Ad

Tag: civil aviation minister ch. ajit singh

नागर विमानन मंत्रियों के सम्‍मेलन में राज्यों से ऐ टी ऍफ़ पर लागू वैट में ४% कटौती करने का आग्रह किया गया

राज्‍यों के नागर विमानन मंत्रियों सम्‍मेलन में राज्यों और केंद्र में परस्‍पर लाभकारी और उपयोगी साझेदारी पर बल देते हुए राज्यों से ऐ टी ऍफ़ पर वैट में ४% कटौती करने का आग्रह किया गया| सम्‍मेलन में 8 राज्‍यों के नागर विमानन मंत्रियों सहित लगभग 50 प्रतिनिधियों ने हिस्‍सा लिया।
केन्द्रीय नागर विमानन मंत्री चौ. अजित सिंह ने इस सम्मलेन में कहा है कि उड्डयन क्षेत्र को और ऊचांई पर ले जाने के लिए केन्‍द्र सरकार तथा राज्‍य सरकारों की आपसी साझेदारी आवश्‍यक है। विमान सेवओं के घाटे में जाने के कारणों की चर्चा करते हुए नागर विमानन मंत्री ने कहा कि एटीएफ (विमान र्इंधन) की उच्‍च लागत विमान सेवाओं के आर्थिक नुकसान का प्रमुख कारण है। एटीएफ घरेलू विमान सेवाओं के संचालन लागत का 40 से 50 % बैठता है। पड़ोसी देशों की तुलना में भारत में एटीएफ की कीमतें 50 से 60 % ज्‍यादा हैं। ऐसा मुख्‍य रूप से इसलिए है कि क्‍योंकि एटीएफ का आधार मूल्‍य अधिक है और उस पर राज्‍य सरकारें वैट लगाती हैं
श्री सिंह ने बताया कि उनके मंत्रालय ने इस मसले को पेट्रोलियम मंत्रालय तथा राज्‍य सरकारों के साथ उठाया है। कुछ राज्‍यों का जवाब सकारात्‍मक है। झारखण्‍ड ने एटीएफ पर वैट में 4 % की कमी की है, मध्‍य प्रदेश सरकार ने इंदोर तथा भोपाल हवाई अड्डों पर इसे घटाकर 23 % करने पर सहमति दी है और अन्‍य हवाई अड्डों पर 13 %करने पर सहमति व्‍यक्‍त की है।पश्चिम बंगाल ने कुछ शर्तों के साथ इसे घटाने पर सहमति दी है। केन्द्रीय मंत्री ने कहा कि एटीएफ पर वैट में कमी करने से राज्‍यों की स्थिति पर फर्क पड़ेगा। ऐसा छत्तीसगढ़ में देखने को मिला है। छत्तीसगढ़ ने 2010 में एटीएफ पर लगाये जाने वाले वैट में 4 % की कमी की थी और इसका नतीजा यह हुआ कि रायपुर से एटीएफ लेने में 6 गुणा वृद्धि हुई और वहां से उड़ान भरने वाले विमानों की संख्‍या रोजाना 8 से 18 हो गई। उन्‍होंने राज्‍य सरकारों के प्रतिनिधियों से एटीएफ पर वैट में 4 % की कमी करने का अनुरोध किया।
टायर 2 और तथा टायर 3 के शहरों को विमान सेवा से जोड़ने के प्रश्‍न पर श्री अजीत सिंह ने कहा कि यह तभी संभव होगा जब विमान सेवाओं के संचालन खर्च में कमी होगी। इसमें राज्‍य सरकारें सुरक्षा लागत, बिजली तथा हवाई अड्डों के सम्‍पत्ति कर में कमी कर योगदान दे सकती हैं।
योजना आयोग ने अंतर मंत्रालय कार्यबल का गठन 12वीं योजना अवधि में वित्तीय नियोजन का खाका तैयार करने के लिए किया था। कार्यबल ने निजी क्षेत्र की भागीदारी के साथ देश के कुछ हवाई अड्डों के विकास और आधुनिकीकरण का खाका तैयार किया। कार्यबलों की सिफारिशों के अनुसार भारत सरकार ने सिद्धांत रूप में निजी क्षेत्र की भागीदारी के साथ देश के 20 हवाई अड्डों के संचालन प्रबंधन तथा उनके विकास का फैसला किया है। ये हवाई अड्डे हैं – कोलकात्ता, चेन्‍नई, अहमदाबाद, लखनऊ, जयपुर गुवाहाटी, भुवनेश्‍वर, कोयमबटूर, त्रिची, वाराणसी, इंदौर, अमृतसर, उदयपुर, गया, रायपुर, भोपाल, अगरतला, इंफाल, मंगलौर तथा वड़ोदरा हैं।
सम्‍मेलन को नागर विमान राज्‍य मंत्री श्री केसी वेणु गोपाल ने भी संबोधित किया।

