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“आप” पार्टी पंजाब फतह करने के लिए भी क्या साम्प्रदायिक तनाव पैदा करेगी ?

[नई दिल्ली,फगवाड़ा]”आप” पार्टी पंजाब फतह करने के लिए भी क्या साम्प्रदायिक तनाव पैदा करेगी ?
क्योंकि आम आदमी पार्टी की एक के बाद एक राजनितिक महत्वकांक्षाओं की परतें खुलने लग गई हैं जिन्हें पूरा करने के लिए पार्टी पर देश में साम्प्रदायिक सौहार्द बिगाड़ने के आरोप लगने शुरू हो गए हैं |पार्टी पर कम्युनल कार्ड खेलने के आरोप लग रहे हैं |
कांग्रेस ने तो “आप” की राजनितिक मान्यता छीनने की मांग कर डाली है|
पंजाब प्रदेश कांग्रेस समिति [पीपीसीसी]ने स्थानीय उपसंभागीय मजिस्ट्रेट [एसडीएम]को एक ज्ञापन सौंपकर आम आदमी पार्टी की मान्यता रद्द करने की मांग की है|
कांग्रेस का कहना है कि आप ‘‘तुच्छ राजनीतिक फायदे’’ के लिए पंजाब राज्य में ‘‘सांप्रदायिक दंगे’’ भड़काना चाहती है।
पीपीसीसी के सदस्य जरनैल नांगल के नेतृत्व वाले प्रतिनिधिमंडल ने एसडीएम बलवीर राज सिंहके माध्यम से राष्ट्रपति, चुनाव आयोग और पंजाब के राज्यपाल को ज्ञापन प्रेसित किया है
नांगल के अनुसार “आप” की राजनीतिक दल की मान्यता रद्द कर दी जानी चाहिए क्योंकि वे कथित रूप से तुच्छ राजनीतिक फायदे के लिए पंजाब में सांप्रदायिक दंगे कराना चाहते हैं।
‘‘आप के दिल्ली के विधायक नरेश यादव के खिलाफ मलेरकोटला में कुरान के अपमान की घटना के सिलसिले में मामला दर्ज करने से यह पूरी तरह साबित होता है कि आप की पंजाब में सांप्रदायिक दंगे भड़काने की नापाक योजना थी।’’ पीपीसीसी के महासचिव बलवीर राजा सोढ़ी भी प्रतिनिधिमंडल के साथ मौजूद थे|गौरतलब हे के पंजाब में मुस्लिम बाहुल्य मलेरकोटला में पावित्र कुरआन की बेअदबी की घटना से जनाक्रोश भड़कने की साजिश रची गई है|इस नापाक घटना को अंजाम देने के लिए पकड़े गए आरोपी ने आप विधायक नरेश यादव को फाईनेंसर और सूत्रधार बताया है |यादव को रिमांड में भेज कर जांच की जा रही हैं|
एक अन्य घटनाक्रम में सिखों की सर्वोच्च धार्मिक संस्था दरबार साहेब के माध्यम से भी भावनाएं भड़काने के आरोप लग रहे हैं| ऍन आर आई संस्था “नापा”[नार्थ अमेरिकन पंजाबी एसोसिएशन] ने आक्रोश व्यक्त करते हुए कहा हे के “आप” पार्टी के युथ विंग ने मात्र चुनावी लाभ पाने के लिए दरबार साहेब के चित्र के साथ अपना पार्टी चुनाव चिन्ह “झाड़ू” प्रकाशित करके जन भावनाएं भडकाने का कार्य किया है |
घटनाओं को देखते हुए दिल्ली के चुनावों के आस पास ईसाई चर्च में हुई तोड़फोड़ की घटना भी संदेह के घेरे में आ जाती है |जिसकी सुई आप पार्टी की तरफ स्वाभाविक रूप से घूम रही है क्योंकि छह सप्ताह में एक के बाद एक घटी चार घटनाओं से सबसे ज्यादा हानि भाजपा को और राजनितिक लाभ आप पार्टी को ही हुआ था |