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शीला दीक्षित को तीन बार मुख्य मंत्री बनाने वाली नई दिल्ली की जनता, शायद दिल्ली की सबसे दुखी जनता है

आम आदमी पार्टी [आप ]के वरिष्ठ नेता अरविंद केजरीवाल ने रविवार को वाल्मिकी मंदिर में मत्था टेकने के बाद बाल्मीकि समाज की समस्यायों को सुना और उनकी व्यथा जानकर हैरानी व्यक्त करते हुए वाल्मिकी समाज के साथ हो रही है नाइंसाफी के विरुद्ध आवाज उठाने का आश्वासन दिया| उन्हने इस अवसर पर कहा के दिल्ली को तीन बार मुख्यमंत्री देने वाली नई दिल्ली विधानसभा की जनता, शायद दिल्ली की सबसे दुखी जनता है.|अरविन्द केजरीवाल नई दिल्ली से प्रत्याशी हैं|
वाल्मिकी समाज के सम्मानित व्यक्ति किशनपाल मंगवाना[,चेना महाराज ] ने अरविंद केजरीवाल को महर्षि वाल्मिकी की एक प्रतिमा और रामायण भेंट की. चेना महाराज ने अरविंद केजरीवाल और पार्टी कार्यकर्ताओं को अपने समाज की बहुत सारी परेशानियां बताईं. वाल्मिकी बस्ती के लोग पिछले 15 सालों से समय-समय पर इन समस्याओं को शीला दीक्षित को बताते आ रहे हैं लेकिन मुख्यमंत्री ने हमेशा अनसुना कर दिया.
[१]चेना महाराज ने बताया कि सबसे बड़ी परेशानी ठेका मजदूरी से जुड़ी है. दिल्ली को साफ-सुथरा रखने में सबसे बड़ी भूमिका वाल्मिकी समाज के लोगों की है. 90 प्रतिशत से अधिक सफाई कर्मचारी वाल्मिकी समाज से आते हैं. लेकिन खुद को गंदगी में झोंककर शहर को साफ-सुथरा रखने में जुटे लोगों को अस्थाई सफाई कर्मचारी की नौकरी पाने के लिए भी काफी घूस देना पड़ता है.
[२]“ अस्थाई ठेका मजदूरी हासिल करने के लिए भी एनडीएमसी को 10 से 20 हजार तक की घूस देनी पड़ती है. एक बार में मात्र छह महीने के लिए ही काम मिलता है. सात हजार की अस्थाई नौकरी, वह भी मात्र छह महीने के लिए मिलती है, के लिए इतनी घूस देनी पड़े! सरकार बस हमारा खून चूसने में यकीन रखती है.”
[३]इस ठेका आधारित नौकरी को हासिल करने से पहले रोजगार केंद्र में अपना नाम डलवाने भर के लिए 500 रुपए देने पड़ते हैं. सात हजार की तन्ख्वाह देने के बदले उनसे आधी तन्ख्वाह तो अलग-अलग बहाने से घूस के तौर पर ऐंठ ली जाती है. एनडीएमसी में सफाई कर्मचारी को 5-6 साल तक पहले ठेके पर काम करना पड़ता है उसके बाद 6-7 साल तक नियमित काम. फिर जाकर उसकी नौकरी पक्की होती है.
