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“आप” ने दिल्ली विधानसभा चुनाव के लिए ओखला से इरफ़ान उल्ला खान और बदरपुर से नारायण दत्त शर्मा को टिकेट्स दिए

आम आदमी पार्टी [आप] ने दिल्ली विधानसभा चुनाव के लिए ओखला और बदरपुर विधानसभा के प्रत्याशियों की घोषणा कर दी है|
आप पार्टी ने आज राजनैतिक एक्टिविस्ट इरफ़ान उल्ला खान को ओखला विधानसभा से और बदरपुर से समाज सेवी नारायण दत्त शर्मा के नामों की घोषणा की है|
आप पार्टी ने बताया कि ओखला से पार्टी के उम्मीदवार इरफ़ान उल्ला खान जेपी आन्दोलन में भी सक्रिय रूप से शामिल थे. छात्र राजनीति से निकले इऱफान उल्लाह खान अलीगढ़ मुस्लिम युनिवर्सिटी के छात्र संघ के अध्यक्ष रहे हैं. इंदिरा गांधी ने जब अलीगढ़ मुस्लिम युनिवर्सिटी को मिले माइनॉरिटी कैरेक्टर को भंग कर दिया तो बतौर छात्र संघ अध्यक्ष इन्होंने उस आदेश के खिलाफ आंदोलन छेड़ा और युनिवर्सिटी का माइनॉरिटी कैरेक्टर वापस दिलाया. लोकदल के टिकट पर एक बार विधानसभा चुनाव और जनता दल के प्रत्याशी के तौर पर लोकसभा चुनाव भी लड़ चुके हैं. वर्तमान में जामिया नगर कॉर्डिनेशन कमेटी के अध्यक्ष हैं|
बदरपुर से आम आदमी पार्टी उम्मीदवार नारायण दत्त शर्मा की छवि बदरपुर के लोगों के सुख-दुख में साथ खड़े रहने वाले व्यक्ति की बताई गई है| क्षेत्र में होने वाले सामाजिक और सांस्कृतिक कार्यों में सक्रिय रहते हैं. जनलोकपाल आंदोलन से शुरू से जुड़े रहे हैं. पार्टी के गठन के बाद भी सभी आंदोलनों-प्रदर्शनों में सक्रिय रूप से योगदान देते रहे हैं.
गौरतलब है कि इस सूची के साथ आम आदमी पार्टी ने 47 सीटों के लिए अपने उम्मीदवारों की घोषणा कर चुकी है. इसके अलावा 9 सीटों पर पार्टी ने उम्मीदवारों की शर्टलिस्ट ज़ारी की जा चुकी है|

Arvind Kejriwal Warned Delhi Govt Against Victimization Of 50000 E rickshaw Operators Of Delhi

AAP Party Top Brass Leader Arvind Kejriwal Today Extended Full Sport To 50000 battery operated rickshaws Of Delhi.
Arvind Kejriwal Said That No concrete policy has been framed for E.rickshaws Even though battery operated rickshaws provide an effective solution to city’s transport problem but e-rickshaw operators in the national capital,are exploited .
In a public rally held at Jantar Mantar today, a large number of battery rickshaw operators not only voiced their concerns but also extended full support to Aam Aadmi Party by joining the party in large numbers.Party has claimed this.
Criticizing the transport department for targeting battery rickshaw operators, these operators informed that e-rickshaws are one of the most eco friendly and convenient mode of transport. However, lack of a policy is affecting the lives of more than 50000 rickshaw operator families. It is alleged that The lethargy of Shiela Dikshit government in drafting a policy is leading to unnecessary harassment of the operators.
Voicing their concerns, the e-rickshaw operators informed that due to lack of a clear policy they are often fined heavily, sometimes even upto Rs 10000, which is taking a toll on the families of these operators, who often come from a economically weaker background. On this, Arvind Kejriwal Extended full support to the demands of these operators and assured to stand by them till the issue is sorted out.”
The operators informed that another major issue is the black marketing of rickshaws. The operators informed that even though e-rickshaws costs around Rs 40000, dealers charge them around Rs one lakh per rickshaw. They do not give proper receipts hence dodging the laws by not paying the taxes.
Addressing the gathering, Arvind Kejriwal demanded that those manual rickshaws operators who want to purchase e-rickshaws should be given subsidy by the government. He also said that now not only auto rickshaws, but even battery operated e-rickshaw operators are supporting AAP. He also dismissed rumours which are being deliberately planted that some auto rickshaw unions have left AAP. He alleged that this only shows that the Congress now fears the growing strength of AAP. In fact, the number of auto rickshaw drivers joining AAP has only increased by the day.

