Ad

Tag: B S P

तहलका बना तेजपाल का जंजाल पीड़िता की अम्मा ही जा धमकाई

हम राज किसे बनाये आज झल्ला
जिधर देखो आस्तीनें उभरी हुई हैं
भाजपा से अब सपा में वोह वड गए
राह वाया बसपा जिन्होंने अपनाई
सोनिया कहें मोदी फहलाए जहर
मोदी कहें पूरी कांग्रेस को जहरीली
तहलका बना तेजपाल का जंजाल
पीड़िता की अम्मा ही जा धमकाई
अखिलेश बने यूं पी के युवा सी एम्
लेकिन प.यूं.पी. से ही आँख चुराई
मेरठ में कहीं नजरें नहीं मिल पाई

सियासी पालने में करवटें लेती “आप” के हाथों में सदियों पुरानी पार्टी की मौजूदा मरकजी सरकार खेलने लगी ?

सफलता की तरफ सही कदम बढ़ाने वाला चतुर व्यक्ति अपने मार्ग में आने वाली सभी कठिनाईयों को भी सीढ़ी बना लेता है इस कसौटी पर आम आदमी पार्टी खरी उतरती दिखाई दे रही है तभी “आप” ने इलेक्शन फंड्स के कलेक्शन लिए और जोर शोर से प्रचार करना शुरू कर दिया है |
आज कल आप पार्टी के फंड्स की जांच की मांग उठाई जा रही है इस मांग में कांग्रेस और भाजपा के समान स्वर गूँज रहे हैं कांग्रेस के गृह मंत्री सुशील कुमार शिंदे ने तो आप पार्टी के फंड्स का जांच के आदेश भी दे दिए है जिसके प्रारम्भिक चरण के रूप में पार्टी को ३० प्रश्नों की एक प्रश्नावली भी भेज दी गई है|
आप पार्टी ने इसे अपने विरुद्ध उत्पीड़न कि कार्यवाही बताते हुए अपने खातों की जांच के लिए समयबद्धता की मांग कर दी है और इसके साथ ही कांग्रेस तथा भजपा के खातों में”यू के” की कंपनी “वेदांता” के पैसे की जांच की मांग भी उठा दी है |
आप पार्टी के विरुद्ध एक हास्यास्पद आरोप उछाला जा रहा है कि विदेशों से प्राप्त धन को देश में अस्थिरता फ़ैलाने सरकार को पलटने के लिए इस्तेमाल हो रहा है| अभी पिछले दिनों जम्मू कश्मीर के चीफ मिनिस्टर ओमर अब्दुल्लाह ने भी भारतीय सेना पर मात्र डेढ़ करोड़ रुपयों में उनकी सरकार को अस्थिर करने का आरोप लगाया था अब इसे बढ़ा कर “आप” पार्टी पर पांच करोड़ रुपयों में देश कि सरकार बदलने के आरोप लगाये जा रहे हैं |
बताया जा रहा है कि आप पार्टी के फंड्स में १८ करोड़ +रुपये हैं जिनमे से ५ करोड़+रुपये विदेशों से चंदे के रूप में आये हैं|”आप” पार्टी का आरोप है कि सवा चार हजार करोड़ रुपये देश की छह पार्टियों के खाते में हैं जिसकी प्राप्ति के ८०% का हिसाब किताब नहीं है कांग्रेस के २००० करोड़ और भाजपा के ९०० करोड़ का हिसाब विशेष रूप से माँगा गया है |

