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एयर कंडीशनरों के लिए तो नई स्टार रेटिंग कार्यप्रणाली लेकिन चीनी कंप्रेशरों का कोई हिसाब नहीं

[नई दिल्ली] एयर कंडीशनरों के लिए तो नई स्टार रेटिंग कार्यप्रणाली घोषित लेकिन चीनी कंप्रेशरों का कोई हिसाब नहीं|
भारत में एयर कंडीशनरों के लिए नई स्टार रेटिंग कार्यप्रणाली की घोषणा की गई है लेकिन चीन से आ रहे कंप्रेशरों का कोई हिसाब नहीं है|भारत में उत्पाद बेच रही ब्लू स्टार सरीखे बहु राष्ट्रीय कंपनियां अपने वाटर डिस्पेंसरों में भी चीनी कंप्रशर लगा कर बेच रही हैं ,जिनका न कोई हिसाब है और नाही मेंटेनेंस की गारन्टी |#BlueStar
यहां तक के ऐसे कंप्रेशरों की घोषित गुणवत्ता पर भी प्रश्न चिन्ह लगते रहे हैं |
हद तो यह है के बेचने के पश्चात् गारंटी पीरियड में भी अपने उत्पाद को पहचानने से इनकार कर दिया जाता है|अभी हाल ही में एक ऐसे ही एक प्रोडक्ट को कंपनी खुद ट्रैक नहीं कर पाई ,,इसीलिए मेंटेनेंस देने से मना कर दिया गया|
गौरतलब हे के चीन के उत्पाद सस्ते हो सकते हैं लेकिन पर्यावरण फ्रेंडली नहीं कहे जा सकते और बिजली की खपत भी नियंत्रण से बाहर ही रहती हैजाहिर है बेहिसाबी आयात से ना केवल प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी की मेक इन इंडिया की नीति को धक्का लगता है वरन विदेशी मुद्रा विदेश जाती है|यहां तक के ब्लैक मनी के धंदे को भी नकारा नहीं जा सकता |आईएसईईआर के नियमोँ के भी खिलाफ है |Blue Star
@ISEER एयर कंडीशनरों की ऊर्जा दक्षता को मापता है, जो भारतीय मौसम संबंधी आंकड़ों के आधार पर 24 डिग्री सेंटीग्रेड से लेकर 43 डिग्री सेंटीग्रेड के बीच के बाह्य तापमान पर प्रदर्शन के भारांक औसत पर आधारित होगा।
मालूम हो के ऊर्जा दक्षता ब्‍यूरो (बीईई) ने एयर कंडीशनर (एसी) के लिए भारतीय मौसमी ऊर्जा दक्षता अनुपात #ISEER(आईएसईईआर) नामक एक नई स्‍टार रेटिंग कार्यप्रणाली की घोषणा की है।
भारत में उच्‍च तापमान में होने वाले परिवर्तन को इस नव विकसित रेटिंग कार्यप्रणाली में समाहित किया गया है और इसी के अनुसार एयर कंडीशनरों की रेटिंग की गई है लेकिन
चीन के कंप्रेशरों की रेटिंग भी जरुरी है |