[अलीगढ]उत्तर प्रदेश में सूचना आयोग द्वारा आवेदकों को हतोत्साहित किया जा रहा है:प्रणाली में सुधारों की मांग
मुख्य सूचना आयुक्त जावेद उस्मानी को लिखे एक पत्र में प्रदेश के सूचना आयोग के कार्य प्रणाली में खामियों को इंगित करते हुए सुधारों की मांग की गई है |इसके लिए आर टी आई एक्टिविस्ट ग्रुप ट्रैप ने निम्न सुझाव भी भेजे हैं |
]सूचना अधिकार कानून में प्रदत्त अधिकारों के अनुसार सभी राज्य सूचना आयुक्तों का दायित्व है की वो आवेदनकर्ता को कानून की परिधि में सूचना प्रदान करवाए एवं इस हेतु उनको धारा १८(३) के अंतर्गत सिविल न्यायालयों के भी अधिकार प्रदान किये गए है जिसके तहत वो किसी भी सरकारी अधिकारी को समस्त दस्तावेजो सहित तलब कर सकता , अगर कोई हाजिर नहीं होता है तो उसपर जमानती या गैर जमानती वारंट भी जारी कर सकता है I इस कानून में स्पष्ट है कि आवेदक को ३० दिनों के अंदर सूचना प्रदान करनी चाहिए एवम धारा २०(१) में भी स्पष्ट कहा गया है कि “दो सौ पचास रुपये से लेकर पच्चीस हजार रुपये से अधिरोपित की जा सकती है संस्था के सरंक्षक बिमल कुमार खेमानी और अध्यक्ष ई.विक्रम सिंह ,ने आरोप लगाया है कि राज्य सूचना आयोग के माननीय आयुक्त जन सूचना अधिकारिओ के पक्ष में तारीख पे तारीख देते रहते है , नतीजन आवेदक को कम से कम ८ से १० बार लखनऊ आने को बाध्य होना पड़ता है , और उसपर बड़ी आर्थिक मार पड़ती है|यह हतोत्साहित करने का भी प्रयास माना जा रहा है
उत्तरप्रदेश एक बहुत बड़ा राज्य है एवम देश की १/६ जनसंख्या इस राज्य में ही है , अतः अपीलकर्ता एवम सरकारी खर्चो का ध्यान रखते हुवे इसकी बेंच राज्य के अलग अलग हिस्सों में बनाई जानी चाहिए एवम हमारा सुझाव एक बेंच पूर्वी क्षेत्र एवम एक बेंच पश्चिमी क्षेत्र में कम से कम होनी ही चाहिए , इससे राज्य सरकार को भी बहुत बड़ी समय और धन की बचत होगी , इस हेतु आप राज्य सरकार से वार्तालाप कर यथेष्ठ कार्यवाही कर सकते है | जब तक सरकार की तरफ से कार्यवाही हो तब तक सूचना आयुक्तों द्वारा जिलो में कैम्प लगाकर सुनवाई हो सकती है
यह भी आरोप लगाय गया है कि प्रदेश में सूचना आयोग द्वारा किये गए जुर्माने का वृहत भाग वसूल ही नहीं किया जा रहा है एवम जुर्माने को माफ़ भी किया जा रहा है
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उ प्र में सूचना माँगने वालों को हतोत्साहित किया जा रहा है:सूचना आयोग के विकेन्द्रीयकरण की मांग
अलीगढ की राजकीय कृषि एवम औद्योगिक प्रदर्शनी पर सवालिया निशान
[अलीगढ] राजकीय कृषि एवम औद्योगिक प्रदर्शनी विशुद्ध रूप से एक निजी आयोजन है इसीलिए आरटीआई कानून के अंतर्गत इसकी कोई सूचना नहीं दी जा सकती प्रशासन के इस उत्तर को नुमाइश के कोहिनूर मंच का घपला बताया जा रहा है
