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चो.अजित’ ने भाई ‘मोदी’ को आंकड़ों का अज्ञानी बताया

[लखनउ,यूपी]चौधरी अजित’ ने ‘भाई मोदी’ को आंकड़ों का अज्ञानी बताते हुए कहा के मोदी को नहीं है आंकड़ों की जानकारी
राष्ट्रीय लोकदल के मुखिया और पूर्व सिविल एविएशन मंत्री अजित सिंह ने कहा कि अक्सर अपने बयानों में विरोधाभासी आंकड़े देने वाले मोदी को तथ्यों की जानकारी नहीं रहती।
सिंह ने यहां प्रेस कांफ्रेंस में कहा कि प्रधानमंत्री ने हाल में सहारनपुर में अपनी रैली के दौरान कहा कि किसानों का 700 करोड़ रपये गन्ना मूल्य बकाया रह गया है।
खबरों में आया कि 700 नहीं बल्कि पांच हजार करोड़ रपये बकाया है।
फिर मोदी स्वतंत्रता दिवस पर लालकिले से कहते हैं कि उन्होंने किसानों के बकाया का 99 % मूल्य अदा करवा दिया है।
सिंह ने उत्तर प्रदेश में समाजवादी सरकार पर हमाल बोलते हुए कहा कि उत्तर प्रदेश में भ्रष्टाचार, गुंडागर्दी और अपराध चरम पर है।
यह खुद सपा मुखिया मुलायम सिंह यादव, मुख्यमंत्री अखिलेश यादव और कैबिनेट मंत्री शिवपाल सिंह यादव स्वीकार कर रहे हैं।
सवाल यह है कि इस स्थिति के लिये जिम्मेदार कौन है।
पूर्व केन्द्रीय मंत्री ने अजित प्रदेश में विकराल हुई बाढ़ के लिये भ्रष्टाचार को जिम्मेदार ठहराते हुए कहा कि बांधों के रखरखाव के लिये आबंटित धनराशि को जिम्मेदार लोग हड़प कर गये।
उत्तर प्रदेश के बंटवारे की वकालत करते हुए राज्य पुनर्गठन की मांग एक बार फिर उठाई |उन्होंने कहा कि आबादी के लिहाज से उत्तर प्रदेश की प्रशासनिक व्यवस्था को बेहतर करने के लिये उसका पुनर्गठन जरूरी है
फाइल फोटो

राष्ट्रीय लोक दल १६वीं लोकसभा के चुनावों में मिली करारी हार के गम से अभी उभर नहीं पाया

