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Tag: Aam Admi Party

“आप” पार्टी ने एडवर्ड स्नोडेन को राजनीतिक शरण देने से इंकार करने पर कांग्रेस की कड़ी निंदा की

दिल्ली चुनावों में कांग्रेस को पटखनी देने को उतरी आम आदमी पार्टी [आप] ने आज व्हिसल ब्लोअर एडवर्ड स्नोडेन [ Edward Snowden ] को राजनितिक शरण देने से इंकार किये जाने पर कांग्रेस की कड़ी निंदा की है|
आप पार्टी ने आज एक वक्तव्य जारी करके कहा है कि विदेश मंत्री सलमान खुर्शीद ने जिस तरह से अमेरिका के विश्व में जासूसी के कार्यक्रम की हिमायत करके आम जन की निजता के अधिकार का हनन किया है, वोह दुर्भाग्य पूर्ण है|
एडवर्ड स्नोडेन ने विश्व के नागरिकों कि निजता हनन के षड्यंत्र को उजागर किया और हमारे अधिकारों कि रक्षा का प्रयास किया ऐसे व्हिसल ब्लोअर को आज दर दर भटकना पड़ रहा है| यहाँ तक की शरणागत को शरण देने और मेहमान नवाजी के लिए सुप्रसिद्ध भारत में भी उसे राजनितिक शरण नहीं दी गई|
आप पार्टी ने कहा है कि भारत को अमेरिका कि एक कालोनी बना कर रखने के बजाय उसे पर्याप्त जवाब दिया जाना चाहिए| इसके लिए केंद्र सरकार द्वारा एडवर्ड स्नोडेन को राजनितिक शरण दी जानी चाहिए

“आप” पार्टी ने चौथी शार्टलिस्ट में छह सीटों के लिए १४ संभावित प्रत्याशियों की लिस्ट जारी की

छह सीटों के लिए पार्टी के संभावित प्रत्याशियों की शॉर्टलिस्ट जारी
आम आदमी पार्टी[आप]ने आज दिल्ली विधानसभा चुनावों के लिए चौथी शॉर्टलिस्ट में छह सीटों के लिए १४ प्रत्याशियों की लिस्ट जारी की है|. इनमें[१] अंबेडकर नगर, [२]मॉडल टाउन, [३]महरौली, [४]रोहतास नगर,[५] सीलमपुर, [६]शकूरबस्ती शामिल हैं
. इन छह सीटों के लिए कुल 74 आवेदन आए थे. पार्टी के संभावित प्रत्य़ाशियों की इस सूची में सेना से रिटायर्ड लोग, वकील, आर्किटेक्ट, सामाजिक कार्यकर्ताओं के नाम शामिल हैं. स्क्रीनिंग कमेटी ने आवेदकों के साथ चर्चा के बाद 14 लोगों के नाम शॉर्टलिस्ट किया. पार्टी अब तक दिल्ली विधानसभा की 70 सीटों में से 20 सीटों पर उम्मीदवारों के नामों की घोषणा कर चुकी है. 11 अन्य सीटों के लिए कुछ समय पहले शॉर्टलिस्ट जारी हुई थी जिस पर कार्यकर्ताओं की राय जानने के बाद प्रत्याशियों के नामों की घोषणा जल्द की जाएगी.

“आप” की दिल्ली में केंडीडेट संतोष कोली को एक कार ने गाजिआबाद में गंभीर रूप से घायल किया: ह्त्या की साजिश का आरोप