“आप” ने दिल्ली के चुनावों के लिए पार्टी की दसवी शॉर्टलिस्ट में पांच और विधान सभाओं के लिए २१ प्रत्याशियों की सूची निकाली

आम आदमी पार्टी[आप] ने दिल्ली के चुनावों के लिए पार्टी की दसवी शॉर्टलिस्ट में पांच और विधान सभाओं के लिए २१ प्रत्याशियों की सूची ज़ारी की|
आप पार्टी ने आज पांच और विधान सभा के लिए संभावित प्रत्याशियों की सूची ज़ारी की है. इस सूची में बादली, चांदनी चौक, विकासपुरी, राजौरी गार्डन और पटेल नगर शामिल है. इस सूची में कई सामाजिक कार्यकर्ता, कंस्ट्रक्शन वर्कर, RWA जुड़े लोग, MBA विभिन्न आन्दोलनों से जुड़े लोग भी शामिल है.
इन सीटों के लिए ज़ारी किए गयी सूची निम्न है:
1 . बादली : अनिल शर्मा, अशोक यादव, गिरिधर गोपाल मेहता, मोहन कृष्ण शर्मा और मोहम्मद शाहिद उस्मानी
२. चांदनी चौक : अशोक कुमार जैन, सुशील कौशिक, विक्रम बधवार
३. पटेल नगर : चित्रपाल आसिवाल, मीरा वर्मा, वीणा आनंद
४. राजौरी गार्डन: आदर्श कुमार गुप्ता, अजित कुमार भल्ला, जतिन भल्ला, जोगिंदर सिंह गुरुरखा, मुशर्रफ़ खान
५. विकासपुरी: महेंद्र यादव, जगबीर सिंह, दीपंकर पाण्डेय, निर्मल कुमारी
अब तक आम आदमी पार्टी ने 45 सीटों के लिए अपने प्रत्याशियों की घोषणा कर दी है. इस सूची के साथ 12 सीटों के लिए संभावित प्रत्याशियो की सूची ज़ारी कर चुकी है.

दिल्ली पोलिस से आप पार्टी ने न्याय माँगा तो बदले में लाठियां और जेल मिली

आम आदमी पार्टी [आप] ने दिल्ली पोलिस की अमानवीय पोलिसगिरी के विरुद्ध न्याय की मांग की है|पार्टी का आरोप है की पार्टी के कार्यकर्ताओं
ने जब बलात्कार के खिलाफ एफआईआर दर्ज़ किये जाने की मांग उठाई तो कार्यकर्ताओं के ऊपर पुलिस ने कहर. बरपा दिया|
गोकुलपुरी बलात्कार मामले में पुलिस के खिलाफ प्रदर्शन के दौरान गिरफ्तार आम आदमी पार्टी के कार्यकर्ताओं को पुलिस ने कल न सिर्फ बेरहमी से मारा बल्कि उनके पानी मांगने पर पेशाब भी पिलाने की कोशिश की|. गिरफ्तार १५ कार्यकर्ताओं में से कई के हाथ पैर तोड दिए गए हैं. थाने में बंद कर महिला कार्यकर्ताओं को पुरुष पुलिसकर्मियों ने लात घूसों से पीटा. इनमें से एक अखिलेश ने जब पानी मांगा तो एक पुलिसकर्मी ने अपनी पेंट की चेन खोलकर उसे पेशाब पिलाने की कोशिश की.| पुलिस बार बार आम आदमी पार्टी के कार्यकर्ताओं से पूछ रही थी कि “कहां है तुम्हारा मीडिया. अब मीडिया नहीं है तो हमें कैसे ससपेंड करवाओगे”. इस पिटाई के बाद पुलिस ने खुद ही अपने थाने की खिडकियां तोडीं और कार्यकर्ताओं पर तोडफोड व दंगे का आरोप लगा दिया|. आज १५ लोगों को अदालत में पेश किया गया जहां ४ महिलाओं को तो जमानत दी गई लेकिन बाकी को जमानत देने से भी मना कर दिया गया.
आम आदमी पार्टी नेता अरविंद केजरीवाल ने ४ महिलाओं को जमानत देने और ११ पुरुषों को जमानत न देने के फैसले के औचित्य पर सवाल उठाया है.| इतना ही नहीं, सुनवाई के ठीक पहले दोपहर करीब १.३० बजे, अदालत में बैठे कई लोगों ने गोकुलपुरी इलाके के एसीपी को जज साहब के चैंबर में जाते देखा. इसके ५ मिनट बाद जब लोगों ने जज साहब के स्टेनो से पूछा तो उसने बताया कि दोनों साहब लंच कर रहे हैं. इस पर अरविंद केजरीवाल ने सवाल उठाया है कि सुनवाई के ठीक पहले,

