Ad

Tag: C B I

तीन महीने के सत्ता सन्यास को समाप्त करके अश्विनी कुमार को सात दिनों के लिए कैबिनेट मंत्री का दर्जा दिया

अश्विनी कुमार को करीब तीन महीने के सत्ता सन्यास के पश्चात अब प्रधानमंत्री का विशेष दूत न्युक्त कर दिया गया है| अश्विनी कुमार को प्रधान मंत्री डॉ मन मोहन सिंह का नजदीकी समझा जाता है|
प्रधान मंत्री डॉ मन मोहन सिंह ने जापान की यात्रा के लिए अश्विनी कुमार को अपना विशेष दूत नियुक्त किया है |यह कैबिनेट मंत्री का दर्जा है। प्रधानमंत्री ने अश्विनी कुमार को विशेष दूत के रूप में सात दिनों की यात्रा के लिए नामजद किया है | जापान के सम्राट और प्रधान मंत्री की आगामी भारत यात्रा की तैयारी के लिए यह नियुक्ति की गई है| इससे उच्च स्तरीय आदान प्रदान की गति बनी रहेगी|
गौरतलब है कि मई महीने में , हफ्तेभर की किन्तु परन्तु के पश्चात , अश्विनी कुमार ने प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह को उनके आवास 7 आरसीआर पर इस्तीफा सौंपा था| लाखों-करोड़ के कोयला घोटाले में सीबीआई की स्टेटस रिपोर्ट में बदलाव करने के आरोप झेल रहे कानून मंत्री अश्विनी कुमार को तब बेहद महंगा पड़ा था|

चौ. अजित सिंह ने दिल्ली-हापुड़ और दिल्ली-खुर्जा के बीच प्रस्तावित रेपिड रेल ट्रांजिट सिस्‍टम की मंजूरी एनसीआर प्लानिंग बोर्ड को भेजने के लिए आज उत्तर प्रदेश सरकार को पत्र लिखा

RASTRIY LOK DAL

RASTRIY LOK DAL

रालोद सुप्रीमो और केन्द्रीय नागर विमानन् मंत्री चौ. अजित सिंह ने दिल्ली-हापुड़ और दिल्ली-खुर्जा के बीच प्रस्तावित रेपिड रेल ट्रांजिट सिस्‍टम की मंजूरी एनसीआर प्लानिंग बोर्ड को भेजने के लिए आज उत्तर प्रदेश सरकार को पत्र लिखा है |
श्री सिंह द्वारा एनसीआर प्‍लानिंग बोर्ड को उप्र के मथुरा सहित दिल्‍ली के नजदीकी जिलों को एनसीआर में सम्मिलित करने के लिए आवश्‍यक औपचारिक प्रस्‍ताव शीघ्र भेजने के लिए प्रदेश के मुख्‍यमंत्री अखिलेश यादव को पत्र लिखा गया है।
श्री अजित सिंह ने कहा है कि उत्‍तर प्रदेश सरकार द्वारा दिल्‍ली के नजदीकी जिलों को एनसीआर में सम्मिलित करने के लिए एनसीआर प्‍लानिंग बोर्ड को कोई औपचारिक प्रस्‍ताव नहीं भेजा गया था। जबकि उनका मानना है कि एनसीआर क्षेत्र में मथुरा से लगे अलीगढ़+ हाथरस+आगरा और मेरठ से लगे मुजफ्फरनगर + शामली जनपद एनसीआर में सम्मिलित किए जाने हेतु हर कसौटी पर खरे उतरते हैं।
रालोद प्रमुख श्री सिंह का दावा है कि उत्‍तर प्रदेश के इन जनपदों के एनसीआर क्षेत्र में सम्मिलित होने से इस क्षेत्र में संयोजकता में सुधार और विकास को गति मिलेगी। इन जनपदों के एनसीआर में सम्मिलित होने से रेपिड रेल ट्रांजिट सिस्‍टम (आरआरटीएस) परियोजनाओं को लागू करने के साथ एनसीआर प्‍लानिंग बोर्ड की अन्‍य विकास योजनाएं जैसे नगरीय क्षेत्र हेतु सीवेज, सौलिड वेस्‍ट मैनेजमेन्‍ट, ड्रेनेज, वाटर सप्‍लाई, पर्यटन संवर्धन, शिक्षा और चिकित्‍सा से जुड़ी विभिन्‍न योजनाओं को लागू किया जा सकेगा।
एनसीआर प्‍लानिंग बोर्ड ने अपनी 01 जुलाई 2013 की बैठक में एनसीआर का दिल्‍ली की सीमा से 150 किमी तक विस्‍तार करते हुए राजस्‍थान और हरियाणा के कुछ जिलों को एनसीआर में सम्मिलित किया था। उत्‍तर प्रदेश के किसी जिले/क्षेत्र को सम्मिलित नहीं किया गया। मथुरा को प्रतीक्षा सूची में रखा गया।क्षेत्र में संयोजकता में सुधार और विकास को गति देने के उद्देश्य से रालोद सुप्रीमो ने उत्तर प्रदेश सरकार पर दबाब बनाना शुरू कर दिया है| बेशक सी बी आई ने शीर्ष समाजवादी नेताओं को अपनी पकड़ से मुक्ति दे दी है लेकिन रालोद सुप्रीमो अभी कोई छूट देने के मूड में नही दिख रहे|उन्होंने अपने प्रभाव वाले संसदीय छेत्रों में संयोजकता में सुधार और विकास को गति देने के उद्देश्य से उत्तर प्रदेश सरकार पर दबाब बनाना शुरू कर दिया है|

