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सिख इतिहास की महत्वपूर्ण पैतृक तलवार को अंग्रेजी कब्जे से निकालने में भारतीय मूल के बॉब ढिल्लों सफल हुए

सिख इतिहास की एक महत्वपूर्ण पैतृक सम्पत्ति को विदेशी कब्जे से निकालने में बॉब ढिल्लों सफल हुए हैं|केनेडा के धनिक रियल्टर की इस सफलता के समाचार दुनिया भर के अखबारों की सुर्खिया बने हुए हैं| ढिल्लों ने सिख साम्राज्य के संस्थापक महाराजा रंजीत सिंह की एक तलवार नीलामी में खरीद ली है| यह नीलामी मुलोक[ MullockAuctioneers]दवारा कराई गई है| भारतीय पंजाब के बरनाला जिले से हांग कांग गए व्यापारी के परिवार से जापान में पैदा हुए बॉब ढिल्लों ने कनाडा को कर्म स्थली बनायाहै |केनेडा ,कैलगिरी निवासी भारतीय मूल के व्यवसाई बॉब ने अपनी जड़ों से जुड़ी महाराजा रंजीत सिंह की तलवार खरीदने का गौरव पाया है| ३३.५ इंच लम्बी १९ वी सदी की इस ऐतिहासिक तलवार की नीलामी लन्दन बेस्ड नीलामकर्ता मुलोक ने इस माह की ३ तारीख को कराई है इस तलवार पर पंजाबी भाषा “गुरुमुखी” में अकाल सहाय रंजीत सिंह लाहौर लिखा हुआ है|
यदपि इस नीलामी के लिए बंद लिफाफों में बिड मंगाई गई थी और इसकी कीमत भी उजागर नहीं की गई है लेकिन नीलाम कर्ता की वेबसाइट के अनुसार या तो यह तलवार महाराजा को गिफ्ट की गई थी अन्यथा महाराज नेइसे सवयम किसी को भेंट में दिया था | इसीलिए इससे१००००- १५००० पाउंड्स की आमदनी प्राप्त होने की उम्मीद जताई गई थी |
कर्टसी ब्यूरो