[४] अगर वाल्मिकी समाज का कोई युवा पढ़ने में होशियार निकला और अगर उसने अच्छी तालीम हासिल कर ली, फिर भी उसे काम सफाई का ही
दिया जाता है. बी.ए और एम.ए पास कई लड़के एनडीएमसी में सफाई का काम ठेका मजदूर की तरह कर रहे हैं.
उन्होंने अरविंद केजरीवाल को वाल्मिकी सदन में कई ऐसे परिवारों से मिलाया जिनके घर के कमाऊ व्यक्ति की सफाई के दौरान मौत हो गई.
वाल्मिकी समाज के लोगों में सरकार के कामकाज को को लेकर काफी गुस्सा है. चेना महाराज सरकार की संवेदनहीनता पर सवाल उठाते हुए कहते हैं, “सीवर की सफाई का कार्य जोखिम भरा होता है. काम के दौरान अगर किसी कर्मचारी की मौत हो जाती है तो सरकार तुरंत उससे घर खाली करा लेती है. मृतक के आश्रितों के लिए सिर्फ 5 प्रतिशत आरक्षण है और अगर किसी आश्रित को नौकरी मिलती भी है तो वह भी अस्थाई ठेका मजदूरी का ही काम मिलता है. हमारा पूरा जीवन समाज की सेवा में बीत जाता है और उस काम को निभाते हुए कोई हादसा हो जाए तो हमारे लिए दुनिया के सारे रास्ते बंद हो जाते हैं. हम तो बस वोट बैंक बनकर रह गए हैं.”
[५]एनडीएमसी में सफाई कर्मचारियों की भारी कमी है. पहले हर सर्किल में करीब 50 सफाई कर्मचारी होते थे लेकिन आज किसी भी सर्किल में 20-25 कर्मचारी रह गए हैं. इस कारण आठ घंटे की बजाए 13-14 घंटे काम करना पड़ता है. सफाई कर्मचारियों को कभी भी बुला लिया जाता है और अगर कोई असमय आने में असमर्थता जताए तो उसका ठेका खत्म करने की धमकी दी जाती है.
चेना महाराज कहते हैं, “गुलामी और जिल्लत की जिंदगी बहुत हो चुकी है. अब हमारे युवा बगावत करने को उतारु हैं. समाज का भी डर खत्म हो रहा है. कांग्रेस सरकार यह मानकर चलती है कि वाल्मिकी समाज तो उसे ही वोट देगा. इस बार हम कांग्रेस सरकार का यह भ्रम मिटाएंगे. आम आदमी पार्टी में हमें उम्मीद नजर आ रही है. अबकी बार इसे भी काम करने का मौका देकर देखेंगे.”
समाज से आये डॉ अशोक बताते हैं, “ वाल्मिकी समाज साधनविहीन. साफ-सफाई का कार्य ऐसा है जिसमें तरह-तरह का संक्रमण फैलने का डर रहता है. चर्म रोग, फेफड़े और पेट का कैंसर, अस्थमा जैसी बीमारियां तो आम हैं. ऐसा एक भी परिवार नहीं होगा जिसके सदस्य इन बीमारियों की चपेट में न आए हों. यही वजह है कि इनकी औसत आयु 50 साल हो गई है. जो समाज सबको बीमारियों से दूर रखने के लिए अपना जीवन दांव पर लगाता हो क्या उसका इतना भी हक नहीं कि सरकार उसकी बीमारियों के लिए ईलाज का अच्छा इंतजाम करे?”

