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Gujarat is exemplary and Congress ruled Delhi Is Negatively at the top.SoCAG Reporting malnutrition is otherwise:B J P

Bhartiya Janata Party[ B J P] has ,today, come in support of Narender Modi and refuted the charges of malnutrition in Gujrat ,,and called Congress allegation ,a bundle of, falsehood. It has been claimed that by the b j p that The record of Gujarat is exemplary and Congress ruled Delhi Is Negatively at the top .So The CAG report is otherwise.
Ravi Shankar Prasad, MP & Deputy Leader of Opposition in Rajya, Sabha In a Press Briefing, said “entire campaign on the issue of malnutrition unleashed by the Congress against the Gujarat Government is false and malicious”
It may be noted that CAG report no. 22 of 2012-13 relating to performance audit of ICDS scheme (relating to malnutrition) is before the Parliament and is also available on the website of CAG. Annexure 6.4 of the said report contains State wise Nutritional Status of Children from the year 2006-07 to 2010-11. This shows that all the BJP State Government have done remarkably well in reduction of grade I & II malnutrition. Grade III & IV i.e. severe malnutrition is below 1% in all the States except two.
Gujarat has done remarkably well in reducing it from 70%(69.83) to 34%(34.21%) if the data of March 2013 is taken it is 25.09%. In comparison the record of all Congress led State Government except Maharashtra has been very poor in reducing it. The entire data was provided by the Ministry of Women and Child development. The comparative chart shown in Annexure 6.4 (refer to paragraph 6.3.2) of CAG report no. 22 of 2012-13 is reproduced below.
BJP State==2006-07======(Malnourished grade I & II)%===============2010-2011%=
[1][A]Chhattisgarh=============52.96===============================36.50
[B]Gujarat==================69.83===============================34.21
[C]Madhya Pradesh==========48.86===============================26.61
[D]Karnataka=================53.08=============================36.66
[2]Congress State
2006-07=================(Malnourished grade I & II)================2010-2011=
[A]Andhra Pradesh============53.10==============================48.63
[B]Assam===================38.72===============================30.86
[C]Haryana=================45.23================================42.90
[D]Kerala==================38.73================================36.83
[E]Maharashtra=============45.26=================================20.71
[F]Rajasthan===============53.82=================================42.80
[G]Delhi===================54.28=================================49.87
[3]Other Big State
2006-07=============(Malnourished grade I & II)====================2010-2011==[A]Bihar===================N/A===================================56.17
[B]Orissa==================55.72==================================49.71
[C]Uttar Pradesh==============52.07=================================40.72
The chart presented by Ravi Shanker Prasad shows that among the big States the BJP ruled have done very well in reducing the number of malnutrition. Gujarat has done indeed very well by reducing it from 70% to 34% and now to 25%. In Gujarat as per June 2013 percentage of severely underweight children has come down to 1.61%. on the contrary except Maharashtra the performance of all the Congress led Governments has been very-very poor in reducing malnutrition which stand confirmed by the data of the Ministry of Women and Child Development, Government of India.

देश में ८ स्मारकों पर अतिक्रमण हो चूका है और कुल 92 स्‍मारक/स्‍थल विलुप्‍त हो चुके हैं

