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कॉमनवेल्थ कन्ट्रीज क्लब की सदस्यता में नफा नुकसान देखने का समय आ गया

                                                   झल्ली गल्लां

राष्ट्रवादी चिंतक 

ओए झल्लेया! स्वाद आ गया।ये ब्रिटेन वाले अपनी ग्रेटनेस का रुआब झाड़ते हुए हसाडे मुल्क की विश्व स्वीकृत मानव मात्र की रक्षक वैक्सीन की उपलब्धि का अपमान कर रहे है।हसाडी सरकार ने भी टिट फ़ॉर टेट का इनका ही नियम इन पर लागू करते हुए ब्रिटेन से आ रहे 700 हवाई यात्रियों का RTPCR करवा के 10 दिन के क्वारंटाइन के लिए इनके चॉइस प्लेस पर भेज दिया।हमारी देसी भाषा मे इसे कहते है “जैसे को तैसा”

झल्ला

ओ भापा जी!कॉमनवेल्थ कन्ट्रीज क्लब की सदस्यता में नफा नुकसान देखने का समय आ गया

ये ब्रिटेन एक व्यापारी मुल्क है। इसीलिए इनकी ना के पीछे भी कोई व्यवसायिक कारण छुपा होणा है।आपको मालूम होणा चाहिए कि भारत को आजादी देते समय इसे अपने चंगुल के कॉमन वेल्थ कन्ट्रीज के क्लब में शामिल रखने को  ब्रिटिश क्राउन ने देश के दो टुकड़े करवा दिए।बिना पर्याप्त व्यवस्था के ही देश विभाजित कर दिया जिसने विश्व की सबसे बड़ी त्रासदी को जन्म दिया। दस लाख निर्दोष मारे गए और सवा करोड़ के लगभग विस्थापित हो गए।इतने बड़े बलिदान के बावजूद भारत का अपमान अब नही सहेगा हिंदुस्तान।कॉमन वेल्थ  कन्ट्रीज क्लब में रहने का नफा नुकसान देखना जरूरी हो गया है।जल्द ही गुणा भाग जरूरी हो गया है।

30 जनवरी तक ब्रिटेन से आने वालों की कोविड जांच होगी:स्वास्थ्य मंत्रालय

(नयी दिल्ली)30 जनवरी तक ब्रिटेन से आने वालों की कोविड जांच होगी:स्वास्थ्य मंत्रालय
ब्रिटेन से आठ जनवरी से 30 जनवरी के बीच आने वाले सभी यात्रियों को देश में आगमन पर स्वभुगतान के आधार पर कोविड-19 जांच करानी होगी। यह बात स्वास्थ्य मंत्रालय ने शनिवार को जारी एक मानक संचालन प्रक्रिया (एसओपी) में कही।
एसओपी में कहा गया है कि साथ ही ब्रिटेन से आने वाले प्रत्येक यात्री को यात्रा से 72 घंटे पहले करायी गई अपनी कोविड-19 जांच की निगेटिव रिपोर्ट लानी होगी।
भारत ने ब्रिटेन में सामने आये कोरोना वायरस के नये प्रकार के प्रसार को रोकने के लिए वहां से आने वाली सभी उड़ानों को 23 दिसम्बर से 31 दिसंबर तक निलंबित कर दिया था। बाद में, इस रोक को सात जनवरी तक बढ़ा दिया गया था।

ब्रिटेन ने अपनी ग्रेटनेस बचाने को १९४७ में कत्लेआम करवा दिया था


झल्ले दी झल्लियाँ गल्लां

भारतीय उपेक्षित ईसाई

औए झल्लेया ! आज़ादी के बाद तो हमें गुलामों से भी बदत्तर जिंदगी जीने को मजबूर किया जा रहा है| अब ब्रिटेन सरकार ने मंगलवार को कह दिया है कि वह भारत में हम पर हो रहे जुल्मों के मुद्दे को उठाएगी।
ये बात हवा में नहीं कही गई है बल्कि हाउस ऑफ कॉमन्स में विदेश और राष्ट्रमंडल कार्यालय के लिए सवाल-जवाब के निर्धारित सत्र के दौरान ब्रिटेन के विदेश कार्यालय के मंत्री मार्क फील्ड द्वारा कहा गया है

