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एल के अडवाणी ने भारतीय राज्य को समझने के लिए ‘इज इण्डिया ए फ्लेलिंग स्टेट नामक कल्पित कथा को पढ़ने की सलाह दी है

टेलपीस (पश्च्यलेख)
एन डी ऐ के पी एम् इन वेटिंग और वरिष्ठ पत्रकार लाल कृषण अडवाणी ने भारतीय राज्य को समझने के लिए ‘इज इण्डिया ए फ्लेलिंग स्टेट नामक कल्पित कथा को पढ़ने की सलाह दी है| अपने नवीनतम ब्लाग के टेलपीस (पश्च्यलेख) में अडवाणी ने व्यंगात्मक शैली में लिखा है कि भारत सम्बन्धी 46 पृष्ठीय हार्वर्ड ‘पेपर‘ का शीर्षक है: ‘इज इण्डिया ए फ्लेलिंग स्टेट?”बाद में यह उपन्यास एक सफल फिल्म ‘स्लमडॉग मिलियनोर‘ के रुप में सामने आया
पेपर की शुरुआत एक भारतीय उपन्यास के प्रश्नोत्तर के सारांश से होती है जिसमें एक अशिक्षित मजदूर वर्ग का वेटर एक खेल में एक बिलियन रुपए जीत जाता है, बाद में यह उपन्यास एक सफल फिल्म ‘स्लमडॉग मिलियनोर‘ के रुप में सामने आया।
अपने पेपर में ‘स्लमडॉग मिलियनोर‘ के संदर्भ के बाद, प्रिटचेट्ट व्यंग्यपूवर्क टिप्पणी करते हैं:
”जैसे-जैसे उपन्यास के प्रत्येक उदाहरण जिसमें हीरो के जीवन का वास्ता सरकार के लोगों से पड़ता है-उसके साथ बिकाऊपन और आकस्मिक क्रूरता भरा व्यवहार होता है। यह दो कारणों से विशेष उल्लेखनीय है। पहला, सरकार का बुरा व्यवहार इस पुस्तक का कथानक न ही है और नहीं इस पर टिप्पणी है, उल्टे यह चित्रण एक वास्तविक व्यक्ति के जीवन के सत्याभास को बताने के लिए हैं- ताकि पुस्तक यथार्थवादी लगे और ‘सच्चे‘ भारत से जुड़ी दिखे। दूसरे, यह उपन्यास किसी विरक्त सुधारवादी ने नहीं अपितु भारतीय विदेश सेवा के एक सक्रिय सदस्य द्वारा लिखा गया है।
भारतीय राज्य को समझने के लिए आज कल्पित कथा को पढ़ना जरुरी है क्योंकि कथेतर साहित्य, सरकारी रिपोटर् और आयोगों तथा दस्तावेज जो सरकारी एजेंसियों द्वारा तैयार किए जाते हैं (सरकार के साथ मिलकर काम कर रही विदेशी एजेंसियों सहित) वो वास्तव में कल्पित कथा ही हैं।”