दिल्ली हाई कोर्ट ने शीला दीक्षित सरकार को झटका देते हुए ऑटो रिक्शा पर विज्ञापन प्रतिबन्ध पर ही रोक लगाई

दिल्ली हाईकोर्ट ने दिल्ली की सरकार को झटका देते हुए ,औटो रिक्शा पर विज्ञापन सम्बन्धी ,सरकार के तानाशाही भरे आदेश पर रोक लगा दी है|आम आदमी पार्टी [आप]की यह दिल्ली सरकार पर पहली जीत मानी जा रही है|
दिल्ली सरकार ने एक आदेश जारी करते हुए आटो के पीछे पोस्टर लगाने को अवैध करार दिया था और कहा था कि इसका उल्लंघन करने वाले चालकों का चालान कटेगा. आज दिल्ली हाईकोर्ट ने सरकार के इस तानाशाही भरे आदेश पर रोक लगा दी है.
आप पार्टी के प्रमुख कार्यकर्ता प्रशांत भूषण ने हाई कोर्ट में चुनौती देते हुए सरकार के इस आदेश को ही अवैध करार दिया. उन्होंने कहा कि सरकार के पास वाहनों पर लगे पोस्टरों या विज्ञापनों को रोकने का अधिकार ही नहीं है. साथ ही उन्होंने सवाल उठाया कि अगर रेडियो टैक्सी या आरटीवी बसों पर कमर्शियल विज्ञापन लगाना वैध है तो फिर भ्रष्टाचार के खिलाफ राजनितिक पोस्टर कैसे अवैध हो सकता है. प्रशांत भूषण ने अपनी याचिका में सरकार के इस आदेश को आटोचालकों की अभिव्यक्ति की आजादी पर हमला करार दिया है|
आप ने सवाल किया है कि जब दिल्ली में रेडियो टैक्सियां विज्ञापनों से रंगी पडी हैं+ आरटीवी पर विज्ञापन लगे हैं,+ आटो पर पोस्टर लगाना अपराध कैसे हो सकता है? क्या सिर्फ इसलिए क्योंकि दिल्ली के आटोचालक आम आदमी पार्टी का साथ दे रहे हैं? सरकार की परेशानी आटो पर लगने वाले विज्ञापन नहीं हैं, बल्कि वह आम आदमी पार्टी से परेशान है. इसीलिए आम आदमी पार्टी ने ऐलान किया था कि भ्रष्टाचार के खिलाफ पोस्टर लगाने पर अगर किसी आटो का चालान कटेगा तो उसे पार्टी भरेगी और आटोचालक को मुफ्त वकील भी उपलब्ध करवाएगी.|सरकार के इस आदेश के बाद से पार्टी लगातार आटोचालकों के साथ खडी है, उनका जुर्माना भी भर रही है और उनके लिए कोर्ट में वकील भी भेज रही है. हालांकि आज हाईकोर्ट के आदेश के बाद अब सरकार किसी आटोचालक का चालान इसलिए नहीं काट पायेगी कि उसके पीछे पोस्टर लगा है.
पार्टी ने आरोप लगाया है कि पोस्टर लगाने पर पुलिस ने तो एक दो ही चालान काटे हैं लेकिन नेताओं के लोग आटो को रोककर उनके पोस्टर फाडने का काम कर रहे हैं. आज सुबह भी संसद का स्टीकर लगी एक गाडी में बैठे कुछ लोग आटो के पीछे लगे पोस्टर फाडते घूम रहे थे. उनकी गाडी में आम आदमी पार्टी के फटे हुए पोस्टर भी पडे थे. तो सवाल यह उठता है कि क्या कांग्रेस के नेताओं को आम आदमी पार्टी के पोस्टरों पर लिखा सच हजम नहीं हो रहा और अब वे सरकारी गाडियों में अपने गुंडे भेजकर ये पोस्टर उतरवा रहे हैं.

ऑटो चालाक के चालान के विरुद्ध “आप “पार्टी न्यायलय जायेगी

आम आदमी पार्टी[आप]अब दिल्ली के ऑटो चालकों के समर्थन में खुल कर आ गई है|आप ने ऑटो चालाक के चालान के विरुद्ध न्यायलय के द्वार खटखटाने की घोषणा की है |पोस्टर लगाने के कारण ऑटो चालक का चालान किया गया है|ऑटो चालक अशोक कुमार को आम आदमी पार्टी ने हर संभव देगी सहायता देने का आश्वासन दिया है|
ऑटो के पीछे पोस्टर नहीं लगाने के दिल्ली की शीला दीक्षित सरकार के तुगलकी फरमान का शिकार सोमवार(17 जून) को दिल्ली के एक ऑटो चालक अशोक कुमार हो गए.| अशोक को ट्रैफिक पुलिस ने दक्षिण दिल्ली के कालकाजी मंदिर की रेडलाइट पर रोका और उनका चालान कर दिया.| चालान रसीद पर पुलिस ने लिखा है कि अशोक कुमार ने अपने ऑटोरिक्शा पर शीला दीक्षित और अरविंद केजरीवाल की तस्वीर वाला एक पोस्टर चिपका रखा है इसलिए उनका चालान किया जाता है.| पुलिस ने अशोक का ड्राइविंग लाइसेंस जब्त कर लिया और उन्हें 10 जुलाई को साकेत कोर्ट में मजिस्ट्रेट के सामने हाजिर होने का आदेश दिया है.
आम आदमी पार्टी ऑटोचालकों को परेशान करने की इस सरकारी कार्रवाई की कड़ी निंदा करती है. पार्टी ने ऑटो के पीछे किसी भी तरह का विज्ञापन लगाने से रोकने वाले शीला दीक्षित सरकार के फरमान को तत्काल प्रभाव से वापस लेने की मांग की है. पार्टी सरकार के इस जनविरोधी आदेश को निरस्त करने संबंधी एक याचिका जल्द ही अदालत में दायर करने वाली है. आम आदमी पार्टी ऑटो चालकों के साथ खड़ी है और उन्हें शीला सरकार द्वारा की जा रही मनमानी से बचाने के लिए हरसंभव सहायता देगी.

