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Tag: 1984 Sikh genocide

Modi Reiterates Govt’s Support For Victims of 1984’s Sikh Genocide

[New Delhi]Modi Reiterates Govt’s Support For Victims of 1984’s Sikh Genocide
Prime Minister of India Narendra Modi met victims of the 1984 Sikh genocide after the Union cabinet meeting on Wednesday and assured them of the government’s full support,
The victims were accompanied by the Shiromani Akali Dal (SAD) president Sukhbir Singh Badal, Union minister Harsimrat Kaur Badal, party MP Naresh Gujral and heads of Sikh religious bodies SGPC and DSGPC.
As per Union minister Harsimrat Kaur Badal Modi commended the victims for their 34-years-long fight for justice. She added that the victims got justice under the Modi government after Sajjan Kumar was sentenced to life in prison for his role in the 1984 anti-Sikh riots.
Gujral, who was accompanying the victims, said they all got very emotional after meeting Modi and sought protection from him, which was assured by the prime minister.

Modi,Slashing Congress’sIntolerancePolicy,Reopens1984Sikh Genocide Chapter

[New Delhi,]Modi, Slashing Congress’s Intolerance Policy,Reopens Chapter Of 1984 Sikh Genocide
PM Narendra Modi Speaking in Purnia Rally Said That Congress has no right to talk about tolerance after 1984 anti-Sikh riots He Added That they[congress] are enacting a drama.PM Has given reply to congress’s proposed March Against Intolerance
As per sources In Delhi Congress president Sonia Gandhi and vice president Rahul Gandhi are expected meet President Pranab Mukherjee this week to bring his attention towards growing intolerance in the country,
Expressing Her concern over rising intolerance, Sonia Gandhi had at a function yesterday vowed to fight the “diabolical design” of divisive forces to spread hatred, which posed a threat to the unity of the country.
“Organisations and people of a particular ideology are spreading it to divide people.

HS Phoolka To Paddle,31 kms On11April In Delhi against Denial of Justice for 31 years

HS Phoolka To Paddle ,31 kms against Denial of Justice for 31 years In Delhi, On 11 April
After Earning Success In Punjab Against V V I P culture recently H.S. Phoolka Announces Cycle Rally On 11 April ,To Demand Justice, In Delhi The participants would present a memorandum to the PM. This event is organized by Human Rights Groups
In a bid to call attention of the civil society and the government in power, Human Rights Organizations and Sikh bodies would take embark on a unique way of protest by cycling through the streets of Delhi on the 11th of April, 2015 Saturday.
The 31 kms cycle rally is to protest against Denial of Justice for 31 years to the humanity and Sikh community in particular. H.S.Phoolka, would lead the cycle rally along with others.
3000 people according to the official figure were killed in Delhi within 48 hours in November 1984. Hardly anyone is awarded punishment.
Phoolka has alleged that Successive Governments keep on shielding the culprits.The missing chargesheets against Sajjan Kumar which was prepared and signed on 8 April 1992 for murder of 4 Sikhs has not been filed in the Court yet though 23 years have passed.
Phoolka says that Clean chit was discreetly given by CBI under the control of Modi led BJP government to Jagdish Tytler in December 2014. The recent development has enraged all right thinking citizens, the victims and the Sikh community in particular.
Mr. Phoolka and his team has been using cycling as a medium to make aware different issues to the people in the past too. He headed a cycling team which travelled 100kms against the VVIP culture in Punjab recently.
File Photo