भाजपा ने रेल काण्ड और इशरत जहाँ एन्काउन्टर में दो ब्यान जारी करके सी बी आई को कांग्रेस का खिलौना बताया

गुजरात में इशरत जहाँ के एन्काउन्टर को लेकर सी बी आई द्वारा दायर की गई चार्ज शीट से बौखलाई भाजपा ने बुधवार को रेल कांड में पूर्व रेल मंत्री को क्लीन चिट दिए जाने पर भी एतराज किया |भाजपा के वरिष्ठ नेताओं ने अलग अलग ब्यान जारी करके एक तरफ तो सी बी आई की गुजरात एन्काउन्टर पर दाखिल चार्ज शीट को राजनीती से प्रेरित बताया और इसके साथ ही सी बी आई द्वारा पूर्व रेल मंत्री पवन बंसल को क्लीन चिट दिए जाने पर पी एम् की भूमिका पर भी सवाल उठाया|

सांसद एम् वेंकैय्या नायडू [ M. Venkaiah Naidu, ]

ने कहा कि कांग्रेस पार्टी इशरत जहाँ को लेकर गन्दी राजनीती कर रही है और देश कि सुराक्षा के साथ भी खिलवाड़ किया जा रहा है| उन्होंने कोल गेट + सपा के सुप्रीमो मुलायम सिंह यादव और बसपा की नेत्री माया वती को लेकर सी बी आई के बार बार बदलते स्टैंड को लेकर सी बी आई की विश्वसनीयता पर भी सवालिया निशान लगाया|
सांसद नायडू ने कहा कि एलेक्शन माहौल गरमा रहा है ऐसे में भाजपा को बदनाम करने और मुस्लिम वोटों का ध्रुवीकरण के लिए ही सी बी आई का प्रयोग किया जा रहा है|
इसके अलावा भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता डॉ.बिजय सोनकर शास्त्री[DrVijaySonkarShastri ]ने एक अलग प्रेस कांफ्रेंस करके रेल कांड में सी बी आई को निशाना बनाया|डॉ शास्त्री ने कहा कि सी बी आई पी एम् के हाथों खिलौना बन कर रह गई है| पूर्व रेल मंत्री पवन बंसल को सी बी आई ने जिस प्रकार हड़बड़ी में क्लीन चिट दी है उससे लगता है कि कोल् गेट की तरह ही पी एम् को बचाने के लिए पवन बंसल को कील चिट दी गई है| उन्होंने आरोप लगाया कि रेल कांड में भी पी एम् की भूमिका पर पर्दा डालने के लिए पवन बंसल को क्लीन चिट दी गई है|

