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सीडीऐ के रिश्वत माँगने के आरोपी अफसरों के विरुद्ध सीबीआई ने किये आरोप पत्र दायर

[चंडीगढ़]सीडीऐ के रिश्वत माँगने के आरोपी अफसरों के विरुद्ध सीबीआई ने किये आरोप पत्र दायर
रक्षा लेखा विभाग[डी ऐ डी] के प्रिंसिपल कंट्रोलर आॅफ डिफेंस अकाउंट[ PCDA ] कार्यालय में ठेकेदार से कथित तौर पर 20 हजार रुपये रिश्वत की मांग करने के आरोपी 2 वरिष्ठ लेखाकार SAअधिकारियों के विरुद्ध बृहस्पतिवार को सीबीआई ने विशेष अदालत में आरोप पत्र दाखिल कर दिया।
दोनों को भ्रष्टाचार की धारा के तहत आरोपी बताया गया है।
गौरतलब है के सीबीआई टीम ने बीती 26 मई को कार्यालय में ही ट्रैप लगा कर पहले वरिष्ठ लेखाकार को 20 हजार रुपये रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों काबू किया, जबकि इसी मामले में सहायक की भूमिका सामने आते ही उसे भी धर लिया गया था। सीबीआई की गिरफ्त में आये व्यक्तियों की पहचान
वरिष्ठ लेखाकार वितेश कुमार तथा
सहायक लेखाकार कश्मीरी सिंह
के रूप में हुई।
प्राप्त जानकरी के अनुसार सेटलमेंट सर्टिफिकेट के लिये रिश्वत की मांग की गई थी
शिकायतकर्ता ठेकेदार आर्मी को स्टेशनरी और बिजली के उपकरण मुहैया करवाता था। जिसका भुगतान सी डी ऐ कार्यालय से किया जाता है

भारत के राष्ट्रपति ने रक्षा लेखा विभाग [सीडीऐ] को वार्षिक दिवस की पूर्व संध्या पर बधाई दी

[नई दिल्ली]भारत के राष्ट्रपति ने रक्षा लेखा विभाग [सीडीऐ] को वार्षिक दिवस की पूर्व संध्या पर बधाई दी
भारत के राष्ट्रपति श्री प्रणब मुखर्जी ने रक्षा लेखा विभाग[डी ऐ डी] के वार्षिक दिवस की पूर्व संध्या पर अपनी बधाई दी है।
अपने संदेश में राष्ट्रपति ने कहा कि “ मुझे ये जानकर बहुत प्रसन्नता हुई है कि रक्षा लेखा विभाग अपना वार्षिक दिवस 1 अक्टूबर 2015 को मना रहा है।
रक्षा लेखा विभाग लेखा+बजट प्रबंधन+सैन्य बलों को भुगतान+वित्तीय सलाह के क्षेत्र में सैन्य बलों और सहयोगी संगठनों को बहुमूल्य सेवा प्रदान कर रहा है। प्रेजिडेंट ने कहा के विभाग अपनी जिम्मेदारी “सेवाओं की सेवा” को दक्षतापूर्वक निभा रहा है। इसने तेजी से हो रहे बदलावों के साथ तारतम्य बना कर स्वंय को अवसरों और चुनौतियों के लिए तैयार किया है। प्रेजिडेंट ने कहा\
“मुझे विश्वास है कि रक्षा लेखा विभाग अपने उच्च व्यवसायिक मापदंडो को बरकरार रखते हुए सैन्य बलों की आशाओं को पूर्ण करने में असाधारण प्रतिबद्धता प्रदर्शित करेगा। मैं इस अवसर पर संपूर्ण रक्षा लेखा परिवार को अपनी शुभकामनाएं और बधाई देता हूं और उनके भविष्य में सभी प्रयासों में सफलता की कामना करता हूं।“

DAD Informs Orders On Restoration Of CSD Facilities For Defence Civilian Pensioners

[New Delhi]DAD Informs Orders On Restoration Of CSD Facilities For Defence Civilian Pensioners Defence Accounts Department Informs Ministry’s Orders On Restoration Of CSD Facilities For Defence Civilian Pensioners.This Information Is Given To All PCsDA+PCA[FYS]+CsDA In The Country
Dy CGDA Sangeet vide circular number AN/VII/7089/CSD/CORR Of 18 August has forwarded copy of Govt Of India Letter Number 8(14)/2015-D[Mov]Of 31st July
This letter relates to extension of CSD canteen facilities to Retd.Defence Civilian Employees. As per 2nd Para of this letter it has been decided[With The Approval Of RM] to extend the CSD Canteen facilities to the Retd.Defence Civilian Employees Also