अजय माकन ने केन्द्रीय मंत्री मंडल से इस्तीफा दिया:दिल्ली में शीला दीक्षित के विकल्प के रूप में उतारे जाने की सम्भावना

केंद्रीय आवास एवं गरीबी उन्मूलन मंत्री अजय माकन ने केन्द्रीय मंत्री मंडल से इस्तीफा दे दिया है|इससे अटकलों का बाज़ार गर्म हो गया है| ऐसी संभावना जताई जा रही है कि अभी और मंत्री भी इस्तीफा दे सकते हैं ताकि संगठन से कुछ लोगों को मंत्रालय में जगह दी जा सके। दिल्ली की राजनीती में सफल नेता माने जाने वाले माकन को दिल्ली राज्य में “आप” पार्टी के जवाब में देखा जा रहा है| इस्तीफा देने के बाद माकन ने कहा कि उन्होंने पार्टी के काम के लिए इस्तीफा दिया है।माकन (49) इससे पहले गृह राज्य मंत्री थे और बाद में उन्हें खेल एवं युवा मामलों का स्वतंत्र प्रभार संभाला। माकन को पिछले साल अक्टूबर में कैबिनेट दर्जा प्रदान किया गया।आअप पार्टी द्वारा ११ विधान सभा छेत्रों के उम्मीदवारों की सूची जारी किये जाने के दिन ही माकन का इस्तीफा आया है|ऐसे में माना जा रहा है के मुख्य मंत्री श्री मति शीला दीक्षित के रिप्लेसमेंट के रूप में माकन को दिल्ली राज्य में उतारा जा सकता है|
सूत्रों की माने तो युवा माकन को दिल्ली कांग्रेस में उच्च निर्णायक पद दिया जा सकता है|
गौरतलब है के दिल्ली की मौजूदा मुख्यमंत्री श्री मति दीक्षित पिछले 15 सालों से इस पद पर हैं। तीन बार लगातार महिला मुख्यमंत्री बनाने का रिकार्ड बना चुकी हैं|
कहा जाता है के इसी सफलता के चलते अब दिल्ली प्रदेश कांग्रेस के प्रमुख जेपी अग्रवाल और अजय माकन के साथ शीला के साथ संबंध मधुर नहीं हैं। इसके अलावा आम आदमी पार्टी और भाजपा लगातार शीला दीक्षित को निशाने पर ले रही हैं|
दिल्ली की राजनीति में दबदबा रखने वाले ललित माकन[स्वर्गीय] के भाई अजय माकन को यहां पर मुख्यमंत्री शीला दीक्षित के विकल्प के तौर पर भी पेश किया जाता है।

“आप “पार्टी ने शीला दीक्षित की नई दिल्ली में सैंध लगाई: २ दिन में ३ हज़ार स्थानीय प्रभारी बनाये