देश में ८ स्मारकों पर अतिक्रमण हो चूका है और कुल 92 स्‍मारक/स्‍थल विलुप्‍त हो चुके हैं |
नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (CAG)[कैग] ने अपनी रिपोर्ट में देश के संस्कृति मंत्रालय की शिथिलताओं को उजागर किया है| भारतीय पुरातत्‍व सर्वेक्षण विभाग के निष्‍पादन लेखा परीक्षण के बाद, कैग ने संसद में 23 अगस्‍त, 2013 को प्रस्‍तुत रिपोर्ट में कहा कि 92 स्‍मारक/स्‍थल विलुप्‍त हो चुके हैं या फिर उनका पता नहीं लगाया जा सका है। सीएजी की इस रिपोर्ट के आधार पर क्षेत्र अधिकारियों से कहा गया कि वे अपने अधिकार क्षेत्र में आने वाले उस हर एक स्‍मारक का विस्‍तृत प्रमाणन करे, जिनका उल्‍लेख लेखा परीक्षण दल ने विलुप्‍त हो चुके स्‍मारकों के तौर पर किया है।
भारतीय पुरातत्‍व सर्वेक्षण के क्षेत्रीय अधिकारियों से जरूरी सूचना प्राप्‍त हुई है और इसमें कहा गया है कि 92 स्‍मारकों में से 65 स्‍मारक विलुप्‍त हो चुके स्‍मारक या ऐसा स्‍मारक नहीं कहा जा सकता, जिनका पता न लगाया जा सकता हो। जो स्‍मारक जलाशयों में डूब गए हैं, जिन पर अतिक्रमण हो चुका है या फिर जो तेज गति से होते शहरीकरण से प्रभावित हुए हैं, उन्‍हें भी लेखा परीक्षण दल द्वारा विलुप्‍त हो चुके स्‍मारकों के तौर पर दर्शाया गया है। एएसआई द्वारा प्रमाणन किये जाने के बाद 92 स्‍मारकों/स्‍थलों की स्थिति निम्‍नलिखित है –
(i) स्‍मारक मौजद हैं====================================39
(ii) स्‍मारक जो बांधों/जलाशयों में डूब गए हैं=====================12
(iii) जिन स्‍मारकों पर अतिक्रमण हो चुका है======================08
(iv) जिन स्‍मारकों पर शहरीकरण का प्रभाव पड़ा है=================06
(v) जिन स्‍मारकों का क्षेत्र कार्यालयों द्वारा प्रमाणन किया जाना बाकी है==06
(vi) प्रमाणन के बाद जिन स्‍मारकों का पता नहीं चल सका=============21

केंद्र सरकार अपने रक्षा सचिव को कैग के बजाय अकाउंटेंट के रूप में इस्तेमाल कर सकता है ;जनहित याचिका