मामले से जुडे एसीपी के साथ जज का लंच करना, क्या न्याय की मर्यादा के खिलाफ नहीं है.

उन्होंने यह भी सवाल उठाया है कि जज साहब को दोनों के बीच हुई बातचीत का खुलासा करना चाहिए.
इसके बाद सुनवाई हुई जिसमें जज साहब ने पुलिस के गवाहों को तो सुना लेकिन पुलिस की पिटाई में घायल लोगों को एक शब्द भी नहीं बोलने दिया. आश्चर्य की बात है कि इस मामले में

पुलिस ने जिस अधिकारी को शिकायतकर्ता बनाया है उसी को जांच अधिकारी भी बनाया है.

गोकुलपुरी का यह घटनाक्रम इस प्रकार है

– बलात्कारियों के चंगुल से छूटने के बाद पीडिता और उसके पति ने ऑटो पकड़ा. उन्हें परेशान हाल देखकर ऑटो वाले ने उनसे बात की तो उसे पूरा मामला समझ में आया. वह पीड़ित दंपत्ति को लेकर गोकुलपुरी थाने पंहुचा और सुबह करीब 5 बजे आम आदमी पार्टी की हेल्पलाइन पर फ़ोन कर घटना की जानकारी दी और मदद का अनुरोध किया. सुबह 6 बजे आम आदमी पार्टी के कुछ कार्यकर्ता थाने पहुच गये. इसके बाद कई घंटे तक पुलिस टाल मटोल करती रही. जब कार्यकर्ताओं की संख्या बढ़ी तो 11 बजे पीडिता को मेडिकल के लिए ले जाया गया. इसके बाद भी पीड़िता के पति या कार्यकर्ताओं को पुलिस कुछ बताने को तैयार नहीं थी.
आप पार्टी ने आरोप लगाया है के दिल्ली में बलात्कार होना, पुलिस का एफआईआर तक न दर्ज करना और फिर इंसाफ मांग रहे लोगों पर लाठियां बरसाकर उन्हें जेल में डाल देना, ये सब दिल्ली में जंगलराज की निशानी है. दिल्ली विधानसभा में बैठी कांग्रेस और बीजेपी महिलाओं को सुरक्षा देने के मामले में हाथ खडे कर चुकी हैं. मुख्यमंत्री शीला दीक्षित तो ‘पुलिस मेरे हाथ में नहीं है’ कहकर पल्ला झाड लेती हैं, वहीं बीजेपी वाले कभी कभार प्रदर्शन की रस्म अदायगी कर घर बैठ जाते हैं. विधानसभा में आज तक कोई इस मुद्दे पर कुछ नहीं करता, जबकि दिल्ली में हर रोज़ बलात्कार की दिल दहलाने वाली घाटनाएं सामने आ रही हैं.
गोकुलपुरी इलाके में सामने आई गैंगरेप की घटना के बाद भी पुलिस एफ.आई.आर दर्ज नहीं कर रही थी. एक आटोचालक के माध्यम से यह खबर आम आदमी पार्टी कार्यकर्ताओं तक पहुंची. पुलिस अधिकारी अपने इलाके में बलात्कारियों की इस हरकत पर शर्मसार होने की जगह, इंसाफ मांग रहे आम आदमी पार्टी के कार्यकर्ताओं पर लाठियां बरसाने लगे. कई लोगों की हड्डियां तोड़ दी गईं. आम आदमी पार्टी के 15 कार्यकर्ताओं को थाने में बंद करके फिर से पीटा गया. महिला कार्यकर्ताओं पर भी पुरुष-पुलिसकर्मियों ने चांटे और डंडे बरसाए और उन्हें भद्दी भद्दी गालियां देकर अपमानित किया गया. यहां तक कि पानी मांगने पर गिलास में पेशाब दिया गया.
