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Sri Harmander Sahib Organic”Langar”World’s Largest [Free]Feeder

Kitchen At Golden Temple

Kitchen At Golden Temple

[Amritsar,Punjab]Sri Harmander Sahib “Langar” World’s Largest [Free]Feeder:Happy Baisakhi
Feeding the hungry is a time-honored tradition among people of many faiths, all over the world. In Amritsar, India, the Sikh gather in Sri Harmander Sahib to serve 100,000 meals every single day of the year in a kitchen that never closes.
The langar, or community kitchen, found in this gurdwara(temple) is the largest free kitchen on the planet, serving literally tons of food from a sprawling complex of white marble and gold.
The food never runs out, all are welcome, and no one ever pays any money.
With its crowds swelling to some 150,000 on any day, this Sikh temple sees more daily traffic than the India’s most popular tourist attraction, the Taj Mahal.
Some Sikh Organization joined hands to serve organic langar from April 10 to 13 as part of Baisakhi celebrations at various gurdwaras in the city. Over 10,000 devotees partook of the community meal daily at Baba Sewa Singh Hall at Sultanwind.
Sikhs are promoting “Nanak Kheti as Uttam Kheti” and making efforts to promote organic farming among farmers. Sri Harmander Sahib has already been serving organic langar and its management are trying its hands at organic farming at its farm attached with Gurdwara Gurusar Satlani Sahib near Attari.
The concept of organic langar is a way to create a direct connect between organic farmers and consumers (devotees).
Source Sikh Sangat

राष्ट्रपति और प्रधान मंत्री ने बैसाखी के अवसर पर राष्ट्र को शुभकामनाएं दी

Prime Minister Dr Man mohan singh Greets On Baisakhi

Prime Minister Dr Man mohan singh Greets On Baisakhi

राष्ट्रपति और प्रधान मंत्री ने बैसाखी के अवसर पर राष्ट्र को शुभकामनाएं दी
प्रधानमंत्री डॉ मन मोहन सिंह ने बैसाखी, बहाग बिहू, विशु, पुथंडु, वैसाखदि और मेसादि के अवसर पर राष्ट्र को शुभकामनाएं दी
अपने संदेश में डॉ मन मोहन सिंह ने कहा कि फसल कटाई ऋतु के दौरान ये पारंपरिक नव वर्ष के पर्व किसानों के लिए धन्यवाद प्रकट करने और नई शुरुआत एवं अगले वर्ष की योजना बनाने का अवसर है। ये पर्व देश भर में विविधता में भारत की एकता के जश्न के रूप में भी मनाए जाते हैं।
मैं कामना करता हूं कि ये पर्व सबके लिए शांति, समृद्धि और स्वास्थ्य एवं खुशी लेकर आएं।
राष्ट्रपति श्री प्रणब मुखर्जी ने बैसाखी के अवसर पर बधाई संदेश में कहा है:-
” मैं बैसाखी के हर्षपूर्ण अवसर पर अपने देश के सभी लोगों, और खासतौर से खेती-बाड़ी में संलग्न अपने सभी भाई-बहनों को हार्दिक शुभकामनाएं और बधाई देता हूं।
उन्होंने कहा ” बैसाखी फसल कटाई की ऋतु के आरंभ का प्रतीक है जो खुशी और समृद्धि लेकर आती है। यह जश्न का समय होता है और ऐसा अवसर होता है जब हम भरपूर फसल के लिए कुदरत के प्रति अपना आभार प्रकट करते हैं और आने वाले समय मेें भी निरंतर समृद्धि के लिए प्रार्थना करते हैं।
मैं कामना करता हूं कि यह पर्व राष्ट्र के रूप में हमारे रिश्ते को और मजबूत करे और शांति एवं भाइचारा बनाए रखे। आइए, इस दिन राष्ट्र की प्रगति और खुशी के लिए तहे दिल से योगदान करने के अपने इरादे को और मजबूत करें। ”

साम्राज्य समाप्त होने के बाद भी पाप की परछाई पीछा नहीं छोडती :सीधे एल के आडवाणी के ब्लॉग से