नए कैग की न्युक्ति को लेकर आर टी आई के बाद अब पी आई एल दाखिल कर दी गई है| राष्ट्रपति डा, प्रणव मुखर्जी ने देश के लेखानियंता[ Comptroller ]& [ AuditorGeneral ] के रूप में केंद्र सरकार के रक्षा सचिव शशिकांत शर्मा को शपथ दिला दी है लेकिन इसको चुनौती देते हुए उच्चतम न्यायालय में गुरुवार को एक जनहित याचिका भी दायर कर दी गई।याचिका में कहा गया है कि वह खुद रक्षा सचिव के रूप में काम कर चुके हैं और हाल के दिनों में रक्षा सौदे में अनेकों घोटालों की बात सामने आई है। कहा गया है कि रक्षा विभाग के एक पक्षकार द्वारा किया जाने वाला लेखा आडिट निष्पक्ष कैसे हो सकता है|।इस जनहित याचिका की सुनवाई ग्रीष्मावकाश के बाद होने की प्रबल संभावना है।
उल्लेखनीय है कि श्री शर्मा ने आज ही सीएजी[ CAG ] के रूप में शपथ ली है। राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी ने उन्हें पद एवं गोपनीयता की शपथ दिलाई। श्री शर्मा का कार्यकाल 24 सितंबर 2017 तक होगा। उन्होंने विनोद राय का स्थान लिया है जो कल सेवानिवृत्त हो गए। श्री शर्मा इससे पहले रक्षा सचिव थे।
आम आदमी पार्टी के प्रशांत भूषण ने भी यह आरोप लगाया है कि ‘शर्मा ने 2003 से 2010 तक रक्षा मंत्रालय में संयुक्त +अतिरिक्त सचिव के रूप में अलग-अलग पदों पर काम किया है । इसके बाद 2011 में रक्षा सचिव बने। इस दौरान लाखों-करोड़ों के रक्षा सौदे हुए।इन सौदों पर आपत्ति कि जा रही है और इनका आडिट किया जाना है|
1976 बैच के बिहार कैडर से आईएएस अफसर शशिकांत शर्मा जुलाई 2011 से रक्षा सचिव हैं। और फिलहाल सर्विस एक्सटेंशन पर हैं|यूनिवर्सिटी ऑफ यॉर्क से राजनीति विज्ञान में मास्टर डिग्री हासिल करने वाले हैं। रक्षा सचिव बनने से पहले वे वित्त मंत्रालय में सचिव (वित्त सेवाएं) थे। उसके पहले 2003 से 2010 के दौरान उन्होंने रक्षा मंत्रालय में ही संयुक्त सचिव, अतिरिक्त सचिव और महानिदेशक (खरीद) पदों पर भूमिका निभाई है।
कैग न्युक्ति की प्रक्रिया
इस न्युक्ति पर पहले भी आर टी आई के माध्यम से आपत्ति उठाई जा चुकी है|जिसके जवाब में केंद्र सरकार ने यह स्वीकार किया है कि कैग की न्युक्ति के लिए योग्यता का कोई माप दंड नही है|परम्परा को ही न्युक्ति का आधार बनाया गया है|बताया गया है कि
[१]कैग की नियुक्ति 6 साल या 65 वर्ष की आयु तक के लिए होती है।
[२]वित्त मंत्रालय के प्रस्ताव पर सरकार राष्ट्रपति को सिफारिश भेजती है।
[३]इसके लिए कोई औपचारिक व्यवस्था नहीं है। पुरानी परंपरा का ही पालन होता है।
[४]कैग के पद पर नियुक्ति के लिए योग्यता के संबंध में कोई शर्त नहीं है।
[५]इसके लिए कोई सलेक्शन कमेटी नहीं । सरकार जिसे चाहे उसे बना सकती है।

२३ मई को विनोद राय के रिटायर होने से केंद्र और कारपोरेट को राहत मिलती नही दिख रही :नए कैग को सरकार का मोहरा बताया