***

सी बी आई के प्रति अपमान जनक भाषा में लगे पोस्टरों से भाजपा ने पल्ला झाड़ा

सी बी आई के प्रति अपमान जनक भाषा में लगे पोस्टरों से भाजपा ने अपना पल्ला झाड लिया है| भाजपा नेत्री और राष्ट्रीय प्रवक्ता श्री मति मीनाक्षी लेखी ने आज प्रेस को संबोधित करते हुए कहा कि सी बी आई को लेकर जो दिल्ली में अनेको स्थानों पर पोस्टर लगे हैं और इनमे जो बाते लिखी गई है भाजपा उसका नरेन्द्र मोदी की तरफ से भी पूरी तरह खंडन करती है और यह स्पष्ट करती है कि इस पोस्टर से भाजपा का कोई लेना देना नही है| इस अवसर पर उन्होंने पत्रकारों के प्रश्नों के उत्तर भी दिए|एक प्रश्न के उत्तर में उन्होंने नरेन्द्र मोदी के विरुद्ध सी बी आई के दुरूपयोग को स्वीकार भी किया

सी बी आई ने कोल गेट टीम के एक अधीक्षक और एक निरीक्षक को सात लाख की रिश्वत के आरोप में पकड़ा

दिल्ली पोलिस ने यदि क्रिकेट के अपराधियों को पकड़ कर अपनी खोई साख को दुबारा पाने के लिए पहल कर दी है तो ऐसे में लगता है केंद्रीय जांच ब्यूरो[सी बी आई] भी पीछे नहीं रहना चाहती अपनी इस इच्छा को सी बी आई ने अपने ही भ्रष्ट अधीक्षक और निरीक्षक को गिरफ्तार करके उजागर कर दिया है|
सीबीआई ने कोल गेट की जांच कर रहे अपने ही एक पुलिस अधीक्षक और एक निरीक्षक को सात लाख रुपये की रिश्वत लेने के आरोप में गिरफ्तार किया है|. बताया जा रहा है कि एजेंसी के मुख्यालय के बाहर एक व्यवसायी से यह रिश्वत कथित रूप से जमीन विवाद को सुलझाने के लिए वसूली गयी| राजेश को उस समय गिरफ्तार किया जब वह धन ले रहा था. जिसके पश्चात सुप्रिडेंट दत्त को भी हिरासत में ले लिया गया
आंतरिक सतर्कता शाखा ने निरीक्षक[Inspector] राजेश को एस पी[SupdtPolice ] दत्त के लिए रिश्वत लेते समय पकड़ा| दत्त कोयला ब्लाक आवंटन घोटाला मामले में मुख्य जांचकर्ता हैं.
बताया जा रहा है कि सुप्रिडेंट दत्त ने दिल्ली पुलिस अधिकारियों के बीच अपने प्रभाव का इस्तेमाल करते हुए एक भूमि विवाद मामले में एक याचिका को कथित रूप से वापस करवाया जिससे व्यवसायी को लाभ मिलाउसी की एवज में रिश्वत तय हुई थी|
यदपि सीबीआई निदेशक रंजित के अनुसार इस मामले का कोयला ब्लाक आवंटन घोटाले की चल रही जांच से कोई लेनादेना नहीं है.लेकिन यह भी सत्य है कि यह सुप्रिडेंट कोल गेट की जांच टीम का एक अहम् हिसा है|इसीलिए अब वोह महत्पूर्ण जांच भी प्रभावित जरुर होगी|इसीलिए अपनी साख बचाने के लिए सी बी आई और दिल्ली पोलिस के लिए ये दोनों खुलासे कोई माईल स्टोन नहीं है क्योंकि ये तो एक कदम है मंजिल बेहद दूर है|

