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जलियांवाला हत्याकांड शताब्दी वर्ष में भी भारत 1 मंच साझा नहीं कर सका :नमन

[अमृतसर,दिल्ली] #शहीदोंकोनमन
जलियांवाला हत्याकांड शताब्दी वर्ष में भारत 1 मंच साझा नहीं कर सका
पंजाब के सीएम के अमरिंदर सिंह की आगवानी में कांग्रेसाध्यक्ष राहुलगांधी ने पुष्पचक्र चढ़ाए लेकिन भाजपा नीत केंद्रीय प्रतिनिधित्व अनुपस्थित रहा|
भारत के उपराष्ट्रपति वेंकैय्या नायडू ने शताब्दी की स्मृति में स्मारक सिक्का+ टिकट जारी किया तो प्रदेश के सीएम नदारद रहे
आम आमदी पार्टी [आप] और एसएडी एक दुसरे पर आरोप प्रत्यारोपों में सीमित रहे |
गौरतलब हे के ब्रिटेन के 80 सांसदों ने ब्रिटिश सरकार से इस नृशंस हत्याकांड पर माफी मांगने को कहा हैं लेकिन भारत से मृतकों को शहीद का दर्जा देने को फुसफुसाहट भी सुनाई नही देरही|
जो अंग्रेज किसीको गलती से छू जाने पर भी सॉरी कह कर निकल जाते हैं उन्ही का न्रेतत्व इतने बढे हत्याकांड पर खेद तो प्रगट कर रहा है लेकिन सॉरी कहने को तैयार नहीं |इसके पीछे उनकी अपनी विवशता हो सकती हैलेकिन भारत के राजनितिक दल अपने किस फायदे के लिए इस तरफ केवल औपचारिकता को ही पूर्ण करने तक ही सिमित है जोकि जांच का विषय हो सकता है|
अमृतसर के जलियांवाला बाग में बैसाखी के दौरान 13 अप्रैल 1919 को यह नरसंहार हुआ था जब ब्रिटिश भारतीय फौज के सैनिकों ने कर्नल रे डायर की कमान में वहां स्वतंत्रता की मांग के लिए जुटे निहत्थे लोगों पर गोलियां चलवा दी थी। इस जनसंहार में सैंकड़ों लोग मारे गए थे जबकि कई घायल हो गए थे।
उप-राष्ट्रपति नायडू ने शनिवार को जलियांवाला बाग में स्मारक पर माल्यार्पण कर श्रद्धांजलि अर्पित की और सिख ग्रंथियों द्वारा गाए जा रहे शबद सुने। इस कांड के 100 साल पूरे होने के अवसर पर उन्होंने एक स्मृति सिक्का और एक डाक टिकट भी जारी किया।
प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने ट्वीट किया, “आज, जब भयावह जलियांवाला बाग नरसंहार के 100 साल पूरे हो रहे हैं, भारत सभी शहीदों को विनम्र श्रद्धांजलि अर्पित करता है…उनकी बहादुरी और बलिदान को कभी भूला नहीं जाएगा। उनकी स्मृति हमें एक ऐसे भारत के निर्माण के लिये और पुरजोर तरीके से प्रेरित करती है, जिस पर उन्हें गर्व हो।”
कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने जलियांवाला बाग नरसंहार के 100 वर्ष पूरे होने के मौके पर जलियांवाला बाग स्मारक स्थल पर श्रद्धांजलि अर्पित की और कहा कि स्वतंत्रता की जो कीमत चुकाई गई है उसे भुलाया नहीं जाना चाहिए।
राहुल के साथ पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह, मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू ,सुनील जाखड़ सहित कांग्रेस के अन्य नेता भी मौजूद थे।
कांग्रेस अध्यक्ष ने यहां आगंतुक पुस्तिका में लिखा, ‘‘आजादी की कीमत को कभी भुलाया नहीं जाना चाहिए। हम भारत के लोगों को सलाम करते हैं जिन्होंने आजादी के लिए अपना सर्वस्व न्योछावर कर दिया।’’
भारत में ब्रिटेन के उच्चायुक्त डोमिनिक एस्क्विथ भी अलग से शनिवार को जलियांवाला बाग स्मारक स्थल गए।
उन्होंने आगंतुक पुस्तिका में लिखा, ‘‘आज से 100 साल पहले की जलियांवाला बाग घटना ब्रिटिश भारतीय इतिहास की एक शर्मनाक घटना है। जो कुछ भी हुआ और उससे उपजी पीड़ा से हमें बेहद दुख है।’’
बाद में पत्रकारों से बातचीत में डोमिनिक ने कहा कि ब्रिटिश प्रधानमंत्री टेरेसा मे ने बुधवार को जलियांवाला बाग कांड को ब्रिटिश भारतीय इतिहास पर ‘‘शर्मनाक धब्बा’’ करार दिया।
हालांकि, टेरेसा मे ने इस घटना पर माफी नहीं मांगी। उन्होंने सिर्फ खेद प्रकट किया था।
यह पूछे जाने पर कि ब्रिटिश सरकार ने माफी क्यों नहीं मांगी, इस पर डोमिनिक ने कहा, ‘‘मैं जानता हूं कि यह वाकई एक अहम सवाल है। मैं आपसे सिर्फ इतना कहूंगा कि मैं यहां जो करने आया हूं उसका सम्मान करें, यह उन्हें याद करना है जिन्होंने 100 साल पहले अपनी जान गंवाई। और यह ब्रिटिश सरकार एवं ब्रिटिश जनता का दुख व्यक्त करने के लिए है।’’