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Tag: सोनिया गांधी

कांग्रेस के १२७वे स्थापना दिवस पर बलात्कारियों को जल्द से जल्द सजा दिलाने और पीडिता को इलाज़ के लिए प्रतिबद्दता दर्शाई

कांग्रेस के १२७वे स्थापना दिवस

कांग्रेस प्रमुख सोनिया गांधी ने जोर देकर कहा कि बर्बर सामूहिक बलात्कार मामले के अपराधियों को न्याय के कटघरे में लाने में समय व्यर्थ नहीं किया जाए, जबकि प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने कहा कि दोषियों को बख्शा नहीं जाएगा।
कांग्रेस मुख्यालय में आज पार्टी के 127वें स्थापना दिवस के अवसर पर पार्टी का झंडा फहराया |इस अवसर पर मीडिया से बात करते हुए पार्टी अध्यक्षा श्री मति सोनिया गाँधी और पी एम् डाक्टर मनमोहन सिंह ने कहा कि वे भी 16 दिसंबर की बर्बर घटना को लेकर देश में पैदा गुस्से और रोष में उनके साथ हैं।
इस मौके पर अक्सर नव वर्ष की शुभकामनाएं देने वाली श्रीमति सोनिया ने इस बार ऐसा नहीं किया और कहा कि हमारा ध्यान उस युवा महिला पर है, जो बर्बर हमले के बाद अपनी जिंदगी के लिए संघर्ष कर रही है।
सोनिया ने 24, अकबर रोड पर पार्टी के झंडे को फहराने के बाद भावुक आवाज में कहा कि आज हमारी एकमात्र इच्छा यह है कि वह (पीड़ित) उबरे और हमारे पास वापस आए और इस तरह के बर्बर कृत्य को करने वाले अपराधियों को न्याय के कठघरे में लाने के लिए समय व्यर्थ नहीं किया जाए।
सोनिया के साथ खड़े प्रधानमंत्री ने आश्वासन दिया कि हमारी सरकार दोषियों को जल्द से जल्द सजा दिलाने के लिए प्रतिबद्ध है। बलात्कार के आरोपियों की शीघ्र सुनवाई को लेकर सरकार की पहल के बारे में प्रधानमंत्री ने कहा कि सरकार ने भारत ने पूर्व प्रधान न्यायाधीश न्यायमूर्ति जेएस वर्मा के नेतृत्व में एक समिति बनाई है, जो महिलाओं के खिलाफ अपराध से संबंधित कानूनों को आधुनिक बनाने के लिए तरीके सुझाएगी।
मनमोहन सिंह ने कहा कि कांग्रेस अध्यक्ष का कहना है कि हम जघन्य अपराध पर देश के गुस्से और रोष में उनके साथ हैं। हमारी प्रार्थनाएं बहादुर युवती के साथ हैं और उसका सर्वश्रेष्ठ संभव इलाज किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि दिल्ली उच्च न्यायालय की पूर्व न्यायाधीश उषा मेहरा को यह पता करने के लिए नियुक्त किया गया है कि क्या घटना के बाद की घटनाक्रम में किसी की खामी या लापरवाही रही।

कोहरा आच्छादित सूर्य और दुविधा की धुंध में छुपी सियासत दोनों कष्ट कारी हैं

सूर्य देव कल से ही कोहरे में घिरे हैं और उसी प्रकार केंद्र सरकार भी दुविधा की धुंध में हताश है|पहाड़ों की बर्फानी हवाओं पर तैरती आ रही कड़ाके की ठण्ड से जूझने के लिए सूर्य देव की बेहद जरुरत है इसी प्रकार सियासी नक्षत्र में भी धुंध को छांट कर विकास और शान्ति की स्थापना की गरमी की जरुरत है| कल विपक्ष की सुषमा स्वराज और बसपा की मायावती ने कुछ संसदीय सुझाव दीये थे और श्रीमती सोनिया गांधी ने भी आन्दोलन कारियों से मुलाक़ात करके उनके जख्मो पर सहानुभूति और आश्वासन का मलहम लगाया था लेकिन पोलिस की दमनात्मक कार्यवाही और शासन और प्रशासन की अकर्मण्यता से सब गुड गोबर हो गया|आज प्रधान मंत्री डाक्टर मन मोहन सिंह ने आन्दोलन कारियों के प्रति सहानुभूति दर्शाई और इंडिया गेट पर हिंसा की जांच करवाने का आश्वासन दिया । दुर्भाग्य से आज रूस के राष्ट्रपति ब्लादिमीर पुतिन के आगमन के कारण व्यवस्था बनाने के लिए इंडिया गेट पर की तरफ आने वाली ९ मेट्रो स्टेशनों को बंद कर दिया गया है|मीडिया को हटा दिया गया है वहां कर्फ्यू जैसे हालात पैदा कर दिए गए हैं|यहाँ तक की अपने देश के युवाओं से डर रूस और भारतीय न्रेतत्व की मीटिंग हैदराबाद हाउस के बजाय ७ रेस कोर्स कर के एक अजीब अनावश्यक विवाद को जन्म दे दिया गया|

