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Tag: Adolf Hitler

दिग्विजय जी हिटलरों की गिनती ठीक करो,तेलंगाना सीएम केसीआर तो छातीठोक खुद एडोल्फ हिटलर बने हैं

झल्ले दी झल्लियां गल्लां

सपाई चीयर लीडर

ओये झल्लेया पहले तो नरेंद्र मोदी की हिटलर शाही ने नाक में दम कर रखा था अब आर एस एस सुप्रीमो मोहन भागवत भी हिन्दू राष्ट्र के हिटलरी फरमान सुनाने लग गए हैं| कांग्रेसी राजा दिग्विजय सिंह ने भी हसाड़ी इस गल को स्पोर्ट किया है और ट्वीट किया है कि पहले एक ही हिटलर था अब दो हिटलर हो गए अब तो भारत को भगवान ही बचाये

झल्ला

ओ मेरे पहलवान जी हिटलरों की गिनती ठीक करो,तेलंगाना के सीएम केसीआर तो खुद अपनी छाती ठोककर खुद को एडोल्फ हिटलर बना रहे हैं| चलो आप जी की बात मान भी ली जाये और मोहन भागवत को हिन्दू राष्ट्र कहने पर भारतीय हिटलर मान लिया जाये तो भी एक बात बताओ आप जीओं की नजर तेलंगाना के मुख्य मंत्री के चंद्रशेखर राव [KCR ] की तरफ क्यों नही जा रही ये महाशय तो सरे आम प्रेस कांफ्रेंस में अपने आप को हिटलर की उपाधि देते नहीं थक रहे |राव ने कहा है कि , हां केसीआर हिटलर ही है+ मैं हिटलर ही बनना चाहता हूं+ मुझे यह कहने में कोई संकोच नहीं केसीआर हिटलर ही है।

एल के अडवाणी को क्या राजनीतिक सन्यास देने की तैय्यारी कर ली गई थी

गोवा में नरेन्द्र मोदी को चुनावी समिति का अध्यक्ष बनाये जाने के साथ ही भाजपा के पी एम् इन वेटिंग वरिष्ठ पत्रकार लाल कृषण अडवाणी को राजनीतिक सन्यास देने की तैय्यारी कर ली गई थी और इसकी भनक अडवाणी को लग गई तभी उन्होंने स्वयम ही इस्तीफा दे कर आर एस एस का सारा गेम ही उलटा कर दिया| | अपने ब्लॉग के टेलपीस (पश्च्यलेख) में उन्होंने इसका इशारा भी किया है|

प्रस्तुत है ब्लाग का सीधे टेलपीस (पश्च्यलेख):

फिल्म कलाकार कमल हासन ने जिस पुस्तक [ ग्रे वॉल्फ: दि एस्केप ऑफ एडोल्फ हिटलर ]का वायदा किया था, वह उन्होंने मुझे भेजी। 350 पृष्ठों वाली यह पुस्तक काफी शोधपरक है। दोनों लेखकों[ साइमन डूंस्टान+शोधपरक पत्रकार गेर्राड विलियम्स ]ने मिलकर सत्रह बार अर्जेन्टीना का दौरा किया, जहां माना जाता है कि 1962 तक वह वहां रहा। इस पुस्तक का पिछला आवरण इस रुप में सार प्रस्तुत करता है:
शोधपरक पत्रकार गेर्राड विलियम्स तथा सैन्य इतिहासकार साइमन डूंस्टान ने वर्षों के अपने शोध पर यह निष्कर्ष निकाला कि बर्लिन से एडॉल्फ हिटलर का पलायन-ऑपरेशन फ्यूरलैण्ड-को नाजियों ने 1943 से ही अत्यन्त गोपनीयता से तैयार किया था। इस सम्बन्ध में काफी प्रत्यक्षदर्शियों और साक्ष्यों के अनुसार यह आपरेशन सफल रहा और हिटलर दक्षिण अमेरिका को पलायन कर गया जहां वह 1962 में अपनी वास्तविक मृत्यु तक रहा।