1984 में सिखों के कत्लेआम की जांच के लिए केंद्र सरकार ने समिति बनाई

[नई दिल्ली]1984 में सिखों के कत्लेआम की जांच के लिए केंद्र सरकार ने समिति बनाई
सरकार ने आज 1984 के सिख विरोधी दंगों से संबंधित विभिन्न शिकायतों की जांच के लिए एक समिति का गठन किया ।
उच्चतम न्यायालय के सेवानिवृत्त न्यायाधीश, न्यायमूर्ति जी पी माथुर की अध्यक्षता वाली इस समिति में गृह मंत्रालय में संयुक्त सचिव (न्यायिक) श्री जे पी अग्रवाल सदस्य सचिव हैं।यह समिति 1984 के दंगों के दौरान मरने वाले प्रत्येक व्यक्ति के लिए पांच लाख रुपये की बढ़ी हुई मुआवजा राशि के भुगतान से संबंधित मामले देखेगी
गृह मंत्रालय को 1984 के दंगों के मामले में विभिन्न व्यक्तियों/संस्थाओं से बड़ी संख्या में शिकायतें मिलती रही हैं।
केन्द्रीय मंत्रिमंडल ने 10 दिसंबर, 2014 को इस अनुदान की मंजूरी प्रदान की है।
यह समिति 1984 के दंगों से जुड़े मामलों की जांच के लिए विशेष जांच दल (एसआईटी) के गठन की जरूरत पर गौर करेगी और तीन महीने के भीतर अपनी रिपोर्ट देगी।

भारत में आम चुनावों में पंजाब के साथ अमेरिका में भी सिख राजनीती उछाल पर आई: कांग्रेस को कानूनी राहत

नई संसद के लिए हो रहे आम चुनावों में पंजाब में सिख राजनीती तो उछाल पर है ही मगर इसके साथ ही अमेरिका में भी सिखों से जुड़े मुद्दे लगातार चर्चा का विषय बने हुए हैं | भारत में १९८४ में हुए सिख विरोधी नर संहार में सत्ता रुड कांग्रेस को अमेरिकी अदालत में घसीटने के प्रयास पर आज वहां की एक अदालत ने पानी फेर दिया | सिख विरोधी दंगों के मामले में एक सिख समूह द्वारा कांग्रेस पार्टी के खिलाफ दायर मानवाधिकार उल्लंघन के एक मुकदमे को खारिज कर दिया है गया है ।अदालत ने मुकदमा खारिज करते हुए कहा कि अमेरिका से जुड़े नहीं होने के फलस्वरूप मुकदमा दायर करने को लेकर कोई कानूनी आधार नहीं बनता है |जज रोबर्ट स्वीट ने सिख फॉर जस्टिस (एसएफजे) द्वारा दायर मुकददमे में भारतीय कांग्रेस पार्टी की अपील स्वीकार की और आदेश दिया कि मानवाधिकार समूह एक वादी नहीं है
इसके अलावा एक अन्य मामले में सिखों को उनकी धार्मिक आस्थाओं के साथ अमेरिकी फौज में भर्ती किये जाने की मांग की गई है
अमेरिका के 16 प्रभावशाली इंडियन -अमेरिकन्स ने वहां के रक्षा मंत्री चक हेगल से अनुरोध किया है कि सिखों को उनकी धार्मिक आस्थाओं के साथ सशस्त्र बलों में शामिल होने की इजाजत दी जाए।
, 25 अप्रैल को लिखे गए पत्र में कहा गया कि अमेरिकी रक्षा मंत्रालय द्वारा अपने नियमों का आधुनिकीकरण करके सिख-अमरीकियों को अपनी आस्था के साथ देश की सेना में शामिल होकर अपनी सेवाएं देने का अवसर प्रदान किया जाना चाहिए नाटो सहयोगियों द्वारा पहले से ही सिखों को यह अनुमति दी जाती है
गौरतलब है कि भारत की नई लोक सभा के लिए हो रहे चुनावों में पंजाब की १३ लोक सभा सीटों के लिए घमासान मचा हुआ हैइसके लिए धार्मिक एक दूसरे विशेष कर कांग्रेस और अकाली दल+भाजपा में वाक युद्ध जारी है|इसीके चलते सांसद मजीठिया को धार्मिक शबद की बेअदबी के लिए तनखैया भी घोषित किया जा चुका हैभाजपा के पी एम कैंडिडेट नरिंदर मोदी की अमृतसर दरबार साहब में हाजरी नहीं भरने के लिए खिंचाई की जा रही है |कांग्रेस के विरुद्ध १९८४ के सिख विरोधी नर संहार को रचने के आरोप दोहराये जा रहे हैं |