सुप्रीम कोर्ट के तोता प्रेम पर कांग्रेसी राजा दिग्विजय सिंह झल्लाए ,कोर्ट के लिए ही आईना ले आये

झल्ले दी झल्लियाँ गल्लां

एक दुखी मिस्टर ब्लैक कोर्ट[वकील]

ओये झल्लेया ये कांग्रेसी राजा दिग्विजय सिंह कौन सा कीड़ा काट रहा है है ?ओये अब उन्होंने सुप्रीम कोर्ट की टिपण्णी पर भी सिसायत शुरू कर दी है| कोल गेट की जांच की निगरानी करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने संदिग्ध गतिविधिओं पर सी बी आई को सरकार का तोता नहीं बनने की टिपण्णी तक कर दी इसे सी बी आई प्रमुख ने स्वीकार भी कर लिया और कहा कि हाँ सी बी आई स्वंतंत्र नहीं है|इसके अलावा इनकी सरकार के सहयोगी लालू प्रसाद यादव ने भी अपनी एतिहासिक रैली में तोता प्रेम को व्यक्त किया है लेकिन ये राजा जी सुप्रीम कोर्ट को ही हतोत्साहित करने का प्रयास करने लग गए हैं|

झल्ला

अरे श्रीमान जी दरअसल राजा दिग्विजय सिंह को अपने गृह प्रदेश से ताड़ी पार किया गया है |अपनी पार्टी में कोई महत्त्व नहीं दिया जा रहा | इनकी सलाह को नकार कर सत्ता के दो केन्द्रों के अस्तित्व को कायम रखा जा रहा है|इसीलिए बेचारे कभी कभाग ऐसी विवादित टिपण्णी दे कर अपनी मौजूदगी का अहसास करते रहते हैं और सरकार के विरुद्ध होने वाले कार्यवाही+राजनीतिक बयान या कोर्ट की टिपण्णी पर बेमांगे ही अपनी राय देकर उसे चर्चा के लिए मीडिया में उछालते रहते हैं|

1984 के सिख विरोधी दंगों के आरोपी सज्जन कुमार के केस को बढाने के लिए सी बी आई को आगे आ कर फास्ट ट्रेक कार्यवाही करानी होगी :आप पार्टी