[नई दिल्ली]लोक सभा के चुनावों में करारी हार के पश्चात कांग्रेस ने ,लगता है कि उत्तर प्रदेश में ,अपने सहयोगी छेत्रिय दलों को तलाक देना शुरू कर दिया है शायद इसीलिए उत्तर प्रदेश में होने जा रहे विधान सभा [१२] और लोक सभा [१]के उपचुनाव अकेले लड़ने का फैसला किया है |
सत्ता रुड समाजवादी पार्टी अकेले ही चलने के मूड में हैं जबकि बसपा ये चुनाव लड़ने का मूड बना ही नहीं पा रही है जहां तक बात रालोद की है तो यह दल अपनी हार के बाद से अभी तक सम्भल नहीं पाया है |शायद इसीलिए पश्चिमी उत्तर प्रदेश के एक आध जिले में गणना किसानो को लेकर छोटे मोटे विरोध जरूर दर्ज कराये जा रहे हैं |इस दल के हरित प्रदेश+हाई कोर्ट बेंच + एयर पोर्ट +जाट आरक्षण+गन्ना किसानो के कल्याण सम्बंधित अनेकों मुद्दे ठन्डे बस्ते में पढ़े हुए हैं |
कांग्रेस और सपा ने मोदी की सुनामी में भी बेशक अपने पारिवारिक सदस्यों को लोक सभा में पहुँचाने में सफलता हासिल कर ली मगर राष्ट्रीय
लोक दल के मुखिया और केंद्रीय मंत्री चौधरी अजित सिंह और उनके पुत्र जयंत चौधरी जीत दर्ज नहीं करा पाये |चौधरी अजित सिंह को पोलिस अधिकारी सत्यपाल सिंह तो जयंत को हेमा मालिनी[मथुरा] ने उनके अपने पारम्परिक गढ़ों में हराया \
शायद इसीलिए यह दल अभी तक हार के गम में ही डूबा दिखाई दे रहा है
शायद इसीलिए इस पार्टी की ऑफिसियल वेबसाइट पर अपडेट्स आने बंद हो गए हैं
[१]वेबसाइट पर लेटेस्ट अपडेट्स के अनुसार अंतिम बार १८ जून को प्रेस रिलीज़ जारी की गई थी
[२]२२ अप्रैल को इवेंटपब्लिक मीटिंग की सूचना दर्ज है
[३] भूत पूर्व सांसद हो चुके जयंत चौधरी जनरल सेक्रेटरी के नाम के आगे आज भी एम पी लिखा है
[४] चौधरी अजित सिंह राष्ट्रीय अध्यक्ष के नाम के साथ यूनियन मिनिस्टर ऑफ़ सिविल एविएशन दर्ज है|
बिहार की तरह नरेंद्र मोदी के खिलाफ यूं पी मेंभी सपा+बसपा+रालोद +कांग्रेस की चौकड़ी बनाने की खबरें आई लेकिन बसपा के इंकार के बाद अब इसकी संभावनाएं कही नहीं दिख रही |देर से ही सही भाजपा के यमुना सफाई अभियान की बधाई दी गई थी लेकिन उसके भी अभी तक कोई सकारात्मक परिणाम नहीं आये हैं |
इस विषय में रालोद में जब फ़ोन किया गया तो पहले एक्सचेंज[एस पी सिंह] फिर सम्भवत पी ऐ [वर्माजी ]और उसके बाद जयंत चौधरी को फ़ोन फॉरवर्ड करने के बजाय शून्य और फ़ोन कट इस प्रतिक्रिया की अनेकों बार पुनरावृति हुई

कपिल सिब्‍बल+अजीत सिंह सहित १६ पूर्व मंत्रियों पर सरकारी आवास खाली नहीं करने पर मार्किट रेंट लगाने की तैयारी

कपिल सिब्‍बल+अजीत सिंह सहित १६ पूर्व मंत्रियों पर सरकारी आवास खाली नहीं करने पर मार्किट रेंट लगाने की तैयारी
भारत सरकार के शहरी विकास मंत्रालय द्वारा 16 पूर्व मं‍त्रियों को आवास खाली करने का नोटिस, जारी किया गया है
अनधिकृत कब्जेदारों से प्रतिमाह 21 लाख रूपये के हर्जाने की देनदारी तय की गई है|
संयुक्‍त प्रगतिशील गठनबंधन [UPA ]सरकार के 16 पूर्व मंत्री अब एक माह से अधिक अ‍वधि के लिए सरकारी बंगले में अनधिकृत रूप से रह रहे हैं और उन्‍हें बंगला खाली करने का नोटिस दिया गया है। शहरी विकास मंत्री एम वेंकैया नायडू ने आज लोकसभा में एक प्रश्‍न के लिखित उत्‍तर में यह जानकारी दी। श्री नायडू ने यह भी बताया कि इन मंत्रियों को 26 जुलाई 2014 तक अनधिकृत रूप से ठहरने को लेकर प्रतिमाह 20,92,463 रूपये का कुल हर्जाना देना होगा। उन्‍होंने कहा कि यह हर्जाना राशि श्री लालचंद कटारिया के टाईप-5 आवास के लिए 53,250 रूपये प्रतिमाह से लेकर श्री जयपाल रेड्डी के टाईप-3 आवास के लिए 2,43,678 रूपये तक है।
ऐसे बंगलों के अवैध कब्‍जे में शामिल अन्‍य पूर्व मंत्री हैं- श्री कपिल सिब्‍बल, श्री अजीत सिंह, डॉ. फारूक अब्‍दुल्‍ला, श्री बेनी प्रसाद वर्मा, श्री पल्‍लम राजू, डॉ. गिरिजा व्‍यास, श्रीमती कृष्‍णा तीरथ, श्री एस के जेना, श्री सचिन पायलट, श्री जितेन्‍द्र सिंह, श्री प्रदीप जैन आदित्‍य, श्री पोरिका बलराम नाईक, श्री किल्‍ली कृपारानी और श्री मानिकराव होडया गावित।
श्री नायडू ने बताया कि अन्‍य 21 पूर्व मंत्री सामान्‍य पूल वाले बंगलों में रह रहे हैं और उन्‍हें संबंधित आवास समितियों द्वारा उपलब्‍ध कराये गये अपने अधिकृत आवास में जाने के लिए 15 दिनों का समय दिया गया है। ऐसे पूर्व मंत्री जो राज्‍यसभा अथवा लोकसभा के सदस्‍य हैं उन्‍हें अपने संबंधित पूलों से आवास प्राप्‍त करने की सलाह दी गई है। इन पूर्व मंत्रियों में शामिल हैं- श्री ए के एंटनी, श्री गुलाम नबी आजाद, श्री मल्लिकार्जुन खडगे, श्री वीरप्‍पा मोइली, श्री व्‍यालार रवि, श्री ऑस्‍कर फर्नांडिज, श्री जयराम रमेश, श्री ज्‍योतिरादित्‍य सिंधिया, श्री के वी थॉमस, श्री के रहमान खान, श्री के एच मुनियप्‍पा, श्री शशि थरूर, डॉ. के चिंरजीवी, श्री मुल्‍लापल्‍ली रामचंद्रन, श्री राजीव शुक्‍ला, श्री अधीर रंजन चौधरी, श्री ए एच खान चौधरी, श्री निनोन इरिंग, डॉ. ई एम सुदर्शन नचिअप्‍पन, श्री के सी वेनूगोपाल और श्री जे सीलम।