आम आदमी पार्टी[आप]की कर्मठ कार्यकर्ता [आर टी आई एक्टिविस्ट] संतोष कोली एक दुर्घटना में गंभीर रूप से घायल हो गई हैं| आप पार्टी के नेता अरविन्द केजरीवाल ने इसके पीछे हत्या का षड्यंत्र बताया है| इससे पहले भी संतोष पर दो एटैक हो चुके हैं|
बताया गया है कि आप पार्टी कि कार्यकर्ता संतोष और कुलदीप एक मोटर बाईक पर मात्र ४० कि मी की रफ़्तार से उत्तर प्रदेश के गाजिआबाद में एक खाली सड़क पर जा रहे थे इसी बीच पीछे से आ रही एक त्रीव गति की कार ने टक्कर मार दी | और संतोष को गंभीर रूप से घायल करके गायब हो गई| यशोदा अस्पताल में संतोष जन्म, मृत्यु में झूल रही हैं|इससे पूर्व ब्रजलाल पर को भी उत्तर प्रदेश में कार से कुचल दिया गया था| संतोष सीमापुरी से “आप “:की केंडीडेट हैं

शीला दीक्षित को तीन बार मुख्य मंत्री बनाने वाली नई दिल्ली की जनता, शायद दिल्ली की सबसे दुखी जनता है