केजरीवाल ने एस आई टी के शीघ्र गठन के लिए एल जी नजीब को जंगी पत्र लिखा

नई दिल्ली [जासं]।आम आदमी पार्टी के नेशनल कन्वीनर और दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने उपराज्यपाल नजीब जंग को पत्र लिख कर अपील की है कि 1984 के सिख विरोधी दंगों की जांच के लिए जल्द से जल्द विशेष जांच दल [एसआइटी] का गठन किया जाए।
उनका कहना है कि ३० वर्ष पूर्व हुए सिख दंगों के कई चश्मदीद गवाह बुजुर्ग हो चुके हैं इन दंगों में लगभग ३ हजार निर्दोष मारे गए थे| एसआइटी का गठन न्याय के लिए एक मात्र उम्मीद है। इसलिए एसआइटी टीम के गठन की प्रक्रिया शुरू की जाए।
गौरतलब है कि आप सरकार ने छह फरवरी को उपराज्यपाल से सिफारिश की थी कि सिख दंगों की जांच के लिए एसआइटी का गठन किया जाए और एक साल के भीतर जांच कराई जाए। यह सिफारिश केजरीवाल मंत्रिमंडल ने भेजी थी,इसमें दिल्ली से बाहर के तीन आई पी एस अधिकारीयों को शामिल करने का सुझाव दिया गया था जिसे उपराज्यपाल ने मंजूरी भी दे दी थी।एस आई टी की रिपोर्ट के लिए एक वर्ष का समय निर्धारित किया गया है| केजरीवाल ने आरोप लगाया है कि दर्ज कराई गई ५८७ ऍफ़ आई आर में से आधी क्लोज कर दी गई हैं ऐसा कांग्रेस के दबाब में किया गया है|

प्रकाश सिंह बादल ने 1984 के दंगों को तत्कालीन केंद्र सरकार और कांग्रेस की साजिश बताया

आपरेशन ब्लू स्टार में संलिप्तता को लेकर कांग्रेस और शिरोमणि अकाली दल[ SAD ] में आज कल वाक् युद्ध चल रहा है |पंजाब में कांग्रेस के वरिष्ठ नेता कैप्टैन अमरिंदर सिंह के आरोपों का जवाब देने के लिए एस ऐ डी के सर्वोच्च नेता प्रकाश सिंह बादल ने कामन सम्भाल ली है\
आपरेशन ब्लू स्टार मुद्दे पर कांग्रेस पर हमला बोलते हुए पंजाब के मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल ने आज [शनिवार]कहा कि 1984 के दंगे उस समय की सरकार और कांग्रेस की गहरी साजिश का परिणाम थे|
इससे पहले कांग्रेस के पूर्व मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह ने यह आरोप लगाया था कि वर्त्तमान अकाली दल के सी एम् आपरेशन ब्लू स्टार के मुद्दे को उछालकर राजनीतिक हित साधना चाहते हैं
जिसे एस ऐ डी के सर्वोच्च नेता ने गलत और बेबुनियाद ’बताया । आरोपों का जवाब देते हुए बादल ने कहा कि उन्होंने आप्रेशन ब्लू स्टार के बाद सबसे लंबी जेल काटी है। इन्होंने देश की कोई ऐसी जेल नहीं जो मुझे न दिखाई हो।
बादल ने १९८४ में दिल्ली में हुए सिख नरसंहार के लिए केंद्र सरकार+ दिल्ली पुलिस + कांग्रेस पार्टी को दोषी ठहराया |
राहुल गांधी ने खुद कहा है कि दंगों में कुछ कांग्रेसियों की भूमिका थी और अब यह भी सपष्ट हो गया है कि ब्रिटेन सरकार ने भी इनकी मदद की थी। मुख्यमंत्री ने कहा,
गौततलब है कि पूर्व मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने आरोप लगाया था कि आप्रेशन ब्लू स्टार के बाद कैप्टन अमरिंदर सिंह बाजपुर अपने फार्म में जाकर छिप गए थे। यहां तक कि उन्होंने दंगों में तीन भाजपा नेताओं के शामिल होने के भी आरोप लगाए थे।

१९८४ में सिख नरसंहार के दोषियों के विरुद्ध कार्यवाही की मांग को लेकर 10 फरवरी को पी एम् निवास की और मशाल जुलूस

