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रालोद ने अब नरेंद्र मोदी से नजदीकियां बढाई : मोदी को बधाई दी और यमुना प्राधिकरण के गठन की मांग की

कांग्रेस के साथ मिल कर लोक सभा का चुनाव लड़े रालोद ने अब नरेंद्र मोदी से नजदीकियां बढ़ानी शुरू की |
जयन्त चौधरी ने नरेंद्र मोदी को प्रधानमंत्री पद के लिए बधाई देते हुए यमुना प्राधिकरण के पारदर्शी गठन की मांग की और साध्वी उमा भारती को जल संसाधन मंत्रालय के साथ-साथ गंगा की सफाई के लिए विशेष तौर पर गठित मंत्रालय की जिम्मेदारी सौंपने पर ख़ुशी जताई है।
राष्ट्रीय लोकदल के राष्ट्रीय महासचिव एवं पूर्व सांसद और चौ अजित सिंह के पुत्र . जयन्त चौधरी ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को पत्र लिखकर यमुना को स्वच्छ बनाने के लिए प्रभावी कदम उठाने की मांग की है।गौरतलब है कि रालोद अध्यक्ष चौ अजित सिंह ने अपने पारम्परिक प्रभावी छेत्र में महाभारत सर्किट योजना के अंतर्गत यमुना घाट का निर्माण कराया था | इसके अलावा उनके पुत्र जयन्त चौधरी भी 15वीं लोकसभा में यमुना नदी की सफाई का मुद्दा संसद में उठा चुके हैं
जयंत चौधरी ने प्रधानमंत्री से यमुना प्राधिकरण के गठन एवं कुशल व पारदर्शी संचालन के लिए सरकार द्वारा संसद में बिल पेश करने की मांग की है।
रालोद महासचिव ने श्री नरेन्द्र मोदी को प्रधानमंत्री पद के लिए बधाई भी दी है। उन्होंने सुश्री उमा भारती को जल संसाधन मंत्रालय के साथ-साथ गंगा की सफाई के लिए विशेष तौर पर गठित मंत्रालय की जिम्मेदारी सौंपने पर ख़ुशी जताई है।
रालोद के युवा नेता जयन्त चौधरी ने पत्र में लिखा है कि यमुना नदी कई प्रदेशों से होकर गुजरती है। नगर पालिकाओं और प्रदेश सरकार की एजेंसियों की उदासीनता के कारण यह नदी दूषित हो रही है। अतः यमुना की सफाई के लिए बनी योजनाओं के क्रियान्वयन पर नजर रखने के लिए प्राधिकरण बनाने की आवश्कता है जो राष्ट्रीय स्तर पर पूरी नदी की समीक्षा कर सके।
गौरतलब है कि चौ अजित सिंह ने अपने पारम्परिक प्रभावी छेत्र में महाभारत सर्किट योजना के अंतर्गत यमुना घाट का निर्माण कराया था | इसके अलावा उनके पुत्र जयन्त चौधरी ने 15वीं लोकसभा में यमुना नदी की सफाई का मुद्दा संसद में उठाया था। वह यमुना सफाई अभियान के मुद्दे पर विभिन्न सामाजिक संगठनों के सम्पर्क में रहे और यमुना नदी को स्वच्छ करने हेतु बनी योजनाओं की देखरेख के लिए यमुना नदी बेसिन प्राधिकरण की स्थापना का मुद्दा 22 नवम्बर 2010 को नियम 377 के तहत सदन में उठा चुके हैं तथा इस विषय पर प्राइवेट मेम्बर बिल लाने का भी प्रयास कर चुके हैं
जयंत चौधरी ने यमुना में प्रदुषण पर चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि यमुना में प्रदूषण इस हद तक है कि कई शहरों में यह नदी अब नाले में तब्दील हो गई है। यमुना को प्रदूषण से मुक्त कराना धार्मिक+स्वास्थ्य + आर्थिक दृष्टि से बेहद जरूरी है। इस नदी से करोड़ो लोगों की भावनाएं जुड़ी हुई हैं। समय-समय पर साधु-संत समाज, बुद्धिजीवी वर्ग और सामाजिक संस्थाएं “यमुना बचाओ आन्दोलन” के तहत संगम से दिल्ली तक पदयात्रा करते रहे हैं। यमुना एक्शन प्लान पर करोड़ों रुपये खर्च किए गए। यमुना की सफाई के लिए जो योजनाएं बनीं, वे न तो व्यावहारिक साबित हुईं और न ही सार्थक। आज की स्थिति यह है कि बहुत बड़ी मात्रा में औद्योगिक और घरेलू कचरा बिना किसी ट्रीटमेंट के इस नदी में बहाया जा रहा है।