त्रिलोक त्यागी ने समाजवादी पार्टी की साईकिल छोड़ कर रालोद का हैण्ड पम्प थामा

त्रिलोक त्यागी ने समाजवादी पार्टी की साईकिल छोड़ कर रालोद का हैण्ड पम्प थामा |
समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव रहे त्रिलोक त्यागी आज अपने समर्थकों के साथ रालोद में शामिल हुए|
राष्ट्रीय लोकदल[रालोद] के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं केन्द्रीय नागर विमानन मंत्री चौ. अजित सिंह जी के आवास पर आज त्रिलोक त्यागी अपने समर्थकों के साथ रालोद में शामिल हो गए। इस मौके पर रालोद अध्यक्ष चौ. अजित सिंह जी तथा रालोद महासचिव एवं लोकसभा सांसद जयन्त चौधरी भी उपस्थित थे।
त्यागी के अनुसार सपा की जनविरोधी नीतियों के चलते उन्होंने रालोद से जुड़ने का निर्णय लिया है।
उन्होंने कहा है कि सपा सरकार पश्चिमी उत्तर प्रदेश के साथ अन्याय कर रही है। पश्चिमी उत्तर प्रदेश में अब तक गन्ने का बकाया भुगतान नहीं किया गया है। यहां से 85 % राजस्व का अर्जन होता है लेकिन इसके विकास पर 15 से 17 % ही धन खर्च किया जाता है। जितना धन पश्चिमी उत्तर प्रदेश पर खर्च किया जाता है उतना मध्य उत्तर प्रदेश के एक-एक जिले पर खर्च किया जाता है। त्यागै ने आरोप लगाया कि सपा मुखिया अपने भाईयों और कुछ लोगों के प्रभाव में आ चुके हैं। सपा अब अपराधियों की पार्टी बन गई है तथा अच्छे लोगों की उपेक्षा की जा रही है।
श्री त्रिलोक त्यागी के नेतृत्व में सपा के उत्तर प्रदेश के महामंत्री सुधाकर त्यागी, खेकड़ा ब्लॉक प्रमुख आशाराम त्यागी, चौ. अनूप सिंह, लोहिया वाहिनी के राष्ट्रीय सचिव अमित त्यागी, गाजियाबाद जिला बार एसोसिएशन के पूर्व अध्यक्ष रामशरण शर्मा, जाकिर चौधरी डबारसी, गाजियाबाद के जिला उपाध्यक्ष ओडी त्यागी, मो. कदीर प्रधान पिपलैड़ा, पवन शर्मा, विजेन्द्र यादव, जितेन्द्र त्यागी, लुकमान चौधरी मसूरी, नजरियाब प्रधान तथा आबिद प्रधान आदि रालोद में शामिल हुए।