कोहरा आच्छादित सूर्य और दुविधा की धुंध में छुपी सियासत दोनों कष्ट कारी हैं


अर्थार्त एक कदम स्थिति को सुधारने के लिए उठाया जाता है तो दो कदम उस पहल को नष्ट करने के लिए उठ जाते हैं|
इससे आर्थिक हानि के साथ ही विश्व में बदनामी भी हो रही है| अभी भी समय है देश के शीर्ष न्रेत्त्व +विपक्ष दोनों को स्थिति सुधारने के लिए संयुक्त रूप से आन्दोलन कारियों का विश्वास जीतना होगा और इसके लिए प्रदर्शन स्थल पर जा कर अपनी बात कही जा सकती है ठीक हूँ या क्या में ठीक हूँ

पूर्व प्रधान मंत्री पुरुषार्थी आई के गुजराल पञ्च तत्व में विलीन:सात दिन का राजकीय शोक

पूर्व प्रधानमंत्री पुरुषार्थी इंद्र कुमार गुजराल का पार्थिव शरीर आज शनिवार को पूर्ण राजकीय सम्मान के साथ पंचतत्व में विलीन हो गया।दिल्ली में राजघाट के निकट स्थल पर दोपहर तीन बजे उनके ज्येष्ठ पुत्र एवं शिरोमणि अकाली दल के सांसद नरेश गुजराल ने अपने पिता की चिता को मुखाग्नि दी।श्री गुजराल के सम्मान में सात दिन का राजकीय शोक घोषित किया गया है|

पूर्व प्रधान मंत्री पुरुषार्थी आई के गुजराल पञ्च तत्व में विलीन:सात दिन का राजकीय शोक


श्री गुजराल का कल गुडगांव के मेदांता अस्पताल में निधन हो गया था। वह 92 वर्ष के थे। इस मौके पर सेना के तीनों अंगों ने उन्हें सशस्त्र सलामी दी और उनके सम्मान में शीश झुकाये अंत्येष्टि के अवसर पर राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी+ उपराष्ट्रपति हामिद अंसारी+ यूं पी ऐ अध्यक्षा श्रीमती सोनिया गांधी के अलावा + भाजपा संसदीय दल के अध्यक्ष लाल कृष्ण आडवाणी और राज्यसभा में विपक्ष के नेता अरुण जेटली सहित विभिन्न दलों के नेता अपनी पार्टी लाइन से ऊपर उठ कर वहां उपस्थित थे।
इससे पूर्व तिरंगे में लिपटे गुजराल के पार्थिव शरीर को पांच जनपथ स्थित उनके आवास से स्मृति स्थल लाया गया। उनका पार्थिव शरीर फूलों से सजे एक वाहन से स्मृति स्थल ले जाया गया। साथ में सैन्यकर्मी और करीबी रिश्तेदार भी थे। सशस्त्र सेना के तीनों अंगों के अधिकारी गुजराल के पार्थिव शरीर को दाह संस्कार स्थल तक लेकर गये।
आज सुबह से ही उन्‍हें श्रद्धां‍‍जलि देने के लिए बड़े राजनीतिज्ञ आते रहे। उनके निधन पर भारत के प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह, सोनिया गांधी, मीरा कुमार, लालकृष्‍ण आडवाणी ने शोक व्‍यक्‍त किया। राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी ने कहा कि गुजराल के निधन से मैनें एक करीबी दोस्‍त खो दिया। प्रधानमंत्री ने अपने संदेश में कहा, गुजराल के निधन से हमारे देश ने एक स्वतंत्रता सेनानी, एक महान देशभक्त और एक विद्वान राजनीतिज्ञ खो दिया पूर्व प्रधानमंत्री आईके गुजराल को दिल्ली में अंतिम विदाई दे दी गई. उनका पार्थिव शरीर पंचततंत्व में विलीन हो गया. स्मृति स्थल पर पूर्व प्रधानमंत्री आईके गुजराल का अंतिम संस्कार हुआ. इससे पहले उनके आवास पर उनके पार्थिव शरीर को रखा गया था. गुजराल साहब के अंतिम दर्शन के लिए लोगों का तांता लगा रहा|