आम आदमी पार्टी [आप] ने 1984 के सिख विरोधी दंगों के मामले में कांग्रेस नेता सज्जन कुमार को बरी किये जाने को लेकर केंद्र सरकार और सी बी आई को कटघरे में खडा करते हुए व्यवस्था को असहनीय बताया है| आप के नेता मनीष शिशोदिया ने सज्जन कुमार को बरी किये जाने को देश के लिए दुर्भाग्यपूर्ण बताते हुए कहा कि अब सी बी आई द्वारा स्वयम इस केस को ऊपर की अदालत में ले जाकर फास्ट ट्रेक कार्यवाही के लिए उत्सुकता दिखाई जानी चाहिए| मनीष शिशोदिया ने व्यवस्था पर कटाक्ष करते हुए कहा कि इस केस की सम्बंधित गोपनीय फाईलें गायब होने के लिए उत्तरदाई आधिकारी राजीव रंजन को पी एम् की सुरक्षा जैसे महत्वपूर्ण दाईत्व दे दिया गया है|उन्होंने इस मामले में जिम्मेदारी तय करके दोषियों को यथा शीघ्र दण्डित किये जाने की मांग की है| श्री शिशोदिया ने बताया कि इस केस के निर्णय आने के तत्काल पश्चात उन्होंने पीड़ित परिवारों से मुलाक़ात करके उन्हें ढाढस बंधाने का प्रयास किया|उन्होंने बताया कि पीड़ित परिवारों की पीड़ा को सुन कर अच्छे अच्छे पत्थर दिल भी पिघल जायेंगे |उन्होंने वर्तमान परिपेक्ष्य के हवाले से देश में अराजकता के महौल की आशंका व्यक्त करते हुए कहा कि न्याय दिलाने के लिए सी बी आई को अब स्वयम केस को उच्च नयायालय में ले जाकर फ़ास्ट ट्रेक कार्यवाही कराई जानी चाहिए|उन्होंने मामले की कार्यवाही आगे बढ़ाने के लिए एस आई टी [SIT]के गठन की अपनी पुरानी मांग को भी दोहराया |
गौरतलब है कि दिल्ली की कड कड डूमा में जिला एवं सत्र न्यायाधीश जे आर आर्यन की अदालत के फैसले पर जहां पीड़ित फरियादियों ने छातियाँ पीट कर अफ़सोस मनाया वहीं उनके वकीलों ने उच्च न्यायलय की शरण में जाने की बात कही है| फैसले के वक्‍त कोर्ट रूम में झड़प भी हुई +गुस्‍साई भीड़ ने कांग्रेसी नेता सज्‍जन कुमार और न्यायाधीश कि तरफ जूता भी फेंका.|पुलिस ने जूता फेंकने वाले व्‍यक्ति को हिरासत में ले लिया है|. फैसला आने के बाद लोगों ने कोर्ट के बाहर हंगामा भी किया | समर्थको का मानना है कि यह फैसला उनके हक में नहीं हुआ+ सो न्याय की लड़ाई जारी रहेगी|
इस मामले में अन्य पांच आरोपियों में से तीन पर हत्या की बात साबित हुई है। इसके अलावा दो अन्य पर दंगा का मामला साबित हुआ है।पूर्व पाषर्द बलवान खोकर+ पूर्व विधायक महेन्द्र यादव+ किशन खोकर+ गिरधारी लाल एवं कैप्टन भागमल को दोषी ठहराया है+दो आरोपियों की मृत्यु हो चुकी है|

सी बी आई पुरानी हुई तो अब सीधे सीधे खरीद फरोख्त


झल्ले दी झल्लियाँ गल्लां

एक दुखी पर सतर्क भाजपाई

ओये झल्लेया ये हमारी डेमोक्रेसी किस दिशा में जा रही है|केंद्र सरकार को अपने कब्जे में रखने के लिए अभी तक तो सी बी आई और इनकम टैक्स जैसे विभागों का इस्तेमाल किया जा रहा था अब तो हद ही हो गई हसाड़े सहयोगी जे डी यू को हमसे तोड़ने के लिए सी बी आई काम नही आई तो सरकारी १२००० करोड़ रुपयों की कीमत देकर खरीदने की कौशिश की जा रही| ओये ऐसे देश चलता है क्या?ओये अब सी बी आई पुरानी हुई तो सीधे सीधे खरीद फरोख्त ?

सीधे सीधे खरीद फरोख्त

सीधे सीधे खरीद फरोख्त

झल्ला

भोले सेठ जी आप जी को तो तभी समझ जाना चाहिए थे जब जे डी यू के सी एम् नितीश कुमार ने अकारण ही नरेन्द्र मोदी पर बिहारी तीर चलाये थे |खैर इससे आपजी के एन डी ऐ को दो फायदे हुए हैं |आपके नरेन्द्र मोदी को बैठे बिठाए पब्लिसिटी मिली और आपके सहयोग से चल रही बिहार सरकार को मिलगये १२००० करोड़ रुपये|अब आप की बिहारी पार्टी इस कीमत को कम बता रही है यानी खम्बा नौचा जा रहा है| बिहार में इस जे डी यू पार्टी के २० ही तो सांसद हैं और भाई अब जितना विरोध किया गया उतना ही तो कीमत तय होगी|