साम्राज्य के पाप

भाजपा के पी एम् इन वेटिंग और वरिष्ठ पत्रकार लाल कृषण आडवाणी ने अपने नवीनतम ब्लॉग में ब्रिटिश साम्राज्य के पाप गिनाते हुए यह कहने का प्रयास किया है कि साम्राज्य समाप्त होने के दशकों बाद भी पाप की परछाई पीछा नहीं छोडती इसीकारण आज कल ब्रिटिश सरकार केन्याई पीड़ितों को मुआवजा दे कर अपने पाप धोने में लगी है जबकि इससे कहीं जयादा पाप तो भारत में किये गए थे| प्रस्तुत है सीधे एल के आडवाणी के ब्लॉग से:
डेविड एम. एण्डरसन, यूनिवर्सिटी ऑफ वारबिक में अफ्रिकी इतिहास के प्रोफेसर हैं। इन्टरनेशनल हेराल्ड ट्रिब्यून के 14 जून, 2013 के संस्करण में इन प्रोफेसर महोदय का एक महत्वपूर्ण लेख ”एटोनिंग फॉर दि सिन्स ऑफ एम्पायर” शीर्षक से प्रकाशित हुआ है।
लेख का सार यह है कि ”गत् सप्ताह ब्रिटिश सरकार ने एक ऐतिहासिक फैसले में 1950 के दशक में मऊ मऊ विद्रोह के दौरान जिन 5228 केनयाइयों को बंदी बनाने के समय प्रताड़ित किया गया उन्हें मुआवजा देने का निर्णय किया है। प्रत्येक दावेदार को लगभग 2670 पौण्ड (करीब 4000 डॉलर) मिलेंगे।”
डेविडसन की टिप्पणी है: ”पैसा नगण्य है। लेकिन इससे जो सिध्दान्त स्थापित हुआ है, और जो इतिहास फिर से लिखा गया है, वह अथाह है।”
भारत भी ब्रिटिश साम्राज्य के प्रमुख उपनिवेशों में से एक रहा है। और यहां पर अनगिनत गुनाह किए गए। तबकी सरकार द्वारा किया सर्वाधिक बर्बर अपराध था जलियांवाला बाग का कत्लेआम। यह कत्लेआम 13 अप्रैल (रविवार), 1919 को अमृतसर में बैशाखी के दिन किया गया। गोली चलाने का आदेश ब्रिगेडियर-जनरल इ.एच. डायर ने दिया। डायर का मानना था कि कोई बड़ी बगावत होने वाली है।
यह जानकारी मिलने पर कि 15 से 20 हजार की संख्या में लोग जलियांवाला बाग मैदान में इक्ट्ठे हो गए हैं तो डायर 50 गोरखा बंदूकधारियों को वहां एकत्रित हुए पुरुषों, महिलाओं और बच्चों पर फायरिंग करने को कहा गया। फायरिंग तब तक जारी रही जब तक उनके पास का गोलियों का स्टॉक समाप्त नहीं हो गया। डायर ने स्वयं बताया कि 1650 राऊण्ड गोलियां चलाई गई: ब्रिटिश अधिकारिक सूत्रों के मुताबिक 379 लोग मारे गए, जबकि लगभग 1000 लोग घायल हुए। भारतीय राष्ट्रीय क्रांग्रेस के अनुमान के मुताबिक शिकार हुए लोगों की संख्या 1500 से ज्यादा थी, जिसमें से लगभग 1000 लोग मारे गए।
जनरल डायर द्वारा अपने उच्च अधिकारियों को यह सूचना देने कि उन्हें ‘एक क्रांतिकारी सेना से मुकाबला करना पड़ रहा है,’ के बाद पंजाब के ब्रिटिश लेफ्टिनेंट-गवर्नर, माइकेल ओ‘डायर (Michael O’Dwyer) ने ब्रिगेडियर डायर को भेजे टेलीग्राम में लिखा। ”आपकी कार्रवाई ठीक है और लेफ्टिनेंट गर्वनर इसे स्वीकृति देते हैं।” ओ‘डायर ने अनुरोध किया कि अमृतसर और अन्य क्षेत्रों में मार्शल लॉ लागू कर दिया जाए, और इसे वायसराय लार्ड चेम्सफोर्ड ने लागू कर दिया।
*13 मार्च, 1940 को लंदन के केस्टन हॉल में, भारत के सुनाम के रहने वाले एक क्रांतिकारी ऊधम सिंह, जो अमृतसर की घटनाओं का प्रत्यक्षदर्शी या और स्वयं वहां घायल हो गया था, ने पंजाब के ब्रिटिश लेफ्टिनेंट-गवर्नर माइकेल ओ‘डायर की गोली मार कर हत्या कर दी। अमृतसर कत्लेआम के समय ओ‘डायर वहां का गर्वनर था ही, जिसने न केवल डायर की कार्रवाई को स्वीकृति दी अपितु माना जाता है कि वह इसका मुख्य सूत्रधार भी था। ब्रिगेडियर-जनरल डायर स्वयं 1927 में मर गया था।
ऊधम सिंह की कार्रवाई की भारत में अमृत बाजार पत्रिका जैसे राष्ट्रवादी समाचारपत्रों ने सराहना की। आम लोगों और क्रांतिकारियों ने इसे गौरवान्वित कदम कहा। दुनिया भर में अधिकांश समाचारपत्रों ने इस अवसर पर जलियांवाला बाग के कत्लेआम को स्मरण करते हुए माइकेल ओ‘डायर को इस कत्लेआम का जिम्मेदार ठहराया। ऊधम सिंह को ‘स्वतंत्रता के लिए लड़ने वाला‘ और उसके कदम को लंदन के दि टाइम्स तक ने इसे ”भारतीय लोगों के दबे हुए आक्रोश की एक अभिव्यक्ति” के रुप में वर्णित किया।
ऊधम सिंह को गवर्नर ओ‘डायर की हत्या के आरोप में 31 जुलाई, 1940 को फांसी दे दी गई। उस समय जवाहरलाल नेहरु और महात्मा गांधी सहित अनेकों ने ऊधम सिंह के कदम को नादान परन्तु साहसी करार दिया। हालांकि 1952 में नेहरु (तब के प्रधानमंत्री) ने ऊधम सिंह को निम्न शब्दों से सम्मानित किया (डेली प्रताप के अनुसार):
”मैं शहीदे-आजम ऊधम सिंह को सम्मानपूर्वक सलाम करता हूं जिसने फांसी के फंदे को गले लगाया ताकि हम स्वतंत्र रह सकें।”
*ब्रिटेन के वर्तमान प्रधानमंत्री डेविड कैमरुन फरवरी, 2013 में तीन दिवसीय भारत की यात्रा पर आए थे और इस अवधि में वह अमृतसर भी गए। यहां वह न केवल स्वर्ण मंदिर गए अपितु जलियांवाला बाग के कत्लेआम की जगह पर जानेवाले पहले ब्रिटिश प्रधानमंत्री बने।
उस मैदान पर जहां अब शहीद स्मारक है, पर डेविड कैमरुन ने पुष्प अर्पित किए और 1920 में तत्कालीन वॉर सेक्रेटरी, विंस्टन चर्चिल द्वारा कहे गए शब्दों का स्मरण किया जिसमें कत्लेआम को ‘सरासर गलत‘ कहा गया था। प्रधानमंत्री ने स्वयं टिप्पणी की कि यह कत्लेआम ”ब्रिटिश इतिहास में एक अत्यधिक शर्मनाक घटना है।”

