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Tag: Air Travel Problems

ट्रेवल अजेंट्स की कमीशन को चालू करवाने के लिए टी ऐ ऐ आई ने डी जी सी ऐ के समक्ष गुहार लगाई

ट्रेवल अजेंट्स के एसोसिएशन टी ऐ ऐ आई [TAAI ]ने नागरिक उड्डयन के महा निदेशक [DGCA]के दरबार में फ़रियाद लगाई है कि ट्रेवल टिकेट्स की बुकिंग व्यवसाय से जुड़े लगभग एक लाख परिवारों को राहत पहुचाने के लिए मानवीय आधार पर अजेंट्स को उनका मेहनतनामा दिलवाया जाए| टी ऐ ऐ आई के अध्यक्ष इकबाल मुल्ला ने बीते सप्ताह एक दिवसीय शटर डाउन करने के पश्चात डी जी सी ऐ अरुण मिश्रा से उनके कार्यालय में मुलाकात की |उन्होंने बताया कि ट्रेवल अजेंट्स और डी जी सी ऐ में अजेंट्स कि कमीशन को लेकर आये गतिरोध को दूर करने का प्रयास किया| श्री मुल्ला ने इस मुलाक़ात को संतोषजनक बताया और बताया कि डी जी सी ऐ अरुण मिश्रा टकराव नहीं चाहते |उन्हें इस विषय में गतिरोध को दूर करने के लिए मंत्रालय में बात करने का आश्वासन दिया है|उल्लेखनीय है कि पिछले तीन महीने से अजेंट्स को कमीशन नहीं मिला है|
विश्व में २०० से अधिक एयर लाइन्स हैं और लगभग ५० भारत में हैं| इनमे से ५०% एयरलाइन्स ट्रेवल अजेंट्स को कमीशन नही दे रहे हैं| इनमे से सस्ती सेवायें देने का दावा करने वाली इंडिगो+स्पाईसजेट+गो एयर के अलावा ब्रिटिश एयरवेज+लुफ्तांसा +एयर फ्रांस आदि प्रमुख है|गौरतलब है कि पहले ट्रेवल एजेंट को ९% कमीशन दी जाती थी उसके बाद इसे षड्यंत्र के रूप में लगातार घटाकर ९% से ७%फिर ५% और उसके पश्चात ३% और फिर १% किया गया अब इस पर भी कुल्हाड़ी चलाई गई है| यह षड्यंत्र २००७ से शुरू किया गया है| सरकार की अस्पष्ट निति के चलते इस घातक कार्यवाही से टी ऐ ऐ आई के २८०० सदस्यों के अलावा ७०० अन्य एजेंट और इनके साथ देश भर से लगभग एक लाख छोटे मोटे एजेंट प्रभावित हुए हैं| बताते चलें की टूरिस्ज्म इण्डस्ट्रीज में लगभग ७०% हिस्से दारी एयर ट्रेवल से आती है और वर्तमान राष्ट्रीय बजट में टूरिस्ज्म मंत्रालय के लिए ८७.६६ करोड़ रुपयों की वृद्धि करके इसे १२९७ करोड़ किया गया है लेकिन आरोप लगाए गए हैं कि एयर लाइन्स को फायदा पहुचाने के लिए धरातल पर जुड़े आम आदमी के रूप में लगभग एक लाख ट्रेवेल एजेंटों की कमीशन पर कुठाराघात किया जा रहा है और यात्रियों par अतिरिक्त बोझ डालने कि तैयारी कर ली गई है|
इस विषय में डी जी सी ऐ कार्यालय में प्रश्न मेल किये गए थे लेकिन वहां से इस विषय में कोई उत्तर प्राप्त नहीं हुआ है|

भापा जी प्रॉफिट की हवा में उड़ने वाली एयर लाइन्स के पावँ जमीन की समस्यायों पर नही रह पाते


झल्ले दी झल्लियाँ गल्लां

एक दुखी हवाई यात्री

ओये झल्लेया ये एयर लाइन्स वालों ने हसाडा क्या मखौल बना रखा है|ओये एक तरफ तो ये लोग किफायती +तसल्लीबक्श और तुरंत सेवा देने के दावे करने के लिए विज्ञापनी ड्रम पीटते जा रहे हैं लेकिन ग्राउंड पर प्लेन टकरा रहे है जान सुखा रहे हैं + बैग गायब हो रहे हैं और अब तो हद ही हो गई ओये हाईली पेड +टेक्निकली सेफ कम्यूटर सिस्टम भी समस्या देने लग गया है| बीते सप्ताह अन्तराष्ट्रीय स्तर के आई जी आई एयर पोर्ट पर प्लेन्स के डोकिंग सिस्टम की हवा निकल गई और उसने टर्मिनल ३ से शद्युल्ड लगभग २१ फ्लाईट्स के घरेलू और अन्तराष्ट्रीय सैंकड़ों हवाई यात्रियों की डेड़घंटे तक हवा खराब कर के रखे रखी | अधिकाँश सस्ती सेवाओं का दावा करने वाली एयर लाइन्स की क्या यही वास्तविकता है?

भापा जी प्रॉफिट की हवा में उड़ने वाली एयर लाइन्स के पावँ जमीन की समस्यायों पर नही रह पाते

भापा जी प्रॉफिट की हवा में उड़ने वाली एयर लाइन्स के पावँ जमीन की समस्यायों पर नही रह पाते

झल्ला

ओ बाऊ जी साहब पुराने सयाने कह गए हैं कि हर चीज जो चमकती है उसको सोना नहीं कहते |नहीं समझे |अरे भापा जी प्रॉफिट की हवा में उड़ने वाली एयर लाइन्स के पावँ जमीन की समस्यायों पर नही रह पाते |