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वित्तमंत्री जेटली ने नोटबंदी पर केजरीवाल के आरोप को अनर्गल बताया

[नयी दिल्ली] केजरीवाल के आरोप को जेटली ने अनर्गल बताया |
केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली ने प्रेस कांफ्रेंस में बिना नाम लिए दिल्ली के सीएम् अरविन्द केजरीवाल के आरोपों को अनर्गल आरोप बताया |जेटली ने बताया के कहा जा रहा है के नोटबंदी के फैसले के विषय में भाजपा द्वारा कुछ लोगों को पहले बता दिया गया था जिसके फलस्वरूप बैंकों में अप्रत्याशित रूप से बैंकों में डिपाजिट बढ़ गया था|इस आरोप का जवाब देते हुए वित्त मंत्री ने कहा के मात्र सितंबर में डिपोसिट बढ़ था और वोह भी वेतन आयोग लागू किये जाने का कारण बढ़ा
इससे पूर्व दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने 500 और 1,000 रु के पुराने नोटों का चलन बंद करने को एक ‘‘बड़ा घोटाला’’ बताते हुए आरोप लगाया है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की घोषणा से काफी पहले ही भाजपा ने अपने सभी ‘‘दोस्तों’’ को फैसले की जानकारी दे दी थी और इस फैसले को तत्काल वापस लेने की मांग की।
उन्होंने केंद्र के इस फैसले को ‘काला बाजारी करने वाले लोगों’’ की बजाय आम आदमी की ‘‘छोटी बचत’’ पर ‘‘लक्षित हमला’’ बताया। केजरीवाल ने अपने दावे को सही साबित करने के लिए कहा कि भाजपा की पंजाब शाखा के अध्यक्ष संजीव कम्बोज मोदी की घोषणा से कुछ दिन पहले ही सोशल मीडिया पर 2,000 रपए के नये नोटों के साथ दिखे थे।
उन्होंने एक संवाददाता सम्मेलन में कहा, ‘‘जुलाई से सितंबर तक बैंकों में पैसे जमा करने में एकाएक काफी तेजी आयी थी जिससे साफ संकेत मिलते हैं कि भाजपा ने 500 और 1,000 रपए के पुराने नोटों का चलन बंद करने की प्रधानमंत्री की घोषणा से काफी पहले अपने सभी दोस्तों को इसकी जानकारी दे दी थी।’’ मुख्यमंत्री ने दावा किया कि पुराने नोटों का चलन बंद करने से काला धन प्रणाली में वापस नहीं आएगा।
उन्होंने साथ ही एक समाचार चैनल की रिपोर्ट दिखायी जिसमें जुलाई-सितंबर तिमाही में बैंकों में पैसे जमा करने में तेजी आने का दावा किया गया और कहा गया कि उस अवधि से पहले बैंकों में काफी कम’ पैसे जमा थे।

केन्द्रीय मंत्रिमंडल ने करोड़ कर्मी+पेंशनरों के लिए 7वें वेतन आयोग की सिफारिशों को दी मंजूरी

[नयी दिल्ली] केन्द्रीय मंत्रिमंडल ने अपने करोड़ कर्मी+पेंशनरों के लिए 7वें वेतन आयोग की सिफारिशों को दी मंजूरी
मंत्रिमंडल ने आज सातवें वेतन आयोग की सिफारिशों को मंजूरी दी जिससे केंद्र सरकार के एक करोड़ कर्मचारियों और पेंशनधारकों को फायदा होगा।
यह फैसला प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई बैठक में लिया गया। इससे अब बाजार के सुधरने की आशा जगी है क्योंकि खजाने का पैसा कर्मचारियों के माध्यम से बाजार में पहुंचेगा |बाजार विशेषज्ञों द्वारा बाजार में मांग बढ़ने की प्रबल सम्भावना बताई जा रही है|
वेतन आयोग ने पिछले साल नवंबर में कनिष्ठ स्तर पर मूल वेतन में 14.27 प्रतिशत की बढ़ोतरी की सिफारिश की थी जो पिछले 70 साल का न्यूनतम स्तर है। इससे पहले छठे वेतन आयोग ने 20 प्रतिशत बढ़ोतरी का सिफारिश की थी जिसे सरकार ने 2008 में लागू करते समय दोगुना कर दिया था।

७वें वेतन आयोग की सिफारिशों से एक करोड़ परिवारों के चेहरों पर आई रौनक से”बाजार”खुश हुआ