आम आदमी पार्टी [आप ]के वरिष्ठ नेता अरविंद केजरीवाल ने रविवार को वाल्मिकी मंदिर में मत्था टेकने के बाद बाल्मीकि समाज की समस्यायों को सुना और उनकी व्यथा जानकर हैरानी व्यक्त करते हुए वाल्मिकी समाज के साथ हो रही है नाइंसाफी के विरुद्ध आवाज उठाने का आश्वासन दिया| उन्हने इस अवसर पर कहा के दिल्ली को तीन बार मुख्यमंत्री देने वाली नई दिल्ली विधानसभा की जनता, शायद दिल्ली की सबसे दुखी जनता है.|अरविन्द केजरीवाल नई दिल्ली से प्रत्याशी हैं|
वाल्मिकी समाज के सम्मानित व्यक्ति किशनपाल मंगवाना[,चेना महाराज ] ने अरविंद केजरीवाल को महर्षि वाल्मिकी की एक प्रतिमा और रामायण भेंट की. चेना महाराज ने अरविंद केजरीवाल और पार्टी कार्यकर्ताओं को अपने समाज की बहुत सारी परेशानियां बताईं. वाल्मिकी बस्ती के लोग पिछले 15 सालों से समय-समय पर इन समस्याओं को शीला दीक्षित को बताते आ रहे हैं लेकिन मुख्यमंत्री ने हमेशा अनसुना कर दिया.
[१]चेना महाराज ने बताया कि सबसे बड़ी परेशानी ठेका मजदूरी से जुड़ी है. दिल्ली को साफ-सुथरा रखने में सबसे बड़ी भूमिका वाल्मिकी समाज के लोगों की है. 90 प्रतिशत से अधिक सफाई कर्मचारी वाल्मिकी समाज से आते हैं. लेकिन खुद को गंदगी में झोंककर शहर को साफ-सुथरा रखने में जुटे लोगों को अस्थाई सफाई कर्मचारी की नौकरी पाने के लिए भी काफी घूस देना पड़ता है.
[२]“ अस्थाई ठेका मजदूरी हासिल करने के लिए भी एनडीएमसी को 10 से 20 हजार तक की घूस देनी पड़ती है. एक बार में मात्र छह महीने के लिए ही काम मिलता है. सात हजार की अस्थाई नौकरी, वह भी मात्र छह महीने के लिए मिलती है, के लिए इतनी घूस देनी पड़े! सरकार बस हमारा खून चूसने में यकीन रखती है.”
[३]इस ठेका आधारित नौकरी को हासिल करने से पहले रोजगार केंद्र में अपना नाम डलवाने भर के लिए 500 रुपए देने पड़ते हैं. सात हजार की तन्ख्वाह देने के बदले उनसे आधी तन्ख्वाह तो अलग-अलग बहाने से घूस के तौर पर ऐंठ ली जाती है. एनडीएमसी में सफाई कर्मचारी को 5-6 साल तक पहले ठेके पर काम करना पड़ता है उसके बाद 6-7 साल तक नियमित काम. फिर जाकर उसकी नौकरी पक्की होती है.
[४] अगर वाल्मिकी समाज का कोई युवा पढ़ने में होशियार निकला और अगर उसने अच्छी तालीम हासिल कर ली, फिर भी उसे काम सफाई का ही
दिया जाता है. बी.ए और एम.ए पास कई लड़के एनडीएमसी में सफाई का काम ठेका मजदूर की तरह कर रहे हैं.
उन्होंने अरविंद केजरीवाल को वाल्मिकी सदन में कई ऐसे परिवारों से मिलाया जिनके घर के कमाऊ व्यक्ति की सफाई के दौरान मौत हो गई.
वाल्मिकी समाज के लोगों में सरकार के कामकाज को को लेकर काफी गुस्सा है. चेना महाराज सरकार की संवेदनहीनता पर सवाल उठाते हुए कहते हैं, “सीवर की सफाई का कार्य जोखिम भरा होता है. काम के दौरान अगर किसी कर्मचारी की मौत हो जाती है तो सरकार तुरंत उससे घर खाली करा लेती है. मृतक के आश्रितों के लिए सिर्फ 5 प्रतिशत आरक्षण है और अगर किसी आश्रित को नौकरी मिलती भी है तो वह भी अस्थाई ठेका मजदूरी का ही काम मिलता है. हमारा पूरा जीवन समाज की सेवा में बीत जाता है और उस काम को निभाते हुए कोई हादसा हो जाए तो हमारे लिए दुनिया के सारे रास्ते बंद हो जाते हैं. हम तो बस वोट बैंक बनकर रह गए हैं.”
[५]एनडीएमसी में सफाई कर्मचारियों की भारी कमी है. पहले हर सर्किल में करीब 50 सफाई कर्मचारी होते थे लेकिन आज किसी भी सर्किल में 20-25 कर्मचारी रह गए हैं. इस कारण आठ घंटे की बजाए 13-14 घंटे काम करना पड़ता है. सफाई कर्मचारियों को कभी भी बुला लिया जाता है और अगर कोई असमय आने में असमर्थता जताए तो उसका ठेका खत्म करने की धमकी दी जाती है.
चेना महाराज कहते हैं, “गुलामी और जिल्लत की जिंदगी बहुत हो चुकी है. अब हमारे युवा बगावत करने को उतारु हैं. समाज का भी डर खत्म हो रहा है. कांग्रेस सरकार यह मानकर चलती है कि वाल्मिकी समाज तो उसे ही वोट देगा. इस बार हम कांग्रेस सरकार का यह भ्रम मिटाएंगे. आम आदमी पार्टी में हमें उम्मीद नजर आ रही है. अबकी बार इसे भी काम करने का मौका देकर देखेंगे.”
समाज से आये डॉ अशोक बताते हैं, “ वाल्मिकी समाज साधनविहीन. साफ-सफाई का कार्य ऐसा है जिसमें तरह-तरह का संक्रमण फैलने का डर रहता है. चर्म रोग, फेफड़े और पेट का कैंसर, अस्थमा जैसी बीमारियां तो आम हैं. ऐसा एक भी परिवार नहीं होगा जिसके सदस्य इन बीमारियों की चपेट में न आए हों. यही वजह है कि इनकी औसत आयु 50 साल हो गई है. जो समाज सबको बीमारियों से दूर रखने के लिए अपना जीवन दांव पर लगाता हो क्या उसका इतना भी हक नहीं कि सरकार उसकी बीमारियों के लिए ईलाज का अच्छा इंतजाम करे?”

“आप” के अरविन्द केजरीवाल नई दिल्ली और गोपाल राय बाबरपुर से चुनाव लड़ेंगे:दूसरी लिस्ट जारी