राष्ट्रीय लोक दल [रालोद]ने बिजनौर से संजय चौहान का पत्ता काट कर जयाप्रदा का ग्लेमर कार्ड खेला

राष्ट्रीय लोक दल [रालोद]ने बिजनौर से संजय चौहान का पत्ता काट कर जयाप्रदा का ग्लेमर कार्ड खेला राष्ट्रीय लोक दल के राष्ट्रीय अध्यक्ष चौधरी अजित सिंह ने १६ वी लोक सभा के लिए प्रत्याशियों की पहली सूची जारी कर दी है इस सूची में सात नाम शामिल किये गए हैं कांग्रेस के साथ हुए समझौते के अनुसार रालोद आठ सीटों पर चुनाव लड़ेगा| अमरोहा से प्रत्याशी के नाम के लिए सम्भवत दूसरी सूची जारी की जायेगी|
क्र. लो.स .छेत्र प्रत्याशी
[१]=====[२]====कैराना श्री करतार सिंह भड़ाना
[२]=====[४]====बिजनौर श्रीमती जया प्रदा
[३]=====[११]===बागपत चौधरी अजित सिंह[राष्ट्रीय अध्यक्ष]
[४]=======१४]=====बुलंदशहर श्रीमती अंजू उर्फ़ मुस्कान
[५]======[१८]=====हाथरस श्री निरंजन धनकड़
[६]=======[१७]=======मथुरा जयंत चौधरी[उपाध्यक्ष]
[७]========फ़तेह पुर सिकरी श्री अमर सिंह

ठाकुर अमर सिंह और चौधरी अजित सिंह के हाथ मिलाने से “यूं पी विभाजन” को मुद्दा बनाने की सम्भावना बनी