AAP V/S CONGRESS+B J P

AAP V/S CONGRESS+B J P


इसके साथ ही पार्टी ने इसके आधार पर इंटरनेट पर एक अभियान भी छेड़ दिया हैजिसके अंतर्गत कहा जा रहा है कि” विरोधी उनके फंड्स की जाँच की मांग कर रहे हैं जबकि यह सर्व विदित है कि आप पार्टी ने पारदर्शिता अपनाते हुए चंदे का सारा विवरण पहले ही वेबसाइट पर डाला हुआ हैअबसरकार की इस उत्पीड़नकी कार्यवाही को करारा जवाब देने के लिए सभी प्रकार से सहायता करें”
आप पार्टी के एक नेता ने टी चैनल पर बहस के दौरान यह दावा किया है कि इस विवाद के पश्चात से ही उनके द्वारा चंदे की आमद में ६ गुना इजाफा हो गया है जिस पर टिपण्णी करते हुए कांग्रेस के प्रवक्ता मीम अफजल ने चुटकी ली कि कहीं ये शिकायत आप ने सवयम ही तो अपने विरुद्ध नही गढ़ ली |अब इनसे कोई ये पूछे कि केंद्र में उनकी अपनी सरकार में क्याइतना विवेक भी नहीं रहा कि अभी तक सियासी पालने में लेटी हुई पार्टी के हाथों में ही ढाई सो साल पुरानी पुराणी पार्टी की मौजूदा मरकजी सरकार खेलने लगे

रालोद के प्रदेश अध्यक्ष मुन्ना सिंह चौहान के खिलाफ तीन साल पुरानी ऍफ़ आई आर पर गैर जमानती वारंट जारी

[फैजाबाद]। राष्ट्रीय लोकदल[रालोद] के प्रदेश अध्यक्ष +पूर्व सिंचाई मंत्री मुन्ना सिंह चौहान सहित पांच लोगों के विरुद्ध तीन साल पुराने मामले में गैर जमानती वारंट जारी किये गए हैं |
जिसे श्री चौहान ने फर्जी रिपोर्ट पर उत्पीडन की कार्यवाही बताया है| सेकंड न्यायिक मजिस्ट्रेट ने मुन्ना सिंह चौहान और पूर्व जिला पंचायत सदस्य विश्वेशनाथ मिश्र उर्फ सुड्डू समेत पांच लोगों के खिलाफ गैरजमानती वारंट जारी किये हैं|
पांचों आरोपियों के हाजिरी माफी प्रार्थनापत्र को निरस्त करके किया है।
रालोद नेता से इस बाबत पूछने पर उन्होंने बताया कि एक दलित [पासी] परिवार को न्याय दिलाने के लिए 19 जुलाई 2010 को पार्टी के लगभग डेढ़ सौ समर्पित समर्थकों के साथ पूराकलंदर थाने का केवल घेराव किया था थाने का दोषी प्रभारी स्थान्तरित भी हो गया लेकिन जाते जाते वोह अपनी रिपोर्ट में पूराकलंदर थाने के सामने इलाहाबाद-फैजाबाद राजमार्ग जाम करने का आरोप भी मढ़ गया | श्री चौहान के अनुसार एक तरफ तो प्रदेश सरकार बसपा की मायावती की सरकार में दर्ज़ फर्जी ऍफ़ आई आर को निरस्त करने का दावा कर रही है और दूसरी तरफ फर्जी ऍफ़ आई आर के आधार पर उनका औत्पिदन किया जा रहा है|उन्होंने न्यायिक प्रणाली में विश्वास व्यक्त करते हुए कहा कि अगली तारीख पर अदालत जाकर न्यायाधीश महोदय को स्थिति से अवगत कराएँगे|

भाजपा ने भी, मुजफ्फर नगर हिंसा के फलस्वरूप , उत्तर प्रदेश की सरकार को बर्खास्त किये जाने की मांग उठाई