अमेरिकन किड्स प्ले स्कूल में आज नन्हे मुन्नों ने बैसाखी की खुशियाँ लूटी

अमेरिकन किड्स प्ले स्कूल में आज नन्हे मुन्नों ने बैसाखी की खुशियाँ लूटी|

अमेरिकन किड्स प्ले स्कूल में आज नन्हे मुन्नों ने बैसाखी की खुशियाँ लूटी|

अमेरिकन किड्स प्ले स्कूल में आज नन्हे मुन्नों ने बैसाखी की खुशियाँ लूटी| शास्त्रीनगर और साकेत स्थित शाखाओं में सभी बच्चे आज रंग बिरंगे पहनावे बैसाखी के रंग में रंगे थे|निदेशक मोहिनी लांबा ने बच्चो को पर्व का महत्त्व बताया|बैसाखी चूंकि अन्न के उत्पादन से जुडी है इसीलिए अन्न की बर्बादी नहीं करने के प्रेरणा दी गई| बच्चो को गेहूं की पकी हुई बालियाँ भी दिखाई गई|इस अवसर पर बच्चो ने पंजाबी लोक गीतों पर आकर्षक भांगड़ा और गिद्दा भी किया |[अजा गिद्दा पा लैय्ये ] शास्त्रीनगर में प्रधानाचार्या श्री मति निरुपमा शर्मा और साकेत में श्रीमती नीना मित्थल ने कार्यक्रम को सफल बनाने में सहयोग दिया|

आल माईटीज लेडीज क्लब ने गरिमा अग्रवाल को बेस्ट मिसेज पंजाबी का ख़िताब दिया

 आल माईटीज लेडीज क्लब ने गरिमा अग्रवाल को बेस्ट मिसेज पंजाबी का ख़िताब दिया

लेडीज क्लब ने गरिमा अग्रवाल को बेस्ट मिसेज पंजाबी का ख़िताब दिया

[मेरठ]आल माईटी लेडीज क्लब की सदस्यायों ने क्लब की मासिक सभा में आज बैसाखी और नव वर्ष की खुशियाँ लूटी|
आई एम् ऐ सभागार में आयोजित इस सभा को स्वागत गान से प्रारम्भ किया गया|इसमें अंशु+माला+आशा ने आकर्षक नृत्य किया| कमलेश अग्रवाल के कुशल मंच संचालन में पंजाबी थीम पर डांस प्रतियोगिता का भी आयोजन किया गया|पंजाबी लोक गीत

काला शाह काला, मेरा काला ऐ सरदार गोरेयां नू दफा करो

आदि की धूम रही|हास्य लघु नाटिका भी बेहद सराही गई|
इस प्रतियोगिता में [१]गरिमा अग्रवाल को बेस्ट मिसेज पंजाबी [२]तनिका को बेस्ट चूडा [कलाई श्रंगार]सज्जा [३]बेस्ट परांदा[केश श्रंगार के लिए प्रयोग होने वाली डोरी] वर्ग में अनुभूति और थाली सज्जा के लिए वर्षा गुप्ता को पुरुस्कृत किया गया |
क्लब अध्यक्षा संगीता मक्कड़ के साथ कोषाध्यक्ष अरुणा अग्रवाल+सचिव शालू गुप्ता +नीरा+अलका+मधु+रेशमा+कनक+रिचता+तर+रूचि+मिताली+गरिमा+अंशु+कमलेश आदि ने सहयोग दिया|