[नई दिल्ली]१९८४ में सिख नरसंहार के दोषियों के विरुद्ध कार्यवाही की मांग को लेकर 10 फरवरी को पी एम् निवास की और मशाल जुलूस|
1984 में हुए सिख विरोधी दंगों के निर्दोष पीड़ितों को न्याय दिलाने के लिए दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी [ DSGPC ] ने देश-विदेश में बसे सिखों से वॉक फार जस्टिस निकालने की अपील की है।उधर शिरोमणि अकाली दल[SAD] के प्रवक्ता डॉ दलजीत सिंह चीमा ने स्वर्ण मंदिर में हुए सैनिक अभियान में ब्रिटेन की भूमिका की जांच की मांग की है|
बृहस्पतिवार को रकाबगंज के कार्यालय में आयोजित पत्रकार वार्ता में डीएसजीपीसी के अध्यक्ष मनजीत सिंह जीके ने यह घोषणा की है ।
1984 के दंगों में दोषी लोगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई के लिए केंद्र सरकार पर दबाव बनाने के लिए उन्होंने देश-विदेश में बसी सिख संगत से अगले सोमवार को अपनी-अपनी कॉलोनियों में यह विरोध प्रदर्शन करने की अपील की।

Manjit Singh GK

Manjit Singh GK


उन्होंने घोषणा की 10 फरवरी की शाम को गुरुद्वारा बंगला साहिब से प्रधानमंत्री निवास की ओर तथा शुक्रवार शाम 14 फरवरी को तिलक विहार में वॉक फार जस्टिस मार्च निकाला जाएगा जिसमे शामिल लोग हाथ में मशाल लेकर चलें तथा सोई हुई काग्रेस सरकार को जगाएं।
1984 के ऑपरेशन ब्लू स्टार का हवाला देते हुए उन्होंने दरबार साहिब अमृतसर पर फौज द्वारा किए गए हमले एवं नवंबर 1984 के सिख विरोधी दंगों को सरकार द्वारा प्रायोजित एवं पूर्व नियोजित हमला करार दिया। उन्होंने कहा कि अब ब्रिटिश सरकार भी इसे स्वीकार कर चुकी है। उन्होंने ऑपरेशन ब्लू स्टार पर ब्रिटिश सरकार के सहायता देने के कबूलनामे के सामने आने के बाद प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह से इस मसले पर अपनी पार्टी का पक्ष रखने की भी मांग की। इस अवसर पर डीएसजीपीसी के वरिष्ठ उपाध्यक्ष रविंदर सिंह खुराना+ वरिष्ठ अकाली नेता ओंकार सिंह थापर+ कुलदीप सिंह भोगल+ हरदेव सिंह धनोआ + चमन सिंह आदि भी मौजूद थे।इसके साथ ही एस ऐ डीSAD ने इसे पार्लियामेंट में भी जोर शोर से उठाया है|
पार्टी प्रवक्ता डॉ दलजीत सिंह चीमा ने १९८४ के ऑपरेशन ब्लू स्टार को धर्म प्रिय सिख संगत के साथ धोखा बताया और इसके पीछे की वास्तविक कारण बताने की मांग भारत सरकार से कीGolden Temple
उधर ‘ऑपरेशन ब्लू स्टार’ में तत्कालीन ब्रिटिश सरकार की भूमिका को लेकर उठे बवाल के बीच वर्त्तमान प्रधानमंत्री डेविड कैमरन ने खुद सफाई पेश की है। उन्होंने कहा है कि 1984 में अमृतसर के स्वर्ण मंदिर में सिख अलगाववादियों को खदेड़ने के लिए भारतीय सेना द्वारा चलाए गए ऑपरेशन ब्लू स्टार में तत्कालीन मार्गरेट थैचर सरकार शामिल नहीं थी।
जबकि इसके एक दिन पहले ही वहीँ के विदेश मंत्री विलियम हेग सैन्य कार्रवाई में ब्रिटेन की सलाहकार की भूमिका को स्वीकार किया था
इसके अलावा दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने दिल्ली के उपराज्यपाल नजीब जंग से मिलकर 1984 दंगों की एसआईटी से जांच कराने की मांग की थी
कांग्रेस के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने टी वी चैनल टाइम्स नाउ के एंकर अरनव गोस्वामी को एक इंटरव्यू दिया जिसमे उन्होंने सिख नरसंहार में कुछ कांग्रेसी नेताओं की संलिप्तता स्वीकार की जिसे लेकर सिख समाज में रोष व्याप्त हो गया और DSGPC + SAD +आम आदमी पार्टी+BJP+ने इसे मुद्दा बना लिया है उधर ब्रिटेन में भीचुनावों में सिख वोटरसंख्या अच्छी खासी प्रभाव डालती है इसीके चलते वहाँ भी लीपा पोती जारी है |