आज दिल्ली पुलिस या तो अपराधियों के संरक्षण में लगी है या नेताओं के. नेता और अधिकारी दोनों जनता के मन में खौफ पैदा करने की कोशिश कर रहे हैं. इस समय दिल्ली में जनता सिर्फ आम आदमी पार्टी पर भरोसा कर रही है. पार्टी के कार्यकर्ता निडर होकर बलात्कारियों के खिलाफ आवाज़ भी उठा रहे हैं और पुलिस को भी सही धाराओं में रिपोर्ट लिखने व दोषियों को गिरफ्तार करने पर मजबूर कर रहे हैं. आम आदमी पार्टी के लोग सत्ता में न होकर भी महिलाओं की सुरक्षा के लिए जान हथेली पर रखकर आगे आ रहे हैं. इसमें आम आदमी पार्टी से जुडे आटोचालक भी अहम भूमिका निभा रहे हैं.
इसके पहले भी कई मामलों में आम आदमी पार्टी का महिला सुरक्षा दल ज़रुरत के वक़्त महिलाओं की सुरक्षा के काम आती है. ये दल इस वक़्त दिल्ली के कई क्षेत्रों में काम कर रहा है-
– 3 दिन पहले गुड़गांव में एक छोटी सी बच्ची के साथ बलात्कार हुआ . मामला लेकर पीड़ित के घर वाले पुलिस के पास पहुंचे, पर पुलिस ने मामला दर्ज तो हुआ,पर अपराधियों को पकड़ने में कोई मुस्तैशी नही दिखाई. बाद में घरवालों ने “आम आदमी पार्टी” से सम्पर्क किया, और अब “आप” कार्यकर्ता ही बच्ची को इन्साफ दिलाने की मुहीम चला रहे है.
– कानपुर में मजदूर की 7 साल की बच्ची को घर के बाहर से अगवा करके सामूहिक बलात्कार के बाद हत्या के मामले में पुलिस ने एफआईआर करने से भी इनकार कर दिया,बाद में आम आदमी पार्टी के कार्यकर्ता धरने पर बैठ गए,पहले तो पुलिस ने कार्यकर्ताओं को ही गिरफ्तार किया, पर बाद में पुलिस पर दवाब बना, और पुलिस ने अपराधियों की गिरफ्तारी की,और कार्यकर्ताओं को बरी कर दिया।
– गाज़ियाबाद से एक बच्ची अगवा हुई, यहाँ भी आम आदमी पार्टी कार्यकर्ताओं ने पुलिस के साथ मिलकर मुरादनगर से लड़की को बरामद कराया. दूसरे केस में अगवा बच्ची की माँ ने आम आदमी पार्टी को संपर्क किया, तो पुलिस के साथ मिलकर इस बच्ची को भी बरामद किया गया.
– दामिनी केस के बाद सबसे ज्यादा चर्चा में आये गुडिया बलात्कार मामले में भी सिर्फ आम आदमी पार्टी के हस्तक्षेप के बाद ही बच्ची की जान बच पायी. पूरे दिन प्रदर्शन के बाद बच्ची को अच्छे अस्पताल में भरती कराया गया और 2 दिन के भीतर बलात्कारी को पकड़ा गया.
आज दिल्ली में आम आदमी पार्टी ही एकमात्र ऐसी पार्टी है जो महिलाओं की सुरक्षा के प्रति वचनबद्ध है. जब दिल्ली में आम आदमी पार्टी की सरकार बनेगी तो महिलाओं की सुरक्षा के लिए स्पेशल कमांडो फोर्स बनाई जायेगी. इसमें हर वार्ड में कम से कम २५ कमांडो महिलाओं की दिन रात सुरक्षा के लिए ही तैनात किए जायेंगे. इस फोर्स में नौजवानों को कमांडो ट्रेनिंग देकर रखा जायेगा. इनका कमान ईमानदार पूर्व सैनिकों के हाथ में दी जायेगी.
इसीलिए आने वाले चुनाव के लिए हमारा नारा है- ‘अगर फिर दिया बेईमानों को वोट तो होते रहेंगे दिल्ली में बलात्कार’.