झल्ले दी झल्लियां गल्लां

भाजपाई चेयर लीडर

ओये झल्लेया मुबारकां !ओये हसाडे सातवें वेतन आयोग ने तो कमाल ही कर दिया ,ओये धोती फाड़ के रुमाल कर दिया |ओये एक झटके में केंद्रीय सरकार के कर्मियों+पेंशनरों के वेतन में साढ़े तेईस प्रतिशत+ की वृद्धि का प्रस्ताव सरकार को दे दिया |ओये अब देश में ५० लाख कर्मी और इतने ही पेंशनरों की हो जानी है बल्ले बल्ले

झल्ला

सेठ जी जहां तक बात वेतनआयोग की है तो सिक्स्थ पे कमीशन ने ३५% वृद्धि का प्रस्ताव किया था लेकिन कहा जाता है के सरकार जो दे उसे चूमचट के पल्ले में बाँध लेना चाहिए|झल्ले विचारानुसार इस वेतन आयोग से आई कर्मियों के चहेरे की रौनक का अक्स व्यापारियों के मुखड़ों पर भी दिखना शुरू हो गया है |हो सकता है के रियल स्टेट में बैंकों के डूब रहे अरबों रुपये में से कुछ की वापिसी हो जाये

सातवें वेतन आयोग का गठन: न्‍यायमूर्ति अशोक कुमार माथुर को अध्‍यक्ष बनाया

केंद्र सरकार के कर्मचारियों को राहत देने के लिए सातवें वेतन आयोग का गठन कर दिया गया है| इसके लिए न्‍यायमूर्ति अशोक कुमार माथुर को अध्‍यक्ष बनाया गया है|
प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह ने सुप्रीम कोर्ट के सेवा निवृत्‍त न्यायमूर्ति और सैन्‍य बल न्‍यायाधिकरण के सेवानिवृत्‍त अध्‍यक्ष न्‍यायमूर्ति अशोक कुमार माथुर की अध्‍यक्षता में 7वें के‍न्‍द्रीय वेतन आयोग के गठन को मंजूरी दे दी है।
वित्‍त मंत्री श्री पी. चिदम्‍बरम ने इस बारे में इस बारे में बताया कि प्रधानमंत्री ने 7वें केन्‍द्रीय वेतन आयोग के गठन को मंजूरी दे दी है, जिसके सदस्‍य निम्‍नलिखित होंगे।
1 श्री न्‍यायामूर्ति अशोक कुमार माथुर (सुप्रीम कोर्ट के सेवा निवृत्‍त न्यायामूर्ति और सैन्‍य बल न्‍यायाधिकरण के सेवानिवृत्‍त अध्‍यक्ष) – अध्‍यक्ष
2 श्री विवेक राय (पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस सचिव) – सदस्‍य (पूर्णकालिक)
3 डॉ. राथिन रॉय (निदेशक एनआईपीएफपी) – सदस्‍य (अंशकालिक)
4 श्रीमती मीना अग्रवाल (वित्‍त मंत्रालय में व्‍यय विभाग के ओएसडी) – सचिव
गौरतलब है कि इससे पूर्व चौथे, पाचंवे और छठे केन्‍द्रीय वेतन आयोगों की सिफारिशें निम्‍न रूप से कार्यान्वित की गईं थीं :
[अ]चौथा केन्‍द्रीय वेतन आयोग – 1.1.1986
[आ]पांचवां केन्‍द्रीय वेतन आयोग – 1.1.1996
[इ]छठा केन्‍द्रीय वेतन आयोग – 1.1.२००६
इस वेतन आयोग के गठन के लिए पांच माह पूर्व घोषणा की गई थी
वेतन आयोग द्वारा अपनी सिफारिशें पेश करने में लगने वाली औसतन अवधि लगभग दो वर्ष है।
उपरोक्‍त अवधि को ध्‍यान में रखते हुए सातवें केन्द्रीय वेतन आयोग को अपनी रिपोर्ट पेश करने में अब से लगभग दो वर्ष का समय लग सकता है। अत: इस आयोग की सिफारिशें पहली जनवरी 2016 से लागू होने की संभावना है।
देश के केंद्रीय सरकार के लगभग 85 लाख [५०+३५सेवा निवृत ]कर्मचारियों के लिए यह एक बड़ा तोहफा है।इससे पूर्व केंद्रीय कर्मचारियों के महंगाई भत्ते में १०%बढ़ोतरी की खबरें भी आ रही हैं