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स्वराज अभियान ने आज “हल्ला-बोल” कर बंद करवाया ठेका एक शराब का

[नई दिल्ली]स्वराज अभियान के कार्यकर्ताओं ने आज “हल्ला-बोल” कर एक शराब का ठेका बंद करवाया
करावल नगर में खजुरी ख़ास स्थित शराब के ठेके पर स्वराज सैनिकों ने बोला “हल्ला-बोल” और ठेका बंद करवाया
गौरतलब है कि स्वराज अभियान द्वारा दिल्ली में जारी “शराब नहीं, स्वराज चाहिए” मुहिम के पहले चरण में यहाँ जन सुनवाई करके शराब के ठेके को बंद करवाने के लिए दिल्ली सरकार को 11 सितम्बर का अल्टीमेटम दिया गया था। जिसके बाद स्थानीय विधायक कपिल मिश्रा ने मोहल्ला सभा का नाटक किया, सभा से खुद गायब रहे और घोषणा किया कि ठेका बंद हो जायेगा। नाटकों और लोगों की अपील के बाद भी ठेका चलता रहा। स्वराज अभियान के अनुसार अल्टीमेटम खत्म होने के बाद “शराब नहीं, स्वराज चाहिए” मुहिम के दूसरे चरण – “हल्ला बोल” – में ऐसे ठेकों को बंद करवाने की जिम्मेवारी जनता ने खुद अपने हाथ में ले ली है। क्यूँकि 371 दिनों में 399 लाइसेंस बांटने वाली सरकार ने जनता के इस गंभीर समस्या पर अपना पल्ला झाड़ लिया है।
तिमारपुर विधायक पंकज पुष्कर के नेतृत्व में आज स्थानीय लोगों ने करावल नगर की भजनपुरा वाले ठेके पर हल्ला बोला और उसे बंद करवाया। रविवार 11 सितम्बर को ही प्रशांत भूषण ने यह घोषणा की थी कि ‘हल्ला बोल’ मुहिम अब पूरी दिल्ली में चलाई जायेगी। इसके तहत स्वराज सैनिक हर दिन ऐसे किसी ठेके को बंद करवाएंगे जो स्थानीय लोगों की मर्ज़ी के खिलाफ खुले हैं और महिलाओं का जीना दूभर कर रखा है।

केजरीवाल ने उम्मीदवार चयन प्रक्रिया की दरकिनार,इसीलिए मंत्री सेक्सस्केंडल में फंसे:स्वराज अभियान