Victimized Pensioners Of Raksha Mantralaya,Knocks,For CSD,PM’s Doors

Million Victimized Pensioners Of Ministry Of Defence Have Now Knocked The Doors Of PM And Defence Minister Of India
Pensioners Have Demanded Restoration Of Canteen Store Department [CSD]Facilities Immediately
Seva Nevrit Karmchari Kalyan Samiti [Regd]Has Written Letters To P M Sh Narendra Modi And Raksha Mantri for the said cause.
It May Be Recalled That C S D Canteen facilities are withdrawn from Civil Defence pensioners Including 250 years old DAD department
The restoration of CSD Canteen facility to Defence civilian pensioners was examined by defence ministry four years ago and case DDG CSD Wasasked to take a favorable decision .
On 24 may 2012 this valid demand of pensioners was rejected on various Fabricated constraining factors .Like Man power+Budget etc
If It is true then present staff should have been declared surplus and budget would have been reduced rears ago But nothing has happened.Neither Budget Nor Man power is Erased
So this gesture will not put any burden on the exchequer
President of the samiti Lokesh Murti says that This wrong decision ,Of UPA Govt, if corrected by Present NDA may win the hearts of More then 2 Lakh disciplined pensioners and their families .

President Advised IDAS Probationers To Contribute Faster+Efficient Decisions on Rules

President Of India Advised IDAS Probationers To Contribute Faster+Efficient Decisions , Without Compromising on rules
A group of probationers of Indian Defence Accounts Service 2013 batch called on the President of India, Shri Pranab Mukherjee today (November 3, 2014) at Rashtrapati Bhavan.
Speaking on the occasion, the President said that Defence Finances have increased manifold since the time of India’s Independence. This sharp rise in defence expenditure is commensurate with the requirements of maintaining a modern defence force in our country. The onus of managing the finances has thus increased in proportion+complexity+ dimension. He stated that the probationers would do well to make a vital contribution through faster and efficient decision-making, without compromising on rules and procedures, and yet enabling the defence forces to meet their requirements on time.
Photo Caption
The President, Shri Pranab Mukherjee with the Probationers of Indian Defence Accounts Service (IDAS) 2013 Batch, at Rashtrapati Bhavan in New Delhi on November 03, 2014.

रक्षासेवाओं से जुड़े विभागों के पेंशनरों ने सीएसडी कैंटीन सुविधा बहाली को केंद्र के ढुलमुल रवैय्ये पर रोष व्यक्त किया

Defence Pensioners Unrest

Defence Pensioners Unrest

[मेरठ]रक्षासेवाओं से जुड़े विभागों के पेंशनरों ने सीएसडी कैंटीन सुविधा बहाली को ढुलमुल सरकारी रवैय्ये पर रोष व्यक्त किया|
केंद्र सरकार के अंतर्गत रक्षा मंत्रालय के सिविलियन पेंशनरों की समस्याएं अभी तक हल नहीं हुई हैं |
सरकार के ढुलमुल रवैय्ये के प्रति रोष व्यक्त करने के लिए सेवा निवृत कर्मचारी कल्याण समिति के डेलीगेट्स ने चौधरी चरण सिंह पार्कमें मीटिंग की और अपनी मांगों को दोहराया |पीड़ित पेंशनरों के अनुसार रक्षा सेवाओं के साथ कन्धा से कन्धा मिला कर देश सेवा में जुटे अनेकों विभागों से रिटायर हो रहे लाखों कर्मियों को सी एस डी सुविधा से महरूम कर दिया गया है|
आये दिन आश्वासन दिए जा रहे हैं लेकिन अभी तक कोई न्याय नहीं मिला है |ढाई सौ साल पुराने सी डी ऐ [डी ऐ डी]से रिटायर हुए अध्यक्ष लोकेशमूर्ति और सचिव नैन सिंह ने बताया की वर्तमान में लगभग दो लाख पेंशनरों का उत्पीड़न किया जा रहा है |रिटायरमेंट के बाद आर्थिक और सामाजिक सुरक्षा की ज्यादा जरूरत होती है लेकिन दुर्भाग से सदियों से चली आ रही सी एस डी को यूं पी ऐ सरकार ने अकारण बंद कर दिया और अब एन डी ऐ की सरकार से भी कोई राहत के संवाद प्राप्त नहीं हो रहे |
इस मीटिंग में सदस्यों ने निम्न लिखित समस्याएं बताई जिनके लिए केंद्र सरकार को लिखे जाने पर सहमति बनी
[१] सी एस डी कैंटीन से पेंशनरों को सामान की बिक्री शुरू की जानी चाहिए
[२]आश्रित बेटों की आयु सीमा को २५ साल से बढ़ा कर बेटियों के लिए निर्धारित आयु सीमा के सामान किया जाना चाहिए
[३]महंगाई भत्ता १००%से अधिक१०७%हो गया है बीते वेतन आयोग के अनुसार ५०% भत्ता मूल पेंशन में जुड़ना चाहिए
[४] स्वास्थ्य सेवाओं वाले सी जी एच एस में लैब टेस्टिंग के समय बढ़ाये जाने चाहिए

