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सूखे की आहट से त्रस्त केंद्र सरकार ने किसानो की राहत के लिए खोले खजाने के द्वार

भारत सरकार के किसानो से सम्बंधित मंत्रालयों में लगता है कि एक दूसरे से आगे निकलने की होड़ लगी है तभी सूखे की आहट से त्रस्त मंत्रालयों ने किसानो की राहत कार्यों को प्राथमिकता देनी शुरू कर दी हैं| खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्रालय को भी खाद्य प्रसंस्करण क्षेत्र को प्रोत्साहन देने के लिए 2,000 करोड़ रुपये का आवंटन किया गया है |इसके आलावा कृषि मंत्रालय दवारा कमजोर मानसून/वर्षा कम होने की स्थिति में ५२० जिलों में आकस्मिक योजनाएं तैयार की हैं और किसानों की आपात जरूरतों को पूरा करने के लिए कृषि विज्ञान केंद्रों को 40882 क्विंटल बीज उपलब्‍ध कराएजा चुके हैं|
शिरोमणि अकाली दल कोटे से खाद्य प्रसंस्करण मंत्री श्रीमती हरसिमरत कौर बादल ने खाद्य प्रसंस्करण क्षेत्र के लिए 2,000 करोड़ रुपये आवंटित करने का स्वागत किया है। वे नाबार्ड के जरिए दिए जा रहे कर्ज से खाद्य प्रसंस्करण उद्योगों को जोड़ने के लिए तरफदारी करती रही हैं तथा इसे सही दिशा में महत्वपूर्ण कदम के रूप में देखा जा रहा है। श्रीमती हरसिमरत कौर बादल ने विश्वास प्रकट किया कि इस आवंटन से देश में खाद्य प्रसंस्करण उद्योगों को बहुत प्रोत्साहन मिलेगा।
संसद में वित्त मंत्री श्री अरुण जेटली ने 2,000 करोड़ रुपये के आवंटन की यह घोषणा की है|
खाद्य प्रसंस्करण मंत्री के अनुसार खाद्य प्रसंस्करण को कृषि क्षेत्र के लिए वृद्धि का इंजन बनाना उनकी सरकार की प्राथमिकता है ताकि किसानों और उपभोक्ताओं को फायदा हो तथा प्रसंस्करण करने वाले भी फले-फूलें।
इसके अलावा .फसल कटाई के बाद के नुकसान रोकने के उपाय भी किये जा रहे हैं |
कृषि और खाद्य प्रसंस्‍करण उद्योग राज्‍यमंत्री डॉ. संजीव कुमार बलियान ने राज्‍यसभा को एक लिखित उत्‍तर में बताया कि सरकार ने फसल कटाई के बाद होने वाले नुकसान को रोकने के लिए अनेक उपाय किए हैं। इनमें फसल परवर्ती बुनियादी सुविधाएं जुटाने को प्रोत्‍साहित करना+कृषि विपणन ढांचे के अंतर्गत समेकित मूल्‍य श्रृंखला के हिस्‍से के रूप में शीत भंडारों के निर्माण के लिए सब्सिडी देना जैसे उपाय शामिल हैं। लघु कृषक कृषि व्‍यापार संघ ने भी शीत भंडारण इकाइयों के लिए परियोजनाओं को मंजूरी प्रदान की है। खाद्य प्रसंस्‍करण उद्योग मंत्रालय भी शीत भंडारण श्रृंखला, मूल्‍य संवर्धन और परिरक्षण ढांचा कायम करने का एक कार्यक्रम संचालित कर रहा है।
इसके साथ ही सीआईपीएचईटी ने टमाटर प्रायोगिक संयंत्र की स्‍थापना की है ताकि ग्रामीण क्षेत्रों में खाद्य प्रसंस्‍करण उद्यम के रूप में मूल्‍य संवर्धन शुरू करने के लिए किसानों/उद्यमियों/युवाओं को प्रशिक्षण दिया जा सके।
सरकार ने शीत भंडार श्रृंखला विकास के लिए एक राष्‍ट्रीय केंद्र की स्‍थापना की है जो ऐसे भंडारों को तकनीकी मार्गदर्शन प्रदान करता है और ज्ञान संप्रेषण गतिविधियों का संचालन करता है। यह केंद्र विकास के मामलों में उद्योग की कठिनाइयों को दूर करने के उपाय भी करता है।