1984 के सिख विरोधी दंगों के आरोपी सज्जन कुमार के केस को बढाने के लिए सी बी आई को आगे आ कर फास्ट ट्रेक कार्यवाही करानी होगी :आप पार्टी

आम आदमी पार्टी [आप] ने 1984 के सिख विरोधी दंगों के मामले में कांग्रेस नेता सज्जन कुमार को बरी किये जाने को लेकर केंद्र सरकार और सी बी आई को कटघरे में खडा करते हुए व्यवस्था को असहनीय बताया है| आप के नेता मनीष शिशोदिया ने सज्जन कुमार को बरी किये जाने को देश के लिए दुर्भाग्यपूर्ण बताते हुए कहा कि अब सी बी आई द्वारा स्वयम इस केस को ऊपर की अदालत में ले जाकर फास्ट ट्रेक कार्यवाही के लिए उत्सुकता दिखाई जानी चाहिए| मनीष शिशोदिया ने व्यवस्था पर कटाक्ष करते हुए कहा कि इस केस की सम्बंधित गोपनीय फाईलें गायब होने के लिए उत्तरदाई आधिकारी राजीव रंजन को पी एम् की सुरक्षा जैसे महत्वपूर्ण दाईत्व दे दिया गया है|उन्होंने इस मामले में जिम्मेदारी तय करके दोषियों को यथा शीघ्र दण्डित किये जाने की मांग की है| श्री शिशोदिया ने बताया कि इस केस के निर्णय आने के तत्काल पश्चात उन्होंने पीड़ित परिवारों से मुलाक़ात करके उन्हें ढाढस बंधाने का प्रयास किया|उन्होंने बताया कि पीड़ित परिवारों की पीड़ा को सुन कर अच्छे अच्छे पत्थर दिल भी पिघल जायेंगे |उन्होंने वर्तमान परिपेक्ष्य के हवाले से देश में अराजकता के महौल की आशंका व्यक्त करते हुए कहा कि न्याय दिलाने के लिए सी बी आई को अब स्वयम केस को उच्च नयायालय में ले जाकर फ़ास्ट ट्रेक कार्यवाही कराई जानी चाहिए|उन्होंने मामले की कार्यवाही आगे बढ़ाने के लिए एस आई टी [SIT]के गठन की अपनी पुरानी मांग को भी दोहराया |
गौरतलब है कि दिल्ली की कड कड डूमा में जिला एवं सत्र न्यायाधीश जे आर आर्यन की अदालत के फैसले पर जहां पीड़ित फरियादियों ने छातियाँ पीट कर अफ़सोस मनाया वहीं उनके वकीलों ने उच्च न्यायलय की शरण में जाने की बात कही है| फैसले के वक्‍त कोर्ट रूम में झड़प भी हुई +गुस्‍साई भीड़ ने कांग्रेसी नेता सज्‍जन कुमार और न्यायाधीश कि तरफ जूता भी फेंका.|पुलिस ने जूता फेंकने वाले व्‍यक्ति को हिरासत में ले लिया है|. फैसला आने के बाद लोगों ने कोर्ट के बाहर हंगामा भी किया | समर्थको का मानना है कि यह फैसला उनके हक में नहीं हुआ+ सो न्याय की लड़ाई जारी रहेगी|
इस मामले में अन्य पांच आरोपियों में से तीन पर हत्या की बात साबित हुई है। इसके अलावा दो अन्य पर दंगा का मामला साबित हुआ है।पूर्व पाषर्द बलवान खोकर+ पूर्व विधायक महेन्द्र यादव+ किशन खोकर+ गिरधारी लाल एवं कैप्टन भागमल को दोषी ठहराया है+दो आरोपियों की मृत्यु हो चुकी है|

१९८४ के दंगों के आरोप से सज्जन कुमार बरी हुए:फरियादियों ने छातियाँ पीटी:भाजपा ने एस आई टी की मांग की