अलीगढ राजकीय कृषि एवम औद्योगिक प्रदर्शनी के सामान्य मन्त्री / तहसीलदार के अनुसार राजकीय कृषि एवम औद्योगिक प्रदर्शनी विशुद्ध रूप से एक निजी आयोजन है अतः सूचना के अधिकार कानून के अंतर्गत इसकी कोई सूचना नहीं दी जा सकती I
इससे जुड़े निर्माण एवम अन्य कार्यो के लिए सरकारी जांच तो बैठा दी जाती है , किंतुं ऐसी जांच के कोई नतीजे जनता के सामने नहीं लाये जाते यहां तक पर्दा डाले रखने के लिए इसे निजी आयोजन कहा जा रहा है
अलीगढ के कमिश्नर , अलीगढ विकास प्राधिकरण के अध्यक्ष भी है , अतः अलीगढ राजकीय कृषि एवम औद्योगिक प्रदर्शनी द्वारा बिना अनुमति एवम शुल्क अदा किये बिना कराये जा रहे अवैध निर्माण पर आरटीआई एक्टिविस्ट ग्रुप ने ट्रैप ने प्रश्न चिन्ह खड़े किये हैं
अलीगढ में विकास शुल्क वसूलने के बावजूद नागरिक सुविधाएं देने के नाम पर ठेंगा दिखाया जा रहा है
[अलीगढ] अलीगढ में विकास शुल्क वसूलने के बावजूद नागरिक सुविधाएं देने के नाम पर ठेंगा दिखाया जा रहा है
अलीगढ विकास प्राधिकरण द्वारा विकास शुल्क नियमित रूप से वसूले जाने के बावजूद भी नागरिक सुविधा देने के नाम पर पूर्णतय उदासीनता बरती जा रही है |यहाँ किसी तरह का भी नागरिक सुविधा विकास परिलक्षित नहीं है|यहाँ की आबादी बढ़ रही है सो निर्माण कार्यों में भी निरंतर बढ़ोत्तरी हो रही है मगर महिला प्रसाधन जैसी नागरिक सुविधाओं एक नाम पर केवल टरकाया जा रहा है|
उपलब्ध आंकड़ों के अनुसार
१]सन २०११ की जन गणना में महानगर की जनसंख्या ८७२,५७५ है जिनमे पुरुष ४६३,१२३ एवम महिला ४०९,१२३ है
२]शहर के नियोजित विकास के क्रम में बहुत सारे व्यावसायिक भवन+स्कुलो के बहुमंजिला भवन की अनुमति प्रदान की गई है किन्तु इनमे कही भी पुरुष एवम महिलाओं के लिए प्रसाधन (मल-मूत्रालय) की कोई व्यवस्था और ना ही इनमे कही वाहन पार्किंग की व्यवस्था ही करवाई गई
३]शहर में नए बनने वाले बहुमंजिला आवासीय एवं व्यावसायिक भवनों की अनुमति के रूप में विकास प्राधिकरण लाखो रुपयों की रकम विकास शुल्क के नाम वसूल रही है किन्तु शहर में नागरिक सुविधा में किसी तरह का भी विकास परिलक्षित नहीं है
इन समस्यायों का उल्लेख करते हुए आर टी आई एक्टिविस्ट ग्रुप ट्रैप द्वारा निम्न मांगो को उठाया है इनके लिए विकास प्राधिकरण अधिकारियों+मेयर +मुख्य मन्त्री उत्तर प्रदेश + सतीश गौतम , सांसद , अलीगढ+जिलाधिकारी , अलीगढ आदि को भी पत्र लिखे गए हैं
अ]जनसख्या के अनुपात से महानगर में कम से कम ३०० सार्वजनिक पुरुष एवम महिलाओं के लिए प्रसाधन (मल-मूत्रालय) की कोई व्यवस्था की जानी अपेक्षित है
