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Tag: AajKaSatire

कोरोनिलबाबा भगवाधारी को (आईएमए से) माफी मांगने में कैसी शर्म

झल्लीगल्लां
एलोपैथीसमर्थक
ओए झल्लेया!हमने इस व्यवसायी बाबा को सबक सिखा देणा है।इस कोरोनिल बाबा ने हमारे चिकित्सा धर्म और व्यवसाय को गाली दी है।अब हमने इस बाबा को छोड़ना नही।आईएमए देहरादून ने तो मानहानि का नोटिस भी भिजवा दिया।यदि बाबा ने माफ़ी योग नही किया तो इसे शीर्षासन करा के ही मानेंगे।प्रति सदस्य को 50 लाख ₹ की मानहानि राशि देकर ही छूटेगा।
झल्ला
डॉक्टरसाहब!आपके राज्य में आपलोगों का ध्यान क्यूँ भटक रहा है?अरे भाई
उत्तराखण्ड में अब तक कुल 6113 कोरोना संक्रमित अपनी जान गंवा चुके हैं और 43520 मामले उपचाराधीन हैं।कहीं आप लोग अपने उन साथियों को आर्थिक सहायता तो नही पहुंचाना चाहते जो बेचारे कैपिटेशन फी देकर मेडिकल कॉलेज में घुसे थे और आजकल क्लीनिक में मखियाँ मार रहे है।रहा सवाल माफ़ी का तो भगवाधारी को मांगने में कैसी शर्म देर सबेर मांग ही लेंगे

लोजी!अब भारतीय भी चाँद पर प्लाट खरीदने लगे

झल्लीगल्लां
बुद्धिजीवी
Jhalla Cartoonओए झल्लेया!
ये हिंदुस्तानियों को कौन सा कीड़ा काटने लग गया ? देख तो अब हिंदुस्तानियों ने भी दाग वाले चाँद पर प्लाट खरीदने शुरू कर दिए।सहारनपुर के बिल्डर श्री अश्विनी सखूजा तो प्लाट के लिए 5 लाख ₹ की ऑनलाइन रजिस्ट्री का भी दावा कर रहे है।बेचने वाले का नाम लूना सोसाइटी बताया है।
झल्ला
इसे कहते है “सूत ना कपास जुलाहों में लठ्म लठ “वैसे यह जांच केविषय है।कही ये साइबरकरेंसी/क्रिप्टोकरेंसी जैसा ही तो कोई खेल नही ???अगर ऐसा हुआ तो भापा जी “मन मे दूने मन मे तीने मन मे रह गए अधे,अक्लमंद वोही कहलाया जिस बेच पल्ले नालबन्धे “

पँजांब में माहिरों का विलक्षण समूह फिर भी मृत्यु दर सबसे अधिक

झल्लीगल्लां
पंजाबसरकारकाचेयरलीडर
ओए झल्लेया!हसाडे मुख्यमंत्री कैप्टेन अमरिन्दर सिंह जी की दूरदर्शिता में सीएस विनी महाजन और डॉ के के तलवार की निगरानी में बनाये गए माहिरों के विलक्षण समूह ने कोरोना मरीजों की देखभाल सम्बन्धी उल्लेखनीय कार्य करते हुए एक साल पूरा कर लिया।ओए इनके सुझावों से बहुत लाभ हुआ है।
यह समूह नियमित तौर पर हर मंगलवार, गुरूवार और रविवार शाम 7.30 बजे प्रशिक्षण और विचार-विमर्श संबंधी सैशन करवाता है। अब तक 50 से अधिक सैशन किये जा चुके हैं।
इन सैशनों के दौरान माहिरों द्वारा अमृतसर और पटियाला के जी.एम.सीज़, जी.जी.एस.एम.सी. फरीदकोट, डी.एम.सी. लुधियाना, सी.एम.सी. लुधियाना और निजी अस्पतालों में दर्मियाने से लेकर गंभीर मरीज़ों बारे विचार-विमर्श किया गया और मरीज़ों के स्वास्थ्य में सुधार लाने के लिए विचारों का आदान-प्रदान किया गया।झल्ला
ओ भा जी!
मन मे दूने मन मे तीने मन मे रह गए आधे
वोह आधे भी कोविड अस्पतालों में नही दीखे
इतने माहिरों के होते हुए भी किसान आंदोलन से फैले कोविड को भांपा नही जा सका।ऑक्सीजन के उत्पादन में पँजांब को आत्म निर्भर नही बनाया जा सका।चिकित्सकों की कमी को पूरा नही किया गया।कोविड से हुई मृत्यु दर देश मे सबसे अधिक और आप माहिरों की महारत की गल कर रहे हो
भा जी!पँजांब में माहिरों का विलक्षण समूह फिर भी मृत्यु दर सबसे अधिक ऑक्सीजन उत्पादन में शून्य
टीकाकरण में फिसड्डी।