रालोद के राष्ट्रीय अध्यक्ष और सिविल एविएशन मिनिस्टर चौ0 अजित सिंह ने उत्तर प्रदेश में राष्ट्रपति शासन माँगा

राष्ट्रीय लोकदल के राष्ट्रीय अध्यक्ष और सिविल एविएशन मिनिस्टर चौ0 अजित सिंह ने उत्तर प्रदेश में राष्ट्रपति शासन की मांग की है|उन्होंने प्रदेश में कानून व्यवस्था पूरी तरह से विफल होने एवं प्रदेश में फैले सांप्रदाियक दंगों को काबू करने में नाकाम रहने के कारण केन्द्रीय सरकार से मांग की है कि उत्तर प्रदेश में जल्द से जल्द राष्ट्रपति शासन लागू करे।प्रदेश में दंगों की सेंचुअरी पूरी होने पर यह मांग उठाई गई है|
चौधरी अजित सिंह ने आरोप लगाया है कि प्रदेश में समाज वादी पार्टी के सत्ता में आने के समय से उत्तर प्रदेश में सौ से भी अधिक सांप्रदायिक दंगे हो चुके हैं।
मुजफफरनगर में हाल ही में हुए दंगों ने प्रदेश सरकार की दुर्बल+ बेअसर और लापारवाही को उजागर किया है |
अखिलेश यादव सरकार पिछले दरवाजे से दंगों को भड़का रही है। सिथति इतनी खराब हो चुकी है कि एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी को अपनी जान गंवाने के डर से क्षेत्र को छोड़ना पड़ा। प्रदेश में शांति स्थापित करने के लिए भारतीय सेना को बुलाना पड़ा है।
यह विडंबना है कि श्री अखिलेश यादव की सरकार ने सांप्रदायिक दंगों के पीडि़तों को दो तरह के मुआवजे दिए हैं जो कि एक समान होने चाहिए। निवर्तमान वी0एच0पी0 की यात्रा को रोकने के लिए प्रदेश सरकार ने 8000 सुरक्षा कर्मियों को तैनात किया है लेकिन प्रदेश में व्याप्त तनाव व हिंसा को रोकने के लिए आवश्यक सुरक्षा का अंदाजा लगाने में वह पूर्णत विफल रही। हिंसक दंगों को भड़काने वाले भाषण देने वाले राजनेताओं के विरूद्व कार्यवाही करने में प्रदेश सरकार नाकाम रही।
चौ0 अजित सिंह ने जनता से अपील की है कि वे अवांछनीय तत्वों द्वारा फैलायी जा रही अफवाहों से उत्तेजित न हों और सदियों पुराने चले आ रहे शांति और भार्इचारे को बनाए रखें।

अखिलेश यादव जी छपरौली में यमुना पर पुल के निर्माण के लिए ५०% राशि के लिए शीघ्र हामी भरो :चौ.अजित सिंह

RASTRIY LOK DAL

RASTRIY LOK DAL

चौ. अजित सिंह ने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री को एक और पत्र लिखा है|इस पत्र में छपरौली में यमुना पर पुल निर्माण के संबंध में प्रदेश सरकार की पश्चिमी उत्तर प्रदेश में विकास के लिए अनदेखी किये जाने को उठाया गया है|
राष्ट्रीय लोकदल अध्यक्ष एवं केन्द्रीय नागर विमानन मंत्री चौ. अजित सिंह ने छपरौली में यमुना पर पुल के निर्माण की आवश्यक सैद्धांतिक सहमति हरियाणा सरकार को शीघ्रातिशीघ्र भेजने के लिए उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री अखिलेश यादव को पत्र लिखा है। इससे पूर्व उन्होंने बीते सप्ताह ही दिल्ली-हापुड़ और दिल्ली-खुर्जा के बीच प्रस्तावित रेपिड रेल ट्रांजिट सिस्‍टम की मंजूरी एनसीआर प्लानिंग बोर्ड को भेजने के लिए उत्तर प्रदेश सरकार को पत्र लिखा था|
रालोद सुप्रीमो चौ. अजित सिंह ने कहा है कि यमुना पर प्रस्तावित यह पुल छपरौली (बागपत, उत्तर प्रदेश) और हथवाला (हरियाणा) के मध्य स्थित है। इस पुल के निर्माण के संबंध में चौ. अजित सिंह ने हरियाणा के मुख्यमंत्री श्री भूपेन्द्र सिंह हुड्डा को भी पत्र लिखा था। पत्र के जवाब में हरियाणा के मुख्यमंत्री ने कहा कि हरियाणा सरकार ने इस पुल के निर्माण के लिए एनसीआर प्लानिंग बोर्ड को भेजने के लिए प्रस्ताव तैयार कर लिया है और उन्होंने नियमतः इसकी 50 % लागत उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा वहन करने हेतु उत्तर प्रदेश सरकार की सैद्धांतिक सहमति शीघ्र भेजने के लिए 06 मई 2013 को पत्र लिखा था।
प्रस्तावित पुल का डीपीआर, लोकेशन इत्यादि निर्धारित करने के लिए हरियाणा सरकार के रूरल डेवलेपमेंट काॅरपोरेशन ने उत्तर प्रदेश सरकार के लोक निर्माण विभाग के साथ बैठक आयोजित करने का प्रस्ताव भी किया है। इस पुल की लागत का 50 प्रतिशत व्यय उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा वहन करने के लिए सैद्धांतिक सहमति अभी तक प्रेषित नहीं की गई है। जबकि हरियाणा के मुख्यमंत्री इस संबंध में उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री को अनुस्मारक भी भेज चुके हैं। प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री अखिलेश यादव भी 03 जून 2013 को अपने गाजियाबाद दौरे के समय इस पुल की मंजूरी की घोषणा कर चुके हैं।
यह पुल दोनों राज्यों के आसपास के ग्रामीणों और किसानों के लिए अत्यन्त महत्वपूर्ण है। दोनों राज्यों के निकटस्थ ग्रामीणों और किसानों के हितों को देखते हुए चौ. अजित सिंह ने इस पुल की सैद्धांतिक सहमति हरियाणा सरकार को शीघ्र भेजने तथा उत्तर प्रदेश लोक निर्माण विभाग के अधिकारियों को इस पुल के निर्माण में हरियाणा सरकार के अधिकारियों को पूर्ण सहयोग देने के समुचित निर्देश देने के लिए उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री को कहा है।