आ]सिटी बस स्टाप के लिए भी भी कम से कम २५/३० स्टाप बनाए जाने चाहिए जिससे यात्रिओ को सुविधा के साथ साथ शहर को भी जाम से कुछ राहत प्राप्त हो सके
इ]जनसंख्या के अनुपात से शहर में कम से कम ८० फेरी क्षेत्र (वेंडिंग जोन) जरूरी हैं इससे शहर में जगह जगह बेतरतीब तरीके से लगाने वाले धकेलो पर नियंत्रण हो सकेगा और शहर को जाम से कुछ रियायत मिल सकेगी
ई] इसी प्रकार कूड़ा एकत्रीकरण स्थल का भी निर्माण किया जाना जरूरी है जिससे नागरिको को सुविधा के साथ साथ निगम को भी लाभ होगा
अलीगढ विकास प्राधिकरण,जनसुविधाएं दिए बगैर,विकास शुल्क वसूल रहा है
[अलीगढ,यूं पी ] अलीगढ विकास प्राधिकरण,जनसुविधाएं दिए बगैर,विकास शुल्क वसूल रहा है
अलीगढ विकास प्राधिकरण द्वारा विकास शुल्क वसूलने के बावजूद जनसुविधाएं नही दी जा रही हैं |
जनकपुरी+महाबीर पार्क एक्सटेंशन कालोनी में गत १० वर्षो से बहुत सारी बहुमंजिला आवासीय एवम व्यावसायिक इमारतों का निर्माण हुवा है एवम वर्तमान में भी ५/७ बहुमंजिला इमारतों का निर्माण बड़ी तेजी से चल रहा है|
अलीगढ विकास प्राधिकरण इन बहुमंजिला भवन के निर्माण हेतु विकास शुल्क वसूल रहा है , किन्तु जन सुविधा जैसे वाहन पार्किंग+सड़क+नाली +सीवर +पानी आदि के लिए कोई भी रकम खर्च नहीं की जा रही है |२५ वर्षो पूर्व की जनसंख्या घनत्व के आधार पर ही सुविधाओं का पैमाना नापा जाता है जबकि गत १० वर्षो में बहुत सारे बहुमंजिला भवनों के आने के पश्चात इलाके की जनसंख्या का घनत्व दोगुने से अधिक हो गया विकास प्राधिकरण द्वारा विकास शुल्क लिए
जाने के पश्चात भी इनके उच्चीकरण हेतु कोई भी ध्यान नहीं दिया गया
आर टी आई एक्टिविस्ट के ट्रैप ग्रुप के इंजिनियर विक्रम सिंह ने यूं पी के मुख्य मंत्री अखिलेश यादव को लिखे एक पत्र में इस स्थिति से अवगत कराया है |
बिमल कुमार खेमानी और विक्रम सिंह ने बताया
“सूचना अधिकार के अंतर्गत जब हमने दोनों स्थानीय निकाय विकास प्राधिकरण एवम नगर निगम से जानकारी प्राप्त की तो पता चला कि विकास प्राधिकरण मात्र मालवा चार्ज के रूप में एक बहुत ही छोटी रकम नगर निगम को देता है एवम विकास शुल्क की बहुत बड़ी रकम अपने पास ही रख लेता है
गत १० वर्षो में बढ़ी हुई जनसंख्या घनत्व के चलते इस इलाके की सभी नागरिक सुविधाए चरमरा गई है एवम इलाके के नागरिक नारकीय जिंदगी बिताने को मजबूर है
आपसे हम अनुरोध करते है कि आप कृपया विकास प्राधिकरण या नगर निगम को निर्देशित कर इस इलाके की सभी नागरिक सुविधाओं जैसे वाहन पार्किंग , सड़क, नाली , सीवर एवम पानी आदि हेतु सुद्द्रीढीकरण हेतु आवश्यकीय कदम उठाते हुवे इन्हें सुद्रीडढ करवाने की कृपा करे”