२३ मई का दिन कांग्रेस [ CONGRESS ]और रिलायंस[ Reliance ] के लिए कुछ ख़ास राहत प्रदान करने वाला नही होगा क्योंकि यह दिन कैग[ CAG ]विनोद राय[ VinodRai ] के लिए कैग कार्यालय में बेशक आखिरी दिन होगा| लेकिन नए कैग के रूप में जिस शशि कान्त शर्मा[ ShanshiKantSharma ] का चयन किया गया है उसके चयन प्रक्रिया में बरती जा रही गोपनीयता पर भी सवाल उठने लग गए हैं| राय २३ मई को रिटायर होंगे और नए कैग शर्मा एक बजे पद की शपथ लेंगे|
शर्मा को नए कैग के रूप में चुने जाने की प्रक्रिया जानने के लिए एक सरकारी अधिकारी द्वारा आर टी आई भी दाखिल की जा चुकी है जिसके उत्तर में पहले तो फाईल को इकोनोमिक्स अफेयर्स और सेंट्रल सचिवालय में तीन माह तक घुमाया जाता रहा अब जा कर १६ मई को बताया गया है केकैग के चयन के लिए किसी पात्रता की आवश्यकता नहीं है|
कैग के चयन के लिए कोई निश्चित गाईड लाईन नहीं है| इसीलिए सलेक्शन कमिटी के गठन करने के बजाय पुराने रिवाजों और प्रेक्टिस को ही आधार बनाया गया है|इसी का पालन करते हुए भारत सरकार के वित्त मंत्रालय ने शशी कान्त शर्मा का नाम प्रेजिडेंट के पास भेजा था |
इस उत्तर के अधर पर आम आदमी पार्टी[आप] ने इस चयन प्रक्रिया पर टिपण्णी करते हुए कहा है कि कैग का चयन किसी प्रकार की पारदर्शिता के बजाय पूर्णतया सरकार को बचाने के लिए किया गया है| यह सर्व विदित है कि आउट गोइंग कैग विनोद राय ने भ्रष्टाचार के अनेकों केस खोल कर सरकार और कुछ कारपोरेट घरानों की नींद हराम कर दी थी|
क्योंकि कैग का मुख्य कार्य डिफेन्स की खरीद का आडिट करना भी है और नए कैग लम्बे समय तक डिफेन्स सेक्रेट्री रहे हैं|और सरकार के सहयोगी रहे हैं| इसके अलावा के जी बेसिन को लेकर आडिट कि मांग को रिलायंस द्वारा टाला जा रहा है|इसके साथ ही दिल्ली में बिजली कम्पनियां अपने आडिट को नए कैग के आने तक टालने में सफल रही है|
आप पार्टी ने आरोप लगाया है कि कमजोर कैग सभी पोलिटिकल पार्टियों के लिए लाभकारी होगा शायद इसीलिए किसी पार्टी ने अभी तक नए कैग के चयन पर आपत्ति नही की है|
नए कैग का केंद्र सरकार के साथ का साथ या सहयोग इस प्रकार है| १९७६ बैच के बिहार केडरके आई ऐ एस अधिकारी है| जुलाई २०११ से लगातार डिफेन्स सेक्रेट्री हैं और रिटायरमेंट के पश्चात फ़िलहाल एक्सटेंशन पर हैं|इससे पूर्व रक्षा मंत्रालय में ही लगातार दस साल तक [२००३-२०१०] संयुक्त सचिव+अतिरिक्त सचिव+डी जी के पदों पर रहे हैं |इसी अवधि में रक्षा खरीद ज्यादा हुई है|

रोबिन हुड बन कर टैक्सपेयर्स का पैसा मनरेगा में लुटाते समय उसके सदुपयोग को सुनिश्चित करना जरुरी है


झल्ले दी झल्लियाँ गल्लां

एक दुखी कांग्रेसी

ओये झल्लेया देख हसाडे नाल ये कैसी नाइंसाफी हो रही है |ओये हसाडी सोणी सरकार ने मनरेगा यौजना में खुल कर सरकारी खज़ाना लुटाया और निर्धनों की आर्थिक स्थिति सुधारने के लिए भागीरथी प्रयास किये अब कैग द्वारा कहा जा रहा है कि ७५%गरीबों की आय में कोई सुधार ही नही हुआ है| इसके लिए यूं पी और बिहार का उदहारण दिया जा रहा है|ओये हसाडे वित् मंत्री पी चिदम्बरम संसद में बताना चाहते हैं कि ६३% ग्रामीणों को काम की तलाश में बाहर नही जाना पड़ा है +७१% ने यह माना है कि गावों में बहुउपयोगी परिसंपत्तियों का निर्माण हुआ है+५३% लोगों को बेगार या अनचाहे काम से मुक्ति मिली है|लेकिन अब ये विपक्षी लोग संसद ही ठप्प किये दे रहे हैं|

झल्ला

ओ मेरे भोले चतुर सुजाण जी आप जी की इस महत्वकांक्षी यौजना में कैग ने कई झोल निकाल दिए हैं |कहा जा रहा है कि इस यौजना में ग्रामीणों का भला हुआ हो या न हुआ हो लेकिन १३००० करोड़ के घोटाले से बिचौलियों की तिजौरियां जरुर भर गई हैं|इसीलिए झल्लेविचारानुसार अगर आअप जी को आधुनिक रोबिन हुड बनाने का शौक चर्राया है तो कृपया टैक्स पेयर्स का रुपया लुटाते समय उसके सदुपयोग पर भी कड़ी नज़र राखी जानी जरुरी है|