भारतीय जनता पार्टी[भाजपा] ने भी मुजफ्फर नगर हिंसा के फलस्वरूप उत्तर प्रदेश की सरकार को बर्खास्त किये जाने की मांग की|पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष राज नाथ सिंह ने केंद्र सरकर को उलाहना देते हुए कहा कि यदि केंद्र सरकार अपने संवैधानिक दाईत्वों के प्रति थोड़ी सी भी सजग हो तो उसे उत्तर प्रदेश में समाज वादी पार्टी की सरकार को बर्खास्त करके वहां राष्ट्रपति शासन लगा देना चाहिए| उन्होंने संसद में इस कदम का समर्थन करने का भी आश्वासन दिया|
राज नाथ सिंह ने मुजफ्फर नगर में हो रही हिंसा पर दुःख और चिंता व्यक्त कृते हुए शांति बहाली की अपील की है|इससे पूर्व केंद्र सरकार में सहयोगी घटक रालोद औरबाहर से समर्थन दे रही बसपा ने भी प्रदेश सरकार की बर्खास्तगी की मांग की है|

अखिलेश यादव ने लैप टॉप के वितरण से आगे बढे राजनितिक कदम को दुर्गा शक्ति नागपाल के निलंबन की कुल्हाड़ी पर मार लिया

