अमृतसर जिन्नू कहंदे रब्ब दा घर लेकिन यह भी सत्य है कि इस रब्ब के घर तक पहुँचने वाले सभी मार्ग नारकीय जीवन के दर्शन करा रहे हैं|कहा जाता है कि स्वर्ग में पहुँचने के लिए नरक से होकर गुजरना होता है शायद उस कथन को यहाँ चरिथार्त् होते देखा जा सकता है| यहाँ देसी श्रद्धालूओं के साथ साथ विदेशी पर्यटक भी बढ़ी संख्या में आते हैं ऐसे में रब्ब के घर से आशीर्वाद के साथ ही नारकीय जीवन की दुखद यादें भी साथ ले जाते हैं |इसके फलस्वरूप केंद्र और राज्य सरकारों के साथ साथ स्थानीय प्रशासन पर भी प्रश्न चिन्ह लग रहे हैं| इस ऐतिहासिक और धार्मिक शहर को हरमिंदर साहेब और दुर्गयाना टेम्पल के रूप में दो पवित्र आशीर्वाद प्राप्त हैं इसके आलावा विश्व प्रसिद्द जलियाँवाला बाग़ भी है|दुर्भाग्य वश इनमे प्रवेश करने से पूर्व टूटी फूटी सड़कों और लगातार बहते पानी से होकर गुजरना लाजमी हो चला है| इनमे प्रवेश के पश्चात आस्था से सुचारू व्यवस्था देख कर कुछ राहत भी मिलती है |
व्यवसाइक दृष्टि से भी इसका अपना विशेष महत्व है|राजनितिक दृष्टि से देखा जाये तो नवजोत सिंह सिद्धू|अरुण जेटली और कप्तान अमरिंदर सिंह जैसे भरी भरकम नाम जुड़े हैं| इस सब के बावजूद स्वर्ग और नरक के अंतर को समाप्त नहीं किया जा सका है
टेम्पो रिक्शा व्यवसाय पर ईस्टर्न यूं पी और बिहार के लोगों का कब्जा है|शायद इसीलिए इन्हें व्यवस्थित करने के स्थान पर इनका दोहन, व्यवस्था का पसंदीदा खेल बन चुका है|
यहाँ तक कि मल्टी लेवल पार्किंग ,जो कि अभी तक निर्माणाधीन ही है, में गाड़ियों को सीधे ऊपरी मंजिलों में महंगे दामों पर पार्क कराया जाता है |इसमें लिफ्ट नाम की कोई चीज नहीं है|यहाँ से सीधे टेम्पो रिक्शा मिलता है लेकिन उसके लिए मनमाने पैसे वसूले जाते हैं कंपनी के आलावा किसी भी टेम्पो को पार्किंग के अंदर घुसने भी नहीं दिया जाता |थके मांदे बुजुर्गों के लिए यह किसी यातना से कम नहीं है |
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