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Tag: ByeElectionsInUP

योगी ने उपचुनावों में हार को विघटनकारी राजनितिक सौदेबाजों की जीत बताया

[लखनऊ,यूपी]महंत आदित्यनाथ योगी ने उपचुनावों में अपनी हार को राष्ट्रहानिकारक राजनितिक सौदेबाजों की जीत बताया और विजेताओं को बधाई दी |उत्तर प्रदेश के सी एम महंत आदित्यनाथ योगी ने एक प्रेस कांफ्रेंस करके गोरखपुर और फूलपुर में हार को अप्रत्याशित बताया और नतीजों को सबक बताये हुए इन की समीक्षा करने की बात कही |उन्होंने अतिआत्मविश्वास को हार का कारन बताये हुए जनता के फैसला को स्वीकार किया |सपा बसपा की राजनितिक सौदे बाजी के विरुद्ध कारगर रणनीति बनाने की बात भी कही|

बरेली-मुरादाबाद मंडल स्‍नातक क्षेत्र के लिए 11 नवंबर को होंगे उपचुनाव:आचार सहिंता लागू

नई दिल्ली,८ अक्टूबर|बरेली-मुरादाबाद मंडल स्‍नातक क्षेत्र के लिए 11 नवंबर को उपचुनाव होंगे | भारत सरकार के चुनाव आयोग ने आज यह घोषणा की है|
निर्वाचन आयोग ने उत्‍तर प्रदेश विधान परिषद में बरेली मुरादाबाद मंडल स्‍नातक क्षेत्र के लिए 11 नवंबर 2014 को उपचुनाव कराने का फैसला किया है।
सेवा निवृत्‍त प्रोफेसर डॉ0 नैपाल सिंह द्वारा विधान परिषद की सदस्‍यता से त्‍यागपत्र देने पर उनकी सीट 21 मई 2014 को रिक्‍त हो गई थी।
हालांकि उनकी सदस्‍यता की अवधि 16 नवंबर 2016 तक थी।
इस आकस्मिक रिक्ति के लिए उपचुनाव कराया जा रहा है। इस सीट के लिए
सोमवार 13 अक्‍टूबर 2014 को अधिसूचना जारी की जायेगी और
सोमवार 20 अक्‍टूबर 2014 तक नामांकन भरे जा सकेंगे।भरे गये पर्चों की जांच
मंगलवार 21 अक्‍टूबर 2014 को होगी और
सोमवार 27 अक्‍टूबर 2014 तक नाम वापस लिये जा सकेंगे।
मंलगवार 11 नवंबर 2014 को सुबह आठ बजे से शाम चार बजे तक वोट डाले जायेंगे।
शुक्रवार 14 नवंबर सुबह आठ बजे से मतगणना शुरू होगी।
सोमवार 17 नवंबर 2014 तक उपचुनाव की प्रक्रिया पूरी की जानी है।
आदर्श आचार संहिता स्‍नातक एवं शिक्षक सीट से संब्ंधित जिलों में तुरंत प्रभाव से लागू हो गई है।

उत्तर प्रदेश में आज हुए [११+१]उपचुनावों में “सपा” ने अपनी जीत का ढोल पीटा

[लखनऊ]उत्तर प्रदेश में आज हुए उपचुनावों में “सपा” ने अपनी जीत का ढोल पीटा |
मैनपुरी संसदीय क्षेत्र और 11 विधान सभा क्षेत्रो के लिए आज उपचुनाव कराये गए हैं इनमे से विधान सभा की सभी सीटें भाजपा और संसदीय सीट सपा के कहते में थी |आज शाम सपा ने दावा कर दिया है कि |जनता ने अपने मतदान से समाजवादी पार्टी के पक्ष में अपनी राय जाहिर कर दी है। यदपि उन्होंने जीत की संख्या का उल्लेख नहीं किया है|
सपा के प्रदेश प्रवक्ता राजेन्द्र चौधरी ने दवा किया है कि उत्तर प्रदेश में समाजवादी पार्टी मजबूत स्थिति में है। यहां मतदाताओं के सामने समाजवादी सरकार की तमाम उपलब्धियां थी जबकि केन्द्र की भाजपा सरकार के कामकाज से लोगों में गहरी निराशा है।
श्री अखिलेश यादव के मुख्यमंत्रित्वकाल में प्रदेश में विकास के एजेण्डा पर तेजी से अमल हुआ है जबकि केन्द्र सरकार न तो महंगाई पर रोक लगी है और नहीं जनता को कोई बड़ी राहत मिली है।

सपा ने यूं पी में होने वाले उपचुनावों में भाजपा को रोकने के लिए चुनाव आयोग के द्वार खटखटाये

सपा ने यूं पी में होने वाले उपचुनावों में भाजपा को रोकने के लिए चुनाव आयोग के द्वार खटखटाये
उत्तर प्रदेश में सत्ता रुड समाजवादी पार्टी ने निर्वाचन आयोग से अपील की है कि अराजकता और आतंक फैलाने वालों पर अंकुश लगाए ।
निर्वाचन आयोग को समाजवादी पार्टी द्वारा लिखे गए एक पत्र में कहा गया है कि उत्तर प्रदेश में 13 सितम्बर,2014 को 11 विधानसभाओं +एक लोकसभा क्षेत्र में जिन सांसद महोदय को तथा एक केन्द्रीय मंत्री को प्रभारी बनाया है उससे चुनाव प्रचार में विषाक्त वातावरण बनने के आसार है। ये दोनो ही नेता उपचुनाव में “लवजेहाद“ को एक मुद्दा बनाने का ऐलान कर रहे हैं। गोरखपुर के सॉसद का एक वीडियो भी सामने आया है जिसमें एक समुदाय की लड़कियों को अगवाकर उनका धर्मांतरण करने की धमकी दी गई है।
समाजवादी पार्टी निर्वाचन आयोग के संज्ञान में केन्द्रीय लघु एवं उद्योग मंत्री का यह बयान भी लाई है जिसमें उन्होने गोरखपुर के भाजपा सांसद के बयान का समर्थन करते हुए कहा है कि उपचुनाव में “लवजिहाद“ पर चर्चा होनी चाहिए क्योंकि यह एक महत्वपूर्ण और गम्भीर विषय है। इस तरह के बयान अपराधिक श्रेणी में आते हैं जिनसे सांप्रदायिक सौहार्द बिगड़ता हैं जानबूझकर सद्भाव का माहौल खराब करनेवालो के खिलाफ निर्वाचन आयोग द्वारा सख्त कार्यवाही होनी चाहिए।
सपा के प्रदेश प्रवक्ता राजेन्द्र चौधरी के अनुसार बसपा अपनी कुनीतियों के चलते सत्ता से बेदखल हुई और विधान सभा चुनावो में उसका प्रदेश में सूपड़ा ही साफ हो गया। उपचुनावो में जनता के सामने जाने की उसमें हिम्मत ही नहीं बची। प्रदेश का दलित समाज भी अब बसपा के साथ नहीं है। उनका झुकाव समाजवादी पार्टी के साथ है। दलित समाज जानता है कि समाजवादी पार्टी ही वैचारिक तौर पर उनके नजदीक है।
बसपा अध्यक्ष को अब सत्ता में हटने के बाद प्रदेश में कानून व्यवस्था और महिलाओं की सुरक्षा की बड़ी चिन्ता हो रही है जबकि उनके पांच साल के राज में इतनी बदहाली रही कि अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर बदनामी हुई।