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नेताओं के डीएनऐ में मेरठ के मुसलमानों की समस्याएं दूर करने में अकर्मण्यता का अच्छाखासा तालमेल है
बीते दिनों दो दिग्गज नेता मेरठ आये यहां आकर मजहबी जमीन पर मिनोरिटीस के दिलों में सियासी बाग़ लगाने के भरसक प्रयास किये |अपनी तकरीरों से हर तरफ समां बांधा |रोजा इफ्तारी में शिरकत की एक दूसरे पर जैम कर सियासी कीचड उछाला यानि मिनोरिटीस को लुभाने के लिए भरसक प्रयास किये लेकिन अकलियत की समस्याएं अनछुई ही रह गई |
६ जून को आल इंडिया मजलिस इत्तेहादुल मुस्लिमीन के राष्ट्रीय अध्यक्ष और सांसद असद-उद-दीन ओवैसी ने मेरठ आगमन पर सपा और भाजपा में सियासी गठजोड़ के आरोप लगा कर अपने लिए सियासी जमीन तैयार करने के लिए कदम बढ़ा दिया है|उन्होंने रोजा इफ्तार के एक कार्यक्रम में यूं पी में चुनाव लड़ने की घोषणा कर दी है| बेशक पश्चिमी यूं पी में इसकी सफलता दूर की कौड़ी ही नजर आरही है|इससे पूर्व यूंपी के काबीना मंत्री आजम खानभी मेरठ आये|जिला पंचायत के बजट का एलान किया| रोजा इफ्तार कराया दूसरों को जम कर कोसा और लौट गए |भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष डॉ लक्ष्मी कांत वाजपई भी इसी छेत्र के हैं लेकिन आजकल वोह लखनऊ के होकर रह गए हैं शायद इसीलिए शहर में गंदगी की हुकूमत बढ़ती जा रही है|सुरक्षा की दृष्टि से भी कोई खास प्रशंसा नहीं की जा सकती | ईद आने वाली है और ईद गाह के बाहर लगे हुए लावारिस खोखे व्यवस्था को मुंह चिड़ा रहे हैं |भाजपा और सपा के विधायक इस दिशा में बेअसर होते जा रहे हैं|कांग्रेस+बसपा+रालोद+लेफ्टिस्ट आदि आदि चुनावी मौसम की तरफ टकटकी लगाये बैठे हैं
इन मंत्रियों+संतरियों को बैठे बिठाये बोतल बंद स्वच्छ पानी पीने को मिल जाये तो सडकों पर जलभराव+नालाजमाव की खैरात जनता के लिए छोड़ना लाजमी होजाता है |खास कर मुस्लिम इलाकों में गन्दगी की स्थिति खतरनाक शक्ल ले रही हैं |छेत्र में डेंगू के प्रकोप की संभावनाएं व्यक्त की जाने लगी हैं |
और गन्दगी का आलम है कि घनी मुस्लिम इलाकों में गन्दगी के ढेर लगे हुए हैं यहां यह कहाँ अनुचित नहीं होगा कि सरकारी अस्पतालों में मुस्लिम बीमारों की संख्या में चिंताजनक इजाफा हो रहा है | भाजपा और सपा आल इंडिया मजलिस इत्तेहादुल मुस्लिमीन+कांग्रेस+बसपा+रालोद+लेफ्ट बेशक अभी साथ साथ नहीं दीखते हैं मगर इनके डीएनऐ में मुसलमानों की समस्यायों को दूर करने में अकर्मण्यता का अच्छा खासा तालमेल दिखाई दे रहा है
अल्पसंख्यक’ शब्द की परिभाषा संविधान में नही हैं फिर भी अल्प संख्यक कल्याणार्थ करोड़ों रुपयों की यौजनाएं बन रही है
अल्पसंख्यक’ शब्द की परिभाषा संविधान में नही हैं फिर भी अल्प संख्यक कल्याणार्थ करोड़ों रुपयों की यौजनाएं बन रही है
अल्पसंख्यक’ शब्द की परिभाषा
संविधान में नही हैं| बेशक इसका विवरण संविधान की धाराओं में शामिल है| केंद्र सरकर ने यह स्वीकारोक्ति आज संसद में एक लिखित उत्तर में की|
अल्पसंख्यक कार्य मंत्रालय राज्य मंत्री श्री निनॉन्ग ईरिंग ने आज एक प्रश्न के लिखित उत्तर में बताया कि भारतीय संविधान में ‘अल्पसंख्यक’ शब्द का विवरण धारा 29 से लेकर 30 तक और 350ए से लेकर 350बी तक शामिल है। इसकी परिभाषा कहीं भी नहीं दी गई है। भारतीय संविधान की धारा 29 में ‘अल्पसंख्यक’ शब्द को इसके सीमांतर शीर्षक में शामिल तो किया गया किंतु इसमें बताया गया है कि यह नागरिकों का वह हिस्सा है, जिसकी भाषा, लिपि अथवा संस्कृति भिन्न हो। यह एक पूरा समुदाय हो सकता है, जिसे सामान्य रूप से एक अल्पसंख्यक अथवा एक बहुसंख्यक समुदाय के एक समूह के रूप में देखा जाता है।
