[नई दिल्ली]राष्ट्रपति ने पर्यावरणविद् श्री चंडी प्रसाद भट्ट को गांधी शांति पुरस्कार, 2013 से सम्मानित किया |एक करोड़ रुपए नकद, एक पट्टिका और एक प्रशस्ति-पत्र भी दिया गया
श्री प्रणब मुखर्जी ने आज राष्ट्रपति भवन के दरबार हॉल में सुप्रसिद्ध गांधीवादी और पर्यावरणविद् श्री चंडी प्रसाद भट्ट को गांधी शांति पुरस्कार, 2013 प्रदान किया।
महात्मा गांधी के नाम पर गांधी शांति पुरस्कार 1995 में शुरू किया गया था और यह पुरस्कार भारत सरकार के संस्कृति मंत्रालय द्वारा हर वर्ष प्रदान किया जाता है। यह पुरस्कार अहिंसा और अन्य गांधीवादी तरीकों से सामाजिक, आर्थिक और राजनीतिक परिवर्तन की दिशा में योगदान के लिए व्यक्तियों और संस्थाओं को दिया जाता है। इस पुरस्कार के अंतर्गत एक करोड़ रुपए नकद, एक पट्टिका और एक प्रशस्ति-पत्र दिया जाता है। एक करोड़ रुपए की राशि को विश्व की किसी भी मुद्रा में परिवर्तित कराया जा सकता है।गांधीवादी पर्यावरणविद् और सामाजिक कार्यकर्ता श्री चंडी प्रसाद भट्ट भारत में पर्यावरण अभियान के संस्थापकों में से एक है। महात्मा गांधी के शांति और अहिंसा दर्शन के सच्चे अनुयायी श्री भट्ट गढ़वाल हिमालय में वनों की कटाई को अहिंसक तरीकों से रोकने के चिपको अभियान के एक नेता है। वे 1970 के शुरू में वनों को काटने से रोकने के लिए वृक्षों से चिपक जाते थे।
श्री भट्ट, जो 80 वर्ष की आयु के है, अभी भी अपने मिशन में सक्रिय है और उत्तराखंड के विभिन्न भागों और अन्य क्षेत्रों में सामाजिक और पर्यावरण के मुद्दों पर बैठकों और अभिभाषणों में भाग लेते है। गांधीवादी सिद्धांत के अनुयायी के रूप में वे बहुत ही साधारण जीवन व्यतीत करते है और गांधीवादी सिद्धांतों के सच्चे मार्गदर्शक है। वे पर्यावरणविदों और व्यापक रूप से देश के लिए प्रेरणा का एक बड़ा स्त्रोत हैं।
श्री चंडी प्रसाद भट्ट का जन्म 1934 में हुआ। उन्हें 1982 में रेमन मैगसेसे पुरस्कार प्रदान किया गया था। सन् 2005 में उन्हें पद्म भूषण से भी सम्मानित किया गया था। वे भारत के पहले आधुनिक पर्यावरणविदों में से एक हैं।
इस अवसर पर पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह, संस्कृति और पर्यटन राज्य मंत्री(स्वतंत्र प्रभार) श्री श्रीपाद येशो नाइक, संस्कृति सचिव श्री रवीन्द्र सिंह, विभिन्न देशों के राजनयिक और जीवन के विभिन्न क्षेत्रों के गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे।
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