[नई दिल्ली]केजरीवाल ने उम्मीदवार चयन प्रक्रिया की दरकिनार ,इसीलिए महिला कल्याण मंत्री भी सेक्स स्केंडल में फंसे:स्वराज अभियानस्वराज अभियान ने दिल्ली सरकार के मंत्री की सेक्स सीडी पर चुटकी लेते हुए कहा के दिल्ली सरकार के एक मंत्री का सेक्स स्कैंडल में फँसना दुखद है,लेकिन आश्चर्यजनक नहीं है ।
गौरतलब हे के आम आदमी पार्टी ने दिल्ली चुनाव 2015 में ‘उम्मीदवार चयन प्रक्रिया’ को किया दरकिनार था जिसके लिए प्रशांत भूषण और योगेंद्र यादव सरीखे वरिष्ठ नेताओं को पार्टी से बाहर किया गया |
स्वराज अभियान के अनुसार ,दिल्ली सरकार के एक मंत्री सेक्स स्कैंडल में फँसे हैं। यह बहुत ही दुखद है, लेकिन आम आदमी पार्टी की दशा और दिशा देखते हुए हैरान नहीं करता।
हैरानी की बात इसलिए नहीं है क्योंकि दिल्ली विधानसभा चुनाव 2015 में आम आदमी पार्टी ने अपने ‘उम्मीदवार चयन प्रक्रिया’ को ताक पर रख दिया था। इस बात को लेकर तब पार्टी में रहे प्रशांत भूषण और योगेन्द्र यादव ने कई गंभीर सवाल उठाए थे।
is सेक्स सी डी के आने पर स्वराज अभियान ने तीन निम्न सवाल उठाये हैं :
[१]क्या आम आदमी पार्टी तब कार्यवाई करती है जब कुछ गलत हो जाता है और पार्टी की जानकारी में आता या तब जब उसे छुपाना या बचाना मुश्किल हो जाता है?
[२]अब तक 6 में से 3 मंत्री बर्खास्त हो चुके हैं। एक धोखाधड़ी के केस में, दूसरे रिश्वत के मामले में और तीसरे चारित्रिक दोष के मामले में। लेकिन ये तीनों आज भी आम आदमी पार्टी के सम्मानित सदस्य हैं। केजरीवाल जी को जवाब देना चाहिए कि क्या वो इनकी करतूतों को आपत्तिजनक नहीं मानते कि इन्हें पार्टी में बरकरार रखा है? क्या है जो आम आदमी पार्टी को इन्हें हटाने से रोक रहा है? इतना पाखंड क्यों?
[३]क्या पंजाब में आ रहे ऐसे ही मामलों में आम आदमी पार्टी अग्रसक्रीय होकर कार्यवाई करेगी या टीवी स्टूडियो में मामला उठने का इंतजार करेगी?
आम आदमी पार्टी को पाखंड छोड़ कर इन सवालों पर स्पष्ट रूख सामने रखना चाहिए। सबसे दुर्भाग्यपूर्ण है कि ऐसी घटनाओं की वजह से राजनीति और नेताओं के प्रति आम आदमी की निराशा और बढ़ जाती है, जो कि लोकतंत्र के लिए शुभ संकेत नहीं है।

स्वराज अभियान ने दिल्ली में शराब की दुकानों पर “आप” के जवाब को झूट का पुलंदा बताया

, [नई दिल्ली]स्वराज अभियान ने शराब की दुकानों पर दिल्ली सरकार के जवाब को झूट का पुलंदा बताया|उपमुख्यमंत्री के विरुद्ध विवेशाधिकार का नोटिस
पंकज पुष्कर ने उप मुख्यमंत्री के खिलाफ दिया विशेषाधिकार हनन का नोटिस।
स्वराज अभियान द्वारा जारी प्रेस विज्ञप्ति के अनुसार निम्नलिखित दो तारांकित प्रश्नों के जवाब में दिल्ली सरकार ने झूठ बोला है।
प्रश्न [१]: क्या ऐसे नए वैन्ड्स खोलने या लाइसेंस जारी करने से पहले क्षेत्र की आम जनता की राय ली गई थी? यदि हाँ, तो ऐसी आपत्तियों पर क्या कार्रवाई की गई?
जवाब : वर्तमान में नियमानुसार आम जनता की राय आवश्यक नहीं है।
स्वराज अभियान के अनुसार दिल्ली एक्साइज रूल्स 2010 का सेक्शन २४ के अनुसार दिल्ली सरकार का यह उत्तर झूट का पुलन्दा है
स्वराज अभियान ने आरोप लगाया के दिल्ली सरकार ने स्थानीय लोगों की सहमति के बिना कई शराब के ठेके खोले हैं।
अपनी गलतियों को छुपाने के लिए सरकार विधानसभा में झूठ का सहारा ले रही है। बड़ी चौंकाने वाली और दुर्भाग्यपूर्ण बात है कि सरकार के वरिष्ठ मंत्री सफ़ेद झूठ बोल रहे हैं जबकि तथ्य यह है कि सरकार की एक्साइज रूल्स में यह साफ़ साफ़ लिखा हुआ है कि स्थानीय लोगों से परामर्श आवश्यक है और इसकी प्रक्रिया भी बतायी गयी है।
प्रश्न[२] : क्या शराब की नई वैन्ड्स या दुकान खोलने से पहले क्षेत्रीय विधायक की स्वीकृति ली जाती है?
जवाब : वर्तमान में नियमानुसार विधायक की स्वीकृति आवश्यक नहीं है।
स्वराज अभियान ने इस उत्तर को झुठलाते हुए तथ्य यह है कि दिल्ली सरकार की एक्साइज पालिसी के अनुसार, लाइसेंस देने के लिए ठेके की जगह को लेकर स्थानीय विधायक का सकारात्मक मत जरूरी है। ठेके खोलने के आवेदन पत्र में भी स्थानीय विधायक द्वारा एनओसी जरूरी है।
ऐसे गंभीर मुद्दे पर तिमारपुर के विधायक पंकज पुष्कर ने उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया के खिलाफ़ विशेषाधिकार हनन का नोटिस दिया है।