ये कैसा लोकतंत्र?विधायकों को केंद्र तो सीएम को संयुक्तराष्ट्र ही बचाने आएगा क्या ?

झल्लीगल्लां
भजपाईचेयरलीडर
Jamos Cartoon ओए झल्लेया । मजा आ गया।ओए बेशक वेस्ट बंगाल में हसाडी सरकार नही बनी लेकिन हसाडे सारे 77 के 77 विधायकों को केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह जी सुरक्षा मुहैया करवा रहे हैं।अब तो सीआरपीएफ और सीआईएसएफ आदि के ज्वान टीएमसी के गुंडों से हसाडे विधायकों की रक्षा कर लेंगे।
झल्लाझल्ला
चतुर सुजाणा! ये कैसा लोकतंत्र है???विधायकों को केंद्र तो सीएम को संयुक्त राष्ट्र ही बचाने आएगा क्या ???

O2 अलॉटमेंट को गठित टास्क फोर्स चरमराई व्यवस्था पर ही निर्भर रहेगी ?

झल्लीगल्लां
रिटायर्डन्यायाधीश
Judiciaryओए झल्लेया! आखिरकार अदालतों ने ही लोक तन्त्र की रक्षा करनी है ।कोरोना महामारी में तीनों स्तम्भ बेशक धाराशाई हो गए लेकिन सुप्रीमकोर्ट ने ऑक्सीजन अलॉटमेंट के लिए 10 डॉक्टरों वाली 12 सदस्यीय स्पेशल टास्क फोर्स बना कर सबको राहत दी है।ओए हुण ऑक्सीजन के लिए हायतौबा बन्द हो जाणी है
झल्ला
झल्लाभापा जी!ये तो सराहनीय है लेकिन टास्क फोर्स निर्भर तो उपलब्ध चरमराई व्यवस्था पर ही रहेगी

कोरोना संकट को सेना के पाले में डालने को सियासी उधेड़बुन शुरू

झल्लीगल्लां
चिंतितबुद्धिजीवी
ओए झल्लेया!ये क्या भम्बड़भूसे में मुल्क को धकेला जा रहा है।पहले तो सियासतदां मीलों लम्बे दावे करके सत्ता कब्जा लेते हैं फिर जरा सी मुसीबत गले पड़ते ही सेना की मदद की गुहार लगाने लगते है।यहां तक माननीय न्यायालय भी सेना की बात करने लग गए।दिल्ली राज्य और हरयाणा पहले ही हाथ खड़े कर चुके है।
झल्ला
भापा जी!
मुश्किल वक्तों में सेना ने हमेशा मुल्क को उबारा है और कॉरोनानुसरों के वर्तमान संकट में तो सेवानिवर्त डिफेंस डॉक्टर्स ने e संजीवनी पर ओ पी डी भी सम्भाल ली है लेकिन ये कोरोना संकट किसी एक छेत्र में आये भूकम्प/बाढ़ आदि का नही वरण समूचे राष्टीय आपदा का है और पूरे राष्ट्र की कमान आर्मी को देने के दुष्परिणाम भी हो सकते है।इसीलिए विपक्ष+सरकारों और जनता को मिल कर ही कोरोना से मुकाबिला करना होगा ।

