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अखिलेश यादव ने बदायूं में दो नाबालिक लड़कियों की बलात्कार+हत्या के मामले को फ़ास्ट ट्रैक कोर्ट में चलाने को कहा

[लखनऊ]उत्तर प्रदेश के मुख्य मंत्री अखिलेश यादव ने बदायूं में दो नाबालिक लड़कियों की बलात्कार के पश्चात हत्या किये जाने को गंभीरता से लेते हुए पोलिस अधिकारीयों को कड़ी फटकार लगाईं और कोताही बरतने वाले अधिकारियों के विरुद्ध कार्यवाही के निर्देश दिए| इसके साथ ही मामले को फ़ास्ट ट्रैक में चलाने को भी कहा | उन्होंने प्रभावित परिजनों को ५-५ लाख रुपये की आर्थिक सहायता का एलान भी किया |
अखिलेश यादव ने पोलिस महानिदेशक ऐ एल बनर्जीऔर वरिष्ठ अधिकारियों के साथ जनपद बदायूं के थाना उसैहत+ग्राम कटरा सादातगंजमें दो नाबालिक लड़कियों के साथ हुए जघन्य अपराध की समीक्षा की|स्थानीय पोलिस के अनुसार तीन बलात्कारियों को दो पोलिस वालों[एक हेड कांस्टेबल] ने सहयोग दिया था इनमे से एक पोलिस वाला और दो हत्यारे पकडे जा चुके हैं |शेष के लिए काम्बिंग जारी है| इसी जघन्य अपराध को लेकर बसपा नेता सुश्री मायावती और “आप” पार्टी के संजय सिंह ने भी[ अलग अलग} मामले की जांच सी बी आई से कराने की मांग उठाई है|

“आप”पार्टी ने यू पी में किशोरियों की बलात्कार के पश्चात हत्या की जांच सी बी आई से कराने की मांग की

आम आदमी पार्टी [आप] ने उत्तर प्रदेश में बढ़ते अपराधों की कड़े शब्दों में निंदा करते हुए किशोरियों के बलात्कार के पश्चात हत्या की जांच सीबीआई से कराने की मांग की| “आप” के नेता संजय सिंह ने आज ३० मई को उत्तरप्रदेश के बदायूं जिले में बलात्कार व हत्या की शिकार किशोरियों के परिवार वालों से मुलाकात की। उन्होंने इस घटना की कड़ी निंदा करते हुए सीबीआई जांच की मांग की और कहा कि इस मामले में जिला प्रशासन और अखिलेश सरकार की भी जवाबदेही तय होनी चाहिए। संजय सिंह के साथ आशीष खेतान+ अलका लंबा+मणिभद्र+ सुशील सक्सेना+और पार्टी के बदायूं जिला संयोजक भूदेव सिंह भी पीड़ित परिवार से मिले।
संजय सिंह ने कहा कि रेप व हत्या का मामला बेहद शर्मनाक है। उन्होंने सभी अभियुक्तों की जल्द से जल्द गिरफ्तारी और उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की। उन्होंने कहा कि राज्य में यह पहली घटना नहीं है। आजमगढ़ में भी ऐसी ही बलात्कार की घटना हुई जिसमें घटना के दो महीने बाद बड़ी मुश्किल से एफआईआर दर्ज हई। इटावा में भी बलात्कार की एक घटना में जब पीड़िता की मां ने मुख्यमंत्री से शिकायत करने की कोशिश की तो आरोपी के पिता ने उनकी पिटाई ही कर दी।
संजय सिंह ने पोलिस कार्यवाही पर प्रश्न चिन्ह लगाते हुए कहा कि राज्य में महिलाओं के साथ जघन्य अपराध की ऐसी कई घटनाएं हो चुकी है और पुलिस पीड़ितो को मदद करने के बजाय सभी मामलों में लापापोती करने की कोशिश करती है। उन्होंने कहा कि अखिलेश सरकार ने पुलिस थानों में और डीएम तथा एसएसपी के पदों पर एक जाति विशेष के लोगों की नियुक्तियां कर दी हैं जिससे अधिकारियों की जवाबदेही जनता के बजाय अब एक परिवार विशेष को है।
संजय सिंह ने बीते दिनों सपा अध्यक्ष मुलायम सिंह के दिए बयान का भी हवाला दिया, जिसमें उन्होंने कहा था कि लड़कों से तो गलतियां हो जाती है। संजय सिंह ने कहा कि जिस राज्य में सरकार चला रही पार्टी के मुखिया की सोच ऐसी हो वहां महिला सुरक्षा की बात भला कैसे सोची जा सकती है।
संजय़ सिंह ने कहा कि उत्तरप्रदेश में जंगल राज कायम है।
संजय सिंह ने कहा कि इस दुख की घड़ी में आम आदमी पार्टी पीड़ित परिवार के साथ है और उसे न्याय दिलाने के लिए कंधा से कंधा मिलाकर संघर्ष करती रहेगी।