केंद्र सरकार रक्षा लेखा कर्मचारियों के हितों को दबाने के लिए निरंतर न्यायालयों के चक्कर लगा रही हैं

AIDAEA PRESIDENT Yatinder Choudhry Addressing P C In C D A Meerut

AIDAEA PRESIDENT Yatinder Choudhry Addressing P C In C D A Meerut

केंद्र सरकार अपने कर्मचारियों के हितों को दबाये रखने के लिए निरंतर न्यायालयों के चक्कर लगा रही हैं जिसमे सरकार स्वयं ही फंसती जा रही हैंजिसके फलस्वरूप कर्मचारियों में अपनी ही सरकार के प्रति रोष बढ़ता जा रहा है इसका खामियाजा सत्ता रुड दलों को चुनावों में भी उठाना पड़ सकता है|कमोबेशयही आरोप आज रक्षा लेखा विभाग के शीर्ष नेताओं ने लगाए |नेताओं के अनुसार विभाग द्वारा कर्मचारियों के उत्पीड़न के लिए माननीय कोर्ट की भी घोर अवमानना की जा रही है |
आयुध पथ स्थित आर टी सी हॉस्टल में अखिल भारतीय रक्षा लेखा कर्मचारी संघ[कलकत्ता] की आहत एक बैठक में राष्ट्रीय अध्यक्ष यतीन्द्र चौधरी और महा सचिव जी पी दत्ता ने अपने सदस्यों को एक मेनिफेस्टो के रूप में अपनी एसोसिएशन की उपलब्धि+प्रतिबद्धता+समस्याओं की जानकारी दी और सदस्यता अभियान को गति देने को प्रेरित किया|यतीन्द्र चौधरी ने बताया कि पिछले वेतन आयोग की सिफारिशों पर वेतन मान नहीं देने के लिए रक्षा लेखा विभाग ने फ़ाइल डी ओ पी टी की तरफ सरका दी जहाँ से अदालत का रास्ता दिखाया गया |अदालत में हारने के बावजूद रिव्यू जैसे गड्डों में डाला जा रहा है| इससे केवल रक्षा लेखा विभाग के ही ६००० कर्मचारी प्रभावित हैं इनमे से कई तो रिटायर भी हो चुके हैं|
विभाग ने चतुर्थ श्रेणी कर्मियों के साथ भी सहानुभूति नहीं दिखाई है इनके प्रोमोशन के लिए ट्रेनिंग और परीक्षा पर लगभग डेड करोड़ रूपये खर्च किये जा चुके हैं उसके बावजूद इनका रिजल्ट नहीं डिक्लेअर किया जा रहा|
अनुकम्पा मूलक आधार पर न्युक्ति के सैकड़ों मामलों पर कोई सुनवाई नहीं हो रही |
सेवानिवृति के पश्चात सी एस डी कैंटीन की सुविधा समाप्त कर दी गई हैयदपि यह मामला रक्षा मंत्रालय से जुड़ा है लेकिन कर्मचारियों के हितों की पैरवी नहीं की जा रही यह मामला भी अब जबल पुर की अदालत में चल रहा है
अधीनस्थ कार्यालयों में तैनात कर्मचारियों के स्थाई पहचान पत्र नहीं बनाये जा रहे
लेखा नगर आदि आवासीय कालोनियों में रखरखाव में कोई रूचि नहीं ली जा रही यतीन्द्र चौधरी ने इन समस्यायों को जॉइंट कौंसिल आफ मेंबर्स[ JCM ] की आगामी बैठक में उठाने और सातवें वेतन आयोग के समक्ष उठाने का का आश्वासन दिया
उपाध्यक्ष करण प्रदीप ने सेवानिवृति के लिए निर्धारित तिथि में परिवर्तन की मांग की उन्होंने बताया कि वर्तमान में सभी को एक जुलाई से वेतन वृद्दि[ AnnualIncrement ] का प्रावधान हैयदि किसी कर्मचारी ने ३० जून को एक वर्ष पूरा कर लिया है और उसकी सेवा निवृति एक जुलाई से पूर्व होती है तो उसे एनुअल इन्क्रीमेंट नहीं मिलता है
बैठक में राकेश मालिक +महेंद्र सिंह+महक सिंह+सतीश ग्रोवर आदि ने भाग लिया

