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Tag: air france air lines

Jet Airways And Air France expand Their Code Share Partnership for Europe And U K

Jet Airways And Air France announces the expansion of their code share partnership:This new partnership will enhance network connectivity to 12 major cities across Europe and U K
A Code share is an arrangement between these two airlines whereby one Airline will market and sell the flights of another Airline as though they were the flights of their own Airline . This arrangement allows air lines to provide guests with a greater choice of destinations with seamless connections.

जेट एयरवेज ने एयर फ्रांस , के एल एम् से कॉडशेयर समझौता किया

बजट कैरियर जेट एयरवेज ने अन्तराष्ट्रीय स्तर पर एक और नया आयाम स्थापित करते हुए यूरोप की
प्रीमियम कैरियर्स एयर फ्रांस[AirFrance+K L M] +के एल एम् के साथ कोडशेयर [ Codeshare ]के फार्मूले के अंतर्गत करार किया है जो कि १७ जून की सेल्स और १९ जून की यात्रा से इफेक्टिव होगा|
इस नए फार्मूले से एयर फ्रांस के मार्केट कोड[ AF ] को जेट एयरवेज की तीन शहरों के लिए डोमेस्टिक फ्लाईट्स पर लगाया जा सकेगा| अब फ्रांस से भारत आने वाले यात्रियों की निरंतरता[Seamlessly ] बरकरार रखते हुए एक टिकट पर चेन्नई वाया बेंगलुरु ,दिल्ली +मुंबई +कलकत्ता हैदराबाद वाया मुंबई+बेंगुलुरु जोड़ा जा सकेगा|
इसी प्रकार के एल एम् का मार्किट कोड [ KL ]भी जेट एयरवेज की चार डोमेस्टिक फ्लाईट्स पर दिखाई देगा| बेंगुलुरु+चेन्नई +हैदराबाद+मुंबई वाया दिल्ली क के लिए निरंतरता बनाए रखी जा सकेगी|
जेट एयरवेज के सी सी ओ सुधीर राघवन [ SudhirRaghvan]ने इस समझौते पर प्रसन्नता व्यक्त करते हुए कहा है कि इस से अब हवाई यात्रा में निरंतरता बनाये राख्ने के नए आयाम स्थापित होंगे|एयर फ्रांस के उपाध्यक्ष डोमिनिक पात्रे आई ऐ ऐ [ DominiquePatry ]जेट एयरवेज को फर्स्ट क्लास पार्टनर बताया और इस समझौते को आपनी व्यावसाईक नीति की सफलता बताते हुए मुख्य एयर ट्रेवल की मार्किट में अपनी मौजूदगी को और सशक्त करने का दावा किया है|
के एल ऎम के सी ओ ओ+प्रबंध निदेशक पिएतेर एल्बेर्स [ PieterElbers] ने इस समझौते पर संतोष व्यक्त करते हुएकहा कि जेट एयरवेज के साथ पार्टनर शिप में अपने ग्राहकों को बेहतर और निरंतर सेवा दी जा सकेगी|इससे उनकी कम्पनी की मार्केट वेल्यु भी बढेगी |
एयर फ्रांस+के एल एम् की वर्तमान में प्रति सप्ताह भारत और यूरोप में लाबी दूरी की २७ फ्लाइट्स हैं|

ट्रेवल अजेंट्स की कमीशन को चालू करवाने के लिए टी ऐ ऐ आई ने डी जी सी ऐ के समक्ष गुहार लगाई