प्रधान मंत्री की सीट पर उम्मीद भरी नजरें गढ़ाए समाजवादी पार्टी वर्तमान में रेत माफिया केस में देश की राजनीती में अलग थलग पड़ चुकी है संभवत इसीलिए अखिलेश यादव की सरकार ने निलंबन के एक सप्ताह पश्चात आई ऐ एस दुर्गा शक्ति नागपाल को चार्जशीट जारी कर दी है । इस प्रक्रिया में निलंबित अधिकारी को उनके विरुद्ध लगाये गए चार्ज बता कर अधिकारी का स्पष्टीकरण माँगा जाता है ।सरकार को इसे डैमेज को कंट्रोल करने का समाजवादी प्रयास समझा जा सकता है |
इससे पूर्व निलंबित अधिकारी ने मुख्य मंत्री के सचिव से बात चीत करके अपनी स्थिति स्पष्ट करने का प्रयास किया जिसके अगले ही दिन यह चार्ज शीट की कार्यवाही की गई है| बेशक उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री ने स्पष्ट कर दिया है कि नोएडा की एसडीएम (सदर) रहीं आईएएस अधिकारी दुर्गाशक्ति नागपाल का निलंबन वापस नहीं होगा लेकिन इसके साथ सपा के सांसद नरेश अगरवाल के सुर बदले हुए दिखाई दिए हैं |उन्होंने पत्रकारों को बताया के दुर्गा शक्ति नागपाल कानूनी प्रक्रिया का पालन कर रही है उन्होंने पत्रकारों पर टिपण्णी करतॆ हुए कहा के आप [पत्रकार]लोग मामले को तूल देना बंद करें तो दुर्गा शक्ति नागपाल को न्याय मिल सके |
इससे पहले समाजवादी पार्टी के विधायक नरेन्द्र भाटी+राज्यसभा सांसद नरेश अग्रवाल+ प्रदेश में काबिना मंत्री आज़म खान+राजेंद्र चौधरी+शिव पाल यादव और खनन मंत्री प्रजापति ने दुर्गा शक्ति नागपाल के निलंबन को तत्काल सही ठहराया था | आज़म खान और नरेश अगरवाल ने तो यहाँ तक कहा था कि अधिकारी भी सांप्रदायिक मानसिकता से कार्य कर रहे हैं. यदि डीएम ने दुर्गाशक्ति को क्लीनचिट दी है तो उनके ख़िलाफ़ भी कार्रवाई की जानी चाहिए.उन्होंने खनन के मामले को पूरी तरह गलत बताया|
उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री मायावती +भाजपा नेता यशवंत सिन्हा ने प्रदेश सरकार को घेरते हुए कहा के उत्तर प्रदेश में आपराधिक तत्वों का राज चल रहा है जिसका शिकार उत्तर प्रदेश की जनता के साथ-साथ अपने कार्यों के प्रति निष्ठावान और ईमानदार अफ़सर भी बन रहे हैं.एक ईमानदार अफ़सर पर ग़लत कार्रवाई की गई है और पूरा देश दुर्गाशक्ति नागपाल के साथ है.|
गौरतलब है के 2009 बैच की आईएएस अधिकारी दुर्गाशक्ति नागपाल को पिछले दिनों निलंबित कर दिया गया थाइसके लिए उनसे कोई स्पष्टीकरण तक नहीं माँगा गया|उसके पश्चात सैंड माफिया के रूप में उभरे नरेन्द्र भाटी ने एक सभा में में कह दिया के मात्र ४१ मिनट्स में उन्होंने दुर्गा शक्ति नागपाल को सस्पेंड करा दिया | .
विपक्ष के आरोपों के मुताबिक दुर्गाशक्ति नागपाल इसी खनन माफ़िया के खिलाफ़ सख़्ती से कार्रवाई कर रहीं थी जिस कारण दीवार का बहाना बनाकर उनका निलंबन किया गया. सूत्रों की माने तो नरेन्द्र भाटी ने ही बीते दिनों अपने पैसे से यह दिवार बनवाई थी और मस्जिद बनाने के लिए छेत्र वासियों को उकसाया था |इसके पीछे अनेको कारण बताये जा रहे है लेकिन एक महत्त्व पूर्ण कारण यह भी बताया जा रहा है के सुप्रीम कोर्ट के आदेशानुसार सार्वजानिक स्थल पर धार्मिक स्थल नही बनाये जा सकतेऐसे में अगर अवैध दीवार गिराई नहीं जाती तो अधिकारी की जवाब देही बनती है और अगर अधिकारी दीवार गिराने की कार्यवाही करतॆ है तो भी उनके खिलाफ जनाक्रोश को भड़काने का आरोप लगा कर अधिकारी को प्रताड़ित किया जा सकता है| इस घटना के पश्चात पूरे प्रदेश में सम्प्रदाइक तनाव को हवा दी गई डी एम् के चैनल को हटा[ Avoid] कर एल आई यूं से सीधे रिपोर्ट मंगाने का दावा किया गया | वास्तव में सेंड माफिया के एक फोन के पश्चात ४१ मिनट में ही सस्पेंशन आर्डर सर्व भी करा दिए गए| पौने पांच हज़ार सदस्यों वाली आईएएस एसोसिएशन ने दुर्गाशक्ति नागपाल के समर्थन में आ गई है|
अभी तक हाई कोर्ट और केंद्र सरकार ने इस घटना क्रम में सीधे हस्तक्षेप में रुचि नहीं दिखाई है लेकिन लखनऊ की सामाजिक कार्यकर्ता डॉक्टर नूतन ठाकुर ने एक याचिका दायर करके आईएएस अधिकारी दुर्गाशक्ति के निलंबन को चुनौती दे दी है कोर्ट ने रेत खनन +मस्जिद निर्माण पर प्रदेश सरकार से रिपोर माँगा ली है| इसके अलावा कांग्रेस+भाजपा+बसपा+रालोद+ आप+आदि अनेको दलों ने प्रदेश सरकार के इस कदम को अनुचित बताया है और भाजपा ने तो संसद के मानसून सत्र में मामले को उठाने की बात कही है| अखिलेश यादव की सरकार अपने राज हट्ट पर कायम रहते हुए अभी तक अधिकारी के निलंबन को रद्द करने से मना करके अपनी किरकिरी कराती आ रही है| लोगों ने तो यह भी कहना शुरू कर दिया है के लैप टॉप के वितरण से जो राजनितिक कदम आगे बढे थे दुर्गा शक्ति नागपाल के निलंबन की कुल्हाड़ी पर उसी बढे कदम को स्वयम मार कर जख्मी कर लिया गया है |