सपा की साइकिल से उतारे गए कांग्रेस के हाथ से झटके गए कभी किंग मेकर रहे ठाकुर अमर सिंह ने रालोद के हैण्ड पंप को चलाने का अवसर प्राप्त करने में सफलता हासिल कर ली है |अमर सिंह अब यूं पी ऐ के लिए वोट निकालने को रालोद का हैण्ड पंप चलाएंगे| अमर सिंह के साथ पूर्व सिने तरिका + सांसद ज्याप्रदा भी हैं| माना जा रहा है कि बेशक इस नए समीकरण से चौधरी अजित सिंह और कांग्रेस को कुछ फायदा हो सकता है लेकिन इस नए समझौते की सतह में एक नया मुद्दा तलाशने की सम्भावना भी बनती दिख रही हैं और वोह मुद्दा यूं पी के बंटवारे और हरित प्रदेश के छोटे राज्य के रूप में सामने आ सकता है|
इस नए मुद्दे को अमर सिंह ने प्रेस कांफ्रेंस में हवा भी दे दी है उन्होंने यूपी के विभाजन से किसानों के भले की बात कही है इसके अलावा रालोद के सांसद जयंत चौधरी भी जाट आरक्षण से उत्साहित होकर आज कल छोटे राज्य के लिए वकालत कर रहे हैं |भाजपा यूं पी विभाजन के लिए पहले ही सहमति दे चुकी है लेकिन सत्ता रूड “सपा” के चीफ मिनिस्टर अखिलेश यादव यूं पी के बंटवारे के विरुद्ध ब्यान दे रहे हैं ऐसे में इस सरकार को घेरने के लिए छोटे राज्य की मांग को मुद्दा बनाया जा सकता है|
बीते दिन एक दिल्ली के अपने निवासपर प्रेस कांफ्रेंस करके चौधरी अजित सिंह ने ठाकुर अमर सिंह और जया प्रदाको पार्टी में शामिल करने की घोषणा की| अमर सिंह कभी सत्ता रूड समाजवादी पार्टी के सुप्रीमो मुलायम सिंह यादव के अति करीबी रहे हैं लेकिन अब प्रधान मंत्री बनने की मुलायम सिंह की महत्वकांक्षा में रोड़ा बनेंगे| माना जा रहा है कि १६ वी लोक सभा के चुनावों में अमर सिंह फतेहपुर सीकरी से ताल ठोकेंगे, तो जयाप्रदा को बिजनौर से उतारा जा सकता है |
अमर सिंह की कोशिश कांग्रेस में शामिल होकर जगह बनाने की थी परन्तु उनके लिए केंद्र में सत्तारूढ़ पार्टी के हाथ का साथ नहीं मिला इसके विपरीत कांग्रेस जयाप्रदा को पार्टी में शामिल करने को राजी थी,| ज्या ने अपने राजनीतिक संरक्षक अमर सिंह का साथ छोड़ने से इंकार कर दिया | इस राजनीतिक नाकामी के बाद अमर+जया ने कांग्रेस में शामिल होने के लिए रालोद को बैकडोर की तरह इस्तेमाल किया क्योंकि वर्त्तमान में रालोद भी यूं पी ऐ की सहयोगी पार्टी है| रालोद को भी स्टार प्रचारक और रणनीतिकार मिल गए है। पार्टी में शामिल होने के बाद जयाप्रदा ने अमर सिंह को राजनीतिक गुरु और अजित सिंह को अपना नेता बताया हैं।
कांग्रेस और रालोद के बीच हुए चुनावी समझौते के अंतर्गत उत्तर प्रदेश की 80 सीटों में प उ प्र.की ओनली आठ सीटों पर अजित सिंह की पार्टी की दावेदारी स्वीकार की गई है | रालोद के लिए[१] बागपत[२] कैराना[३] बिजनौर[४]नगीना[५]अमरोहा[६]हाथरस[७]मथुरा [८] बुलंदशहर सीटें आई हैं
गौरतलब है कि २००९ के चुनावों में १० सीटों पर लड़े रालोद पांच सीटें जीत पाई इनमे से भी दो सांसदो ने रालोद को छोड़ कर सपा का दामन थाम लिया |२०१४ के चुनावों के लिए रालोद २० सीटों का दावा करती रही है लेकिन कांग्रेस ने केवल आठ सीटों पर ही हामी भरी है|
अमरोहा से २००९ में रालोद के टिकेट पर विजयीरहे देवेन्द्र नागपाल ने सपा ज्वाइन कर ली है और इस बार चुनाव नहीं लड़ने की घोषणा की हुई हैजाहिर है उनका समर्थन सपा के लिए रहेगा |इससे इस सीट को रालोद के लिए सुरक्षित नहीं कहा जा सकता जबकि बिजनौर से संजय चौहान की दावे दारी कमजोर मानी जा रही है इसीलिए संजय को अमरोहा शिफ्ट किया जा सकता है और बिजनौर की सुरक्षित सीट से जया प्रदा को लड़ाया जा सकता है
फतेहपुर सीकरी संसदीय सीट से पिछले चुनाव में बसपा की सीमा उपाध्याय ने बाजी मारी थी, जबकि कांग्रेस के राजबब्बर दूसरे स्थान पर रहकर सिर्फ 10 हजार मत से हारे थे। इस ठाकुर बहुल सीट से अमर सिंह ताल ठोक सकते हैं अजित सिंह और जयंत चौधरी के लिए बाघपत और मथुरा सुरक्षित रहेंगी

सरकार को वोट और चुनावों से पहले जाटों को नौकरियां मिलें तो मान लेंगे कि जाटों को आरक्षण मिल गया

झल्ले दी झल्लियां गल्लां

रालोदाईचीयर लीडर

ओये झल्लेया मुबारकां ओये आज तो दीवाली+दशहरा +होली+ईद सभी त्यौहार एक साथ मनाने का दिल कर रहा है ओये हसाडे छोटे चौधरी अजित सिंह की मेहनत रंग ले ही आई हुन ते हसाडे पिछड़े जाट समाज को भी ओ बी सी की लिस्ट में शामिल कर लिया जायेगा अब तो [१]उत्तर प्रदेश[२] हरियाणा[३] हिमाचल प्रदेश,[४]मध्य प्रदेश[५] गुजरात,[६]उत्तराखंड [७]राजस्थान[८]दिल्ली[9] बिहार[१०] पंजाब , में जाटों की हो जाणी है बल्ले बल्ले