आम आदमी पार्टी[ आप]ने दिल्ली के चुनावों के लिए दूसरी सूची: में 9 विधानसभाओं के लिए अपने उम्मीदवारों के नाम तय कर दिए हैं|
“आप” के अरविन्द केजरीवाल नई दिल्ली और गोपाल राय बाबरपुर से चुनाव लड़ेंगे|
आम आदमी पार्टी ने दिल्ली विधानसभा चुनावों के लिए 9 प्रत्याशियों की दूसरी सूची जारी कर दी है. पार्टी की राजनीतिक मामलों की समिति(पीएसी) ने एक बैठक कर इन नौ सीटों के लिए संभावित उम्मीदवारों की शॉर्टलिस्ट पर चर्चा की और उम्मीदवारों के नाम तय किए. नई दिल्ली विधानसभा सीट से अरविंद केजरीवाल और बाबरपुर विधानसभा सीट से गोपाल राय के नाम तय किए गए हैं. कुल नौ सीटों के लिए घोषित किए जा रहे उम्मीदवारों के नाम निम्नवत हैः
1. बाबरपुर- गोपाल राय
2. बवाना- गजानंद
3. छतरपुर- ऋषिपाल
4. कृष्णानगर- सुशील चौहान
5. मटिया महल- सोहैल सलाउद्दीन
6. मुस्तफाबाद- कपिल धामा
7. नई दिल्ली- अरविंद केजरीवाल
8. शालीमार बाग़- वंदना कुमारी
9. विश्वास नगर- डॉ. अतुल गुप्ता
पार्टी का दावा है कि उम्मीदवारों की इस दूसरी सूची में इंजीनियर, डॉक्टर और सामाजिक कार्यकर्ताओं के नाम शामिल हैं. आम आदमी पार्टी अब तक कुल 20 विधानसभा क्षेत्रों से प्रत्याशियों की घोषणा कर चुकी है. इसके अलावा 11 अन्य विधानसभाओं के लिए संभावित उम्मीदवारों की सूची जारी की जा चुकी है. फिलहाल उन नामों पर जनता की राय ली जा रही है. उसके बाद सक्रिय वॉलेंटियर्स की राय ली जाएगी और पार्टी की राजनीतिक मामलों की समिति उस पर अंतिम निर्णय लेगी.
अभी तक जितने भी आवेदन आए थे उन आवेदकों के साथ स्क्रीनिंग कमेटी की चर्चा का कार्य लगभग पूरा हो चुका है. शीघ्र ही कई और विधानसभाओं के लिए भी शॉर्टलिस्ट जारी कर दी जाएगी.
भारतीय राजनीति में यह पहली बार हो रहा है कि कोई राजनीतिक दल अपने प्रत्याशियों का नाम, जनता से रायशुमारी और कार्यकर्ताओं की पसंदगी जानने के बाद इतनी पारदर्शिता से तय कर रहा है. आम आदमी पार्टी ने बाकायदा घोषणा कर आम लोगों को आवेदन के लिए प्रेरित किया. किसी भी आवेदनकर्ता के खिलाफ अगर मामूली झगड़े तक का आरोप था, तो उसे भी सार्वजनिक किया गया. इससे आम लोगों ने आवेदकों के बारे में ऐसी-ऐसी जानकारियां उपलब्ध कराईं जिनके आधार पर निर्णय लेना आसान हो सका.
गोपाल राय (बाबरपुर) स्वतंत्रता सेनानियों के परिवार से ताल्लुक रखने वाले गोपाल राय छात्र आंदोलनों में लंबे समय से सक्रिय रहे. आईसा, आईएसयू जैसे छात्र संगठनों के जरिए विद्यार्थियों के मुद्दों को उठाते रहे हैं. आईसा से छात्र संघ का चुनाव भी लड़ चुके हैं. छात्र आंदोलनों में सक्रियता की वजह से असामाजिक तत्वों ने उनकी हत्या की नीयत से गोली मारी. जीवन तो बच गया लेकिन उस हमले की वजह से शरीर के कई अंग बुरी तरह प्रभावित हैं. जनलोकपाल आंदोलन में शुरू से सक्रिय रहे हैं. आम लोगों के अधिकारों के लिए लगातार संघर्षरत हैं और इन्होंने जंतर-मंतर पर दो बार अनशन भी किया है.
अरविंद केजरीवाल (नई दिल्ली) इन्कम टैक्स कमिश्नर की नौकरी से इस्तीफा देने के बाद भ्रष्टाचार के खिलाफ आंदोलन छेड़ दिया. नौकरी त्यागने के बाद सूचना का अधिकार कानून बनवाने और उसके प्रचार-प्रसार में सक्रिय योगदान दिया. अन्ना हजारेजी के साथ मिलकर भ्रष्टाचार के विरुद्ध देशव्यापी जनलोकपाल आंदोलन शुरू किया. देश के नामी-गिरामी लोगों के भ्रष्टाचार का कच्चा चिठ्ठा जनता के सामने लाते रहे हैं. आम आदमी को बिजली पानी के बढ़े दामों से मुक्ति दिलाने के लिए 15 दिनों का अनशन भी कर चुके हैं.