आम आदमी पार्टी “आप ” ने दिल्ली की मुख्य मंत्री श्री मति शीला दीक्षित[कांग्रेस] की नई दिल्ली विधायकी छेत्र [home turf, ]में सैंध लगाई|पार्टी ने दावा किया है कि मात्र २ दिन में ३ हज़ार स्थानीय प्रभारी बनाये गए हैं | ये प्रभारी आप पार्टी और जनता में पुल की भूमिका निभाएंगे|इन्हें पार्टी की टोपी और पोस्टर्स दिए गए
पार्टी प्रवक्ता अस्वति मुरलीधरन के अनुसार २०० पार्टी कार्यकर्ताओं ने नई दिल्ली की एसेम्बली में घर घर जाकर संपर्क करके ये स्थानीय प्रभारी चुने हैं इन प्रभारियों को निम्न जिम्मेदारी दी गई है
[१]प्रभारी को अपने आस पड़ोस [ vincity ]के १५ से २० घरों में संपर्क सूत्र का बन कर पार्टी के कार्यक्रमों को आगे बढ़ाना होगा
[२]लोगों को संदेहों को दूर करना होगा
[3] आवश्यकता पड़ने पर महिला सुरक्षा फ़ोर्स [WSF] की भूमिका निभाते हुए महिलाओं को सुरक्षा और सहायता प्रदान करेंगे
गौरतलब है कि २ जून को आप पार्टी के अध्यक्ष अरविन्द केजरीवाल ने श्री मति शीला दीक्षित के विरुद्ध चुनाव लड़ने की घोषणा की है इसके साथ ही भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष विजय गोयल को भी त्रिकोणीय मुकाबिले में आने की चुनौती दी है|

कांग्रेस और भाजपा दिल्ली में त्रिकोणीय चुनावी मुकाबिले की “आप” की इच्छा पूरी करने के मूड में नही दिख रहे

आम आदमी पार्टी [आप]के अध्यक्ष अरविन्द केजरीवाल ने दिल्ली की राजनीती में बीते दिन जो लंगर घुमा कर विजय गोयल और शीला दीक्षित को चुनाव लड़ने के लिए ललकारा था उसे मीडिया ने तो हाथों हाथ लिया मगर भाजपा और कांग्रेस केजरीवाल की इस महत्त्वकांक्षा को पूरी करते नही दिख रहे|
बीते दिनों आप पार्टी के अध्यक्ष अरविन्द केजरीवाल ने प्रेस कांफ्रेंस में दिल्ली की मुख्य मंत्री श्री मति शीला दीक्षित के विरुद्ध चुनाव लड़ने की घोषणा करते हुए भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष विजय गोयल को भी त्रिकोणीय [भाजपा+कांग्रेस+आप] मुकाबिले में आने को उकसाया|
लेकिन भाजपा और कांग्रेस ने इस चुनौती को कोई महत्त्व नहीं दिया है|
भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष विजय गोयल ने फोन पर हँसते हुए प्रतिक्रिया देते हुए कहा के अरविन्द केजरीवाल ने जो लंगर घुमाया है उस पर हम कोई प्रतिक्रिया नहीं देते|उधर प्रदेश कांग्रेस के पवन खेडा ने बड़े सधे हुए स्टीरियो टाइप शब्दों में कहा के यह तो लोक तंत्र हैं यहाँ हर किसी को कहीं से भी चुनाव लड़ने की आज़ादी है|यह पूछने पर के क्या आप इस चेतावनी का स्वागत करते हैं तो थोड़ा कर्कश स्वर में पुनः कहा गया के स्वागत या विरोध का कोई प्रश्न नही है यह लोक तंत्र हैं कोई भी कहीं से भी चुनाव लड़ सकता है|
कांग्रेस के राष्ट्रीय प्रवक्ता श्री सलीम ने पुराने आरोप को दोहराते हुए कहा है के साबित हो गया है के आप पार्टी किसके इशारे पर चल रही है|कांग्रेस शुरू से ही अरविन्द केजरीवाल को भाजपा की बी टीम बताती आ रही है|
गौरतलब है के अरविन्द केजरीवाल का यह पहला चुनाव होगा लेकिन फ़िलहाल मीडिया में छाए रहते हैं| दिल्ली विधान सभा के होने वाले चुनाव केजरीवाल के राजनीतिक कद को स्थापित करेंगे | इन चुनावों के नतीजे ही बताएँगे कि उत्साही केजरीवाल का यह कदम आत्मघाती है या राजनीती को बदलने के लिए एक पड़ाव है |