भारतीय संविधान की धारा-30 में विशेष तौर पर अल्पसंख्यकों की दो श्रेणियों – धार्मिक और भाषायी, का उल्लेख किया गया है। शेष दो धाराएं – 350ए और 350बी केवल भाषायी अल्पसंख्यकों से ही संबंधित हैं।
इसके अलावा
अल्पसंख्यकों के कल्याण के लिए यौजनाओं का विवरण निम्न दिया गया है
वर्ष 2013-14 के वर्तमान वित्त वर्ष के दौरान अधिसूचित अल्पसंख्यक समुदायों के लिए जिन योजनाओं को 12वीं पंचवर्षीय योजना में शामिल किया गया था, उन्हें स्वीकृति प्रदान कर दी गयी है।
योजना
बीई 2013-14
(रुपये करोड़ में)
खर्च की गयी धनराशि
अल्पसंख्यक छात्रों को विदेश में पढ़ने के लिए शिक्षा ऋण पर ब्याज सब्सिडी
2.00
अब तक इस मद में कोई खर्च नहीं हुआ है। कोई राज्यवार वित्तीय प्रावधान नहीं है।
संघ लोक सेवा आयोग/कर्मचारी चयन आयोग, राज्य लोक सेवा आयोग आदि द्वारा आयोजित प्रवेश-परीक्षा में सफल होने वाले छात्रों की सहायता
4.00
‘सीखो और कमाओ’ नामक कौशल विकास पहलें
17.00
योजनाओं के दायरे में मुसलमानों सहित अधिक से अधिक अल्पसंख्यकों को शामिल करने के लिए अल्पसंख्यक बहुल जिलों को प्राथमिकता देते हुए इलेक्ट्रॉनिक मीडिया और समाचार पत्रों के माध्यम से योजनाओं के कार्यान्वयन के बारे में जानकारी प्रदान करने के उपाय किये गए हैं।
आज राज्य सभा में एक लिखित उत्तर में अल्पसंख्यक मामलों के राज्य मंत्री श्री निनांग एरिंग ने यह जानकारी दी।
राष्ट्रीय अल्पसंख्यक आयोग ने उत्तराखंड के लिए प्रधानमंत्री राहत कोष में योगदान दिया
राष्ट्रीय अल्पसंख्यक आयोग के अध्यक्ष, अधिकारियों और कर्मचारियों ने उत्तराखंड में आई विनाशकारी आपदा के पीडि़तों के लिए अपने एक दिन का वेतन प्रधानमंत्री राहत कोष में दिया है। आयोग ने प्रधानमंत्री राहत कोष के कार्यालय में 08 अगस्त, 2013 को 31054 रुपये का चेक जमा कराया
दिल्ली सरकार से संवैधानिक अधिकार लेने के लिए सिख अल्प संख्यकों में जाग्रति अभियान शुरू
दिल्ली सिख गुरुद्वारा मेनेजमेंट कमेटी (DSGMC)ने अल्पसंख्यकों को उनके संवैधानिक अधिकार दिलाने के लिए सिखों में जागृति अभियान शुरू कर दिया है| गुरुद्वारा रकाब गंज न्यू दिल्ली परिसर में चलाये जा रहे जाग्रति अभियान का एक हिस्सा शिक्षा से भी जुडा है|
एस पी जी सी + दिल्ली माइनॉरिटी अवेयरनेस और डी एस जी एम् सी के सदस्य गुरमिंदर सिंह मथारू [S. Gurminder singh matharoo ] ने बताया कि सरकार ने अनेकों कल्याणकारी यौजनाएं चला रखी है| इनमे से स्कूल फीस की रिंबर्स्मेंट[ reimbursement of the fee from govt. ] भी है| एन सी टी सरकार के अलावा डी एस जी एम् सी द्वारा भी प्रतिवर्ष ऐसी यौजनाएं चलाई जाती है जिनके अंतर्गत प्रत्येक कमेटी सदस्य को ५ लाख रुपयों की निधि दी जाती है|५१ सदस्यों को प्रति वर्ष ढाई करोड़ रुपये एलोट किये जाते हैं| इस फण्ड को वितरित करने के लिए ११ हरि कृषण पब्लिक स्कूलों के अलावा अनेक छेत्रों में जाग्रति कैम्प भी लगाए जा रहे हैं| निर्धन कन्या की शादी+कीर्तन दरबार के लिए भी २ लाख से कम आय वालों के बच्चों को जिले के एस डी एम् से सर्टिफिकेट ला कर इस का लाभ उठाया जा सकता है| आज कल पब्लिक स्कूलों में २५०० से ३००० रुपयों की फीस देनी पड़ती है|ऐसे में यह सुविधा बड़ी राहत दे सकती है|इसीलिए दो लाख से कम आय वालों का सुविधा लेने के लिए एस डी एम् से आय का सर्टिफिकेट ले लेना चाहिए|
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