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हरियाणा के सीएम का असंतुष्ट किसानों को उनकी जमीन के जबरन अधिग्रहण को निरस्त करने का आश्वासन

[फरीदाबाद]मुख्य मंत्री मनोहर लाल खट्टर ने असंतुष्ट किसानों को उनकी जमीन के जबरन अधिग्रहण को निरस्त करने का आश्वासन दिया | गौरतलब है कि वर्षों पूर्व कांग्रेस की हुड्डा सरकार द्वारा नहर पार ग्रेटर फरीदाबाद के किसानों कि जमीन जबरन अधिकृत कर ली थी जिसके एवज में उचित मुआवजा भी नहीं दिया गया था इसी के विरोध में किसान लामबंध हुएऔर उस का लगातार विरोध किया जा रहा है|इसीको लेकर अब नए मुख्य मंत्री से मुलाकात की गई और स्थिति से अवगत कराया गया |किसानों के अनुसार उन्हें पहले उचित मुआवजा नहीं दिया गया लेकिन अब उन्हें अपनी बेशकीमती जमीन वापिस चाहिए |
विधायक मूलचंद शर्मा की अगुवाई में मुख्यमंत्री खट्टर से हरियाणा भवन दिल्ली में मिले और ज्ञापन भी सौंपा।सीएम ने किसानों को उनकी समस्या का हल करने का आश्वासन दिया है।
संघर्ष समिति के कार्यकारी अध्यक्ष श्री शिवदत्त वशिष्ठ ने मुख्यमंत्री को बताया कि हुडा ने जो जमीन अधिगृहीत की थी, किसानों ने विरोध स्वरूप उसका मुआवजा नहीं उठाया था । इस संदर्भ में किसान पिछले दशक से संघर्ष कर रहे है। इसी विरोध के चलते जमीनों पर कब्ज़ा देने से इंकार किया गया हुडा सरकार ने जमीनों का अधिग्रहण किया था। अब मुआवजा नहीं बल्कि जमीन ही वापस चाहिए। इसके साथ ही यह भी सुझाया गया कि यदि जमीन का अधिग्रहण जरूरी है तो किसानों को उनके मनमाफिक मुआवजा दिया जाए। मुख्यमंत्री ने किसानों की समस्या का हल करने का आश्वासन दिया है।, सरपंच श्याम सिंह भी मौजूद थे

हरियाणा के पायजामा को बांधे रखने के लिए नाड़े की जरुरत होती है इसीलिए लम्बे कुर्ते से इज्जत ढके रहो

झल्ले दी झल्लियां गल्लाँ

भाजपाई चीयर लीडर

ओये झल्लेया जनता जनार्दन ने हसाडे सोणे नरेंद्र भाई दामोदर दास मोदी जी को लोक सभा के चुनावों में कुर्ता देकर प्रधान मंत्री तो बना दिया लेकिन हमें ये हरियाणा+महाराष्ट्र में पायजामा कांग्रेस के पास ही है|इसीलिए बेशर्म कांग्रेसी हसाड़ी कुर्ते वाली सरकार की झेल झेल करते रहते हैं |ओये हसाडे ठाकुर साहब राजनाथ सिंह जी ने हरियाणा के किलायत [कैथल] की चुनावी जन सभा में तो खुले आम पायजामा मांग भी लिया है | ओये अगर इन प्रदेशों कीजनता जनार्दन विधान सभाओं में हमें जीत दिलवा कर हमें पायजामा भी पहनवा दे तो हो जाएगी बल्ले बल्ले|भ्र्ष्टाचारी कांग्रेसी हो जायेंगे थल्ले थल्ले

झल्ला

ओ मेरे चतुर होते जा रहे सेठ जीआप जी को मालूम होना चाहिए के दो पायंचे वाले पायजामा को बांधे रखने के लिए एक अदद स्ट्रांग नाड़े की जरुरत होती है जो महाराष्ट्र और हरियाणा में फिलहाल दिखाई नहीं दे रहा |हुड्डा +पृथ्वी राज चव्हाण नामी नाडों की जब तक काट न मिले तब तक कुर्ते की लम्बाई से ही अपनी इज्जत बचा कर रखो और मजबूत नाड़े की तलाश करो

बी एस हुड्डा जी पानीपत में हुए युद्धों में घर की कितनी फौजों ने फतह हासिल की है ?

झल्ले दी झल्लियां गल्लाँ

कांग्रेसी चीयर लीडर

ओये झल्लेया मानता है न कि हसाड़ी सोनिया जी ने भूपेंद्र सिंह हुड्डा को हरियाणा में ही रख कर कितनी अक्लमंदी का काम किया | ओये अब हुड्डा जी ने पानीपत के ऐतिहासिक मैदान से अपनी सियासी हैट्रिक बनाने के लिए भाजपाई पी एम नरेंद्र मोदी को जोरदार चुनौती दे डाली है
ओये कैथल में हुड्डा के साथ हुई हूटिंग के विरोध में निंदा प्रस्ताव को उपस्थित भीड़ ने एक स्वर में पारित भी कर दिया \ओये झल्लेया अब ढाई करोड़ हरियाणवी अपने अपमान का बदल लेने के लिए वोट की चोट से कांग्रेस को जितवाएंगे

झल्ला

ओ मेरे चतुर सुजान जी इतिहास को गवाह बना कर बताओ कि पानीपत में हुए युद्धों में कितनी घरेलू फौजों ने फतह हासिल की है ?जाट के साथ लड़ाई में कितनी बार बनिया हारा है?

सीएम बीएस हुड्डा ने अपनी सियासी चौधराहट बचाने के लिए हरियाण में रिटायरमेंट ऐज की ५८ से ६० साल

झल्ले दी झल्लियां गल्लाँ

कांग्रेसी चीयर लीडर

ओये झल्लेया मार दिया ना पापड़ वाले को ?ओये हसाडे धाकड़ सी एम चौधरी भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने अपणे हरियाणा में रिटायरमेंट की ऐज को ५८ साल से बढ़ा कर ६० साल कर दिया हैं | ओये अब प्रदेश की लगभग एक लाख छोटी बढ़ी इंडस्ट्रीज में काम करने वाले आधा करोड़ कर्मियों के परिवारों में हो जाणी है बल्ले बल्ले

झल्ला

ओ मेरे चतुर सुजाण जी आप जी के हुड्डा जी ने अपनी सियासी चौधराहट बचाने के लिए हरियाण में रिटायरमेंट ऐज की है ५८ से ६० साल |
केंद्र से कांग्रेस जा चुकी है |आप जी के हुड्डा जी हरियाणा में सिखों को दो फाड़ करके बदनाम हो चुके हैं |दशकों पुराने साथी चौधरी वीरेंदर सिंह को भाजपा के हाथों गवां बैठे हैं |इलेक्शन एक्सपर्ट्स ने विधान सभा के चुनावों में इनकी विदाई की खबरें छापनी शुरू कर दी हैं |ऐसे में होने वाले चुनावों में इनकी सियासी चौधराहट खतरे में पढ़ती दिख रही है| शायद इसीलिए चुनावी रेवड़ियां बांटने में लग गए हैं |वैसे इन कर्मियों का भला होगा और इंडस्ट्रीज मालिकों + सरकार को भी जमा फंड नहीं देना पढ़ेगा | लेकिन हाँ हरियाणवी युवाओं से रोजगार के मौके दूर जरूर हो जायेंगे|