आम आदमी पार्टी, बर्बरता के खिलाफ, दिल्ली पोलिस को सुप्रीम कोर्ट ले जाएगी

कांग्रेस की बर्बर दिल्ली पुलिस के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट जाएगी आम आदमी पार्टी|
आम आदमी पार्टी [आप]ने आज दिल्ली पोलिस पर कांग्रेस के इशारों पर “आप” पार्टी के कार्यकर्ताओं का उत्पीडन करने का आरोप लगाते हुए इसके विरुद्ध सुप्रीम कोर्ट जाने की घोषणा की है|पार्टी का कहना है कि इस प्रकार की दमनात्मक कार्यवाहियों से आम आदमी पार्टी का मनोबल टूटेगा नहीं वरन और उत्पीडन के विरुद्ध आन्दोलन को और तेज किया जाएगा|
गोकुलपुरी बलात्कार मामले में एफ.आई.आर. की मांग कर रहे आम आदमी पार्टी कार्यकर्ताओं के ऊपर बर्बरता दिखाकर दिल्ली पुलिस ने गुंडों की तरह व्यवहार किया है. जाहिर है कि यह हरकत आम आदमी पार्टी कार्यकर्ताओं से बदला लेने के लिए की गई है, क्योंकि पिछले कई महीने से पार्टी के कार्यकर्ताओं ने बलात्कार मामले में दिल्ली पुलिस को एक्शन लेने पर मजबूर किया है और इसके टालमटोल वाले रवैये की पोल खोली है. आम आदमी पार्टी के इस एक्शन के चलते ही दिल्ली पुलिस के एक एसीपी को सस्पेंड किया गया है. गोकुलपुरी थाने में निर्दोष लोगों पर लाठियां बरसा रहे पुलिसवाले बार बार कह रहे थे कि आज तो मीडिया यहां नहीं है, अब हमें कैसे सस्पेंड करवाओगे? यहां यह भी उल्लेखनीय है कि दिल्ली पुलिस ने जिन लोगों के खिलाफ फर्जी मुकदमे दर्ज किए हैं उनमें बीनू , उसका भाई नरेंद्र और उसकी बहन पुष्पा भी शामिल हैं. बीनू वही कार्यकर्ता है जिसे चांटा मारने के बाद एसीपी अहलावत को सस्पेंड किया गया था. बीनू के भाई को तो हंगामा थमने के बाद, गाडी से निकालकर पकड़ा गया और थाने में पहले उसे बुरी तरह पीटा गया और फिर उस पर तोड़ फोड़ करने का मुकदमा लगाकर तिहाड़ जेल भेज दिया गया.
पुलिस ने इस कार्रवाई से यह संदेश देने की कोशिश की है कि बलात्कार की घटनाओं पर एफआईआर तक न करने का उसका रवैया जारी रहेगा और अगर कोई उसके खिलाफ बोलेगा तो उसके हाथ पैर तोड़कर तिहाड़ जेल में भिजवा दिया जायेगा. दिल्ली पुलिस के इसी रवैये के चलते आज पूरी दिल्ली में बलात्कारियों के हौसले बुलंद हैं और देश की राजधानी में आज कोई महिला अपने को महफूज़ नहीं समझती.
आम आदमी पार्टी दिल्ली पुलिस की इस हरकत के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट जायेगी और सुनिश्चित करेगी कि निर्दोष लोगों के हाथ पैर तोडने और उन पर फर्जी मुकदमे लगाकर तिहाड भेजने की साजिश रचने वाले सभी पुलिसकर्मियों को नौकरी से निकाला जाए. हम इस मामले में दोषी हर पुलिसकर्मी को जेल भिजवा कर रहेंगे ताकि दिल्ली के हर पुलिस वाले को संदेश जा सके कि उसका काम जनता की सेवा करना है, उसके ऊपर लाठियां बरसाना नहीं.
आज से आम आदमी पार्टी दिल्ली पुलिस की इस हरकत को लेकर जनता के बीच भी जायेगी. आज से हम पूरी दिल्ली में इसके लिए प्रचार अभियान शुरू कर जनता को संदेश देंगे कि यह कांग्रेस की बर्बर दिल्ली पुलिस है और अगर इसके आतंक से छुटकारा पाना है तो अपराधी और बेईमानों की जगह ईमानदारों को चुनकर सत्ता में लाना होगा.