महारैली में कांग्रेस ने विपक्ष पर पलट वार और अपनी नीतियों का बखान किया

श्रीमति सोनिया गांधी के आदेशों का पालन करते हुए कांग्रेस ने आज विरोधियों के विरुद्ध आक्रामक रुख अपनाया और जोरदार पलटवार किया| भ्रष्टाचार, महंगाई और नीतिगत निष्क्रियता के आरोपों पर दिल्ली के रामलीला मैदान से रविवार को कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी, प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह और पार्टी महासचिव राहुल गांधी ने एक सुर में आक्रामक बचाव किया| विपक्ष पर जनता को गुमराह करने का आरोप लगाया। सोनिया ने विरोधियों को कांग्रेस जैसा विकास करके दिखाने की चुनौती दी। प्रधानमंत्री ने महंगाई और रिटेल में एफडीआइ समेत हाल में सरकार द्वारा लिए गए निर्णयों पर सफाई दी। जबकि, राहुल ने खाद्य सुरक्षा विधेयक लाने समेत बड़े राजनीतिक बदलावों की भूमिका रखी।इस रैली में जनार्दन द्विवेदी के संचालन में डाक्टर मन मोहन सिंह और श्रीमती सोनिया गाँधी के अलावा केवल राहुल गाँधी ने ही भाषण दिया |इससे कांग्रेस ने निकट भविष्य में राहुल की ताजपोशी का संकेत दे दियालेकिन भ्रष्टाचार के आरोपों पर कोई प्रभावी छाप नहीं छोडी|

महारैली में कांग्रेस ने विपक्ष पर पलट वार और अपनी नीतियों का बखान किया


कांग्रेस के सभी राष्ट्रीय पदाधिकारियों, देश भर के सांसदों, विधायकों और प्रदेश अध्यक्षों की मौजूदगी में हुई इस महारैली के जरिये कार्यकर्ताओं में जोश भरने की कोशिश की गई। आरोपों की बौछार के जवाब के लिए सोनिया-मनमोहन-राहुल ने अपने भाषणों के जरिये तर्को की ढाल और अस्त्र भी दिए। यूं तो मंच पर अन्य पदाधिकारी और कांग्रेस शासित राज्यों के मुख्यमंत्री भी मौजूद थे, लेकिन बोले सिर्फ यही तीन। रैली का संचालन कांग्रेस महासचिव व जनार्दन द्विवेदी ने किया।सबसे आक्रामक और जोशीला भाषण श्रीमति सोनिया का रहा। उन्होंने विपक्ष पर नकारात्मक राजनीति का आरोप लगाते हुए परोक्ष रूप से भाजपा अध्यक्ष नितिन गडकरी पर तीखा तंज मारा और सिविल सोसाइटी के भ्रष्टाचार विरोधी आंदोलन व विपक्ष के कथित गठजोड़ की तरफ इशारा भी किया। उन्होंने कहा, ‘जो लोग भ्रष्टाचार की बात कर रहे हैं वे खुद भ्रष्टाचार में डूबे हैं। जो दूसरों के लिए गढ्डा खोदता है, उसके लिए कुआं तैयार रहता है।’ कांग्रेस अध्यक्ष ने विपक्ष पर निर्वाचित सरकार और लोकतंत्र की बुनियाद कमजोर करने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि सरकार किसी भ्रष्टाचारी को नहीं छोड़ेगी|
प्रधानमंत्री ने खुदरा क्षेत्र [रिटेल] में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश [एफडीआइ] समेत पेट्रोलियम पदार्थो के दाम बढ़ाने जैसे मुद्दों पर सरकार का बचाव किया| विपक्ष पर गुमराह करने का आरोप लगाते हुए उन्होंने कहा कि अगर ये कड़े फैसले न लिए जाते तो देश आर्थिक रूप से पिछड़ जाता और बेरोजगारी बढ़ती जाती। उन्होंने भरोसा दिलाया कि जो भी फैसले किए गए हैं, उनके दूरगामी अच्छे परिणाम होंगे।
रैली को सबसे पहले राहुल ने संबोधित किया और भविष्य की अपनी योजनाओं की तरफ इशारा किया। विपक्ष पर बरसते हुए उन्होंने कहा, हरित क्रांति, कंप्यूटर, उदारवाद जैसे फैसले कांग्रेस ने किए। विपक्ष की आलोचना से कुछ नहीं होता अब कांग्रेस ही राजनीतिक व्यवस्था भी बदलेगी। उन्होंने खाद्य सुरक्षा विधेयक के तैयार होने का दावा किया और कहा, हम गरीबों के हित में देश के विकास के लिए हर काम करेंगे और युवाओं को राजनीति की मुख्य धारा में लाएंगे।
”जिसके खिलाफ भ्रष्टाचार साबित होगा, उसे कानूनी तौर पर बख्शा नहीं जाएगा। हम ही आरटीआइ लाए, जिसके जरिये एक आम आदमी किसी भी सरकार से सच्चाई का पता लगा सकता है। आप खुद से पूछिए कि क्या ऐसा कानून कोई ला सकता है जो भ्रष्टाचार छिपाना चाहता है। हम लोकपाल विधेयक लाए, जिसे भाजपा ने राज्य सभा में पास नहीं होने दिया। फिर भी इसे पास कराने के लिए हमारा संघर्ष जारी रहेगा। हमारी निंदा करने वाले बताएं कि क्या उन्होंने कोई ऐसी सरकार चलाई है जिसने ग्रामीण व शहरी क्षेत्रों में आर्थिक व सामाजिक परिवर्तन के लिए इतने कम समय में इतने क्रांतिकारी कदम उठाए हों।” उन्होंने मनरेगा की उपलब्धियों का वर्णन भी किया|
‘भ्रष्टाचार को जड़ से उखाड़ फेंकें। ईमानदार अधिकारी फैसलों से न डरें, ऐसा माहौल बनाना चाहिए। रिटेल में एफडीआइ का विरोध करने वाले इसे या तो समझ नहीं रहे या फिर देश को गुमराह कर रहे हैं। विदेशी निवेश से लाखों रोजगार मिलेंगे।

