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Tag: Communal Riots IN U P

“आप” ने भाजपा सांसद योगी आदित्यनाथ के साम्प्रदाइक दंगों पर दिये गए ब्यान की निंदा की

आम आदमी पार्टी[आप] ने गोरख पर से भाजपा सांसद और उपचुनावों में नेता योगी आदित्यनाथ के साम्प्रदाइक दंगों पर दिये गए ब्यान की निंदा की है |
आप पार्टी ने आरोप दोहराते हुए कहा कि पिछले एक वर्ष से अधिक समय से भाजपा के नेता, जनप्रतिनिधि और उसके अनुषांगिक संगठनों के नेता लगातार पूरे उत्तर प्रदेश में सांप्रदायिक हिंसा भड़काने और नफरत का माहौल बनाने की कोशिश करते रहे हैं। पश्चिमी उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर+सहारनपुर+सिकंदराबाद+बरेली+मुरादाबाद+गाजियाबाद+मेरठ + रामपुर के इलाकों में सांप्रदायिक तनाव के बने माहौल में भाजपा के नेताओं की भूमिका संदिग्ध रही है।
भाजपा के प्रतिनिधि + नेता सांप्रदायिक घृणा फैलाने+दंगे भड़काने के अभियुक्त भी बनाए गए हैं।भाजपा ने बेशक कुछ स्तर तक अपने अभियान में सफलता पाई हो, पर पश्चिमी उत्तर प्रदेश में हुए दंगों में मारे गए लोगों की जान की कीमत पर मिलने वाली किसी भी राजनीतिक सफलता की सराहना नहीं की जा सकती।
“आप” ने दंगों में सपा और भाजपा की मिलीभगत का आरोप लगते हुए कहा कि नफरत फैलाने की भाजपा के नेताओं और जनप्रतिनिधियों की कार्रवाइयों और बयानों के बावजूद उत्तर प्रदेश सरकार उनके खिलाफ कोई भी कड़ा कदम उठाने में अब तक बुरी तरह नाकाम रही है। इससे साफ होता है कि उत्तर प्रदेश की सत्ताधारी दल समाजवादी पार्टी और भारतीय जनता पार्टी के बीच एक नापाक राजनीतिक गठजोड़ है जो सांप्रदायिक तनाव का चुनावी लाभ उठाना चाहता है।
भाजपा द्वारा योगी आदित्यनाथ जैसे विवादित व्यक्तित्व को उप चुनाव की कमान दिया जाना और फिर योगी आदित्यनाथ का एक वर्ग के खिलाफ नफरत फैलाने वाला बयान देना, एक सोची-समझी साजिश का हिस्सा लगता है।
आम आदमी पार्टी ने उत्तर प्रदेश के लोगों से अपील की है कि वे भाजपा के जनप्रतिनिधियों से उनके विकास कार्यों के बारे में सवाल पूछें और दबाव बनाएं। सभी समुदायों के लोग नफरत की राजनीति को नकारें तथा भाजपा और समाजवादी पार्टी की साजिश को विफल करें।

सपा ने साम्प्रदायिकता के आरोपों को बचकाना बताया और उपचुनावों में जीत का दावा किया

सपा ने साम्प्रदायिकता के आरोपों को बचकाना बताते हुए उपचुनावों में भारी जीत का दावा किया
समाजवादी पार्टी ने भाजपा द्वारा लगाये गए सांप्रदयिकता भड़काने के आरोपों को बचकाना बताते हुए प्रदेश में होने जा रहे उपचुनावों में भारी जीत का दावा किया |
सपा के प्रदेश प्रवक्ता राजेन्द्र चौधरी ने कहा है कि भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष की कल लखनऊ में आकर राज्य सरकार और मुलायम सिंह यादव के संबंध में बचकानी बयानबाजी से जाहिर हो गया है कि सत्ता का नशा उनके सिर चढ़कर बोलने लगा है। मुलायम सिंह यादव अपने पांच दशक लम्बे सार्वजनिक जीवन में सांप्रदायिकता के खिलाफ धर्मनिरपेक्षता की लड़ाई लड़ते रहे हैं। उनके नेतृत्व पर उगंली उठाकर भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष ने स्वयं अपने पद की गरिमा गिराई है।
मुख्यमंत्री श्री अखिलेश यादव ने शांति व्यवस्था और विकास पर ध्यान दिया है। इसलिए उन्होने समाजवादी सरकार के ढाई साल बीतने से पहले ही जनहित की तमाम योजनाओं को लागू करने का काम किया हैं। समाज के सभी वर्गो के लोग उनसे लाभान्वित हुए हैं। संविधान में संघीय ढांचे की व्यवस्था है और उत्तर प्रदेश में कानून का राज है। मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के इस संबंध में स्पष्ट निर्देश है कि प्रदेश की शांति व्यवस्था से खिलवाड़ करनेवालों और अराजकता फैलानेवालों पर सख्ती होगी। सांप्रदायिक सौहार्द को किसी भी स्तर पर बिगड़ने नहीं दिया जाएगा।
भाजपा जनता को अच्छे दिनों का जो सब्जबाग दिखाकर केन्द्र की सत्ता में आई हैं, उसकी कलई धीरे-धीरे खुल रही है। मंहगाई दुगनी तिगुनी रफ्तार से बढ़ी है। आम आदमी की जिन्दगी बदहाल हुई है। सीमाओं पर घुसपैठ की वारदातें बढ़ी है। पाकिस्तान का उच्चायुक्त हमारी भूमि पर ही बैठकर हमसे धमकी की भाषा में बोल रहा है और कश्मीर के अलगाववादियों को बुला बुलाकर बातें कर रहा है।