जेट एयरवेज द्वारा इत्‍तेहाद को हीथ्रो एयर पोर्ट पर पार्किंग स्लॉट बेचे जाने का चौ. अजित सिंह ने समर्थन किया

जेट एयरवेज द्वारा इत्‍तेहाद को हीथ्रो एयर पोर्ट के अपने पार्किंग स्लॉट बेचे जाने का चौ. अजित सिंह ने समर्थन किया
केन्‍द्रीय नागर विमानन मंत्रालय ने लंदन के हीथ्रो हवाई अड्डे पर जेट एयरवेज द्वारा अपने कुछ स्‍लॉट इत्‍तेहाद एयरवेज को बेचे जाने के मामले को लेकर उठे विवाद पर स्‍पष्‍टीकरण देते हुए कहा है कि इसमें कोई गलती नहीं हुई है।
मंत्रालय ने कहा है कि हीथ्रो हवाई अड्डे पर जेट एयरवेज ने अपने स्‍लॉट इत्‍तेहाद को बेचकर किसी तरह के नियमों का उल्‍लंघन नहीं किया है, क्‍योंकि इसके लिए उसे भारत सरकार की ओर से किसी तरह की अनुमति लेने की जरूरत नहीं है।
सरकार की ओर से घरेलू एयरलाईंस को स्‍लॉट आवंटित किया जाना तथा विदेशी एयरपोर्ट पर स्‍लॉट मिलना दो अलग बाते हैं। मंत्रालय ने कहा है कि जेट ने हीथ्रो एयरपोर्ट पर इत्‍तेहाद को जो स्‍लॉट बेचे हैं, वह उसे हीथ्रो एयरपोर्ट को-आर्डिनेशन लिमिटेड की ओर से आवंटित किये गये थे जिन्‍हें दो वर्षों के बाद किसी अन्‍य एयरलाइंस को बेचने का अधिकार उसे स्‍वत: मिल गया था। हीथ्रो की ओर से जो स्‍लॉट दिये जाते हैं वे किसी भी एयरलाइंस के लिए समय और उपलब्‍धता के आधार पर सुविधाजनक या असुविधाजनक हो सकते हैं। ऐसे में वह एयरलाइंस इसे किसी और एयरलाइंस को बेचने के लिए स्‍वतंत्र है, लेकिन इसके लिए उसे हीथ्रो एयरपोर्ट को-आर्डिनेशन लिमिटेड से मंजूरी लेना जरूरी है। जेट एयरवेज ने यह अनुमति लेकर ही इत्‍तेहाद को अपने स्‍लॉट बेचे हैं। जेट ने इसके लिए भारतीय रिजर्व बैंक से भी अनुमति ली है, क्‍योंकि स्‍लॉटों की बिक्री का सौदा विदेशी मुद्रा प्रबंधन अधिनियम के तहत आता है।
नागर विमानन मंत्रालय ने हीथ्रो हवाई अड्डे पर एयरलाइंस की ओर से पिछले 12 सालों में की गई स्‍लॉट बिक्री के आंकड़ों का हवाला देते हुए कहा है कि वर्ष 2012 में यहां 42 स्‍लॉटों की बिक्री हुई थी जो वर्ष 2012 में बढ़कर 526 हो गई। मंत्रालय ने कहा है कि प्राप्‍त जानकारी के मुताबिक जेट ने इत्‍तेहाद को हीथ्रो में अपने तीन जोड़े स्‍लॉट बेचे हैं। हीथ्रो एयरपोर्ट को-आर्डिनेशन लिमिटेड ने इसकी पुष्टि कर दी है ।