समाज नारी की पूजा और प्रतिनिधि नारी का अपमान कर रहे हैं

एक तरफ समाज का बड़ा हिस्सा नवरात्र में दुर्गा +दशहरा में और दिवाली में अधिकार+ लक्ष्मी देवी के रूप में नारी शक्ति की पूजा कर रहा है|कन्यायों में देवी का स्वरुप देख कर उन्हें जिमाया[पूजा] जा रहा है तो दूसरी तरफ इसी समाज का प्रतिनिधित्व करने वाले समाज के प्रतिनिधि नारियों पर हो रहे अपराधों के विरुद्ध आवाज उठाने के बजाये नारी को ही सभी अपराधों की जड़ बता रहे हैं और तमाम तरह की बंदिशें लगाने की वकालत करते फिर रहे है|

समाज नारी की पूजा और प्रतिनिधि नारी का अपमान कर रहे हैं


मुजफ्फर नगर में एक पंचायत सभा में जिस बसपा की मुखिया एक महिला हैं,उसी बसपा के सांसद राज पाल सैनी ने लापता चल रही एक कन्या की तलाश करवाने के बजाय लेक्चर झाड़ते हुए सारा दोष कन्या के सर पर मड़ते हुए कह दिया कीलडकियां मोबाईल से बिगड़ जाती हैं इसीलिए लड़कियों को मोबाईल नहीं देना चाहिए और जिन्हें दिया हुआ है उनसे वापिस ले लेना चाहिए||
इस ब्यान की सपा ने कड़ी आलोचना की है|इसके अलावा महिला संघठन भी आगे आ रहे हैं|
इससे पूर्व अभी हाल ही में कांग्रेस के सांसद ने हरियाणा में फरमाया था की ९०% बलात्कार आपसे रजामंदी से होते हैं|उनके कहने का अभिप्राय है की बलात्कार कोई अपराध नहीं है इसीलिए उनकी सरकार को बदनाम किया जाना अनुचित है|उनकी अध्यक्षा एक महिला होने के बावजूद यह दलील देती हैं की ये बलात्कार तो देश भर की समस्या है|
योग गुरु बाबा राम देव ने तो सारी मर्यादाएं तक पर रख कर इस अध्यक्षा की बेटी के विषय में सार्वजानिक रूप से अप्रिय टिपण्णी कर दी
खाप पंचायतों ने तो सीधे सीधे प्रेम विवाह को नाजायज़ बताते हुए नारी को घर में रहने और बिना की साथी के बाहर जाने पर भी रोक लगा दी है|
यह वास्तविकता है की देश में अपराध बढ रहे हैं और नारियां ही शिकार हो रही हैं|चैन स्नैचिंग से लेकर किडनैपिंग और बलात्कार की घटनाएँ बढ रहे हैं यह समाज और सरकारों पर कलंक है |हो सकता ही की इसी अव्यवस्था से पीड़ित समाज नारी को ही परदे में रखने के वकालत करने लगा है लेकिन आज के दौर में जब नारी अन्तरिक्ष में जा रही है| हमारा समाज नव रात्रा और दशहरा मन कर नारी की पूजा कर रहा है ऐसे में उसके पर कतरना जागरूक समाज में स्वीकार्य नहीं होगा|यह महिलाओं को उनके मूल अधिकारों से वंचित करना होगा|