रालोद के राष्ट्रीय अध्यक्ष और सिविल एविएशन मिनिस्टर चौ0 अजित सिंह ने उत्तर प्रदेश में राष्ट्रपति शासन माँगा

राष्ट्रीय लोकदल के राष्ट्रीय अध्यक्ष और सिविल एविएशन मिनिस्टर चौ0 अजित सिंह ने उत्तर प्रदेश में राष्ट्रपति शासन की मांग की है|उन्होंने प्रदेश में कानून व्यवस्था पूरी तरह से विफल होने एवं प्रदेश में फैले सांप्रदाियक दंगों को काबू करने में नाकाम रहने के कारण केन्द्रीय सरकार से मांग की है कि उत्तर प्रदेश में जल्द से जल्द राष्ट्रपति शासन लागू करे।प्रदेश में दंगों की सेंचुअरी पूरी होने पर यह मांग उठाई गई है|
चौधरी अजित सिंह ने आरोप लगाया है कि प्रदेश में समाज वादी पार्टी के सत्ता में आने के समय से उत्तर प्रदेश में सौ से भी अधिक सांप्रदायिक दंगे हो चुके हैं।
मुजफफरनगर में हाल ही में हुए दंगों ने प्रदेश सरकार की दुर्बल+ बेअसर और लापारवाही को उजागर किया है |
अखिलेश यादव सरकार पिछले दरवाजे से दंगों को भड़का रही है। सिथति इतनी खराब हो चुकी है कि एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी को अपनी जान गंवाने के डर से क्षेत्र को छोड़ना पड़ा। प्रदेश में शांति स्थापित करने के लिए भारतीय सेना को बुलाना पड़ा है।
यह विडंबना है कि श्री अखिलेश यादव की सरकार ने सांप्रदायिक दंगों के पीडि़तों को दो तरह के मुआवजे दिए हैं जो कि एक समान होने चाहिए। निवर्तमान वी0एच0पी0 की यात्रा को रोकने के लिए प्रदेश सरकार ने 8000 सुरक्षा कर्मियों को तैनात किया है लेकिन प्रदेश में व्याप्त तनाव व हिंसा को रोकने के लिए आवश्यक सुरक्षा का अंदाजा लगाने में वह पूर्णत विफल रही। हिंसक दंगों को भड़काने वाले भाषण देने वाले राजनेताओं के विरूद्व कार्यवाही करने में प्रदेश सरकार नाकाम रही।
चौ0 अजित सिंह ने जनता से अपील की है कि वे अवांछनीय तत्वों द्वारा फैलायी जा रही अफवाहों से उत्तेजित न हों और सदियों पुराने चले आ रहे शांति और भार्इचारे को बनाए रखें।

सांसद जयन्त चौधरी ने मुजफ्फरनगर में हुई हिंसा की निन्दा करते हुए प्रदेश में कानून व्यवस्था की बहाली की मांग की है

सांसद जयन्त चौधरी ने मुजफ्फरनगर के कवाल गांव में हुई हिंसा की निन्दा करते हुए उत्तर प्रदेश में कानून व्यवस्था की बहाली की मांग की है|
राष्ट्रीय लोकदल[रालोद] के राष्ट्रीय महासचिव एवं लोकसभा सांसद जयन्त चौधरी ने हाल ही में मुजफ्फरनगर के कवाल गांव में हुई हिंसा की निन्दा करते हुए कहा है कि उत्तर प्रदेश में कानून व्यवस्था पूरी तरह से ध्वस्त हो चुकी है। आए दिन साम्प्रदायिक हिंसाएं हो रही हैं। राज्य सरकार सूबे में कानून व्यवस्था बनाने में असफल है। उन्होंने प्रदेश में हो रहीं साम्प्रदायिक हिंसाओं पर रोष व्यक्त किया |
श्री जयन्त ने हिंसा पर दुख जताते हुए मांग की है कि इस मामले में निर्दोष लोगों को न फंसाया जाए और निष्पक्ष जांच कराकर दोषियों के विरुद्ध सख्त से सख्त कार्रवाई की जाए तथा राज्य में शान्ति व्यवस्था कायम की जाए।