“आप” पार्टी के कार्यकर्ताओं को जमानत तो मिली मगर रिहाई नही

आम आदमी पार्टी [आप]के १२ कार्यकर्ताओं को तीन दिन कस्टडी में रखने के पश्चात आज सिटी कोर्ट ने जमानत दे दी| इन्होने सामूहिक बलात्कार की शिकार एक महिला को न्याय दिलाने के लिए गोकुल पूरी पुलिस स्टेशन का घेराव किया था| मुकद्दमे की पैरवी वरिष्ठ वकील शांति भूषण और सोम नाथ भारती ने की जमानत[११] के पश्चात भी तकनीकी कारण बता कर इन्हें रिहा नही किया गया है| इन कार्यकर्ताओं को आज कड कड डूमा ऐ एस जे ब्रिजेश गर्ग की अदालत में प्रस्तुत किया गया|माननीय न्यायाधीश ने प्रतिवाद[ प्रोटेस्ट] के अधिकार को नागरिकों का मूल अधिकार माना और पुलिस की भूमिका की आलोचना की |इसके बावजूद मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट मस हरलीन सिंह ने केवल एक की जमानत को स्वीकार किया |शेष उम्मीदवारों के लिए प्रस्तुत जमानत को अस्वीकार किये जाने पर आप पार्टी ने आरोप लगाया है कि हरलीन सिंह द्वारा ही रात के २ बजे आप के घायल कार्यकर्ताओं को जुडिशियल रिमांड पर पोलिस के हवाले किया था | पट पड़ गंज से आप के उम्मेदवार मनीष शिशोदिया और गोपाल राय अपने सैकड़ों कार्यकर्ताओं के साथ तिहाड़ जेल [गेट ३]पहुंचे और छोड़े गए एक मात्र कार्यकर्ता गुलशन कुमार का स्वागत करके कार्यकर्ताओं का हौंसला बढाया
उल्लेखनीय है कि १९ जून की रात आप पार्टी के १५ कार्यकर्ताओं को पोलिस ने हिरासत में लिया इनमे से महिला कार्यकर्ताओं को अगले दिन जमानत दे दी गई थी |

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दिल्ली हाई कोर्ट ने शीला दीक्षित सरकार को झटका देते हुए ऑटो रिक्शा पर विज्ञापन प्रतिबन्ध पर ही रोक लगाई