अरविन्द केजरीवाल ने शीला दीक्षित के खिलाफ चुनाव लड़ने की घोषणा करके राजनीती में नया अध्याय खोला

आम आदमी पार्टी [आप]के अध्यक्ष अरविन्द केजरीवाल ने दिल्ली की राजनीती में एक नया अध्याय खोलते हुए मुख्य मंत्री श्रीमती शीला दीक्षित के खिलाफ चुनाव लड़ने का एलान कर दिया है| यह चुनाव राजनीती में केजरीवाल के कद को स्थापितकरेगा| इन चुनावों के नतीजे ही बताएँगे कि उत्साही केजरीवाल का यह कदम आत्मघाती है या राजनीती को बदलने के लिए एक पड़ाव है राजनीती को नई दिशा देने के लिए फ़िलहाल केजरीवाल ने दिल्ली भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष विजय गोएल को भी त्रिकोणीय[ भाजपा + कांग्रेस+आप] मुकाबिले में आने की चेतावनी दे दी है| बेशक प्रेस कांफ्रेंस और सोशल साईट ट्विटर पर किये गए ट्विट के अनुसार अरविन्द केजरीवाल ने श्री मति शीला दीक्षित केखिलाफ चुनाव लड़ने की घोषणा कर दी है|लेकिन पार्टी के नियमो के अनुसार केजरीवाल के बारे में अंतिम फैसला संबंधित विधानसभा क्षेत्र के 100 लोगों के हस्ताक्षर और पार्टी की स्क्रीनिंग कमेटी और राजनीतिक मामलों की समिति के सामने साक्षात्कार के बाद ही होना है |
अरविन्द केजरीवाल का यह पहला चुनाव होगा लेकिन श्री मति शीला दीक्षित तीन बार विधान सभा के चुनाव जीत चुकी हैं [१]1998 के विधानसभा चुनाव में गोल मार्केट सीट से भाजपा के प्रत्याशी कीर्ति आजाद को 5,667 वोटों के अंतर से हराया था | [२]पूनम आजाद को 12,935 वोटों के अंतर से हराया|.
[३] नई दिल्ली सीट से चुनाव लड़ने का फैसला किया. इस सीट पर उन्होंने भाजपा के विजय जौली को 13,982 वोट से हराकर जीत दर्ज की.

दिल्ली की मुख्य मंत्री शीला दीक्षित से ग्यारह करोड़ रुपये वसूले जाएँ :लोकायुक्त मन मोहन सरीन की टेडी नज़र