रक्षा लेखा विभाग में सैंकड़ों लोअर ग्रेड कर्मियों को प्रोमोशन दिलाने के लिए अधिकार रक्षक संस्थाए फेल

रक्षा लेखा विभाग में लोअर ग्रेड के कर्मियों के प्रोमोशन कोलेकर बने सभी नियम ठन्डे बस्ते में डाल दिए गए हैं जिसके फलस्वरूप आर टी आई+जे सी एम् और सी ऐ टी जैसे अधिकार रक्षक संस्थाओं के आदेश भी बेमानी साबित हो रहे हैं इस कारण तृतिय और चतुर्थ श्रेणी कर्मियों में असंतोष बढता जा रहा है
अखिल भारतीय रक्षा लेखा कर्मचारी संघ [कलकत्ता] के राष्ट्रीय अध्यक्ष यतीन्द्र चौधरी ने ५ मार्च को विभाग के सर्वोच्च अधिकारी सी जी डी ऐ को एक बार फिर याद कराते हुए प्रोमोशन सम्बंधित इन सामान्य +साधारण शिकायतों को यथा शीघ्र निबटाने का आग्रह किया है|
गौरतलब है कि विभाग में चतुर्थ श्रेणी कर्मियों को एम् टी एस [MultiTaskService]बनाने के आदेश हैं|इसीलिए चतुर्थ श्रेणी कर्मियों के प्रोमोशन के लिए सितम्बर २०१२ में परीक्षाएं करवाई गई थी इसके अलावा स्नातक लिपिकों को ऑडिटर प्रमोट करने लिए भी विभागीय टेस्ट करवायेजा चुके हैं कर्मियों ने उत्साह से भाग लिया |चतुर्थ श्रेणी कर्मियों ने तो बाकायदा विभागीय ट्रैनिंग भी प्राप्त की है |इसके अलावा मॉडिफाइड एस्योर्ड केरियर प्रोमोशन स्कीम [MACP ] के क्रियान्वयन को लेकर भी असंतोष व्याप्त है इस स्कीम के अंतर्गत पद खाली नहीं होने के कारण प्रोमोशन से वंचित कर्मियों को आर्थिक लाभ दिया जाना है इसके अनुपालन के लिए केंद्रीय मंत्री और सत्ता रूड कांग्रेस के प्रवक्ता अजय माकन भी पत्र लिख चुके हैं|बताते चलें कि अजय माकन के भाई ललित माकन [अब स्वर्गीय]भी अपने समय में केंद्रीय सरकार के कर्मियों के हित की बात उठाते रहे हैं |
यहाँ यह कहना तर्क संगत ही होगा कि कर्मियों के प्रोमोशन में ढीलाई को लेकर आर टी आई[ RightToInformation]+सी ऐ टी [Tribunalचंडीगढ़ की शिमला बेंच +और जे सी एम्[कर्मी एसोसिएशनों की उच्च संस्था] सभी को एप्रोच किया जा चूका है लेकिन अभी तक कर्मियों से अपेक्षित राहत दूर है

रोजगार देने में असमर्थ केंद्र सरकार अनुकम्पामूलक आधार पर भी अपने विभागों में नौकरियां नही दे रही

