेकिन इसके बावजूद भी जनता की अपेक्षा पर यह खरा नहीं उतरा है| सलमान खुर्शीद का प्रोमोशन + श्री प्रकाश जायसवाल,बेनी प्रसाद को अभय दान+ जय पाल रेड्डी को दंड देने से इस नए चेहरे में मुस्कान नहीं आ पाई है| विपक्ष के स्वाभाविक विरोध के अलावा मीडिया ने भी खूब चटखारे लेकर उछाला है|शायद इसीलिए इस नए चेहरे में मुस्कान लाने के लिए अपनी जांची परखी शाक थेरेपी को इस्तेमाल करने के संकेत आने लग गए हैं| तीन नए मंत्री पवन बंसल+वीरप्पा मोइली और मनीष तिवारी ने इसके संकेत भी देने शुरू कर दिए है|

यूं पी ऐ का नया मंत्री मंडल शॉक थेरेपी देने के लिए तैयार

रेल मंत्रालय का कार्यभार पवन बंसल को सौंपा गया है| इससे पहले बंसल संसदीय कर मंत्री थे |बेशक बंसल संसदीय रेल नहीं चलवा पाए मगर अब उन्होंने इस रेल मंत्रालय को सुचारू रूप से चलाने की लुभावन घोषणा कर दी है|अपने पहले वक्तव्य में ही उन्होंने अपनी मंशा जाहिर करते हुए कहा है कि यात्रिओं को सुविधाएँ देने के लिए किराया बढाना होगा|जिस मंत्रालय में किराया बढाने को लेकर दो मंत्री बलिदान हुए टी एम् सी जैसी सहयोगी अलग हुई उस मंत्रालय में किराया बढ़ोत्तरी पहला शाक होगा| मोयली को पेट्रोलियम मंत्री बनाया गया है इनकी न्युक्ति पर ही बवाल मचा हुआ है ऐसे में उन्होंने पेट्रो पदार्थों पर से सब्सिडी का बोझ कम करने को बेहद जरुरी बता कर दूसरा शाक दे दिया है|युवा+तेजतरार लुधियानवी सांसद मनीष तिवारी को ढीली अम्बिका सोनी के स्थान पर सूचना एवं प्रसारण मंत्री बनाया गया है|वैसे तो इन्होने मीडिया पर किसी प्रकार की बंदिश से परहेज़ की बात कहे है मगर इसके साथ ही मीडिया में पेड न्यूज की खिलाफत भी शुरू कर दी है| जाहिर है मीडिया को सरकार के पक्ष में मैनेज करना इनकी प्राथमिकता होगी |यह भी एक शाक ही है|
बताते चलें कि शाक थेरेपी उसे कहा जाता है जहाँ आर्थिक सुधारों के लिए एक के बाद एक आर्थिक शाक /झटके दिए जाते हैं |अर्थ शास्त्र में मिल्टन फ्रेड्में और जेफरे के नाम से दो थेरेपी दर्ज़ हैं| इनकी मान्यता के अनुसार मोटे तौर पर आर्थिक स्थिति को सुद्र्ड करने के लिए सब्सिडी आदि की बैसाखियों हटाना जरुरी है| आर्थिक उदारीकरण जरुरी है|सरकार पर निर्भरता को दूर किय जाना जरुरी है| इसमें एक के बाद एक शाक उस समय तक दिए जाते हैं जब तक कि अपेक्षित लाभ नहीं मिल जाए| छठे दशक के बाद इसका प्रयोग हुआ मगर यह छोटे देशो तक ही सिमित रहा |इसका एक्सपेरिमेंट भारत में भी किया गया और पेट्रोल और रसोई गैस पर से सब्सिडी हटाई गई गई मगर तब इसका चहु और घनघोर विरोध हुआ |बेशक थोड़े समय के लिए दूसरे भ्रष्टाचार सरीखे मुद्दों से ध्यान हटा गया मगर देश इतना विशाल है कि यहाँ यह चिकित्सा ज्यादा देर नहीं चल पाई और सरकार की साख सुधरने के बजाये और दावं पर लग गई है| अपने घटक दल तक विरोधी हो गए|अब फिर वोही भ्रष्टाचार का मुद्दा हावी होता जा रहा है| इसीलिए यह विदेशी आयातित थेरेपी भारत जैसे विशाल देश के लिए उपयोगी हो पायेगी इसमें स्वाभाविक संदेह है|