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Tag: Chemistry between US President Barack Obama and Indian Prime Minister Narendra Modi

बराक और मोदी की व्यतिगत केमिस्ट्री से न्यूक्लीयर जैसे अनेकों मुद्दों पर बरसों की जमा बर्फ पिघली

[नई दिल्ली]भारत दौरे पर दूसरे बार आये अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा के साथ भारत के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आज कई महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा की |दो बढ़ी डेमोक्रेसी के डिप्लोमेट डेलिगेशन ने आपस में टेबल टॉक करके अनेकों मसलों पर आम सहमति दर्ज की लेकिन चर्चा का मुख्य बिंदु ओबामा और मोदी में मित्रतावत केमिस्ट्री ही रहा |जॉइंट स्टेटमेंट के दौरान श्री मोदी ने श्री बराक ओबामा के पहले नाम “बराक” चार पांच बार सम्बोधित किया उधर मेहमान प्रेजिडेंट नेभी मेजबान पीएम को मोदी कह कर सम्बोधित किया\दोनों ने बाहर लान में चलकदमी करते हुए अनेकों बिन्दुओं पर चर्चा की और भारत के प्रधान मंत्री ने अमेरिकन प्रेजिडेंट को लान में चाय भी पिलाई जिसका धन्यवाद प्रेजिडेंट ने हिंदी में किया|बराक ओबामा ने अपने सम्बोधन को हिंदी में “नमस्ते” +प्यार भरा नमस्कार कह कर शुरू किया|शायद इन दोनों की इसी केमिस्ट्री के फलस्वरूप न्यूक्लीयर आदि अनेकों महत्वपूर्ण मुद्द्दों पर जमी बर्फ पिघल गई
जॉइंट स्टेटमेंट के पश्चात पत्रकारों के एक एक प्रश्नों के उत्तर भी शासनाध्यक्षों द्वारा दिए गए |दोनों शासनाध्यक्षों में हुई बातों को गोल करते हुए एक प्रश्न के उत्तर में श्री मोदी ने ओबामा और स्वयं में रिश्तों की गहराई का जिक्र बेबाकी से किया
श्री मोदी ने बताया कि
“जहाँ तक बातों का सवाल है, परदे में रहने दें और हम बार बार इस प्रकार से क्यों मिलते हैं? ये सवाल बड़ा महत्वपूर्ण है, मैं इस क्षेत्र मैं नया हूँ, लेकिन अल्प समय के अनुभव से मैं कह सकता हूँ की दो देशो के साथ रिश्ते कागज पर कहाँ फुल स्टॉप है, कहाँ कोमा है, उसके आधार पर निर्धारित कम होते हैं। लीडरों के बीच खुलापन कितना है, एक दुसरे को जानने के अवसर कितने हैं, केमिस्ट्री कैसे मैच करती है, वो बहुत ज्यादा निर्भर करता है। और कैमरे से दूर अकेले मैं गप्प मारते हैं , तो हम एक दुसरे को बड़ी निकटता से जान सकते हैं। मेरे और बराक के बीच मैं वो दोस्ती बन गयी है , उस खुलेपन कारण हम आराम से फोन पर बात कर लेते हैं, हम आराम से गप्प मार लेते हैं हंसी मजाक कर लेते हैं। इस केमिस्ट्री ने मुझे और बराक को तो निकट लाया ही है , वाशिंगटन और दिल्ली को भी निकट लाया है , लेकिन अमेरिका की जनता और हिंदुस्तान की जनता को भी निकट लाया है और ये पर्सनल केमिस्ट्री है। मैं समझता हूँ कि ये बहुत मैटर करती है। और ये पनपनी चाहिए , ऐसे ही अवसर पर पनपती है|”
एक अन्य प्रश्न के उत्तर में भारत के प्रधान मंत्री ने अपनी सार्वभौमिकता पर गर्व करते हुए वैश्विक पर्यावरण की रक्षा के प्रति अपनी प्रतिबद्धतता दर्शाई
उन्होंने कहा
“चीन और अमेरिका में जो जलवायु परिवर्तन के सम्बन्ध में जो समझौता हुआ है , उसका भारत पर कोई प्रेशर है क्या?
भारत एक स्वतंत्र देश है उस पर न किसी देश का, न किसी व्यक्ति का प्रेशर काम आता है। लेकिन प्रेशर है। प्रेशर इस बात का है, की हम भावी पीढ़ी को कैसी पृथ्वी देना चाहते हैं। क्लाइमेट चेंज अपने आप में एक बहुत बड़ा प्रेशर है। ग्लोबल वार्मिंग इटसेल्फ एक बहुत बड़ा प्रेशर है। और जिसके भी दिल में भावी पीढ़ी के लिए चिंता है आने वाली पीढ़ियों के लिए चिंता है, उनका ये दायित्व बनता है कि वे आज इस क्लाइमेट चेंज के सम्बन्ध में कोंसियस बने। उन रीतियों नीतियों को अपनाये ताकि हम भावी पीढ़ी को एक अच्छी जिंदगी दे सकें , अच्छा एनवायरनमेंट दे सकें , और मैं मानता हूँ ये प्रेशर हर देश मैं होना चाहिए हर सरकार पर होना चाहिए, हर व्यक्ति पर होना चाहिए। और उसी प्रेशर को हम समझ पाते हैं औ उसी को हम रेस्पॉन्ड कर रहे हैं
फोटो कैप्शन
The Prime Minister, Shri Narendra Modi with the US President, Mr. Barack Obama, during the Joint Press Interaction, in New Delhi on January 25, 2015.