उ प्र.में बिजली संकट के लिए सपा ने बसपा के सर ठीकरा फौड़ा

उत्तर प्रदेश में बिजली के दामो को लेकर आये राजनीतिक उबाल के लिए सत्ता रुड समाज वादी पार्टी ने ठीकरा पूर्वर्ती सरकार बहुजन समाज वादी के सर पर फोड़ दिया है और पार्टी प्रवक्ता और राज्य में मंत्री राजेंद्र चौधरी ने २०१४ तक बिजली समस्या के स्थाई समाधान खोज निकालने का आश्वासन भी दिया है|
चौधरी राजेंद्र सिंह का कहना है कि पहली बी एस पी की सरकार ने महंगी दरों पर बिजली खरीदी और भुगतान नही किया जिसके फलस्वरूप २५००० करोड़ का कर्जा विरासत में मिला है|जिसका भुगतान इस सरकार करना पड़ रहा है| इसके अलावा कहीं से भी उत्पादन नही है | अब मजबूरन बिजली खरीदनी पड़ रही है लेकिन पुराना उधर चुकताये बगैर नया उधार नहीं मिलता |
बिजली की समस्या से निबटने के लिए राज्य सरकार ने २०१४ का लक्ष्य तय किया है|जिसके अंतर्गत बिजली खरीद बडाई जायेगी और उत्पादन के लिए नए कारखाने लगाए जायेंगे| उल्लेखनीय है कि उ. प्रदेश में 43% लीकेज को रोक पाने में असमर्थ प्रदेश सरकार ने ४५ % दरें बड़ा दिए हैं जिसे मुद्दा बना कर राजनीतिक दलों ने आन्दोलन छेड़ रखे हैं|भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष डॉ लक्ष्मी कान्त वाजपई ने बिजली के बिलों का भुगतान नहीं करने की चेतावनी दी है तो आम आदमी पार्टी[आप] ने २२ जून तक मुख्य मंत्री के निवास की बिजली काटने की धमकी दी है| इसके अलावा रालोद के प्रदेश अध्यक्ष मुन्ना सिंह चौहान के न्रेतत्व में जिलों में विरोध प्रदर्शन किया जा रहा है|

केंद्र सरकार अपने रक्षा सचिव को कैग के बजाय अकाउंटेंट के रूप में इस्तेमाल कर सकता है ;जनहित याचिका

