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Tag: Afzal Guru hanged

मुफ़्ती ने संसद पर हमले के मास्टरमाइंड अफजल गुरु की फांसी के मुद्दे पर कांग्रेस को घेरना शुरू किया

मुफ़्ती ने संसद पर हमले के मास्टरमाइंड अफजल गुरु की फांसी के मुद्दे पर कांग्रेस को घेरना शुरू किया
मुफ़्ती मोहम्मद सईद ने अपने कटु आलोचक को घेरने के लिए कांग्रेस को उसके अपने दाव से ही घेरना शुरू कर दिया |जम्मू कश्मीर की नई नवेली सरकार के घटक पीडीपी ने केंद्र सरकार से आतंकी और संसद हमले के साजिशकर्ता अफजल गुरु के शव के अवशेष मांग लिए हैं
दिल्ली की तिहाड़ जेल में 9 फरवरी 2013 में अफजल गुरु को फांसी पर चढ़ाया गया था। उसके मृत शरीर को अलगाववादियों का नायक बनने से रोकने के लिए जेल के अंदर ही दफना दिया गया था।उस समय को केंद्र में यूपीए की सरकार थी |
जम्मू-कश्मीर में पीडीपी संरक्षक और मुख्यमंत्री मुफ्ती मोहम्मद सईद के पाकिस्तान और आतंकियों को सराहे जाने के विवादास्पद बयान से उत्साहित पीडीपी के विधायकों ने सोमवार को अफजल गुरु के शव के अवशेषों को सौंपे जाने की मांग की।गुपचुप फांसी और फिर फिर शव को दफनाए जाने की प्रक्रिया पर रोष प्रगट किया गया है |
गौरतलब है कि कुछ साल पहले अफजल गुरु की सजा माफ करने का प्रस्ताव जम्मू-कश्मीर की विधानसभा में भी लाया गया था
यह पीडीपी का शुरू से ही स्टैंड रहा है |पी डी पी द्वारा अफजल गुरु के शव के अवशेष व अन्य सामान को उसके परिजनों को सौंपने के लिए हरसंभव प्रयास करने का यकीन दलिया जाता रहा है राज्यसभा के चुनाव में गुलाम नबी आजाद की जीत को सुनिश्चित करने के लिए कांग्रेस ने अफजल गुरु को फांसीका मुद्दा उठाया था
अब नई सरकार के बनते ही कांग्रेस और उसकी सहयोगी रही नेशनल कांफ्रेंस ने पीडीपी और भाजपा को घेरना शुरू कर दिया यहां तक कि लोक सभा की कार्यवाही भी बाधित की गई| मालूम हो कि प्रदेश में शांति बहाली के लिए मुफ़्ती मोहम्मद सईद ने पत्रकारों के एक उत्तर में अलगाव वादियों और पाकिस्तान को बदअमनी नहीं फ़ैलाने के लिए धन्यवाद दे दिया था जिसके लेकर कांग्रेस ने लोक सभा में उग्र तेवर दिखलाये |अब पी डी पी ने अफजल गुरु का मुद्दा उठा कर कही न कहीं कांग्रेस को ही कटघरे में खड़ा करने का प्रयास किया है

Afzal Guru hanged अफजाल गुरु को सुबह तिहाड़ में फांसी पर लटका कर दफनाया गया:कांग्रेस को राजनीतिक लाभ तो भाजपा को हानि


झल्ले दी झल्लियाँ गल्लां

एक कांग्रेसी चीयर लीडर

ओये झल्लेया देखा हसाडी कांग्रेस दा कमाल ओये बेशक बारह साल बाद ही सही भारतीय संसद पर १३ दिसंबर २००१ में हमला करने वाले अफजाल गुरु को आज सुबह तिहाड़ जेल में फांसी पर लटका कर वहीं दफना दिया गया| इससे यह साबित हो गया है कि हस सॉफ्ट स्टेट नहीं है और ना ही हमारी पार्टी वोट बैंक की राजनीति ही करती है|हमारे लिए हिन्दू और मुस्लमान सब बराबर हैं|भारतीय संसद और लोक तंत्र ही सर्वोच्च है|इस पर भी हामारी आलोचना हो रही है ये भाजपाई गला फाड़ फाड़ कर देर से लिया गया निर्णय बता रहे हैं|

झल्ला

हाँ भाई चतुर सुजाण जी १३ दिसंबर २००१ में मारे गए दिल्ली पुलिस के पांच कर्मी+ केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) की एक महिला कर्मचारी+ संसद के वाच एंड वार्ड स्टाफ के दो कर्मी+ एक माली और एक पत्रकार की आत्माओं को शांति जरूर मिली होगी| वैसे ये अफज़ल नाम का ही गुरु है | आतंकवाद के गुरु और गुरु घंटाल तो कहीं और बैठे ऐश कर रह हैं|
वैसे आप जी एक बात तो मानोगे कि कसाब के बाद अफज़ल को दी गई फांसी विलंबित न्याय है | चतुराई से आप जी ने अपने २०१४ के चुनावों में करप्शन के मुकाबिले आतंवादियों को फांसी का क्रेडिट लेने की तैय्यारी कर ली है परन्तु इसके साथ ही विपक्षी भाजपा से अब एक अहम राजनितिक मुद्दा भी छीन लिया है| इससे आपने क्या समझा था कि विपक्ष खुश होगा शाबाशी देगा क्यूं ?