भारत सरकार को बदनाम करने वाली कोरोना मदद से हाथ जोड़ लेने चाहिए

झल्लीगल्लां
आक्रोशितएनआरआई
Corona Help from USAओए झल्लेया! भलाई का कोई जमाना हिनहीँ रह गया।देख तो भारत ने संकट के समय अमेरिका की भरपूर मदद की।अब जब भारत मे छाए कोरोना संकट में अमेरिका मदद भेज रहा है तो प्रेजिडेंट बिडेन के प्रतिनिधि से उल्टे सीधे सवाल पूछ कर भारत को बदनाम करने का षड्यंत्र शुरू हो गया।ये लोग पूछ रहे हैं कि उनके टैक्स के पैसे से भेजी गई मदद कहां है और किस किस राज्य की दी गई।
झल्ला

Jhallaa Cartoonभापा जी! हसाडे मुल्क में तो दानकर्ता का एक हाथ देता है तो दूसरे को खबर नही होती और ये लोग हमें ही बदनाम करने पर तुल गए।झल्लेविचारानुसार भारत सरकार को ऐसी मदद से हाथ जोड़ लेने चाहिए

सुप्रीमकोर्ट जी!निरन्तर महंगी हो रही न्याय व्यवस्था को मुफ्त कराने को भी प्रयास जरूरी

झल्लीगल्लां
चिन्तितनागरिक
Judiciaryओए झल्लेया!ये क्या हो रहा है? ओए मुल्क में नोटों के बंडल लेकर घूम रहे कोरोना मरीजों को पर्याप्त उपचार नही मिल रहा प्राइवेट अस्पतालों में 250 ₹ में भी टीका नही लग रहा और माननीय सुप्रीम कोर्ट फ्री में सभी को टीके लगवाने का फरमान जारी कर रही है।
झल्ला
झल्लाभापा जी!बेशक जान बचाने को सभी विकल्प खुले रहने चाहिए लेकिन कहा गया है कि “चैरिटी बिगिन्स एट होम” सो माननीय सर्वोच्च न्यायालय जी को स्वत संज्ञान में लेकर दिनों दिन महंगी होती जा रही न्याय व्यवस्था को मुफ्त कराने को भी प्रयास करने चाहिएं।

बिडेन,शेक्सपियर के हैमलेट की तरह भारत को दवाएं के भम्बड़भूसे में फंसे

झल्लीगल्लां
इंडोअमेरिकन
USAओए झल्लेया!ये नए प्रेजिडेंट जो बिडेन क्या चाहते हैं? चुनांवों के समय भारत से दोस्ती का दम भरते रहे।चुनाव जीतने के बाद कॉरोनानुसरों के वध के लिए बनाई जा रही वैक्सीन में उपयोग किये जा रहे कच्चे माल को देने में आनाकानी करने लगे।अब हमने दवाब बनाया तो सकारात्मक जवाब आने लग गए हैं।अरे इन डेमोक्रेट्स को सौचना चाहिए कि यही भारत है जिसने संकट की घड़ी में हमे बिनाशर्त दवाएं भेजी थी अब हमारी बारी आई तो हुकूमत ढील मिठयाई करने लगी।
झल्ला
सर् जी
झल्लालगता है अमेरिकन बिडेन जी ने ब्रिटिश नॉवेलिस्ट शेक्सपियर के देनमार्की पात्र हैमलेट को गम्भीरता से ले लिया है तभी कभी करूं या ना करूं के भम्भडभूसे में वडे हुए हैं

धरती बचाओ वरना लैब ऑक्सीजन के लिए भी पॉलिटिक्स होती रहेगी;अर्थ डे

झल्लीगल्लां
पर्यावरणविद
ओए झल्लेया!आज धरती दिवस है।आओ सभी रल मिल पौधे रोम्पे+साक्षरता फैलाएं और अपनी स्वर्ग से सुंदर धरती को बचाने में योगदान दें
झल्ला
भापा जी !
धरती को बचाने के लिए पर्यावरण में स्वच्छता जरूरी है।इसके लिए गैसों के उत्सर्जन को रोकने के लिए दूसरों की तरफ तकते रहने के बजाय स्वयम पौधा लगाएं+प्लास्टिक को ना कहें+प्राकृतिक संसाधनों के अंधाधुंध दोहन के मोह को त्यागें क्योंकि धरती गोल है और ऑक्सीजन का साइंन (o) भी लगभग गोल ही है।वरना तो कोरोना जैसी महामारी में भी लैब में बनी ऑक्सीजन के लिए हमेशा पॉलिटिक्स होती रहेगी।