नए कैग की न्युक्ति को लेकर आर टी आई के बाद अब पी आई एल दाखिल कर दी गई है| राष्ट्रपति डा, प्रणव मुखर्जी ने देश के लेखानियंता[ Comptroller ]& [ AuditorGeneral ] के रूप में केंद्र सरकार के रक्षा सचिव शशिकांत शर्मा को शपथ दिला दी है लेकिन इसको चुनौती देते हुए उच्चतम न्यायालय में गुरुवार को एक जनहित याचिका भी दायर कर दी गई।याचिका में कहा गया है कि वह खुद रक्षा सचिव के रूप में काम कर चुके हैं और हाल के दिनों में रक्षा सौदे में अनेकों घोटालों की बात सामने आई है। कहा गया है कि रक्षा विभाग के एक पक्षकार द्वारा किया जाने वाला लेखा आडिट निष्पक्ष कैसे हो सकता है|।इस जनहित याचिका की सुनवाई ग्रीष्मावकाश के बाद होने की प्रबल संभावना है।
उल्लेखनीय है कि श्री शर्मा ने आज ही सीएजी[ CAG ] के रूप में शपथ ली है। राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी ने उन्हें पद एवं गोपनीयता की शपथ दिलाई। श्री शर्मा का कार्यकाल 24 सितंबर 2017 तक होगा। उन्होंने विनोद राय का स्थान लिया है जो कल सेवानिवृत्त हो गए। श्री शर्मा इससे पहले रक्षा सचिव थे।
आम आदमी पार्टी के प्रशांत भूषण ने भी यह आरोप लगाया है कि ‘शर्मा ने 2003 से 2010 तक रक्षा मंत्रालय में संयुक्त +अतिरिक्त सचिव के रूप में अलग-अलग पदों पर काम किया है । इसके बाद 2011 में रक्षा सचिव बने। इस दौरान लाखों-करोड़ों के रक्षा सौदे हुए।इन सौदों पर आपत्ति कि जा रही है और इनका आडिट किया जाना है|
1976 बैच के बिहार कैडर से आईएएस अफसर शशिकांत शर्मा जुलाई 2011 से रक्षा सचिव हैं। और फिलहाल सर्विस एक्सटेंशन पर हैं|यूनिवर्सिटी ऑफ यॉर्क से राजनीति विज्ञान में मास्टर डिग्री हासिल करने वाले हैं। रक्षा सचिव बनने से पहले वे वित्त मंत्रालय में सचिव (वित्त सेवाएं) थे। उसके पहले 2003 से 2010 के दौरान उन्होंने रक्षा मंत्रालय में ही संयुक्त सचिव, अतिरिक्त सचिव और महानिदेशक (खरीद) पदों पर भूमिका निभाई है।
कैग न्युक्ति की प्रक्रिया
इस न्युक्ति पर पहले भी आर टी आई के माध्यम से आपत्ति उठाई जा चुकी है|जिसके जवाब में केंद्र सरकार ने यह स्वीकार किया है कि कैग की न्युक्ति के लिए योग्यता का कोई माप दंड नही है|परम्परा को ही न्युक्ति का आधार बनाया गया है|बताया गया है कि
[१]कैग की नियुक्ति 6 साल या 65 वर्ष की आयु तक के लिए होती है।
[२]वित्त मंत्रालय के प्रस्ताव पर सरकार राष्ट्रपति को सिफारिश भेजती है।
[३]इसके लिए कोई औपचारिक व्यवस्था नहीं है। पुरानी परंपरा का ही पालन होता है।
[४]कैग के पद पर नियुक्ति के लिए योग्यता के संबंध में कोई शर्त नहीं है।
[५]इसके लिए कोई सलेक्शन कमेटी नहीं । सरकार जिसे चाहे उसे बना सकती है।

कांग्रेस के जश्न से यह तो साफ हो गया कि सोनिया और सिंह में कोई पंगा नही है


झल्ले दी झल्लियाँ गल्लां

एक आम आदमी पार्टी का परेशां नेता

ओये झाल्लेया ये कांग्रेस और भाजपा क्या आम जनता को भांभड भूसे में डाले जा रही है|ओये कांग्रेस अपनी नौंवी वर्षगाँठ पर जश्न मना रही है और नाकामी+ भ्रष्टाचार+शिथिलता के किस्सों को केमोफ्लेज करके अपनी कथित उपलब्धियों का ढोल पीट रही है दूसरी तरफ भाजपा ने कुछ किया नही और कांग्रेस को को गालियाँ निकाल कर ही सत्ता में आना चाह रही है| ओये देश की जनता को इन लोगों ने बेवकूफ समझ रखा है क्या?रोजगार में बढ़ोत्तरी+ मनरेगा के दैनिक भत्ता दोगुना करने+ खाद्य सब्सिडी में तीन गुना वृद्धि+ और सामाजिक क्षेत्र में बढ़ोत्तरी दिखाने वाले आंकड़े पेश किये जा रहे हैं ओये इनके पीछे छुपे घोटालों का कोई जिक्र नही है|भाजपा में प्रधान मंत्री के लिए घमासान मचा हुआ है ऐसे में देश हित में किसी तीसरी शक्ति को आना ही होगा |