निजी छवि को सुधारने के लिए छपवाए जा रहे विज्ञापनों में सरकारी धन के दुरूपयोग पर लोकायुक्त ने टेडी नज़र करते हुए दिल्ली कीमुख्य मंत्री शीला दीक्षित से ग्यारह करोड़ की रिकवरी की सिफारिश की है| लोकायुक्त जस्टिस मनमोहन सरीन ने बुधवार को विज्ञापनों में सरकारी धन के दुरुपयोग के मामले में राष्ट्रपति डा . प्रणव मुखर्जी से सिफारिश की है के दिल्ली की मुख्यमंत्री शीला दीक्षित को भविष्य में ऐसा न करने की ‘चेतावनी’ दी जाए और विज्ञापनों पर खर्च सरकारी 11 करोड़ रुपए वसूले जाएँ|आदेश में कहा गया है कि पूरे साल छपे विज्ञापनों में पूरा तारतम्य नजर आता है। लोकायुक्त ने अपने आदेश में कहा कि शीला दीक्षित ने न तो अपने ऊपर लगाए आरोपों को झूठा साबित करने की कोशिश की और न ही अभियान से संबंधित लेख के संबंध में यह सबूत पेश किए कि वह उनकी अनुमति के बगैर लिखा गया।
पिछले विधानसभा चुनाव वर्ष में विज्ञापनों पर 22 करोड़ 56 लाख रुपए खर्च किये गए थे इसका करीब 50 % रिकवर किये जाने की संतुति की गई है| इसे राजनीतिक फायदे के लिए खर्च किया बाते गया है| यह भी सुझाव दिया गया है कि यदि इस राशि को पर्याप्त न समझें तो राष्ट्रपति ज्यादा वसूलने का आदेश दें।
लोकायुक्त ने विज्ञापनों में सरकारी धन के इस्तेमाल को लेकर दिशानिर्देश बनाए जाने की भी सिफारिश की है
।’बदल रही है दिल्ली’,+ ‘परिवर्तन की डोर टूटे ना’,+ ‘डोन्ट स्टॉप क्लीन दिल्ली,+ ग्रीन दिल्ली’, आदि दर्जनों स्लोगन युक्त विज्ञापनों से शहर पटा हुआ दिखाई दे रहा था। इससे दिल्ली सरकार ने जनता के समक्ष सिर्फ अपनी पार्टी की बेहतर छवि बनाने के रूप में प्रयोग किया।77 पेज की मामले की सुनवाई व आदेश में उदय सहाय द्वारा लिखे गए लेख का उल्लेख करते बताया गया है कि मुख्यमंत्री ने एंटी इन्कम्बंसी फेक्टर को कम करने के लिए रणनीति तैयार की थी और उसके असर को कम करने के लिए इसे प्रचार अभियान में तब्दील किया।
भाजपा के तत्कालीन प्रदेश अध्यक्ष विजेंद्र गुप्ता की याचिका पर कराई जांच के आधार पर लोकायुक्त ने ७७ पेज के अपने आदेश में यह सिफारिश की है। गुप्ता ने आरोप लगाया था कि नवंबर २००८ के विधानसभा चुनाव में राजनीतिक फायदा पाने के लिए विज्ञापन अभियान में मुख्यमंत्री शीला दीक्षित ने अपने पद और सरकारी धन का दुरूपयोग किया। चुनाव के बाद जून, २००९ में एक अखबार में सूचना एवं प्रचार निदेशालय के निदेशक उदय सहाय के एक लेख को इस मामले का आधार बनाया गया, जिसमें यह बताया गया कि किस तरह सरकारी विज्ञापनों को रणनीति के तहत अभियान की तरह चलाया गया।

आप पार्टी के आन्दोलन कारियों को दिल्ली के विधायकों ने धकियाया +धमकाया+ गुंडों से पिटवाया और पोलिस से पकड़वाया