आम आदमी पार्टी [आप]ने कोल गेट स्कैम में प्रधान मंत्री का इस्तीफा माँगा

आम आदमी पार्टी [आप]ने आज कोयला कांड में प्रधान मंत्री के इस्तीफे के साथ एस आई टी द्वारा जाँच की मांग की है|
मीडिया में छापी खबरों के हवाले से कहा गया है कि सी बी आई द्वारा तैयार की गई कोल गेट स्कैम की रिपोर्ट को सुप्रीम कोर्ट में पेश करने से पहले पी एम् ओ कार्यालय द्वारा इसमें छेड़ छाड़ की गई है|सुप्रीम कोर्ट के आदेशों की अवहेलना करते हुए सी बी आई की जांच रिपोर्ट को पी एम् ओ के साथ शेयर किया गया है| अंग्रेजी के अखबार इंडियन एक्सप्रेस में छपी खबर के हवाले से कहा गया है के केंद्रीय कानून मंत्री और पी एम् ओ ने ना केवल सी बी आई की जांच रिपोर्ट को देखा है वरन उनके द्वारा रिपोर्ट में फेर बदल भी की गई है| इसके लिए पहले भूमिका तैयार करने के लिए सी बी आई के जाँच अधिकारी डी आई जी रविकांत को ट्रांसफर कर दिया गया |
आप का आरोप है के जब कोल गेट स्कैम में अनेकों मंत्री और पी एम् तक शामिल हैं और उन्हें बचाने के लिए जांच प्रभावित की जा रही है ऐसे में जन लोक पाल की बेहद जरुरत है और जन लोक पाल के बगैर निष्पक्ष जांच और दोषियों को सजा की कल्पना भी नहीं की जा सकती

1984 के सिख दंगों के दोषियों को सजा की संभावना फिर जीवित हो उठी है:सीबीआई की क्लोजर रिपोर्ट खारिज

1984 के सिख दंगों के मामले के दोषियों को सजा दिलाने की संभावना एक बार फिर जीवित हो उठी है| दिल्ली की कड़कड़डूमा अदालत ने आज १० अप्रैल बुधवार को सीबीआई द्वारा दाखिल क्लोजर रिपोर्ट को खारिज कर दिया है|इस मामले में कांग्रेस के वरिष्ठ नेता जगदीश टाइटलर मुख्‍य अभियुक्‍त हैं। । इस फैसले के बाद कांग्रेस पार्टी और उसके नेता जगदीश टाइटलर के लिए मुश्किलें खड़ी हो गई हैं। अब सीबीआई को इस केस में दोबारा जांच करनी होगी|। अदालत ने अपने फैसले में कहा है कि सीबीआई उन सभी गवाहों के बयान दर्ज करें, जिन्‍होने खुद को चश्‍मदीद बताया और टाइटलर को दंगा भड़काते देखा।
अतिरिक्‍त सत्र न्‍यायाधीश अनुराधा शुक्‍ला भारद्वाज ने इस केस में अपना अहम फैसला सुनाया है। इससे पहले कोर्ट परिसर के बाहर सिख समुदाय के लोगों ने जमकर विरोध प्रदर्शन किया और टाइटलर के खिलाफ जमकर नारेबाजी की।
दिल्‍ली सिख गुरूद्वारा प्रबंधक कमेटी के महासचिव सिरसा ने कहा है कि अदालत के इस फैसले से न्‍याय की आस जगी है।
गौरतलब है कि सीबीआई ने 1984 के केस में टाइटलर को क्लीन चिट देकर कोर्ट में क्लोजर रिपोर्ट दाखिल की थी।
दिल्ली के पुलबंगश इलाके में तीन सिखों की नृशंस हत्या कर दी गई थी| जिसकी जांच कर रही सीबीआई ने सितंबर 2007 में क्लोजर रिपोर्ट दाखिल की थी।