उ प्र.में बिजली संकट के लिए सपा ने बसपा के सर ठीकरा फौड़ा

उत्तर प्रदेश में बिजली के दामो को लेकर आये राजनीतिक उबाल के लिए सत्ता रुड समाज वादी पार्टी ने ठीकरा पूर्वर्ती सरकार बहुजन समाज वादी के सर पर फोड़ दिया है और पार्टी प्रवक्ता और राज्य में मंत्री राजेंद्र चौधरी ने २०१४ तक बिजली समस्या के स्थाई समाधान खोज निकालने का आश्वासन भी दिया है|
चौधरी राजेंद्र सिंह का कहना है कि पहली बी एस पी की सरकार ने महंगी दरों पर बिजली खरीदी और भुगतान नही किया जिसके फलस्वरूप २५००० करोड़ का कर्जा विरासत में मिला है|जिसका भुगतान इस सरकार करना पड़ रहा है| इसके अलावा कहीं से भी उत्पादन नही है | अब मजबूरन बिजली खरीदनी पड़ रही है लेकिन पुराना उधर चुकताये बगैर नया उधार नहीं मिलता |
बिजली की समस्या से निबटने के लिए राज्य सरकार ने २०१४ का लक्ष्य तय किया है|जिसके अंतर्गत बिजली खरीद बडाई जायेगी और उत्पादन के लिए नए कारखाने लगाए जायेंगे| उल्लेखनीय है कि उ. प्रदेश में 43% लीकेज को रोक पाने में असमर्थ प्रदेश सरकार ने ४५ % दरें बड़ा दिए हैं जिसे मुद्दा बना कर राजनीतिक दलों ने आन्दोलन छेड़ रखे हैं|भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष डॉ लक्ष्मी कान्त वाजपई ने बिजली के बिलों का भुगतान नहीं करने की चेतावनी दी है तो आम आदमी पार्टी[आप] ने २२ जून तक मुख्य मंत्री के निवास की बिजली काटने की धमकी दी है| इसके अलावा रालोद के प्रदेश अध्यक्ष मुन्ना सिंह चौहान के न्रेतत्व में जिलों में विरोध प्रदर्शन किया जा रहा है|

नेता जी अब तो बताना पड़ेगा कि चंदा कहाँ से लिया: केंद्रीय सूचना आयोग ने राजनीतिक दलों को आरटीआई में ला दिया

केंद्रीय सूचना आयोग ने ६ मान्यता प्राप्त राजनीतिक दलों को भी आरटीआई एक्ट के दायरे में ला दिया है|यह एक एतिहासिक निर्णय बताया जा रहा हैलेकिन कुछ राजनितिक दलों को एतराज भी है|

नेता जी अब तो बताना पड़ेगा कि चंदा कहाँ से लिया: केंद्रीय सूचना आयोग ने राजनीतिक दलों को आरटीआई में ला दिया

नेता जी अब तो बताना पड़ेगा कि चंदा कहाँ से लिया: केंद्रीय सूचना आयोग ने राजनीतिक दलों को आरटीआई में ला दिया