आम आदमी पार्टी [आप] ने आज दिल्ली के विधायकों का घेराव किया जिसके फलस्वरूप अनेकों ने धमकाया एक आध ने पानी पिलाया तो कुछ नेताओं ने पोलिस का सहारा लेकर आन्दोलन कारियों को थाणे भी पहुंचाया |
आप पार्टी ने अपनी पूर्व घोषणा के अनुसार आज विधायकों का घेराव किया और बिजली पानी के बिलों की सर्पाकार रफ़्तार के साथ महिलाओं की सुरक्षा पर सवाल किये गए लेकिन पार्टी की प्रवक्ता अस्वति मुरलीधरन के अनुसार ज्यादातर विधायकों ने अपने छेत्र के वोटरों से मिलने से भी इंकार कर दिया|शान्ति पूर्वक आन्दोलन कर रहे कार्यकर्ताओं को पोलिस और अपने दबंगों के बल पर तितर बितर भी किया|
पार्टी ने कुछ उदहारण भी दिए हैं
शाहदरा में कांग्रेस के विधायक नरेन्द्र नाथ ने महिलाओं और बच्चो को भी नही बक्शा |२० कार्यकर्ताओं को गिरफ्तार भी करा दिया गया| +सोमेश शौकीन ने तो पार्टी के कार्यालय आकर सबको धमकाया जिसके खिलाफ १०० नंबर पर ऍफ़ आई आर दर्ज़ करा दी गई है|मालवीय नगर में विधाक किरण वालिया के दबंगों ने आन्दोलन कारियों को निर्दयता से पीटा |तीन कार्यकर्ता घायल हुए हैं|
चीफ मिनिस्टर शीला दीक्षित के आवास की तरफ कूच करने वाले कार्यकर्ताओंको मार्ग में ही रोक कर तुगलक रोड पोलिस स्टेशन में भिजवाया गया| २० कार्यकर्ताओं को हिरासत में लिए गया है| हैल्थ मिनिस्टर एक के वालिया[लक्ष्मी नगर] और रमेश बिदुरी[तुगलकाबाद ] के आवास के बाहर आँदोल कारियों को रोकने के लिए भारी पोलिस बंदोबस्त किया गया था जिसके दम पर आन्दोलन कारियों के म्यूजिक सिस्टम तोड़ डाले गए|गाँधी नगर के विधायक के घर की तरफ जाने वालों को कल्याण पूरी पोलिस स्टेशन ले जाया गया|

भाजपा के विधायक प्रो. विजय कुमार मल्होत्रा

के निवास पर पहुंचे आन्दोलन कारियों को बैठा कर पानी पिलाया गया और उनके बात सुन कर कार्यवाही का आश्वासन दे कर उन्हें लौटाया गया |
इस आन्दोलन के प्रति प्रतिक्रया जानने के लिए

मुख्य मंत्री निवास

पर फोन किया गया तो प्रेस मामलों को देख रहे श्री सत्यपाल ने बताया कि आप पार्टी ने सरकार को कोई लिखित में तो सूचना नहीं दी थी और ना ही इस सम्बन्ध में सरकार को कोई मांग पत्र ही दिया गया है इसीलिए इस पर प्रतिक्रया जरुरी नहीं है|
उन्होंने बताया कि आप पार्टी द्वारा रोजाना स्टैंड बदल लिया जाता है |सत्यपाल ने राजनीति का आरोप लगाते हुए कहा कि आप पार्टी ने चुनाव की तैयारी स्वरुप इस आन्दोलन को चलाया है अब चुनावों में सब दूध का दूध और पानी का पानी हो जाएगा|
आप पार्टी ने दिल्ली के ७० विधायकों का घेराव करने की घोषणा की थी पार्टी की विज्ञप्ति में घेरे गए विध्य्कों कि संख्या नही बताई गई है इस सम्बन्ध में प्र्यस्कराने के उपरान्त भी पार्टी से संपर्क नही हो पाया

शीला दीक्षित अपने घर में सोती रह गई और आप के पांच ने साडे दस लाख पत्र डिलीवर भी कर दिए


झल्ले दी झल्लियाँ गल्लां

आम आदमी पार्टी का एक चीयर लीडर

ओये झल्लेया देखा हसाडी टोपी और लाठी का कमाल \ओये दिल्ली की मुख्य मंत्री श्रीमती शीला दीक्षित अपने घर में सोती रह गई और हसाड़े पञ्च बड़ों ने असहयोगियों के साडे दस लाख पत्र डिलीवर भी कर दिए ओये अब तो हसाडी राजनीति को मानता है की नही?

झल्ला

हाँ चतुर सुजान जी बेशक आप साडे दस लाख पत्रों की डिलीवरी पर जश्न मना सकते हो लेकिन अब एक तो मुद्दा आपके हाथ से निकल गया |बाल दिल्ली की सरकार के पाले में आ गई है| कोई शक नहीं अब वहां इन पत्रों का पोस्ट मार्टम शुरू कर दिया जाए|