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Vinod Rai,Exposer Of Various Scams, Appointed To Address Bad Loans

[New Delhi]Former CAG Vinod Rai Appointed 1st Chairman of Banks Board Bureau To Address Bad Loans
Vinod Rai was today appointed first Chairman of the Banks Board Bureau, which will advise the government on top-level appointments at public sector lenders and ways to address the bad loans problem among other issues.
Besides, ICICI Bank’s former Joint Managing Director H N Sinor, Bank of Baroda’s former CMD Anil K Khandelwal and rating agency CRISIL’s former chief Rupa Kudwa have been appointed members.
In a statement, the government said Prime Minister Narendra Modi has approved the proposal of the Department of Financial Services for the constitution of Banks Board Bureau (BBB) with the named persons as “part-time Chairman/Members, besides the ex-officio official members, for a period of two years”.
Public sector banks are grappling with a huge problem of bad loans with their collective gross NPAs (Non Performing Assets) approaching Rs 4 lakh crore level.
Rai was the Comptroller and Auditor General between January 2008 and May 2013, during which a number of CAG reports led to various scams including in the telecom and coal sectors coming to light.
The bureau will give recommendations on appointment of directors in public sector banks and advise on ways to raise funds and mergers and acquisitions to the lenders.
There are 22 state-owned banks in India including SBI, IDBI Bank and Bhartiya Mahila Bank.

कैग के बदलने पर भी “आप” तो आर टी आई से अन्दर की खबर निकलवा ही लोगे


झल्ले दी झल्लियाँ गल्लां

आम आदमी पार्टी का एक परेशान नेता

ओये झाल्लेया ये तो बड़ा जुल्म हो गया ओये हसाड़े सोणे +ईमानदार और कर्मठ कोम्प्त्रोल्लेर एंड आडिटर जनरल [ कैग] [ CAG ]विनोद राय को रिटायर करके २३ मई को शशि कान्त शर्मा को सरकार के मोहरे के रूप में लगाया जा रहा है|और तो और सरकार के साथ हज़ार छेदों वाली द्रुमुक भी अब विनोद राय को संसद में घसीट कर अपमानित करने की धमकी देने लग गई है|ओये अब हमें अन्दर की खबरें कैसे मिलेंगी ?

झल्ला

बाऊ जी ये तो व्यवस्था का नियम है किसी ना किसी को कभी ना कभी तो आना ही है|आप तो आर टी आई के सहारे से अगले पाच साल तक उपयोग के लिए खबर तो निकलवा ही लोगे लेकिन ये सोचो के कैग के आडिट करने के दायरे को बढाने के बजाय कहीं कम ही न कर दिया जाए |डिफेंस की डील्स के साथ अब डिफेंस की सहयोगी संस्थाओं की आर्थिक बैलेंस शीट पर भी नज़र रखना लाभकारी होगा |

२३ मई को विनोद राय के रिटायर होने से केंद्र और कारपोरेट को राहत मिलती नही दिख रही :नए कैग को सरकार का मोहरा बताया

२३ मई का दिन कांग्रेस [ CONGRESS ]और रिलायंस[ Reliance ] के लिए कुछ ख़ास राहत प्रदान करने वाला नही होगा क्योंकि यह दिन कैग[ CAG ]विनोद राय[ VinodRai ] के लिए कैग कार्यालय में बेशक आखिरी दिन होगा| लेकिन नए कैग के रूप में जिस शशि कान्त शर्मा[ ShanshiKantSharma ] का चयन किया गया है उसके चयन प्रक्रिया में बरती जा रही गोपनीयता पर भी सवाल उठने लग गए हैं| राय २३ मई को रिटायर होंगे और नए कैग शर्मा एक बजे पद की शपथ लेंगे|
शर्मा को नए कैग के रूप में चुने जाने की प्रक्रिया जानने के लिए एक सरकारी अधिकारी द्वारा आर टी आई भी दाखिल की जा चुकी है जिसके उत्तर में पहले तो फाईल को इकोनोमिक्स अफेयर्स और सेंट्रल सचिवालय में तीन माह तक घुमाया जाता रहा अब जा कर १६ मई को बताया गया है केकैग के चयन के लिए किसी पात्रता की आवश्यकता नहीं है|
कैग के चयन के लिए कोई निश्चित गाईड लाईन नहीं है| इसीलिए सलेक्शन कमिटी के गठन करने के बजाय पुराने रिवाजों और प्रेक्टिस को ही आधार बनाया गया है|इसी का पालन करते हुए भारत सरकार के वित्त मंत्रालय ने शशी कान्त शर्मा का नाम प्रेजिडेंट के पास भेजा था |
इस उत्तर के अधर पर आम आदमी पार्टी[आप] ने इस चयन प्रक्रिया पर टिपण्णी करते हुए कहा है कि कैग का चयन किसी प्रकार की पारदर्शिता के बजाय पूर्णतया सरकार को बचाने के लिए किया गया है| यह सर्व विदित है कि आउट गोइंग कैग विनोद राय ने भ्रष्टाचार के अनेकों केस खोल कर सरकार और कुछ कारपोरेट घरानों की नींद हराम कर दी थी|
क्योंकि कैग का मुख्य कार्य डिफेन्स की खरीद का आडिट करना भी है और नए कैग लम्बे समय तक डिफेन्स सेक्रेट्री रहे हैं|और सरकार के सहयोगी रहे हैं| इसके अलावा के जी बेसिन को लेकर आडिट कि मांग को रिलायंस द्वारा टाला जा रहा है|इसके साथ ही दिल्ली में बिजली कम्पनियां अपने आडिट को नए कैग के आने तक टालने में सफल रही है|
आप पार्टी ने आरोप लगाया है कि कमजोर कैग सभी पोलिटिकल पार्टियों के लिए लाभकारी होगा शायद इसीलिए किसी पार्टी ने अभी तक नए कैग के चयन पर आपत्ति नही की है|
नए कैग का केंद्र सरकार के साथ का साथ या सहयोग इस प्रकार है| १९७६ बैच के बिहार केडरके आई ऐ एस अधिकारी है| जुलाई २०११ से लगातार डिफेन्स सेक्रेट्री हैं और रिटायरमेंट के पश्चात फ़िलहाल एक्सटेंशन पर हैं|इससे पूर्व रक्षा मंत्रालय में ही लगातार दस साल तक [२००३-२०१०] संयुक्त सचिव+अतिरिक्त सचिव+डी जी के पदों पर रहे हैं |इसी अवधि में रक्षा खरीद ज्यादा हुई है|