गैर कानूनी डिग्री के आरोपी कानून मंत्री के बचाव में सडकों पर उतरी “आप” डैमेज कंट्रोल में लगी

[नई दिल्ली]फर्जी डिग्री के आरोपी मंत्री के बचाव में सडकों पर उतरी “आप” पार्टी अब अदालत से बचने के लिए डैमेज कंट्रोल में लग गई है|
फर्जी डिग्री विवाद के कारण आम आदमी पार्टी[आप]की छवि को गहरा धक्का लगने के बीच पार्टी अब दागी जितेन्द्र सिंह तोमर को पार्टी से बख्रास्त करने पर विचार कर रही है क्योंकि कहा जा रहा है कि दिल्ली के पूर्व कानून मंत्री से जुड़े इस प्रकरण को लेकर मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल खासे परेशान हैं।
अब कहा जा रहा है कि इस मुद्दे पर शीर्ष न्रेतत्व को अंधेरे में रखा गया।एक दिन पूर्व तक आशुतोष और कुमार विश्वास तोमर की गिरफ्तारी को लेकर पोलिस के विरुद्ध नारे लगाते फिर रहे थे लेकिन अदालत से पोलिस को रिमांड मिलने एके बाद से पार्टी के तेवरों में नरमी आई है |टीवी चैनलों पर भी आशीष खेतान सरीखे प्रवक्ता जोर शोर से अरविन्द केजरीवाल का बचाव करते हुए नजर आये|आशीष खेतान ने तो यहां तक कह दिया कि नेता की फर्जी डिग्री जांचने का उनके पास कोई विशेष उपकरण ही नहीं है |इसके अलावा सूत्रों के अनुसार अब तोमर के बचाव में अदालत जाने से भी बचा जा रहा है |नेताओं के अनुसार इस मुद्दे को “आप” के नए बने आंतरिक लोकपाल के समक्ष भेजा दिया गया है |
जहां “आप” पार्टी अपने विधायकों के खिलाफ आरोपों पर विवादों से जूझ रही है, वहीं पार्टी से टूटकर बने पृथक समूह “स्वराज अभियान” ने दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल से इस्तीफा की मांग करते हुए कहा है कि उन्होंने शासन करने का ‘‘नैतिक अधिकार’’ खो दिया है।
महाराष्ट्र में योगेंद्र यादव और प्रशांत भूषण नेतृत्व वाले स्वराज अभियान के संस्थापक सदस्य मारूति भापकर ने आरोप लगाया कि आप के विधायकों और दिल्ली के पूर्व कानून मंत्रियों – जितेंद्र सिंह तोमर और सोमनाथ भारती से जुड़े विवादों ने ‘‘केजरीवाल के नेतृत्व वाली आप के नैतिक दिवालियेपन’ को दिखाया है।
भापकर ने मीडिया से कहा”तोमर से जुड़े घटनाक्रम के मद्देनजर केजरीवाल मुख्यमंत्री के तौर पर राज्य में शासन करने का नैतिक अधिकार खो चुके हैं और उन्हें इस्तीफा देना चाहिए” उन्होंने आरोप लगाया कि ‘आप’ नेतृत्व ने दिल्ली विधानसभा चुनावों के बाद अपनी पहली राष्ट्रीय परिषद बैठक में यादव और भूषण की आपत्तियों को नजरअंदाज कर दिया था।