आयोग के अध्यक्ष मुख्य सूचना आयुक्त सत्येंद्र मिश्रा की पूर्ण बेंच ने कांग्रेस+ भाजपा+माकपा+ भाकपा+ एनसीपी+ +बसपा को आरटीआई के तहत मांगी गई सूचनाओं का जवाब देने का निर्देश दिया है और कहा है कि सभी सार्वजनिक प्राधिकरण आरटीआई एक्ट के दायरे में हैं|
इस फैसले के बाद तमाम राजनीतिक दलों का पर्दे के पीछे होने वाला चंदे का खेल गड़बड़ा सकता है। उन्हें आरटीआइ कानून के तहत सार्वजनिक संस्थाएं माना जाएगा। राजनीतिक दल इसे हाई कोर्ट में चुनौती दे सकते हैं। दलों का मानना है कि चुनाव आयोग को सारी जानकारी दी जाती है और केंद्रीय सूचना आयोगको भी मुहैय्या कारवाई जा सकती है लेकिन आम जनता के साथ इसे शेयर करने को तैयार नही दिख रहे| मुख्य सूचना आयुक्त सत्येन्द्र मिश्र+ सूचना आयुक्त अन्नपूर्णा दीक्षित+ सूचना आयुक्त एमएल शर्मा की पीठ ने सरकार से मिलने वाली आर्थिक मदद और राजनीतिक दलों की लोकतंत्र में महत्वपूर्ण भूमिका के मध्यनजर इन्हें आरटीआइ कानून की धारा 2[H] में सार्वजनिक संस्थाएं करार दिया है।
आरटीआइ कार्यकर्ता सुभाष चंद्र अग्रवाल +अनिल बैरवाल की याचिका के फलस्वरूप यह निर्णय आया है| याचकों ने दलों के कोष +उन्हें मिले चंदे+ चंदा देने वालों के नाम + पते उजागर करने को कहा था |जिसे दलों द्वरा स्वीकार नहीं किया गया था |सीआइसी[ CIC ] ने यह माना है किमान्यता प्राप्त इन ६ राजनितिक दलों को केंद्र से मदद मिलती है|
आरटीआइ के दायरे में आने के पश्चात प्रमुख विपक्षी दल भाजपा के वरिष्ठ नेता मुख्तार अब्बास नकवी ने कहा कि चुनाव आयोग और सूचना आयोग को आपस में तय करना है कि राजनीतिक पार्टियां किसके प्रति जवाबदेह होंगी।
नकवी ने कहा, हर राजनीतिक दल अपनी सारी जानकारी पहले से चुनाव आयोग को देता रहा है और कोई भी व्यक्ति आरटीआइ के तहत उससे यह जानकारी ले सकता है लेफ्ट ने इस पर अपनी नाखुशी साफ जता दी है, जबकि कांग्रेस ने फैसला देखने के बाद ही प्रतिक्रिया देने की बात कहकर चुप्पी साध ली है।

भाजपा ने उ.प्र. सरकार को बिजली के राजनीतिक झटके दिए : बिलों का भुगतान नहीं करने का आह्वाहन किया

भाजपा ने उ.प्र. सरकार को बिजली के राजनीतिक झटके दिए : बिलों का भुगतान नहीं करने का आह्वाहन किया
समाजवादी सरकार की बिजली के बिलों में बढोत्तरी के निर्णय के खिलाफ आज विपक्ष ने उ प्र. सरकार को बिजली के झटके दिए |प्रमुख विपक्षी दल भाजपा के
प्रदेश अध्यक्ष डा. लक्ष्मी कान्त वाजपई
ने लखनऊ में सरकार को बिजली के झटके देते हुए बिजली के बिलों का भुगतान नहीं करने की अपील की है |पार्टी ने प्रदेश में जिला मुख्यालयों पर विरोध प्रदर्शन करके बिजली नीति को बदले जाने की मांग की है|डा. लक्ष्मी कान्त वाजपई के न्रेतत्व में भाजपाईयों ने पावर महानिदेशक ऐ पी मिश्रा का घेराव किया |
डा. वाजपई के अनुसार विद्युत नियामक आयोग और उ प्र. पावर कारपोरेशन के सलाहकार एक ही हैं|फर्म बेशक दो हैं मगर उनका मालिक एक ही है|मुलजिम और मुंसिफ दोनों एक ही हैं|उन्होंने मामले को राष्ट्रीय विद्युत नियामक आयोग के समक्ष यह मुद्दा ले जाने की घोषणा करते हुए कहा है कि जब तक भारतीय नियामक से कोई निर्णय नहीं आ जाता तब तक बीजी के बिलों का भुगतान रोक दिया जाना चाहिए और अगर किसी उपभोक्ता की बिजली काटी जाती है तो भाजपा उसकी बिजली कनेक्शन जोड़ने आयेगी |

भाजपा ने उ.प्र. सरकार को बिजली के राजनीतिक झटके दिए : बिलों का भुगतान नहीं करने का आह्वाहन किया

भाजपा ने उ.प्र. सरकार को बिजली के राजनीतिक झटके दिए : बिलों का भुगतान नहीं करने का आह्वाहन किया