ट्रेवल अजेंट्स के एसोसिएशन टी ऐ ऐ आई [TAAI ]ने नागरिक उड्डयन के महा निदेशक [DGCA]के दरबार में फ़रियाद लगाई है कि ट्रेवल टिकेट्स की बुकिंग व्यवसाय से जुड़े लगभग एक लाख परिवारों को राहत पहुचाने के लिए मानवीय आधार पर अजेंट्स को उनका मेहनतनामा दिलवाया जाए| टी ऐ ऐ आई के अध्यक्ष इकबाल मुल्ला ने बीते सप्ताह एक दिवसीय शटर डाउन करने के पश्चात डी जी सी ऐ अरुण मिश्रा से उनके कार्यालय में मुलाकात की |उन्होंने बताया कि ट्रेवल अजेंट्स और डी जी सी ऐ में अजेंट्स कि कमीशन को लेकर आये गतिरोध को दूर करने का प्रयास किया| श्री मुल्ला ने इस मुलाक़ात को संतोषजनक बताया और बताया कि डी जी सी ऐ अरुण मिश्रा टकराव नहीं चाहते |उन्हें इस विषय में गतिरोध को दूर करने के लिए मंत्रालय में बात करने का आश्वासन दिया है|उल्लेखनीय है कि पिछले तीन महीने से अजेंट्स को कमीशन नहीं मिला है|
विश्व में २०० से अधिक एयर लाइन्स हैं और लगभग ५० भारत में हैं| इनमे से ५०% एयरलाइन्स ट्रेवल अजेंट्स को कमीशन नही दे रहे हैं| इनमे से सस्ती सेवायें देने का दावा करने वाली इंडिगो+स्पाईसजेट+गो एयर के अलावा ब्रिटिश एयरवेज+लुफ्तांसा +एयर फ्रांस आदि प्रमुख है|गौरतलब है कि पहले ट्रेवल एजेंट को ९% कमीशन दी जाती थी उसके बाद इसे षड्यंत्र के रूप में लगातार घटाकर ९% से ७%फिर ५% और उसके पश्चात ३% और फिर १% किया गया अब इस पर भी कुल्हाड़ी चलाई गई है| यह षड्यंत्र २००७ से शुरू किया गया है| सरकार की अस्पष्ट निति के चलते इस घातक कार्यवाही से टी ऐ ऐ आई के २८०० सदस्यों के अलावा ७०० अन्य एजेंट और इनके साथ देश भर से लगभग एक लाख छोटे मोटे एजेंट प्रभावित हुए हैं| बताते चलें की टूरिस्ज्म इण्डस्ट्रीज में लगभग ७०% हिस्से दारी एयर ट्रेवल से आती है और वर्तमान राष्ट्रीय बजट में टूरिस्ज्म मंत्रालय के लिए ८७.६६ करोड़ रुपयों की वृद्धि करके इसे १२९७ करोड़ किया गया है लेकिन आरोप लगाए गए हैं कि एयर लाइन्स को फायदा पहुचाने के लिए धरातल पर जुड़े आम आदमी के रूप में लगभग एक लाख ट्रेवेल एजेंटों की कमीशन पर कुठाराघात किया जा रहा है और यात्रियों par अतिरिक्त बोझ डालने कि तैयारी कर ली गई है|
इस विषय में डी जी सी ऐ कार्यालय में प्रश्न मेल किये गए थे लेकिन वहां से इस विषय में कोई उत्तर प्राप्त नहीं हुआ है|

सितार,सरोद के बाद अब एयर लाइन्स में एतिहासिक तबला भी निशाने पर :संगीत के सुर बेमानी होते जा रहे हैं ?

बीते सप्ताह विश्व प्रसिद्द तबला वादक उस्ताद जाकिर हुसैन का एतिहासिक तबला गायब कर दिया गया है|यह घ्रणित कार्य संवेदनहीन होती जा रही एयर लाइन्स में हुआ है|कलाकार ने ट्विटर पर दुःख के साथ अपना आक्रोश इस प्रकार व्यक्त किया है|इस्ताम्बुल[Istambul] से पेरिस और रेन्नेस[rennes ] की :ट्रांजिट फ्लाईट से तबला गायब किया गया है|यह तबला उनके जीवन में महत्वपूर्ण इसीलिए है क्योंकि इसे उनके पिता और गुरु उस्ताद अल्ला रख़ा खान साहब ने दिया था|इससे पूर्व भारतीय ध्वज कैरियर एयर इंडिया में उस्ताद अमजद अली खान के सरोद [२०१०]को हानि पहुंचाई जा चुकी है|
आठ साल पहले भी एयर फ्रांस एयर लाइन्स में इस्ताम्बुल में ही पंडित रवि शंकर के दो सितार तोड़ डाले गए थे |लगता है की गोलियों की गड गडाहट के बीच संगीत के सुर बेमानी होते जा रहे हैं तभी अब विश्व को अपने मधुर संगीत से मंत्र मुग्ध करने वाले विख्यात संगीतकारों के महत्वपूर्ण वाद्य यन्त्र गायब किये जाने लगे हैं|यह अपने आप में आश्चर्यजनक इसीलिए है कि सबसे सुरक्षित मानी जा रही विमान सेवाओं में यह हो रहा है और वीभत्स भी है क्योंकि यह एक वर्ग या धर्म विशेष के नाम वाले कलाकारों के साथ हो रहा है| अब एयर लाइन्स द्वारा षड्यंत्र के रूप में हवाई यात्रा के दौरान संगीत वाद्य यंत्रों के लिए अतिरिक्त शुल्क लगाए जाने की घोषणा कर दी गई है|संगीत का अपना कोई धर्म या मजहब नहीं होता संगीत तो केवल संगीत है| अच्छा संगीत अमरत्व प्राप्त करता है| शायद इसीलिए भारत में तो संगीत और संगीत कारों की पूजा भी होती है लेकिन ध्वज वाहक एयर इंडिया और नियामक डी जी सी ऐ द्वारा इनकी सुरक्षा करने के बजाय अतिरिक्त शुल्क लगाया जाना निंदनीय ही कहा जा सकता है|