वरिष्ठ पत्रकार राजेंद्र पाण्डेय का निधन :अखिलेश यादव ने गहरा शोक व्यक्त किया

वरिष्ठ पत्रकार राजेंद्र पाण्डेय का आज निधन हो गया श्री पाण्डेय पिछले कुछ समय से अस्वस्थ्य चल रहे थे|
मुख्य मंत्री अखिलेश यादव ने पाण्डेय के निधन पर गहरा शोक व्यक्त किया है और शोक संतप्त परिवार के प्रति अपनी संवेदना भी व्यक्त की है|
राजेंद्र पाण्डेय हिंदी दैनिक राष्ट्रीय सहारा के वरिष्ठ पत्रकार और नेशनल यूनियन आफ जर्नलिस्ट्स इंडिया के राष्ट्रीय कार्य परिषद के सदस्य भी थे|

यूं पी में शर्मनाक हार के बाद सत्ता रुड समाज वादी सरकार ने आज अनेकों महत्वपूर्ण निर्णय लिए

उत्तर प्रदेश में शर्मनाक हार के बाद सत्ता रुड समाज वादी सरकार ने आज अनेकों महत्वपूर्ण निर्णय लिए | एक निर्णय के अंतर्गत प्रदेश के नागर स्थानीय निकायों में सेवा प्रदाता के माध्यम से नियोजित सफाई कार्मिकों को २५० रुपये प्रतिदिन की दर से भुगतान किया जाएगा | इसके अलावा न्यूनतम मजदूरी अधिनियम १९४८ के अंतर्गत परिवर्तनीय महंगाई भत्ते का भी भुगतान किया जाएगा
उत्तर प्रदेश के मुख्य मंत्री अखिलेश यादव की अध्यक्षता में आज लखनऊ में मंत्री परिषद की बैठक आयोजित की गईइस बैठक में यूरिया उर्वरकों भंडारण + खरीफ विपणन २०१३-१४ में समर्थन मूल्य+खाद्य सुरक्षा अपील अधिकरण मुख्यालय का चित्रकूट से झांसी स्थानांतरण+ ग्रीन टैक्सआदि से सम्बंधित अनेकों निर्णय लिए गए

यूं पी के मंत्री सतई राम यादव, मानव रहित रेलवे क्रॉसिंग पर, ट्रैन की चपेट में आये:सी एम ने दुःख व्यक्त किया

उत्तर प्रदेश के राज्य मंत्री श्री सतई राम यादव का एक दुर्घटना में देहांत हो गया | मानव रहित रेलवे क्रॉसिंग पर उनकी कार ट्रैन से टकरा गई जिसके फलस्वरूप अंग रक्षक श्री विक्रम वर्मा और वाहन चालक श्री रोहित दीक्षित भी मारे गए|समाजवादी पार्टी के जनपदीय स्तम्भ रहे सतई राम राज्य भूमि उपयोग परिषद के उपाध्यक्ष थे|
प्रदेश के मुख्य मंत्री अखिलेश यादव ने मंत्री+अंगरक्षक+वाहन चालक की इस आकस्मिक मृत्यु पर दुःख व्यक्त किया है |मुख्य मंत्री ने दिवंगत आत्माओं की शांति की कामना के साथ शोक संतप्त परिजनों के प्रति सहानुभूति व्यक्त की
आज सुबह लगभग सवा दस बजे जनपद जौनपुर में श्री सतई राम का इंनोवा वाहन अचानक ट्रैन की चपेट में आ जाने से दुर्घटनाग्रस्त हो गया जिसके फलस्वरूप उनके साथ वाहन चालक और अंगरक्षक की मृत्यु हो गई|