डा. वाजपई ने केंद्र और प्रदेश सरकार को किसान विरोधी बताते हुए कहा कि डीजल पेट्रोल के बाद ग्रामीण इलाकों में भी बिजली की दरों में बढोत्तरी से किसान हितैषी होने के दावों की हकीकत सामने आ गई है|

रालोद के प्रदेश अध्यक्षमुन्ना सिंह चौहान

ने इस नीति के पीछे उद्योग और सरकार में सांठ गाँठ का आरोप लगाया है| उन्होंने बताया कि आज अखिलेश यादव सरकार के पुतले जलाए हैंऔर
प्रदेश स्तर पर ६ जून को आंदोलन चलाया जाएगा|

बहुजन समाजवादी प्रदेश अध्यक्ष एस पी मौर्य

ने भी विरोध दर्ज़ कराया है|
इससे पूर्व प्रदेश नियामक बोर्ड ने बिजली कि दरों में लगभग ४०% तक बढोत्तरी करने की घोषणा की है|यह राज्य में अब तक कि सबसे बड़ी बढोत्तरी है|डोमेस्टिक में ३५% और रूरल एरिया में ४५% तक बढोत्तरी है|किसानो को प्रति हार्स पावर पर १००/=अतिरिक्त देने होंगे| लेकिन उद्योगों को इस बढोत्तरी से अलग रखा गया है|डोमेस्टिक उपभोक्ताओं को ०.५५ /=की वृद्धि के साथ ४/= प्रति यूनिट देने होंगे |हापुड़ में भाजपा सांसद राजेंदर अग्रावल केन्रेत्त्व में प्रदर्शन किया गया |
गौरतलब है कि प्रदेश में बिजली की दोष पूर्ण आपूर्ति नीति का विरोध आये दिन होता रहता है इसके अलावा समाजवादी पार्टी के अपने वोट बैंक एरिया में बिजली की खुले आम लीकेज की आलोचना होती रहती है|ऐसे में बिजली कि दरों में यह बेतहाशा बढोत्तरी जले पर नमक का काम कर रही है|विपक्ष को बैठे बिठाए एक मुद्दा हाथ लग गया है | दिल्ली के बाद अब उत्तर प्रदेश सरकार की भी राजनीतिक बिजली खतरे में पड़ती नज़र आने लगी है| बेशक भाजपा का बिजली के बिलों के भुगतान सम्बन्धी एलान को दिल्ली में आम आदमी पार्टी के एलान के साथ जोड़ा सकता है मगर इससे भाजपा को जनता से सीधे जुड़ने का एक अवसर जरूर मिल गया है जिससे २०१४ में होने वाले लोक सभा के चुनावों पर नज़र गडाए एस पी को अपने प्रदेश में राजनीतिक नुक्सान उठाना पड़ सकता है|

उत्तर प्रदेश में स्मारकों के व्यवसाईक उपयोग और उसके विरोध को लेकर वोट बैंक की राजनीती शुरू हो गई है