अलीगढ को देश के दक्षिण एवम पश्चिमी राज्यों से सीधे जोड़ने के लिए रेल सुविधा की मांग की गई है
[अलीगढ]अलीगढ को देश के दक्षिण एवम पश्चिमी राज्यों से सीधे जोड़ने के लिए रेल सुविधा की मांग की गई है
उच्च शिक्षा और पारम्परिक उद्योग जगत में विश्व विख्यात शहर अलीगढ पश्चिम उत्तर प्रदेश का एक महत्वपूर्ण जिला एवम मण्डल मुख्यालय भी है मार्ग से देश के दक्षिण एवम पश्चिमी राज्यों से सीधे नहीं जुड़ा हुवा है ,|
अलीगढ मुस्लिम यूनिवर्सिटी [AMU]+तालो [Locks]एवम हार्डवेयर के लिए देश विदेश में विख्यात यह महत्वपूर्ण शहर भारतीय रेल के मुख्य दिल्ली कोलकाता मार्ग पर स्थित है इसके पश्चात भी रेल मार्ग से देश के दक्षिण एवम पश्चिमी राज्यों से सीधे नहीं जुड़ा हुवा है ,
बहुत वर्षो से अलीगढ के नागरिक +व्यापारी +छात्र + शिक्षाविद इसकी मांग भी करते आ रहे है
अब पुनः एनजीओ इसके लिए मांग उठा रहे हैं आर टी आई [ RTI ]के ट्रैप ग्रुप ने रैल मंत्रालय को इसके लिए निम्न सुझाव भेजे हैं
१]अलीगढ से दक्षिणी राज्यों की यातायात हेतु मध्य / सेन्ट्रल रेलवे से जोड़ने हेतु मथुरा वाया हाथरस , राया एक्सप्रेस रेल सेवा आवश्यक है
२]अलीगढ से दक्षिणी राज्यों की यातायात हेतु मध्य / सेन्ट्रल रेलवे से जोड़ने हेतु टुंडला , आगरा भी एक विकल्प है जो कुछ लम्बा पड़ सकता है
३] अलीगढ में सबसे पुराने रेल मार्ग मुरादाबाद एवम बरेली के लिए कोई भी सुलभ एक्सप्रेस सेवा नहीं जिसकी अत्यन्त आवश्यकता है
४]अलीगढ से नियमित २ ई.एम्.यु. गाडिया दिल्ली के लिए नियमित चलती है जो की दूधियो की गाडी बन कर रह गई है , जिसमे यात्रा करने की बिलकुल भी सुविधा नहीं है , अतः अलीगढ से खुर्जा / गाजियाबाद होकर दिल्ली के लिए एक इन्टरसिटी सेवा की वृहत्त आवश्यकता है
५] अलीगढ से गुजरात , मुंबई के लिए भी एक एक्सप्रेस सेवा की आवश्यकता है जिससे यह प्राचीन शहर देश की ४ राजधानियों , एवम कई धार्मिक स्थलों से सीधे सीधे जुड़ पाए
दिल्ली से अहमदाबाद चलने वाली आश्रम एक्सप्रेस को अलीगढ से एवम अहमदाबाद की जगह मुंबई तक इसका विस्तार कर इसे चलाया जा सकता है
आर टी आई एक्टिविस्ट बिमल कुमार खेमानी के अनुसार , रेलवे टिकट सेवा का कम्प्यूटरीकरण होने पर यहाँ भी इसे प्रारम्भ किया गया था उस समय यात्रिओ की सुविधा हेतु ३ टिकट काउन्टर चालु किये गए थे , इन २० वर्ष में इस केंद्र पर टिकटे बनाने का काम ५० गुना एवम राजस्व में भी इसी अनुपात में बढ़ोतरी हुई , किन्तु काउन्टरो की संख्या में कोई बढ़ोतरी नहीं की गई , इस पर भी विचार आवश्यक है
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