यूं पी में सपा और बसपा में फिर से रिश्ता युद्ध शुरू हो गया है

यूं पी में सत्तारूढ़ सपा और विपक्षी बसपा में फिर से रिश्ता युद्ध शुरू हो गया है |आये दिन एक दूसरे पर नए रिश्तों के बम फोड़े जा रहे हैं |आज मुख्य मंत्री अखिलेश यादव ने पूर्व मुख्य मंत्री सुश्री मायावती को फुआ की संज्ञा दे डाली |इससे पूर्व मायावती ने अखिलेश यादव को ललुआ कहा था भतीजे को इस नाम से सम्बोधित किया जाता है|गौरतलब है कि अपनी एक चुनावी सभा में सपा सुप्रीमो मुलायम सिंह यादव ने प्रधान मंत्री की राह में रोड़ा बनी मायावती पर कटाक्ष करते हुए कहा था कि मायावती को बहन कहें?श्रीमती कहें?भाभी जी कहें?क्या कहें इस पर मायावती ने मुलायम सिंह को पागल खाने में भेजने की सलाह दे डाली थी|मायावती यहीं ही नहीं रुकी उन्होंने योग गुरु बाबा राम देव को यादव बता कर सपा पार्टी से नजदीकी साबित करने का प्रयास भी किया | उसके पश्चात अखिलेश यादव ने मायावती को सम्मान देते हुए मायावती को पिता की बहन बुआ कहा तो मायावती ने पलट वार करते हुए युवा मुख्य मंत्री को ललुआ कह डाला| इसीके जवाब में अखिलेश यादव ने एक चुनावी सभा में कहा कि मायावती ने ललुआ कहा तो अब उन्हें फुआ कहेंगे |

ठाकुर अमर सिंह और चौधरी अजित सिंह के हाथ मिलाने से “यूं पी विभाजन” को मुद्दा बनाने की सम्भावना बनी

सपा की साइकिल से उतारे गए कांग्रेस के हाथ से झटके गए कभी किंग मेकर रहे ठाकुर अमर सिंह ने रालोद के हैण्ड पंप को चलाने का अवसर प्राप्त करने में सफलता हासिल कर ली है |अमर सिंह अब यूं पी ऐ के लिए वोट निकालने को रालोद का हैण्ड पंप चलाएंगे| अमर सिंह के साथ पूर्व सिने तरिका + सांसद ज्याप्रदा भी हैं| माना जा रहा है कि बेशक इस नए समीकरण से चौधरी अजित सिंह और कांग्रेस को कुछ फायदा हो सकता है लेकिन इस नए समझौते की सतह में एक नया मुद्दा तलाशने की सम्भावना भी बनती दिख रही हैं और वोह मुद्दा यूं पी के बंटवारे और हरित प्रदेश के छोटे राज्य के रूप में सामने आ सकता है|
इस नए मुद्दे को अमर सिंह ने प्रेस कांफ्रेंस में हवा भी दे दी है उन्होंने यूपी के विभाजन से किसानों के भले की बात कही है इसके अलावा रालोद के सांसद जयंत चौधरी भी जाट आरक्षण से उत्साहित होकर आज कल छोटे राज्य के लिए वकालत कर रहे हैं |भाजपा यूं पी विभाजन के लिए पहले ही सहमति दे चुकी है लेकिन सत्ता रूड “सपा” के चीफ मिनिस्टर अखिलेश यादव यूं पी के बंटवारे के विरुद्ध ब्यान दे रहे हैं ऐसे में इस सरकार को घेरने के लिए छोटे राज्य की मांग को मुद्दा बनाया जा सकता है|
बीते दिन एक दिल्ली के अपने निवासपर प्रेस कांफ्रेंस करके चौधरी अजित सिंह ने ठाकुर अमर सिंह और जया प्रदाको पार्टी में शामिल करने की घोषणा की| अमर सिंह कभी सत्ता रूड समाजवादी पार्टी के सुप्रीमो मुलायम सिंह यादव के अति करीबी रहे हैं लेकिन अब प्रधान मंत्री बनने की मुलायम सिंह की महत्वकांक्षा में रोड़ा बनेंगे| माना जा रहा है कि १६ वी लोक सभा के चुनावों में अमर सिंह फतेहपुर सीकरी से ताल ठोकेंगे, तो जयाप्रदा को बिजनौर से उतारा जा सकता है |
अमर सिंह की कोशिश कांग्रेस में शामिल होकर जगह बनाने की थी परन्तु उनके लिए केंद्र में सत्तारूढ़ पार्टी के हाथ का साथ नहीं मिला इसके विपरीत कांग्रेस जयाप्रदा को पार्टी में शामिल करने को राजी थी,| ज्या ने अपने राजनीतिक संरक्षक अमर सिंह का साथ छोड़ने से इंकार कर दिया | इस राजनीतिक नाकामी के बाद अमर+जया ने कांग्रेस में शामिल होने के लिए रालोद को बैकडोर की तरह इस्तेमाल किया क्योंकि वर्त्तमान में रालोद भी यूं पी ऐ की सहयोगी पार्टी है| रालोद को भी स्टार प्रचारक और रणनीतिकार मिल गए है। पार्टी में शामिल होने के बाद जयाप्रदा ने अमर सिंह को राजनीतिक गुरु और अजित सिंह को अपना नेता बताया हैं।
कांग्रेस और रालोद के बीच हुए चुनावी समझौते के अंतर्गत उत्तर प्रदेश की 80 सीटों में प उ प्र.की ओनली आठ सीटों पर अजित सिंह की पार्टी की दावेदारी स्वीकार की गई है | रालोद के लिए[१] बागपत[२] कैराना[३] बिजनौर[४]नगीना[५]अमरोहा[६]हाथरस[७]मथुरा [८] बुलंदशहर सीटें आई हैं
गौरतलब है कि २००९ के चुनावों में १० सीटों पर लड़े रालोद पांच सीटें जीत पाई इनमे से भी दो सांसदो ने रालोद को छोड़ कर सपा का दामन थाम लिया |२०१४ के चुनावों के लिए रालोद २० सीटों का दावा करती रही है लेकिन कांग्रेस ने केवल आठ सीटों पर ही हामी भरी है|
अमरोहा से २००९ में रालोद के टिकेट पर विजयीरहे देवेन्द्र नागपाल ने सपा ज्वाइन कर ली है और इस बार चुनाव नहीं लड़ने की घोषणा की हुई हैजाहिर है उनका समर्थन सपा के लिए रहेगा |इससे इस सीट को रालोद के लिए सुरक्षित नहीं कहा जा सकता जबकि बिजनौर से संजय चौहान की दावे दारी कमजोर मानी जा रही है इसीलिए संजय को अमरोहा शिफ्ट किया जा सकता है और बिजनौर की सुरक्षित सीट से जया प्रदा को लड़ाया जा सकता है
फतेहपुर सीकरी संसदीय सीट से पिछले चुनाव में बसपा की सीमा उपाध्याय ने बाजी मारी थी, जबकि कांग्रेस के राजबब्बर दूसरे स्थान पर रहकर सिर्फ 10 हजार मत से हारे थे। इस ठाकुर बहुल सीट से अमर सिंह ताल ठोक सकते हैं अजित सिंह और जयंत चौधरी के लिए बाघपत और मथुरा सुरक्षित रहेंगी