:उत्तर प्रदेश में जाति धर्म के आधार पर राजनीती करने वाली सत्ता रुड समाज वादी [एस पी]और विपक्षी बहुजन समाज वादी[बी एस पी] पार्टियां लगता है अब जातियों को आपस में लड़ाने की तैय्यारी में लग गई है तभी दलित उत्थान के नाम पर बनाए गए स्मारकों को लड़ाई का मैदान बनाया जा रहा है| प्रदेश के युवा मुख्यमंत्री अखिलेश यादव की सरकार ने दलित महापुरुषों की याद में बने १० अरब की लागत के विशाल स्मारकों से अतिरिक्त आय अर्जित करने के लिए स्मारकों के खाली हिस्सों को मैरिज होम्स [शादी-ब्याह] की तरह प्रोफेशनल उपयोग की इजाजत दे दी है जिसके विरोध में बी एस पी ने दलितों के सड़क पर उतरने की चेतावनी देते हुए सरकार को बर्खास्त करने की मांग की है|मुख्य मंत्री का कहना है कि स्मारकों में जनता का पैसा खर्च हुआ है। वहां शादी होने से शादी करने वालों की नहीं, स्मारकों की ख्याति ही बढे़गी। उनका प्रचार भी होगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि चुनाव के समय स्मारकों में अस्पताल खोलने और बेहतर इस्तेमाल की बात हुई थी, तब उसे अंदर से नहीं देखा था। यहां के एक स्मारक में अष्टधातु के जानवर और पेड़ लगे हैं। वहां के खाली स्थानों में शादी-ब्याह होने से कौन सी दिक्कत है। मुख्यमंत्री बिना नाम लिए हुए कहा कि एक सरकारी स्थान की बुकिंग के लिए लाइन रहती है, क्योंकि सब जानते हैं कि अच्छे स्थान पर कम पैसों में शादी हो जाएगी। ऐसे में स्मारक का बेहतर इस्तेमाल हो जाएगा। शादी ब्याह होगा तो उनका प्रचार भी हो जाएगा। स्मारकों की ख्याति भी फैल जाएगी।
इस सरकारी घोषणा के विरुद्ध बी एस पी कड़ी हो गई है|सत्ता मुक्त हुई बी एस पी ने इस मुद्दे को सडकों पर ले जाने की बात कह दी है और जाति वादी युद्ध की भूमिका की तरफ इशारा भी कर दिया है|पार्टी के वरिष्ठ नेताओं ने राष्ट्रपति से मुलाकात करके प्रदेश सरकर के निर्णय को दलित विरोधी बताते हुए सरकार को तत्काल बर्खास्त किये जाने के मांग भी कर दी है|
लगता है के २०१४ में होने वाले लोक सभा के चुनावों में अपने अपने वोट बैंक को जोड़े रखने के लिए दोनों पार्टियों को एक मुद्दा मिल गया है|

बी एस पी नेताओं ने स्मारकों के निर्माण में ३४% का घोटाला किया :जस्टिस मेहरौत्रा

उत्तर प्रदेश के [लोकायुक्त] सेवानिवृत जस्टिस एन के महरौत्रा ने मायावती के शासन में बने स्मारकों में १४०० करोड़ रुपयों के घोटाले के लिए बहुजन समाज वादी पार्टी के दो दिग्गजों और अनेकों नौकर शाहों के विरुद्ध ऍफ़ आई आर दर्ज़ कराये जाने के लिए संतुति कर दी है| जुलाई २०१२ में समाज वादी सरकार द्वारा बैठे गई इस जांच को पूर्ण करके जस्टिस मेहरौत्रा ने ८८ पन्नो की अपनी रिपोर्ट पेश कर दी है| लेकिन उत्तर प्रदेश सरकार ने अभी तक इनके विरुद्ध कार्यवाही शुरू नही कीहै| दोषियों में बसपा सुप्रीमो मायावती के नाम का उल्लेख नही है|
जिन दो राजनितिक दिग्गजों का नाम दर्ज़ हैं उनमे महत्वपूर्ण मंत्रालयों के प्रभारी मंत्री [१]नसीमुद्दीन सिद्दीकी[पी डब्लू डी][२]बाबु सिंह हैं[खदान]|इनके अलावा शारदा प्रसाद+अनिल कुमार मौर्या +रमेश चन्द्र दूबे भी हैं इनके अलावा दो सौ विभिन्न अधिकारी और इंजीनियर्स हैं| इस रिपोर्ट के आधार पर सी बी आई से जांच करवाने के सलाह भी दी गई है| गौरतलब है कि बसपा सरकार द्वारा ४१४८ करोड़ रुपयों में स्मारक बनवाये गए थे |इनमे से ६६%का खर्चा ही हुआ शेष १४०० करोड़ का घपला पाया गया है|
गौरतलब है कि अखिलेश यादव की सरकार ने अपने नियंत्रण में यह जांच बैठाई अब जबकि आरोप तय किया जा चुके हैं आगे की कार्यवाही को टाला जा रहा है|