झल्ला

आपको नरेंद्र मोदी सरकार के खिलाफ अपनी भड़ास निकालने के लिए पूरा हक है लेकिन ब्रिटेन ने अपनी ग्रेटनेस बचाने को भारत में १९४७ में कत्लेआम करवा दिया था और देश छोड़ कर जाते समय इन्ही अंग्रेजों ने भारतीय धन को स्विस बैंकों में छुपा दिया था अब अगर वह वापिस आ जाता है तो देश की जी डी पी बढ जाती
इस ब्रिटैन ने १९४७ में देश को विभाजित करवा कर दोनों तरफ के लाखों निर्दोषों का कत्ल कराया और उनकी प्रॉपर्टी को लुटवाया|इसका मुआवजा अभी तक नहीं मिला है

कांग्रेस को १९४७ में मानव निर्मित त्रासदी के लिए देश से माफ़ी मांगनी चाहिए

[नई दिल्ली] कांग्रेस को १९४७ में कराये गए कत्लेआम+लूटमार के लिए देश से माफ़ी मांगनी चाहिएअब समय आ गया है जब कांग्रेस को माफ़ी मांग लेनी चाहिए |ब्रिटैन के ८० संसद जब भारत में १०० वर्ष पूर्व जलियांवाला बाग़ में किये गए कत्ले आम के लिए अपनी ही सरकार से माफ़ी की मांग कर सकते हैं और वहां की प्रधान मंत्री खेद व्यक्त कर सकती हैं तो भारत में १९४७ के घृणित अपराध पर विभाजन के लिए जिम्मेदार और उसके नतीजों को झेलने में असफल रहे कांग्रेस को माफ़ी मांग कर उस के लिए प्रायश्चित करलेनी चाहिए |
1947 में कराए कत्लेआम की अब #कांग्रेस को माफी मांग कर प्रायश्चित कर लेना चाहिए
देश विभाजित करा कर दोनों तरफ ना केवल
कत्लेआम कराया गया वरन
लूटमार मचाई गई
छोड़ी गई जमीनों को हथियाया गया
रिहैबिलिटेशन के नाम पर फ्रॉड किये गए
अब समय आ गया है जब इसके लिए उत्तरदायी दल को सार्वजनिक रूप से माफी मांग कर प्रायश्चित कर लेना चाहिएक्योंकि विभाजन से अपराधों की ज्वाला उठी उसे समेटने में तत्कालीन सरकार अक्षम रही |इसे विश्व की सबसे बढ़ी मानव निर्मित त्रासदी बताया गया है|

ब्रिटेन भी अब अपने आप हमें हमारी धरोहर ‘कोहिनूर’ हीरा लौटाएगा या नहीं?

झल्ले दी झल्लियां गल्लां

भाजपाई ऍनआरआई

ओये झल्लेया मुबारकां!ओऐ! अमेरिका में चोरी करके ले जाई गई २०० ऐतिहासिक मूर्तियों को वापिस लाने का काम शुरू हो गया है|इनमे से १२ तो लौटाई भी जा चुकी|ओऐ हसाडे प्रधान मंत्री नरेंद्र भाई दामोदर दास मोदी जी के अनुसार भारत में हमारे लिए इसका मूल्य दौलत से ऊपर है क्योंकि ये हमारी संस्कृति और धरोहर हैं।

झल्ला

सांस्कृतिक धरोहर वापिस आ रही है इसके लिए नरेंद्र मोदी वाकई बधाई के पात्र हैं ,लेकिन बादशाहो इंग्लैंड की रानी के ताज में जड़ा कोहिनूर हीरा हम सब का मजाक उड़ा रहा है
क्या अमेरिका के इस कदम से ब्रिटेन को भी शर्म आएगी और वह भी अपने आप हमें हमारा ‘कोहिनूर’ लौटाएगा या नहीं?बताओ तो क्या ब्रिटेन भी अब अपने आप हमें हमारी धरोहर ‘कोहिनूर’ हीरा लौटाएगा या नहीं?

स्कॉटलैंड असंतोष से ध्यान भटकाने के लिए ब्रिटिशर्स अब कश्मीर चर्चा तो नहीं करा रहे

झल्ले दी झल्लियां गल्लाँ

भाजपा चीयर लीडर

ये ब्रिटेन ने कौन सी उलटी गरदान पढ़नी शुरू कर दी\यहां तो हम बाढ़ से जहन्नुम बनी कश्मीरी जन्नत को बचाने के लिए अपना सर्वत्र न्योछावर कर रहे हैं हसाडे फौजी अपने लोगों की परवाह किये बगैर पीड़ितों की सेवा कर रहे हैं और दूसरी तरफ ये ब्रिटिश सांसद इस बाढ़ के पानी में अपने गुनाह धोने के बजाय कश्मीर पर भारतीय वर्चस्व को चुनौती से और दूषित करने की योजना बना रहे हैं|अरे इन्होने ही तो इस समस्त्य को पैदा किया और अब समय समय पर इसे भुनाने के षड्यंत्र रचते रहते हैं | अब कथित लिबरल सांसद डेविड ने आधिकारिक तौर पर बहस की मांग कर डाली है