प्रधान मंत्री डॉ मन मोहन सिंह ने प्रेस कांफ्रेंस में बेरोजगारी की समस्या को मात्र अपनी स्वीकारोक्ति प्रदान करके बेशक पल्ला झाड़ लिया हो ग्रोथ के तमाम दावे प्रस्तुत करके अपनी सरकार की खामियों को छुपाने का प्रयास किया हो मगर उनके विकास के दावों में युवाओं को रोजगार प्रदान करने वाली ग्रोथ दिखाई नहीं दे रही यहाँ तक कि सरकारी विभागों में अनुकम्पामूलक आधार पर भी जरुरत मंदों को पिछले डेड सालों से नौकरियां नहीं दी जा रही |जाहिर है सरकार के ग्रोथ से सबंधित तमाम दावे जॉबलेस ग्रोथ ही दिखला रहे हैं|
क्रिसिल नामक रेटिंग संस्था के अध्यक्ष शोध कर्ता मुकेश अग्रवाल के अनुसार जी डी पी का ४९% शेयर एम्प्लॉयमेंट से जुड़ा होता है |क्रिसिल के शोध के अनुसार वर्ष 2019 तक गैर-कृषि क्षेत्र में एक चौथाई नौकरियां घट जाएंगी।१ करोड़ २० लाख लोगों कोआने वाले ७ वर्षों में मजबूरन कृषि छेत्र में लौटना होगा देश की इस प्रमुख रेटिंग एजेंसी क्रिसिल की मंगलवार को जारी रिपोर्ट में यह दावा किया गया है कि मौजूदा 5.2 करोड़ के मुकाबले 3.8 करोड़ लोगों के पास ही रोजगार रह जाएंगे|
इस रिसर्च रिपोर्ट में यह चेतावनी भी दी गई है कि अगर पर्याप्त संख्या में नौकरियां पैदा नहीं की गई तो युवा आबादी देश की अर्थ व्यवस्था बढ़ाने के बजाय बोझ बन सकती है।क्रिसिल की इस रिपोर्ट के आधार पर देश के प्रमुख मीडिया ने अपने अपने तरीकों से चिंता भी व्यक्त की है|
अब चूंकि सरकार के सामने जॉब क्रिएशन के अलावा कोई विकल्प नहीं है फिर भी इस दिशा में कोई काम होता नहीं दिख रहा यहाँ तक कि सरकारी विभागों में बरसों से खाली पड़े अनुकम्पा मूलक आधार वाले कोटे भी भरे नहीं जा रहे|उदहारण के लिए रक्षा लेखा विभाग के आंकड़े भी चौंकाने वाले है |
रक्षा लेखा विभाग केंद्र सरकार का महत्वपूर्ण विभाग है यहाँ भारतीय रक्षा सेवाओं के साथ ही उनकी सहायक संस्थाओ का आडिट किया जाता है ऐसे महत्व पूर्ण विभाग में वर्षों से रिक्तियों को भरने के लिए कोई प्रयास नहीं हो रहा यहाँ तक कि अनुकम्पामूलक आधार पर भी नौकरियां नहीं दी जा रही|इस लिए यह कहना तर्क संगत ही होगा कि रक्षा सेवाओं के आडिट को भी हतोत्साहित किया जा रहा है|
सूत्रों से प्राप्त जानकारी के अनुसार वर्ष २००९ में ४६०० रिक्तियां थी जिनमे से एस एस सी[SSC] के माध्यम से 1700 जॉब क्रिएट हुई उनमे से भी ८०० लोग नौकरी छोड़ गए|२०१३ में केवल २६०० रिक्तियां ही घोषित की गई|
स्टाफ को हतोत्साहित करने के लिए[१] स्ट्राइक राइट्स का हनन हो रहा है|[२]नई रिक्तियां पैदा नहीं की जा रही यहाँ तक कि वर्त्तमान रिक्तियों को भी भरा नही जा रहा[३]प्रोमोशन के अवसर नहीं दिए जा रहे[४] आर्बिट्रेशन अवार्ड्स[ ArbitrationAwardsलागू नहीं किये गए][५]अलाउंस रिवाइस नहीं किये जा रहे[6]पी एल बोनस तक नहीं दिया जा रहा ]यहाँ तक कि रिटायर्ड स्टाफ के लिए उपलब्ध सी एस डी[ CSD ]कैंटीन सुविधा भी समाप्त कर दी गई है |जिस कारण नया स्टाफ आने आप को यहाँ एडजस्ट करने में कठिनाई महसूस कर रहा है|
सरकारी नियमों के अनुसार टोटल रिक्तियों का ५% अनुकम्पा मूलक [compassionate Grounds] आधार पर मृत स्टाफ के आश्रितों को दी जानी चाहियें लेकिन दुर्भाग्वश इस दिशा में भी करुणा नहीं दिखाई जा रही |
स्टाफ की कमी से केंद्र सरकार के अनेकों विभाग त्रस्त हैं यहाँ तक कि ७वे वेतन आयोग के लिए माँगी गई सिफारिशों के उत्तर में डी ओ पी टी [ DOPT ] स्तर पर चर्चा प्रारम्भ हो गई है |अखिल भारतीय रक्षा लेखा संघ के एक घटक के राष्ट्रीय अध्यक्ष यतेन्दर चौधरी ने चैप्टर आफ डिमांड्स भेजा हैजिसके तीसरे क्रम पर compassionate Appointments की मांग रखी गई है| इस १२ सूत्री मांग पत्र में सेवा सम्बन्धी सुधारों की भी बात उठाई गई है |