दिल्ली हाईकोर्ट ने दिल्ली की सरकार को झटका देते हुए ,औटो रिक्शा पर विज्ञापन सम्बन्धी ,सरकार के तानाशाही भरे आदेश पर रोक लगा दी है|आम आदमी पार्टी [आप]की यह दिल्ली सरकार पर पहली जीत मानी जा रही है|
दिल्ली सरकार ने एक आदेश जारी करते हुए आटो के पीछे पोस्टर लगाने को अवैध करार दिया था और कहा था कि इसका उल्लंघन करने वाले चालकों का चालान कटेगा. आज दिल्ली हाईकोर्ट ने सरकार के इस तानाशाही भरे आदेश पर रोक लगा दी है.
आप पार्टी के प्रमुख कार्यकर्ता प्रशांत भूषण ने हाई कोर्ट में चुनौती देते हुए सरकार के इस आदेश को ही अवैध करार दिया. उन्होंने कहा कि सरकार के पास वाहनों पर लगे पोस्टरों या विज्ञापनों को रोकने का अधिकार ही नहीं है. साथ ही उन्होंने सवाल उठाया कि अगर रेडियो टैक्सी या आरटीवी बसों पर कमर्शियल विज्ञापन लगाना वैध है तो फिर भ्रष्टाचार के खिलाफ राजनितिक पोस्टर कैसे अवैध हो सकता है. प्रशांत भूषण ने अपनी याचिका में सरकार के इस आदेश को आटोचालकों की अभिव्यक्ति की आजादी पर हमला करार दिया है|
आप ने सवाल किया है कि जब दिल्ली में रेडियो टैक्सियां विज्ञापनों से रंगी पडी हैं+ आरटीवी पर विज्ञापन लगे हैं,+ आटो पर पोस्टर लगाना अपराध कैसे हो सकता है? क्या सिर्फ इसलिए क्योंकि दिल्ली के आटोचालक आम आदमी पार्टी का साथ दे रहे हैं? सरकार की परेशानी आटो पर लगने वाले विज्ञापन नहीं हैं, बल्कि वह आम आदमी पार्टी से परेशान है. इसीलिए आम आदमी पार्टी ने ऐलान किया था कि भ्रष्टाचार के खिलाफ पोस्टर लगाने पर अगर किसी आटो का चालान कटेगा तो उसे पार्टी भरेगी और आटोचालक को मुफ्त वकील भी उपलब्ध करवाएगी.|सरकार के इस आदेश के बाद से पार्टी लगातार आटोचालकों के साथ खडी है, उनका जुर्माना भी भर रही है और उनके लिए कोर्ट में वकील भी भेज रही है. हालांकि आज हाईकोर्ट के आदेश के बाद अब सरकार किसी आटोचालक का चालान इसलिए नहीं काट पायेगी कि उसके पीछे पोस्टर लगा है.
पार्टी ने आरोप लगाया है कि पोस्टर लगाने पर पुलिस ने तो एक दो ही चालान काटे हैं लेकिन नेताओं के लोग आटो को रोककर उनके पोस्टर फाडने का काम कर रहे हैं. आज सुबह भी संसद का स्टीकर लगी एक गाडी में बैठे कुछ लोग आटो के पीछे लगे पोस्टर फाडते घूम रहे थे. उनकी गाडी में आम आदमी पार्टी के फटे हुए पोस्टर भी पडे थे. तो सवाल यह उठता है कि क्या कांग्रेस के नेताओं को आम आदमी पार्टी के पोस्टरों पर लिखा सच हजम नहीं हो रहा और अब वे सरकारी गाडियों में अपने गुंडे भेजकर ये पोस्टर उतरवा रहे हैं.