झल्ला

ओ मेरे सेठ जी बात तो आपजीकी ठीक ही है कश्मीर और पाकिस्तान की समस्या तो इन्ही ब्रिटिशर्स की नाजायज पैदाइश है इसके लिए इन्हें पश्चाताप कारण चाहिए लेकिन येन +केन+ प्रकेन उसे भुनाने में लगे रहते हैं झल्लेविचारनुसार ग्रेट ब्रिटेन खुद बिखराव के कगार पर खड़ा हुआ है|इंग्लैंड+वेल्स+ स्कॉटलैंड की शक्तिशाली तिगड़ी में से स्कॉटलैंड को अलग करने के लिए अगले सप्ताह होने वाले मतदानं की प्रक्रिया प्रगति पर है इसीलिए यह डेविड कैमरून के सौजन्य से ध्यान भटकाव का प्रायोजित प्रयास हो सकता है

ब्रिटेन ने भारत को भी उच्च जोखिम वाला देश करार दिया

ग्रेट ब्रिटेन को अब भारत के शांति प्रिय पर्यटकों से भी खतरा लगाने लगा है तभी भारत को भी उच्च जोखिम वाला देश करार दे कर यहां आने वाले भारतीयों को मात्र छह महीने के वीजा के लिये 3,000 पौंड[ लगभग पौने तीन लाख रुपये ] देने होंगे। ‘संडे टाइम्स’ के अनुसार ब्रिटेन के गृह विभाग ने घोषणा की है कि पायलट योजना के तहत उच्च जोखिम वाले देशों से [जिसमे भारत को भी शामिल किया गया है] आने वाले अगर निर्धारित अवधि का उल्लंघन करते हैं तो जमा राशि जब्त कर ली जायेगी|इन जोखिम वाले देशों में भारत, पाकिस्तान+घाना और नाइजीरिया समेत अफ्रो-एशियाई देश को शामिल किया गया है|भारत+ पाकिस्तान +नाइजीरिया और एशिया +अफ्रीका के कुछ देशों के १८ साल से ऊपर के नागरिकों को ब्रिटेन में संदेह की निगाह से देखा जाने लगा है | इन देशों को ब्रिटेन हाई रिस्क श्रेणी में रखता है इसीलिए ब्रिटिश गृह मंत्री थेरेसा में ने यह कदम उठाकर स्पष्ट कर दिया है कि प्रधानमंत्री डेविड केमरन की सरकार अप्रवासियों की संख्या कम करने के लिए गंभीर है।
बीते साल छह महीना का वीजा[१] भारत के 2,96,000, [२]नाइजीरिया के 1,01,000,[३] पाकिस्तान के 53,000 और [४]श्रीलंका व बांग्लादेश के 14,000 नागरिकों को दिया गया था।भारत से अधिकतर शिक्षा और रोजगार के लिए आते हैं अगर यह पायलट प्रोजेक्ट लागू हो जाता है तो ब्रिटेन में पढ़ाई और नौकरी का सपना देख रहे भारतीयों को नवम्बर से वीजा के लिए ज्यादा रकम चुकानी पड़ सकती है।
गौरतलब है कि ब्रिटेन में पिहले कुछ समय से आतंकवाद का जोर है और इसी कि रोकथाम के लिए कुछ देशों को उच्च जोखिम वाले देशों की सूची में शामिल किया गया है और इन देशों के नागरिकों के ब्रिटेन में आगमन को हतोत्साहित करने के उद्देश्य से यह नया कानून बनाया जा रहा है| अगर आंकड़े देखे जाएँ तो इंग्लैण्ड में आतंक वाद कि घटनाओं में अभी तक किसी भारतीय का हाथ साबित नही किया गया है|ऐसे में कहा जा सकता है कि ब्रिटेन भारत के विरुद्ध यह एक साजिश है क्योंकि एक तरह भारत के नागरिकों को हटत साहित किया जा रहा है मगर दूसरी तरफ उनके कैश बांड पर नज़र रखी जा रही है|शायद यह भारतीयों के मुह पर ब्रिटिश तमाचा है|