प्रधान मंत्री डाक्टर मन मोहन सिंह ने संसद में कृषि क़र्ज़ माफी योजना के कार्यान्वन में घोटालों के आरोपियों के खिलाफ कड़ी कार्यवाही का आश्वासन दिया

प्रधान मंत्री डाक्टर मन मोहन सिंह ने संसद में कृषि क़र्ज़ माफी योजना के कार्यान्वन में घोटालों के आरोपियों के खिलाफ कड़ी कार्यवाही का आश्वासन दिया

प्रधान मंत्री डाक्टर मन मोहन सिंह ने संसद में कृषि क़र्ज़ माफी योजना के कार्यान्वन में घोटालों के आरोपियों के खिलाफ कड़ी कार्यवाही का आश्वासन दिया

कृषि क़र्ज़ माफी योजना के कार्यान्वन पर लगे घोटाले के आरोपों पर तत्काल प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए प्रधान मंत्री डाक्टर मन मोहन सिंह ने राज्यसभा को आश्वस्त किया कि इस मामले में जो भी लोग दोषी पाए जाएंगे उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी, | विपक्ष के साथ सरकार के सहयोगी लालू प्रसाद यादव ने भी सदन में चर्चा कराने और दोषियों के विरुद्ध तत्काल कार्यवाही की मांग उठाई |
सीएजी रिपोर्ट पर आज भी संसद में जोरदार हंगामा हुआ। बीजेपी कार्रवाई शुरू होते ही इस मुद्दे पर दोनों सदनों में प्रश्नकाल रोककर चर्चा की मांग करने लगी। हंगामे की वजह से दो बार राज्यसभा की कार्रवाई स्थगित भी करनी पड़ी।
हंगामे के चलते प्रधानमंत्री ने राज्यसभा में कहा कि इस मामले में जो भी लोग दोषी पाए जाएंगे उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी, वहीं लोकसभा में नेता विपक्ष सुषमा स्वराज ने सीएजी रिपोर्ट पर सरकार पर निशाना साधा और गड़बड़ी के लिए सरकार को जिम्मेदार ठहराया। उन्होंने कहा कि कर्ज माफी घोटाले से देश शर्मसार हुआ है। दोनों सदनों में चेयर पर्सन ने कैग की रिपोर्ट को पी ऐ सी के समक्ष रखे जाने को आवश्यक बताते हुए इस पर फ़िलहाल चर्चा पर रोक लगाई|परन्तु ही इस विषय में आर बी आई द्वारा जरी दिशा निर्देश और उनकी अवहेलना को बार बार उठाया जाता रहा| वरिष्ठ सदस्य नजमा हेपतुल्लाह ने इस विषय में तत्काल कार्यवाही की मांग उठाई|संजय निरुपम ने जांच के विस्तृत दायरे का हवाला देते हुए सरकर के बचाव का प्रयास किया|
दूसरी तरफ कृषि मंत्री शरद पवार ने कहा है कि कर्ज माफी में किसी तरह की गड़बड़ी नहीं हुई है और अगर किसी तरह की गड़बड़ी पाई गई तो कार्रवाई होगी।

कृषि ऋण माफी योजना के अमल में गंभीर अनियमितताओ को उजागर करने वाली कैग की रिपोर्ट पर भाजपा ने जांच की मांग उठाई

नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (कैग) की किसानों की कर्ज माफी के लिए केंद्र सरकार की योजना में अनियमितताओं की ओर इशारा करती रिपोर्ट को चौंकाने वाली करार देते हुए प्रमुख विपक्षी पार्टी भाजपा ने मामले में तत्काल सीबीआई जांच कराने की मांग की है।भाजपा ने आरोप लगाया है कि पात्र किसानो के बजाय अज्ञात अपात्रों को इसका लाभ दिया गया |