झल्ला

ओ बू जी आज की रिपोर्ट कार्ड से दो बातें तो समझ में आई है कि यूं पी ऐ कि अध्यक्षा श्री मति सोनिया गाँधी और हसाडे सोणे ते मन मोहणे प्रधान मंत्री के बीच [१]कोई पंगा नही है [२]और कांग्रेस को मिला खाली ग्लास भरने के लिए अभी सत्ता का एक और कार्यकाल चाहिए |जहाँ तक आप जी का सवाल है तो श्रीमान जी आप पेड के नीचे बैठ कर आम के टूट कर आपकी झोली में गिरने की फिराक में हैं|खैर उम्मीद पर दुनिया कायम है जी

उपवास के ३सरे दिन अरविन्द केजरीवाल का स्वास्थ्य स्थिर:सविनय अवज्ञा आन्दोलन के समर्थको की संख्या १,१२,४७८ हुई

उपवास के ३सरे दिन अरविन्द केजरीवाल का स्वास्थ्य स्थिर:सविनय अवज्ञा आन्दोलन के समर्थको की संख्या १,१२,४७८ हुई

उपवास के ३सरे दिन अरविन्द केजरीवाल का स्वास्थ्य स्थिर:सविनय अवज्ञा आन्दोलन के समर्थको की संख्या १,१२,४७८ हुई

बिजली +पानी के बिलों को लेकर आम आदमी पार्टी द्वारा शुरू किये सविनय अवज्ञा आन्दोलन को दिल्ली के हर कोने से समर्थन मिलना जारी है|.आन्दोलन के तेसे दिन की शुरुआत में समर्थकों की संख्या 1,12,478 बताई गई है|बीते दिन याह आंकड़ा 75,737 था |पार्टी के संयोजक “अरविन्द केजरीवाल” का स्वास्थ्य स्थिर बताय गया है |उनके स्वास्थ्य के सभी मापदंड सामान्य हैं!
दिल्ली में हर क्षेत्र के लोग शीला दीक्षित और निजी कम्पनियों के भ्रष्टाचार के विरुद्ध खड़े हो रहे हैं,जिसके कारण बिजली पानी के दामों में अनुचित वृद्धि हुई थी.
बिजली पानी के दामों में बढ़ोत्तरी के खिलाफ छेड़े आन्दोलन ने आज २५ मार्च सोमवार को तीसरे दिन में प्रवेश कर लिया है,पार्टी प्रवक्ता के अनुसार हज़ारों लोगों ने बिल न भरने का आश्वासन देकर आन्दोलन का समर्थन किया.,जिनकी कुल संख्या 1,12,478 गिनी गयी ! इस पत्र के द्वारा लोग शीला दीक्षित पर भ्रष्टाचार पर रोक लगाने के लिए दवाब बना रहे है, जिससे दैनिक उपभोग की वस्तु पानी और बिजली के दाम बढ़कर आम आदमी की जेब में आग लगा रहे हैं|.
264 असहयोग केन्द्रों पर लगभग 7000 कार्यकर्ता दिन रात लगातार काम कर रहे हैं ,और दिल्ल्ली के कोने कोने में लोगों को जागरूक करने का समर्पित भाव से कार्य कर रहे हैं| दिल्ली सरकार निजी कम्पनियों के साथ मिलकर लोगों को लूट रही है.बताया जा रहा है कि औरतें जो इस दाम बढोतरी से सबसे ज्यादा दुखी हैं, अपना समर्थन बड़ी संख्या में दे रही है!