1984 के सिख विरोधी दंगों के मामले में कांग्रेस नेता सज्जन कुमार को बरी किये जाने के दिल्ली की कड कड डूमा में जिला एवं सत्र न्यायाधीश जे आर आर्यन की अदालत के फैसले पर जहां पीड़ित फरियादियों ने छातियाँ पीट कर अफ़सोस मनाया वहीं उनके वकीलों ने उच्च न्यायलय की शरण में जाने की बात कही है| फैसले के वक्‍त कोर्ट रूम में झड़प भी हुई +गुस्‍साई भीड़ ने कांग्रेसी नेता सज्‍जन कुमार पर जूता भी फेंका.|पुलिस ने जूता फेंकने वाले व्‍यक्ति को हिरासत में ले लिया है|. फैसला आने के बाद लोगों ने कोर्ट के बाहर हंगामा भी किया | समर्थको का मानना है कि यह फैसला उनके हक में नहीं हुआ+ सो न्याय की लड़ाई जारी रहेगी| प्रमुख विपक्षी दल भाजपा ने भाजपा ने इस मामले में भी गुजरात दंगों की तरह उच्चतम न्यायालय की निगरानी वाले विशेष जांच दल यानी एसआईटी का गठन किये जाने की मांग की है| भाजपा की वरिष्ठ नेता सुषमा स्वराज ने संवाददाताओं से कहा कि अभी निचली अदालत का फैसला आया है और मामला किसी उच्च अदालत में जा सकता है इसलिए इंसाफ की उम्मीद बची है।उन्होंने कहा कि जिस तरह गुजरात दंगों में शीर्ष अदालत की निगरानी वाली एसआईटी का गठन किया गया, उसी तरह 1984 के सिख विरोधी दंगों के मामले में भी उच्चतम न्यायालय की निगरानी वाली एसआईटी का गठन किया जाना चाहिए।
कानपुर में सज्जन कुमार का सिखों ने संतनगर चौराहे पर पुतला भी फूंका।सज्जन कुमार के बरी होने की सूचना आते ही संतनगर चौराहे पर अकाली जत्था ने केंद्र सरकार और सज्जन कुमार विरोधी प्रदर्शन किया। जत्था के प्रधान सरदार हरचरन सिंह, बलबीर सिंह भाटिया, थे।
सज्जन कुमार पर दिल्ली कैंट में पांच लोगों की हत्या का आरोप था।
इस मामले में अन्य पांच आरोपियों में से तीन पर हत्या की बात साबित हुई है। इसके अलावा दो अन्य पर दंगा का मामला साबित हुआ है।पूर्व पाषर्द बलवान खोकर+ पूर्व विधायक महेन्द्र यादव+ किशन खोकर+ गिरधारी लाल एवं कैप्टन भागमल को दोषी ठहराया है+दो आरोपियों की मृत्यु हो चुकी है|

केस हिस्टरी

आपरेशन ब्ल्यू स्टार से क्षुब्ध दो सिख सुरक्षा कर्मियों ने तत्कालीन प्रधान मंत्री श्रीमती इंदिरा गाँधी की ह्त्या कर दी थी जिसके फलस्वरूप देश भर में सिख विरोधी दंगे फैले थे| दिल्ली कैंट पालम के राजनगर में १ नवम्बर १९८४ को केहर सिंह+ गुरप्रीत सिंह+रघुविंदर सिंह+ नरेंद्र पाल सिंह + कुलदीप सिंह की न्रिशंश हत्या कर दी गई थी|केहर सिंह की पत्नी जगदीश कौर + गुरप्रीत सिंह की माता ने अदालत का रुख किया था|
सीबीआई ने 2005 में जगदीश कौर की शिकायत और न्यायमूर्ति जीटी नानावटी आयोग की सिफारिश पर दिल्ली कैंट मामले में सज्जन कुमार+ कैप्टन भागमल+ पूर्व विधायक महेंद्र यादव+ गिरधारी लाल+कृष्ण खोखर + पूर्व पार्षद बलवंत खोखर के खिलाफ मामला दर्ज किया था|
इसके बाद सीबीआई ने सभी आरोपियों के खिलाफ 13 जनवरी 2010 को अदालत में आरोपपत्र दाखिल किया था. इनमें से सज्जन कुमार को कोर्ट ने बरी किया जबकि बाकी पांचों लोगों को दोषी करार दिया गया है|