ऑटो चालाक के चालान के विरुद्ध “आप “पार्टी न्यायलय जायेगी

आम आदमी पार्टी[आप]अब दिल्ली के ऑटो चालकों के समर्थन में खुल कर आ गई है|आप ने ऑटो चालाक के चालान के विरुद्ध न्यायलय के द्वार खटखटाने की घोषणा की है |पोस्टर लगाने के कारण ऑटो चालक का चालान किया गया है|ऑटो चालक अशोक कुमार को आम आदमी पार्टी ने हर संभव देगी सहायता देने का आश्वासन दिया है|
ऑटो के पीछे पोस्टर नहीं लगाने के दिल्ली की शीला दीक्षित सरकार के तुगलकी फरमान का शिकार सोमवार(17 जून) को दिल्ली के एक ऑटो चालक अशोक कुमार हो गए.| अशोक को ट्रैफिक पुलिस ने दक्षिण दिल्ली के कालकाजी मंदिर की रेडलाइट पर रोका और उनका चालान कर दिया.| चालान रसीद पर पुलिस ने लिखा है कि अशोक कुमार ने अपने ऑटोरिक्शा पर शीला दीक्षित और अरविंद केजरीवाल की तस्वीर वाला एक पोस्टर चिपका रखा है इसलिए उनका चालान किया जाता है.| पुलिस ने अशोक का ड्राइविंग लाइसेंस जब्त कर लिया और उन्हें 10 जुलाई को साकेत कोर्ट में मजिस्ट्रेट के सामने हाजिर होने का आदेश दिया है.
आम आदमी पार्टी ऑटोचालकों को परेशान करने की इस सरकारी कार्रवाई की कड़ी निंदा करती है. पार्टी ने ऑटो के पीछे किसी भी तरह का विज्ञापन लगाने से रोकने वाले शीला दीक्षित सरकार के फरमान को तत्काल प्रभाव से वापस लेने की मांग की है. पार्टी सरकार के इस जनविरोधी आदेश को निरस्त करने संबंधी एक याचिका जल्द ही अदालत में दायर करने वाली है. आम आदमी पार्टी ऑटो चालकों के साथ खड़ी है और उन्हें शीला सरकार द्वारा की जा रही मनमानी से बचाने के लिए हरसंभव सहायता देगी.

अजय माकन ने केन्द्रीय मंत्री मंडल से इस्तीफा दिया:दिल्ली में शीला दीक्षित के विकल्प के रूप में उतारे जाने की सम्भावना

केंद्रीय आवास एवं गरीबी उन्मूलन मंत्री अजय माकन ने केन्द्रीय मंत्री मंडल से इस्तीफा दे दिया है|इससे अटकलों का बाज़ार गर्म हो गया है| ऐसी संभावना जताई जा रही है कि अभी और मंत्री भी इस्तीफा दे सकते हैं ताकि संगठन से कुछ लोगों को मंत्रालय में जगह दी जा सके। दिल्ली की राजनीती में सफल नेता माने जाने वाले माकन को दिल्ली राज्य में “आप” पार्टी के जवाब में देखा जा रहा है| इस्तीफा देने के बाद माकन ने कहा कि उन्होंने पार्टी के काम के लिए इस्तीफा दिया है।माकन (49) इससे पहले गृह राज्य मंत्री थे और बाद में उन्हें खेल एवं युवा मामलों का स्वतंत्र प्रभार संभाला। माकन को पिछले साल अक्टूबर में कैबिनेट दर्जा प्रदान किया गया।आअप पार्टी द्वारा ११ विधान सभा छेत्रों के उम्मीदवारों की सूची जारी किये जाने के दिन ही माकन का इस्तीफा आया है|ऐसे में माना जा रहा है के मुख्य मंत्री श्री मति शीला दीक्षित के रिप्लेसमेंट के रूप में माकन को दिल्ली राज्य में उतारा जा सकता है|
सूत्रों की माने तो युवा माकन को दिल्ली कांग्रेस में उच्च निर्णायक पद दिया जा सकता है|
गौरतलब है के दिल्ली की मौजूदा मुख्यमंत्री श्री मति दीक्षित पिछले 15 सालों से इस पद पर हैं। तीन बार लगातार महिला मुख्यमंत्री बनाने का रिकार्ड बना चुकी हैं|
कहा जाता है के इसी सफलता के चलते अब दिल्ली प्रदेश कांग्रेस के प्रमुख जेपी अग्रवाल और अजय माकन के साथ शीला के साथ संबंध मधुर नहीं हैं। इसके अलावा आम आदमी पार्टी और भाजपा लगातार शीला दीक्षित को निशाने पर ले रही हैं|
दिल्ली की राजनीति में दबदबा रखने वाले ललित माकन[स्वर्गीय] के भाई अजय माकन को यहां पर मुख्यमंत्री शीला दीक्षित के विकल्प के तौर पर भी पेश किया जाता है।