झल्ला

अरे म्हारे भोले चौधरी यूं डॉ मन मोहन सिंह की अध्यक्षता वाली केबिनेट ने काम तो वाकई बधाई का ही कर दिया है लेकिन एक पुरानी कहावत के मध्यनजर इस रिजर्वेशन के बाद अगर नौकरियां मिलें तो “झल्ला”अपने आप भंगड़ा डालने लगेगा वैसे झल्लेविचारानुसार रालोद+कांग्रेस को वोट और चुनावों से पहले ओनली चौधरी अजित सिंह के कब्जे वाले मंत्रालय में ही जाटों को नौकरियां मिलें तब भी मान लेंगे

चौधरी अजित सिंह अरबों रुपयों की लेनदारी तो वसूल नहीं पा रहे अब एयर इंडिया के निजी करण के लिए बयानों के लट्ठ घुमा रहे हैं


झल्ले दी झाल्लियाँ गल्लां

वाम पंथी चिंतित नेता

ओये झल्लेया ये चौधरी अजित सिंह को कौन सा कीड़ा काट गया ओये अच्छे खासे चलते चलते अब सरकारी करियर एयर इंडियाका निजीकरण करने पर तुल गए हैं|ओये[१] निजी एयर लाइन्स से दो हज़ार करोड़ की लेन दारी इनसे वसूली नही जा रही[२] ड्रीम लाइनर की एवज में बोइंग कंपनी से हर्जाना माँगा नहीं जा रहा[३] इनसे विदेशी निवेश लाया नहीं जा रहा[४] अपने गृह प्रदेश के साथ मंडल में भी छोटे एयर पोर्ट के निर्माण के लिएइनकी दाल नहीं गल रही ऐसे में अब ये महाशय एयर इंडिया के ही निजी करण के लिए लट्ठ घुमाने लग गए हैं|सिविल एविएशन मंत्री की हेसियत से चौधरी अजित सिंह ने चुनावों से मात्र छह महीने पहले मीडिया के समक्ष फरमाया है कि यदि राजनितिक इच्छा शक्ति जागृत हो जाये तो एयर इंडिया को ज़िंदा रखने के लिए इसका निजी करण किया जाना चाहिए|ओये ये लोग अपने खर्चे तो कम नहीं कर रहे उलटे बड़े जहाज भर कर लोगों को फ्री में लन्दन तक की सैर करा रहे हैं और अपनी पार्टी के लिए निशुल्क पब्लिसिटी लेने में लगे हैं और दूसरी तरफ ऐसे कर्मचारी विरोधी ब्यान देने में लगे हैं|

झल्ला

ओ मेरे भोले कामरेड ये तो आप जी ने भी मान लिया कि चुनाव आ रहे हैं ऐसे में चौधरी अजित सिंह की सारी उड़ानों पर पाबन्दी लगनी शुरू हो गई है| बेशक इनकी एयर इंडिया बेल आउट की मोहताज है लेकिन इसके बावजूद कंपनी ने बीते दिनों साडे छह हज़ार करोड़ रुपयों के बेल आउट की मांग कर दी इसमें से जितनी राशि इस वर्ष दी जानी थी उस पर भी वित्त मंत्रालय ने वीटो लगा दिया | चुनावों में इनकी पार्टी तीन सांसदों को तेरह करने में जुटी है मगर उत्तर प्रदेश में सपा की साइकिल से बार बार धकेला जा रहा हैअब ये तो आप भी मानोगे कि २००९ में दस सीटों पर चुनाव लड़ा पांच पर जीते इनमे से भी दो भाग गए अब बचे तीन इन्हें तेरह करके ही अगली संसद में दाएँ तरफ अच्छी सीट मिल सकेगी इसीलिए लगता है कि चौधरी अजित सिंह जिस तरह बयानों के लट्ठ घुमा रहे हैं उन्हें यूं पी ऐ से पर्याप्त सीटें नहीं मिल रही |कांग्रेस का बाहर से समर्थन कर रही सपा के चलते जाट और मुस्लिम समीकरण भी बिगड़ गया है ऐसे में कामरेड नए विकल्प तलाशना तो जायज है और उसके लिए इस प्रकार से भूमिका बाँधना तो बनता ही हैक्यों ठीक है न ठीक ?