रालोद के युवा सांसद जयन्त चौधरी ने उत्तर प्रदेश में दशकों से चली आ रही [तीन नई] तहसीलों की मांग फिर उठाई

रालोद के युवा सांसद जयन्त चौधरी ने उत्तर प्रदेश में तीन नई तहसीलों की मांग की| स्थानीय लोग दशकों से इनके लिए मांग करते आ रहे हैं इनके लिए एक पार्टी और एक ही परिवार से आये दो दो मुख्य मंत्रियों द्वारा स्वीकृति भी दी जा चुकी हैंइसके उपरान्त भी अभी तक स्थानीय निवासियों को न्याय नहीं मिल पाया है जबकि ये क्षेत्र तहसील बनने के सभी मानकों को पूरा करते हैं|
राष्ट्रीय लोकदल के राष्ट्रीय महासचिव एवं लोकसभा युवा सांसद जयन्त चौधरी ने उत्तर प्रदेश के युवा मुख्यमंत्री अखिलेश यादव को पत्र लिखकर प्रदेश में मथुरा जनपद में[१] गोवर्धन, आगरा जनपद में [२]अकोला तथा गाजियाबाद जनपद में [३]लोनी को तहसील का दर्जा दिलाने की मांग की है।
प्रदेश में इन तहसीलों के सृजन की मांग काफी पुरानी है तथा स्थानीय लोग वर्षों से संघर्षरत हैं। ये क्षेत्र तहसील बनने के सभी मानकों को पूरा करते हैं। उत्तर प्रदेश के तत्कालीन मुख्यमंत्री श्री मुलायम सिंह यादव[वर्त्तमान सी एम् के पिता] ने सन 2006 में गोवर्धन को तहसील बनाने का वादा किया था। मथुरा प्रशासन द्वारा 2012 में गोवर्धन को तहसील बनाने का प्रस्ताव भेजा जा चुका है। इसी प्रकार अकोला को तहसील बनाने के लिए भी डेढ़ दशक से संघर्ष चल रहा है। राजस्व परिषद में प्रस्ताव स्वीकृत होने के बाद भी राज्य सरकार ने अकोला का प्रस्ताव खारिज कर दिया। लोनी को तहसील बनाने की मांग भी काफी समय से हो रही है। मुख्यमंत्री श्री अखिलेश यादव 3 जून 2013 को गाजियाबाद दौरे के दौरान लोनी को तहसील बनाने की घोषणा कर चुके हैं।
जयंत चौधरी ने कहा कि स्थानीय लोग इस मांग को लेकर आन्दोलनरत हैं।
इन तहसीलों का सृजन न होने से स्थानीय लोगों को न्यायालय संबंधी मामलों के लिए लम्बी दूरी तय करनी पड़ती है। इन तहसीलों के बनने से लोगों को कृषि एवं अन्य भूलेख पत्रावलियां मिलने में सुलभता होगी।