 कृषि ऋण माफी योजना के अमल में गंभीर अनियमितताओ को उजागर करने वाली कैग की रिपोर्ट पर भाजपा ने जांच की मांग उठाई

कृषि ऋण माफी योजना के अमल में गंभीर अनियमितताओ को उजागर करने वाली कैग की रिपोर्ट पर भाजपा ने जांच की मांग उठाई


भाजपा के प्रवक्ता प्रकाश जावड़ेकर ने आज प्रेस कांफ्रेंस में कहा कि ऐसे वंचित पात्र किसानों का 31 मार्च 2013 तक का बकाया कर्ज भी तत्काल माफ किया जाना चाहिए उन्होंने संसद परिसर में संवाददाताओं से कहा कि टेस्ट चेकिंग के अधर पर प्रस्तुत कैग की रिपोर्ट में अनियमितताएं सामने आई हैं और सरकार को इस मामले में सभी 3.5 करोड़ खातों की सीबीआई जांच करानी चाहिए।
वर्ष 2008 में शुरू की गई कृषि ऋण माफी तथा ऋण राहत योजना की लेखा परीक्षा संबंधी कैग की मंगलवार को संसद में पेश की गई रिपोर्ट में बताया गया है कि नौ राज्यों में लेखा परीक्षा जांच में 9334 खातों में से 1257 (13.46 प्रतिशत) खाते वे थे जो कि योजना के तहत लाभ के पात्र थे, लेकिन जिन्हें ऋण देने वाली संस्थाओं द्वारा पात्र किसानों की सूची तैयार करते समय शामिल नहीं किया गया। जावड़ेकर ने कहा कि कैग ने 3.5 करोड़ खातों में से केवल 90 हजार की पड़ताल की है और तब ये नतीजे निकले हैं। सभी खातों की जांच में और अधिक अनियमितताएं सामने आ सकती हैं।
उन्होंने कांग्रेस पर आरोप लगते हुए कहा कि कांग्रेस भ्रष्टाचार का पर्याय बन गयी है। [१]राष्ट्रमंडल खेल घोटाला[२] 2जी घोटाला[३]कोयला घोटाला[४] हेलीकॉप्टर घोटाला और अब [५]किसानों को कर्ज माफी योजना में घोटाला सामने आया है जिसमें अनेक अपात्र लोगों ने फायदा उठाया जिससे सरकारी खजाने को नुकसान हुआ।
संप्रग सरकार के पहले कार्यकाल में लागू की गई कृषि ऋण माफी योजना के अमल पर गंभीर सवाल खड़े करते हुए लेखा परीक्षक कैग ने कहा है कि कई मामलों में उन किसानों को फायदा पहुंचाया गया जो इसके हकदार नहीं थे तथा कई मामलों में लाभ के पात्र किसानों को वंचित रखा गया।कैग ने संबंधित अधिकारियों और बैंकों के खिलाफ कार्रवाई की सिफारिश की है। इस योजना पर कैग की रिपोर्ट आज संसद पटल पर रख दी गई है | इसमें कहा गया है कि उसने जितने खातों की जांच की उनमें 22 % से अधिक मामलों में चूक या गड़बड़ी हुई जिससे इस योजना के क्रियान्वयन पर गंभीर चिंता होती है।रिकॉर्डों से छेड़-छाड़ का हवाला देते हुए कैग ने सुझाव दिया है कि वित्तीय सेवा विभाग को ऐसे मामलों की समीक्षा करनी चाहिए और गलती करने वाले अधिकारियों और बैंकों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करनी चाहिए।
जावडेकर ने कैग की रिपोर्ट के हवाले से कहा कि कई मामलों में जिन किसानों ने गैर कृषि उद्देश्य से ऋण लिया था या जिनका ऋण इस योजना के तहत लाभ प्राप्त करने योग्य नहीं था उन्हें लाभ पहुंचाया गया है।